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जानिए सेना के 'फैंटम' को, जो अखनूर में आतंकियों से लोहा लेते हो गया शहीद

डेस्क: जम्मू-कश्मीर के अखनूर में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ देखने को मिली है। आतंकियों ने सेना के काफिले पर गोलाबारी की थी। इस एनकाउंटर में सेना ने 3 आतंकियों को मार गिराया है। हालांकि, इस मुठभेड़ से एक दुखी कर देने वाली खबर भी सामने आई है। दरअसल, भारतीय सेना के खोजी श्वान 'फैंटम’ की आतंकियों से लोहा लेते हुए मौत हो गई है। फैंटम को सोमवार को ही आतंकवादी हमले से जवानों की रक्षा करने की कोशिश में गोली लग गई थी।

भारतीय सेना के White Knight Corps ने जानकारी दी है कि हम अपने सच्चे नायक-बहादुर भारतीय सेना के श्वान फैंटम के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। उसके साहस, निष्ठा और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जाएगा। सेना ने बताया है कि जैसे ही हमारे सैनिक आतंकवादियों की ओर बढ़ रहे थे फैंटम पर दुश्मन ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। सेना के PRO ने कहा कि फैंटम की बहादुरी ने लोगों की जान बचाई और अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय सेना के श्वान फैंटम की उम्र 4 साल की थी। उसने आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मंगलवार को सेना के अधिकारियों ने बताया है कि फैंटम बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल का खोजी श्वान था। फैंटम को अगस्त 2022 में इस क्षेत्र में तैनात किया गया था और वह कई अहम मिशन का हिस्सा रहा था। फैंटम का जन्म मई 2020 में हुआ था और इसे भारतीय सेना के ‘रिमाउंट वेटरनरी कोर’ (आरवीसी) केंद्र से भेजा गया था।

जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर एक गांव के पास भारतीय सेना ने 3 आतंकियों को मार गिराया गया है। नियंत्रण रेखा (LoC) के पास हुई ये मुठभेड़ करीब 27 घंटे तक चली है। इस एनकाउंटर में विशेष बलों और NSG कमांडो, बीएमपी-द्वितीय पैदल सेना लड़ाकू वाहनों का भी इस्तेमाल किया गया। मंगलवार को करीब 10 बजे आतंकियों का सफाया करने का अभियान खत्म हो गया।
मुंबई में ड्रोन, पैराग्लाइडर उड़ाने पर एक महीने तक बैन, क्यों लिया गया ये फैसला?


डेस्क: मुंबई शहर के लोगों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। शहर में एक महीने तक किसी भी तरह के ड्रोन, रिमोट नियंत्रित विमान, पैराग्लाइडर और हॉट एयर बलून उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुंबई पुलिस की ओर से इस बारे में जानकारी भी साझा की गई है। पुलिस ने बताया है कि शहर में एक महीने के लिए ड्रोन, रिमोट नियंत्रित विमान, पैराग्लाइडर आदि पर बैन लगा दिया गया है।

मुंबई पुलिस ने के एक अधिकारी ने सोमवार को इस प्रतिबंध को लेकर जानकारी दी है। पुलिस ने बताया है कि सोमवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई है। बताया गया है कि ड्रोन आदि पर बैन से जुड़ी यह निषेधाज्ञा 31 अक्टूबर से 29 नवंबर तक लागू रहेगी।

मुंबई पुलिस की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक, आतंकवादी और असामाजिक तत्व विशिष्ट व्यक्तियों को निशाना बनाने, लोगों के जीवन को खतरे में डालने और मुंबई में सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने के लिए ड्रोन, रिमोट-नियंत्रित विमान और पैराग्लाइडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। जारी किए गए आदेश में कहा गया कि उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुंबई पुलिस के आदेश में ये भी कहा गया है कि इसका उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मुंबई पुलिस के आदेश में कहा गया कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, मुंबई पुलिस के अधिकार क्षेत्र में पुलिस की हवाई निगरानी या डीसीपी (संचालन) की विशेष अनुमति को छोड़कर ड्रोन, रिमोट-नियंत्रित विमान और पैराग्लाइडर की उड़ान गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी।
चीन में अमीरों की लगातार घट रही दौलत, अरबपतियों की संख्या भी कम हुई, आखिर क्या है माजरा?


डेस्क: चीन के सबसे अमीर लोगों की सूची में बाइटडांस के संस्थापक झांग यिमिंग टॉप पर हैं। हालांकि, सूची में शामिल कई लोगों की संपत्ति में पिछले एक साल में गिरावट आई है। हुरुन रिसर्च इंस्टिट्यूट की इस सूची के अनुसार, इस साल सूची में शामिल उद्यमियों की कुल संपत्ति तीन हजार अरब अमेरिकी डॉलर थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत कम है। अमेरिकी डॉलर में शुद्ध संपत्ति (नेटवर्थ) के आधार पर अरबपतियों की संख्या भी 142 घटकर 753 रह गई। हुरुन ने 2021 से अभी तक 1,185 अरबपतियों की गणना की है।

हुरुन रिपोर्ट के चेयरमैन एवं मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हूगेवेरफ ने कहा, ‘‘लगातार तीसरे साल ‘हुरुन चाइना रिच लिस्ट’ में अभूतपूर्व गिरावट आई है, क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था तथा शेयर बाजारों के लिए यह वर्ष काफी मुश्किलों भरा रहा है।’’ हुरुन के अनुसार, बाइटडांस के झांग 49.3 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ इस साल पहली बार सूची में शीर्ष पर हैं। बाइटडांस लोकप्रिय लघु-वीडियो मंच डॉयिन और टिकटॉक की मूल कंपनी है। इसने पिछले साल अपना राजस्व 110 अरब अमरीकी डॉलर तक बढ़ाया। वह हुरुन की सूची में जगह बनाने वाले 1980 के दशक में जन्मे पहले व्यक्ति भी हैं।

बोतलबंद पानी ‘नोंगफू स्प्रिंग’ के दिग्गज झोंग शानशान 2024 में 47.9 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गए। फरवरी में उनके ब्रांड ‘नोंगफू स्प्रिंग’ को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। उपभोक्ताओं ने इसकी बोतल के डिजाइन के लिए उस पर चीन से विश्वासघात करने का आरोप लगाया था। इससे ‘नोंगफू स्प्रिंग’ के बाजार मूल्यांकन में अरबों का नुकसान हुआ। सूची में तीसरे स्थान पर टेनसेंट के संस्थापक पोनी मा हैं, जिनकी कुल संपत्ति 44.4 अरब अमेरिकी डॉलर है। इस गेमिंग कंपनी ने अपने राजस्व में वृद्धि की है।

इस साल चीन की अमीरों की सूची में केवल 54 नए नाम शामिल हुए, जो पिछले दो दशक में सबसे कम है। नए नामों में चार्लविन माओ और मिरांडा क्यू फैंग शामिल हैं, जो युवा उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय सोशल मीडिया एवं लाइफस्टाइल मंच ज़ियाओहोंगशू के संस्थापक हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। रियल एस्टेट संकट या उतार-चढ़ाव वाले शेयर बाजार की वजह से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा। नीति-निर्माताओं से उम्मीद की जा रही है कि वे खपत व खर्च को बढ़ावा देने के लिए बड़े प्रोत्साहन उपायों की घोषणा करेंगे, जिनमें हाल के महीनों में गिरावट आई है।
E-challan Scam: ई-चालान स्कैम से रहें सावधान, ऑनलाइन फ्रॉड से ऐसे बचें


डेस्क: एक जटिल एंड्रॉइड मालवेयर एप्लिकेशन सोशल मीडिया के जरिए भारतीय यूजर्स को निशाना बना रहा है। साइबर सुरक्षा फर्म CloudSEK की एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। विदेशों में बैठे ऑनलाइन हैकर्स भारत में ट्रैफिक उल्लंघन से पैदा होने वाली चिंताओं का फायदा उठा रहे हैं। ये ऑनलाइन ठग परिवहन सेवा या कर्नाटक पुलिस जैसे वैध प्राधिकरणों के नाम पर फर्जी ई-चालान मैसेज भेज रहे हैं।

वियतनामी हैकर्स धोखाधड़ी का यह खेल सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर खेल रहे हैं। यह यूजर्स को किसी वैध एप्लिकेशन का रूप देकर बनाए गए दुर्भावनापूर्ण एप को इंस्टॉल करने के लिए फंसाने पर आधारित है। व्हाट्सएप मैसेज के लिंक को क्लिक करने से "व्रोम्बा" परिवार के हिस्से के रूप में पहचाने गए इस मालवेयर का डाउनलोड शुरू हो जाता है। एक बार इंस्टॉल हो जाने पर, यह एप बहुत ज्यादा परमिशन (अनुमतियों) की रिक्वेस्ट करता है। जिसमें संपर्क, फोन कॉल, एसएमएस संदेश और डिफॉल्ट मैसेजिंग एप बनने की क्षमता शामिल है।
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यह एक्सेस मिलते ही मालवेयर आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी चुराने और वित्तीय धोखाधड़ी को बहुत आसानी से अंजाम दे सकता है। वनटाइम पासवर्ड (OTP) और अन्य संवेदनशील मैसेज को पढ़कर, ये साइबर हमलावर पीड़ितों के ई-कॉमर्स खातों तक पहुंच हासिल कर सकते हैं। फिर वे इस पहुंच का फायदा उठाकर गिफ्ट कार्ड खरीदते हैं। और उन्हें गुमनाम रूप से भुनाते हैं। जिससे धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
जटिल तकनीक और व्यापक असर
CloudSEK के शोधकर्ताओं का अनुमान है कि सिर्फ एक धोखाधड़ी करने वाले द्वारा इस मालवेयर ने 4,400 से ज्यादा डिवाइस को संक्रमित कर दिया है। और 16 लाख रुपये से ज्यादा के धोखाधड़ी वाले लेनदेन हुए हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसके अलावा, यह मालवेयर यूजर्स के फोनबुक के कॉन्टैक्ट को ऑटोमैटिक तरीके से निकाल लेता है। ताकि उन्हें आगे के घोटालों के लिए निशाना बनाया जा सके। साथ ही, यह हमलावरों को एसएमएस संदेश फॉर्वर्ड कर देता है। जिससे उन्हें संभावित रूप से टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को बायपास करने और विभिन्न फाइनेंशियल एप्लीकेशंस तक पहुंचने में सहूलियत होती है।

रिपोर्ट में हमलावरों द्वारा पहचना का खुलासा होने से बचने और लो ट्रांजैक्शन प्रोफाइल बनाए रखने के लिए प्रॉक्सी IP के इस्तेमाल पर भी रोशनी डाली गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन हैकर्स के शिकारों में गुजरात को भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है। जिसके बाद कर्नाटक का नंबर आता है।

CloudSEK इस मालवेयर से बचाव के लिए कई सुरक्षा उपायों की सलाह देता है। सबसे पहले, सिर्फ गूगल प्लेस्टोर जैसे विश्वस्त सोर्स से ही एप इंस्टॉल करें। दूसरा, एप के परमिशन देने को लेकर सतर्क रहें। और यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से उनकी समीक्षा करें कि वे ऐप के फंक्शन के हिसाब से काम कर रहे हैं कि नहीं।

तीसरा, लेटेस्ट सिक्योरिटी पैच हासिल करने के लिए अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और सुरक्षा सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें। आखिर में, किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में सूचित होने के लिए बैंकिंग और अन्य संवेदनशील सर्विस के लिए अलर्ट चालू करें।
धनतेरस के दिन 19 साल पहले बम धमाकों से दहल उठी थी दिल्ली, सरोजनी नगर मार्केट के दुकानदारों की आज भी कांप जाती है रूह


डेस्क: देश के इतिहास में 29 अक्टूबर की तारीख एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। इस दिन दिल्ली में दिवाली से दो दिन पहले हुए बम धमाकों से त्योहार की खुशियों को ग्रहण लग गया था। दिल्ली में अक्टूबर में अमूमन त्योहारों का मौसम होता है। पहले रामलीला की धूमधाम, फिर दशहरे का जोश, धनतेरस की खरीदारी, दिवाली की रौनक और अंत में गोवर्धन पूजा और भैया दूज। एक के बाद एक आने वाले इन त्योहारों पर बाजारों में खूब रौनक रहती है। 29 अक्टूबर 2005 को धन तेरस के दिन शहर के कई हिस्सों में बम धमाकों से दिल्ली जैसे सहम सी गई थी। व्यस्त बाजारों में हुए इन धमाकों में 60 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

दिवाली से पहले हुए दिल्ली में तीन जगहों पर- सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और कालकाजी में एक डीटीसी बस में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में कई लोगों ने अपने पूरे परिवार को खो दिया था। आज भी सरोजनी नगर मार्केट में मौजूद कई दुकानदारों के जहन में न भूलने वाला डरावना मंजर घूमता है। आज भी दुकानदारों के मन में खौफ मौजूद है। यहां लंबे समय से काम कर रहे दुकानदार उस दिन जो हुआ वो भूल नहीं पाते।

30 वर्षों से सरोजिनी नगर मार्केट में दिवाली का सामान बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया कि उस दिन कभी नहीं भूल पाते। आज भी आंखों के सामने वो डरावना मंज़र घूमता है। धनतरेस का दिन था, बाजार दुकानदारों और खरीदारों से खचाखच भरा था। जब ब्लास्ट हुआ, तब वह घटनास्थल के बिलकुल पास अपनी मोमबत्तियों की दुकान पर थे।

अचानक धमाके की आवाज आई और हर तरफ अंधेरा छा गया। उनको लगा कि दुकान पर लगा बल्ब फ्यूज हो गया है। उस धमाके में उनके सिर पर गंभीर चोट भी आई थी। जब होश में आए, तो देखा लाशों के ढेर पड़े हुए थे। जिस दुकान पर बम फटा था, उस दुकान के मालिक की बॉडी दो हिस्सों में अलग-अलग मिली थी। कई लोगों का शरीर पूरा झुलस गया था।
हैदराबाद में धारा 144 लागू, एक महीने तक धरना-प्रदर्शन पर लगी रोक, जानें क्या है वजह?

डेस्क: हैदराबाद पुलिस ने 28 नवंबर तक किसी भी प्रकार के जुलूस, धरना और जनसभा के आयोजन पर रोक लगा दी है। इस संबंध में हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सी. वी. आनंद की ओर से आदे जारी किया गया है। जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि उन्हें विश्वसनीय सूचना मिली है कि कई संगठन/पार्टियां हैदराबाद शहर में धरना एवं विरोध-प्रदर्शन करके शांति-व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। जारी आदेश के अनुसार हैदराबाद शहर में सार्वजनिक कानून-व्यवस्था, शांति और सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने, जुलूस निकालने, धरना देने, रैलियां या जनसभा आयोजित करने की अनुमति नहीं है।

इसके अलावा हैदराबाद पुलिस आयुक्त सी. वी. आनंद की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि लोगों के समूहों को कोई भी ऐसा भाषण देने, भाव भंगिमा या चित्र दिखाने, कोई भी चिह्न, तख्तियां, झंडे और इलेक्ट्रॉनिक रूप के किसी भी प्रकार के संदेश आदि प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध है, जिससे हैदराबाद और सिकंदराबाद की सीमाओं में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था में गड़बड़ी होने की आशंका हो। आगे कहा गया है कि, शांतिपूर्ण धरना और विरोध-प्रदर्शन केवल इंदिरा पार्क धरना चौक पर ही किए जा सकते हैं। हैदराबाद और सिकंदराबाद में कहीं और किसी भी तरह के धरना या विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।

पुलिस की ओर से जारी आदेश के अनसुार जनता को सूचित किया जाता है कि कोई भी व्यक्ति विशेष रूप से सचिवालय और अन्य संवेदनशील स्थानों के आसपास आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ उचित दंडात्मक प्रावधानों के तहत मुकदमा होगा। बता दें कि हैदराबाद पुलिस की ओर से जारी किया गया आदेश 27 अक्टूबर को शाम 6 बजे से 28 नवंबर को शाम 6 बजे तक लागू रहेगा। इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी और सैन्यकर्मी, अंतिम संस्कार, शिक्षा विभाग के उड़न दस्ते, तथा सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत छूट प्राप्त व्यक्ति या समूह को इस आदेश से छूट दी गई है।
पिता की हैवानियत: बच्चा रोया तो नींद में पड़ी खलल, कुल्हाड़ी से गला काट डाला


डेस्क: उत्तर प्रदेश में बांदा से सटे चित्रकूट जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने अपने 5 साल के मासूम बच्चे की गला काट कर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, पिता इसलिए भड़क गया था क्योंकि रात को बच्चे के रोने से उसकी नींद में खलल पड़ गई थी। नींद में खलल पड़ने से नाराज पिता ने अपने ही बेटे का गला कुल्हाड़ी से काट दिया। पुलिस ने बताया है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस ने सोमवार को इस पूरी घटना की जानकारी दी है। पुलिस ने बताया कि रविवार की रात मऊ थाना क्षेत्र के दुवारी गांव में पिता ने अपने बच्चे की हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, 35 साल के राजकुमार निषाद ने अपने 5 साल के बेटे की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दी।

जानकारी के मुताबिक, बेटे का गला काटने के बाद आरोपी ने खुद को एक कमरे में बंद कर आग लगा ली। शोर-शराबा सुनकर पड़ोसी ग्रामीणों ने कमरे का दरवाजा खोल और राजकुमार निषाद को बचाया। इसके बाद आरोपी को लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने बच्चे की हत्या में इस्तेमाल की गयी कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली है।

जब पुलिस ने बच्चे की हत्या के आरोपी राजकुमार निषाद को गिरफ्तार किया तो उसके बाद पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया है। आरोपी ने बताया है कि रात में सोते समय उसका बेटा रोने लगा था, जिससे तैश में आकर उसने कुल्हाड़ी से उसकी गर्दन काट दी।
ट्रेन के टॉयलेट में ठूंस-ठूंस कर भरे यात्री, दिवाली-छठ मनाने किस हाल में ट्रेन से बिहार जा रहे लोग

डेस्क: हर साल दिवाली-छठ के पर्व पर लाखों लोग बिहार अपने घर जाते हैं, ताकी वे अपने परिवार के साथ इस पर्व को मना सकें। इसको देखते हुए रेलवे की तरफ से कई फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जाती हैं। जिसके बाद भी कई लोगों को टिकट कंफर्म नहीं मिल पाता। ऐसे में लोग किसी न किसी तरह से जुगाड़ लगाकर अपने घर बुरी हालत में जाते हैं।

सोशल मीडिया से लेकर मेन कोर मीडिया में भी इसकी बानगी देखने को मिल रही है। ऐसे कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जहां रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की काफी भीड़ देखी जा रही है। यात्री घंटों से रेलवे स्टेशन के बाहर इंतजार कर रहे हैं, कहीं यात्रियों की ट्रेन लेट है तो कहीं, रेलवे स्टेशन के बाहर भीड़ बहुत ज्यादा है। एक साथ इन यात्रियों को स्टेशन के बाहर एक पंडाल के नीचे बैठाया गया है।

ताजा मामला आनंद विहार स्टेशन का सामने आया है। जहां, दिल्ली से भागलपुर जाने वाली ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों की हालत काफी दयनीय दिख रही है। यात्रियों के टिकट कंफर्म नहीं होने की वजह से वे ट्रेन के जनरल डिब्बे में सवार होकर अपने घर के लिए जा रहे हैं। कई लोगों को ट्रेन के गेट पर लटक-लटक के जाते हुए देखा जा रहा है। भागलपुर एक्सप्रेस के 5 जनरल बोगियों में लगभग 4600 यात्री एक-दूसरे के ऊपर लद कर जा रहे हैं। इन यात्रियों को अपनी जान की भी परवाह नहीं है। जैसे-तैसे करके बस एक पैर रखने की जगह मिल जाए। उसी एक टांग पर खड़े होकर वे बिहार चले जाएंगे।   

जिन यात्रियों को जनरल डिब्बे में भी जगह नहीं मिली। वे ट्रेन के शौचालयों में बैठकर सफर करने को तैयार हैं। ट्रेन के टॉयलेट में एक नहीं, दो नहीं बल्कि आठ-आठ लोगों को अपने सामान के साथ घुस कर बैठे हुए देखा जा सकता है। बदबू और गर्मी से यात्री परेशान हैं, मगर उनके लिए घर जाना इतना जरूरी है कि वे इस मजबूरी में भी बुरी हालत में होने के बावजूद अपने घर जाना चाहते है।
क्या है Black Basta हैकिंग ग्रुप, जिसने दुनिया भर के PC यूजर्स के उड़ा दिए 'होश'?

डेस्क: Black Basta हैकिंग ग्रुप ने दुनियाभर के PC/Laptop यूजर्स को सकते में डाल दिया है। साइबर अपराधियों के इस ग्रुप ने दुनियाभर के कार्पोरेट कंपनियों में इस्तेमाल किए जाने वाले Microsoft Teams वीडियो कांफ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर रेनसमवेयर अटैक की धमकी दी है। हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट में काम करने वाले कर्मचारियों को माइक्रोसॉफ्ट हेल्प डेस्क के नाम से ई-मेल कर रहे हैं और उनके PC में BlackBasta रेनसेमवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं। यह रेनसमवेयर इतना खतरनाक है कि वो यूजर के पीसी या लैपटॉप का रिमोट एक्सेस ले लेता है।

अमेरिका बेस्ड साइबर सिक्योरिटी कंपनी ReliaQuest ने Bleeping Computer के जरिए इस बात की जानकारी दी है। यह हैकिंग ग्रुप अप्रैल 2022 से एक्टिव है और रेनसमवेयर के माध्यम से दुनियाभर के कार्पोरेट्स को टारगेट कर रहा है। सिक्योरिटी रिसर्चर्स का दावा है कि Black Basta हैकिंग ग्रुप कोंटी साइबर क्राइम सिंडिकेट नेटवर्क का हिस्सा है, जिसे जून 2022 में बंद कर दिया गया था।

यह खतरनाक हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट नेटवर्क को मुख्य तरीके से टारगेट करता है। कार्पोरेट कंपनियों के सिक्योरिटी सिस्टम में सेंध लगाने के लिए यह ग्रुप सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लेता है, ताकि आसानी से हाई सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ा जा सके। पहले भी इस हैकिंग ग्रुप ने कार्पोरेट में काम करने वाले कर्मचारियों को बिना वायरस वाले ई-मेल भेजकर हेल्प डेस्क के नाम पर साइबर अटैक किया है।

यह हैकिंग ग्रुप पहले कर्मचारियों को ई-मेल भेजता है, जिसमें वायरस से बचने के लिए हेल्प डेस्क का बहाना बनाया जाता है। कर्मचारियों को जाल में फंसने के बाद हैकिंग ग्रुप उनके सिस्टम का रिमोट एक्सेस लेने के मना लेता है। कर्मचारी आईटी हेल्प डेस्क के नाम पर AnyDesk या फिर अन्य किसी रिमोट डेस्कटॉप टूल का एक्सेस हैकर्स को दे देते हैं। इसके बाद हैकर्स सिस्टम में एंटर करके नेटवर्क का एक्सेस ले लेते हैं।

हैकिंग ग्रुप कार्पोरेट कर्मचारियों को फोन कॉल्स के अलावाा माइक्रोसॉफ्ट Teams के जरिए कॉन्टेट करता है, ताकि कर्मचारियों को लगे कि सही में IT हेल्प डेस्क से कॉन्टेक्ट किया गया है। हैकर्स द्वारा इस्तेमाल किए गए ई-मेल या फिर Teams के अकाउंट का डिस्प्ले नेम IT Help Desk होता है, जिसकी वजह से कर्मचारी आसानी से उनकी जाल में फंस जाते हैं।

अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी का कहना है कि हैकिंग ग्रुप के लोग OneOnOne चैट के जरिए कर्मचारियों के सिस्टम को एक्सेस करते हैं। इस दौरान रिमोट एक्सेस लेने के बाद सिस्टम में Black Basta रेनसमवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है, जिसके जरिए कर्मचारियों की कंपनियों के नेटवर्क में आसानी से एंट्री हो जाती है। सिक्योरिटी एजेंसी ने इस तरह के IT Help Desk वाले ई-मेल या चैटिंग रिक्वेस्ट से बचने की सलाह दी है।

कैसे बचें?

साइबर सिक्योरटी एक्सपर्ट्स की मानें तो इस तरह के IT Help Desk वाले ई-मेल को इग्नोर करें और आने वाले ई-मेल का अड्रेस वेरिफाई करें। साथ ही, अपने सिस्टम को रिमोट डेस्कटॉप एक्सेस देने से बचें और जांचने-परखने के बाद ही कोई एक्सेस दें।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सेना के वाहन पर आतंकी हमला, एक नागरिक की मौत, 4 जवान घायल


डेस्क: जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले से आतंकी हमले की खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक, एलओसी के पास बोटापत्थर गुलमर्ग के नागिन पोस्ट इलाके में सेना के एक वाहन पर आतंकियों ने हमला किया है। पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया है कि इस आतंकी हमले में 4 जवान घायल हो गए हैं। वहीं, एक नागरिक पोर्टर की मौत हो गई है।

बारामूला पुलिस ने इस घटना को लेकर चेतावनी जारी की है। पुलिस ने कहा है कि बारामूला जिले के बुटापथरी सेक्टर में नागिन पोस्ट के आसपास सेना और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी की घटना हुई है। पुलिस ने कहा है कि तथ्यों की पुष्टि के बाद आगे की जानकारी साझा की जाएगी।

सेना के अधिकारियों ने भी इस घटना को लेकर जानकारी दी है। सेना ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सेना के काफिले में शामिल एक वाहन पर आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें एक नागरिक पोर्टर की मौत हो गई है। हमले में चार जवान भी घायल हुए हैं। घटना को लेकर अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में पिछले दिनों बड़ा आतंकी हमला हुआ था। एक हफ्ते के अंदर तीन आतंकी हमलों में कश्मीरी डॉक्टर समेत 8 गैर स्थानीय लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। लगातार हो रहे इन आतंकी घटनाओं की वजह से कश्मीर में काम करने वाले गैर स्थानीय लोग डर और दहशत के कारण कश्मीर से अपने घरों को लौट रहे हैं।