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चक्रवात डाना का खतरा: ओडिशा में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना, अलर्ट जारी"

ओडिशा राज्य पर एक बड़ा संकट मंडरा रहा है, क्योंकि चक्रवात डाना राज्य के तटीय क्षेत्रों की ओर तेजी से बढ़ रहा है. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर ने चेतावनी जारी की है कि 23 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक ओडिशा के कई जिलों को भारी से अत्यधिक भारी बारिश और तेज हवाओं का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, इस चक्रवात से जान और माल की हानि हो सकती है.

मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा महंती ने बताया कि चक्रवात डाना के प्रभाव से बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, जाजपुर, पुरी और खोरधा जिलों में भारी बारिश हो सकती है और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि अत्यधिक भारी बारिश का मतलब 20 से 30 सेंटीमीटर तक की बारिश होती है और कुछ क्षेत्रों में यह 30 सेंटीमीटर से भी अधिक हो सकती है.

बारिश की संभावना

महंती ने जानकारी दी है कि बारिश का सिलसिला 23 अक्टूबर की सुबह से शुरू होगा और लगातार तीन दिन तक जारी रहेगा. इस दौरान तटीय जिलों में बाढ़, भूस्खलन और जलभराव की संभावना है. ओडिशा के आंतरिक जिलों में भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. लोगों से अपील की जा रही है कि वे सतर्क रहें, सुरक्षित स्थानों पर जाएं और यात्रा से बचें.

हवाओं की गति का खतरा

चक्रवात के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है. वर्तमान में समुद्र में चक्रवात डाना की हवाओं की गति 100 से 110 किमी प्रति घंटा है, जो बढ़कर 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है. 23 से 25 अक्टूबर के बीच तटीय इलाकों में हवा की गति और तेज हो सकती है, जिससे घरों, पेड़ों, और बिजली के खंभों को नुकसान पहुंच सकता है. मनोरमा महंती ने बताया कि 24 अक्टूबर की सुबह तक इस तूफान की सटीक गति का अनुमान लगाया जा सकेगा, लेकिन अभी से तैयार रहना जरूरी है.

मछुआरों के लिए चेतावनी

मौसम विभाग ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वे तुरंत समुद्र से लौट आएं और 21 अक्टूबर से समुद्र में न जाएं. चक्रवात के कारण समुद्र की स्थिति खतरनाक होती जा रही है, जिससे मछली पकड़ने के दौरान गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं. अक्टूबर का महीना ओडिशा के लिए ऐतिहासिक रूप से खतरनाक रहा है. 1999 में आए सुपर साइक्लोन और 2013 के फाइलिन चक्रवात जैसी आपदाओं ने इस राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया था.

सरकारी आदेशों का करें पालन

चक्रवात डाना भी इसी श्रेणी का हो सकता है और इससे एक और बड़े पैमाने पर तबाही की आशंका जताई जा रही है. राज्य सरकार और प्रशासन अलर्ट पर हैं. नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे सावधान रहें, मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में सरकारी आदेशों का अनुपालन करें.

भारत-चीन समझौता: पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध खत्म, पेट्रोलिंग भी होगी शुरू

ब्रिक्स समिट से पहले भारत और चीन के बीच बड़ा समझौता हुआ है. दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध खत्म करने को लेकर सहमति बनी है. इसके तहत देपसांग और डेमचॉक पर डिसइंगेजमेंट होगा. यानी दोनों देशों की सेनाएं अपनी पुरानी पोजिशन में जाएंगी. साथ ही यहां पेट्रोलिंग भी शुरू होगी.

सूत्रों का कहना है कि ब्रिक्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच मुलाकात भी हो सकती है. इसके बाद इसकी आधिकारिक डिटेल का ऐलान किया जा सकता है. दोनों देशों के बीच गतिरोध खत्म करने पर सहमति बन गई है. मगर, अभी इसे जमीन पर कैसे लागू करना है? इसे लेकर बातचीत चल रही है. इसमें डिसइंगेजमेंट की और फिर पेट्रोलिंग शुरू होने की मॉडेलिटी तय होंगी.

क्या है पूरा मामला?

देपसांग में जिन जगहों पर भारतीय सैनिक पेट्रोलिंग के लिए जाते थे, उनमें से कई जगहों पर चीनी सैनिक आकर बैठ गए. इस वजह से वहां भारतीय सेना की पेट्रोलिंग रुक गई. इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी उन जगहों पर अपनी तैनाती कर दी, जिससे कुछ पॉइंट्स पर चीन के सैनिकों की पेट्रोलिंग भी ब्लॉक हुई है.

उधर, डेमचॉक में चीन ने उन जगहों पर नए टेंट लगाए, जहां पहले उसके टेंट नहीं थे. चीन का कहना है कि ये उसके चरवाहों के टेंट हैं. हालांकि, भारत का कहना है कि ये चीनी सैनिक हैं, जो सिविल ड्रेस में वहां हैं. अप्रैल 2020 से पहले जिन एरिया में टेंट नहीं थे, ये उन एरिया में लगे हैं.

पेट्रोलिंग पॉइंट-14 से डिसइंगेजमेंट हुआ था

इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी वहां अपने टेंट लगाए. इस तरह चीन और भारत दोनों आमने-सामने हैं. दो साल पहले पैंगोग एरिया यानी फिंगर एरिया और गलवान के पेट्रोलिंग पॉइंट-14 से डिसइंगेजमेंट हुआ था. फिर गोगरा में पेट्रोलिंग पॉइंट-17 से सैनिक हटे. इसके बाद हॉट स्प्रिंग एरिया में पीपी-15 से. यहां अभी बफर जोन बने हैं. उनमें न ही भारत के सैनिक पेट्रोलिंग कर रहे हैं और न ही चीन के. फिलहाल इन पेट्रोलिंग पॉइट पर भी फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने को लेकर बातचीत चल रही है.

विजयपुरा में खुलेगा मदर्स ब्रेस्ट मिल्क बैंक, 2 हजार बच्चों को मिलेगा लाभ

दिल्ली, मुंबई, भोपाल और बंगलुरू की तर्ज पर अब उत्तर कर्नाटक में भी मदर्स ब्रेस्ट मिल्क बैंक खोलने की कवायद शुरू हो गई है. यह बैंक विजयपुरा के सरकारी अस्पताल में खुलेगा. इस बैंक को इसी साल के आखिर तक शुरू कर देने की योजना है. इस एरिया में मदर्स ब्रेस्ट मिल्क बैंक शुरू होने से उन हजारों बच्चों को लाभ मिलेगा, जो किसी कारणवस अपनी मां के दूध से वंचित हैं. इसी सोच के तहत कर्नाटक सरकार ने उत्तर कर्नाटक के विजयपुरा अस्पताल में इस बैंक का निर्माण कार्य शुरू किया है.इस बैंक में माताओं से दूध लेने, उचित रखरखाव और फिर जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाने की व्यवस्था होगी.

मेडिकल साइंस ही नहीं, हमारे धर्म ग्रंथों में मां के दूध को बच्चों के लिए जीवनामृत कहा गया है. इसी दूध की वजह से मां-बच्चे का रिश्ता पूरे जीवन भर बना रहता है. इसी अवधारणा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने मदर्स ब्रेस्ट मिल्क बैंक शुरू करने की पहल की है. अधिकारियों के मुताबिक इस बैंक में मां के दूध को तीन महीने तक स्टोर किया जा सकेगा. वहीं केंद्र के माध्यम से ही उन बच्चों को चिन्हित किया जाएगा, जिनकी मां उन्हें दूध पिलाने में असमर्थ होंगी. यह असमर्थता उनकी बीमारी या किसी अन्य कारण से भी हो सकती है.

डोनेशन से पहले होगी माताओं की जांच

सरकार का मानना है कि मां की बीमारी का खामियाजा बच्चे को नहीं भुगतना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस ब्रेस्ट मिल्क बैंक में कोई भी महिला स्वेच्छा से अपना दूध डोनेट कर सकती है. इसके अलावा वो माताएं भी यहां अपना दूध डोनेट कर सकती है, जिन्हें दूध तो बन रहा है, लेकिन अपना बच्चा नहीं है या फिर उनका दूध अपने बच्चे की जरूरत से ज्यादा बन रहा है. हालांकि यहां दूध दान करने वाली माताओं को पहले अपना एचआईवी/एचबीएसएजी/डब्ल्यूबीआरएल आदि जांचें करानी होंगी. इन जांचों का रिपोर्ट सही आने पर ही उन्हें दूध डोनेट करने की अनुमति मिलेगी.

हर साल 2 हजार बच्चों को लाभ

अधिकारियों के मुताबिक माताओं से दूध प्राप्त करने के बाद किसी भी तरह के बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए उसे पास्चुरीकृत किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक विजयपुरा सरकारी अस्पताल में खुल रहे इस मदर्स ब्रेस्ट मिल्क बैंक से हर साल कम से कम 2 हजार नवजात शिशुओं को लाभ मिल सकेगा. इस बैंक से स्वैच्छिक दानकर्ता, शोक संतप्त माताएं और कामकाजी माताओं को दूध दान करने की सुविधा मिलेगी. बता दें कि इस तरह का मदर ब्रेस्ट मिल्क बैंक पहले से बंगलुरू में है. इसके अलावा देश भर में दिल्ली, मुंबई, भोपाल के अलावा कई अन्य शहरों में भी इस तरह का बैंक बीते कुछ वर्षों से संचालित किए जा रहे हैं. हालांकि अभी लोगों में जागरुकता कम है. बावजूद इसके, यह पहल काफी कारगर साबित हो रहा है.

गर्मी की वजह से बीयर की खपत में बढ़त, बंगलुरू में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री"

कर्नाटक में बीते कुछ वर्षों में बीयर की बिक्री में तेजी से उछाल आया है. खासतौर पर कोराना काल के बाद लोग वोदका, ब्रांडी, रम या व्हिस्की आदि शराब छोड़ कर बीयर को पसंद करने लगे हैं. आलम यह है अकेले बंगलुरू शहर में ही बीयर की बिक्री में साल दर साल गुणोत्तर इजाफा दर्ज किया जा रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल बीयर की बिक्री में अब तक करीब 13.3 फीसदी की बढोत्तरी हो चुकी है. जबकि औसत अनुमान के मुताबिक साल के आखिर तक यह बढोत्तरी करीब 49 फीसदी तक जाने की संभावना है.

यह आंकड़ा भले ही आपको हैरान कर सकता है, लेकिन यह सच्चाई है. कर्नाटक सरकार की राजस्व रिपोर्ट भी इन आंकड़ों की पुष्टि करती है. इन आंकड़ों के मुताबिक भारत में निर्मित शराब (आईएमएल) के अलावा विदेशी शराब वोदका, ब्रांडी, रम और व्हिस्की की बिक्री इस साल के 8 महीनों में महज 4.76 फीसदी बढ़ी है. जबकि बीयर की बिक्री अब तक 13.3 फीसदी से भी अधिक हो चुकी है. सरकारी अनुमान के मुताबिक साल के आखिर तक बीयर की बिक्री में और भी इजाफा हो सकता है.

हर साल 49 फीसदी का इजाफा

संभावना है कि पिछले साल के मुकाबले यह इजाफा 49 फीसदी तक हो. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में बीयर और शराब की बिक्री कम हो गई थी. साल 2020-21 में थोड़ी स्थिति सुधरी, बावजूद इसके बीयर की बिक्री में 32.13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई. बंगलुरू में उस साल सिर्फ 6.05 करोड़ लीटर बीयर की बिक्री हो पायी थी. हालांकि 2021-22 में कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद शहर में पब और बार के दरवाजे खुल गए तो बीयर की बिक्री में उछाल आना शुरू हुआ और उस साल 6.79 करोड़ लीटर बीयर बिकी.

गर्मी की वजह से बीयर पर जोर

अब साल 2022-23 से तस्वीर बदल गई है. इस साल में बंगलुरू में बीयर की खपत 10.17 करोड़ लीटर हुई. बंगलुरू के लोगों में बीयर का चार्म गर्मी की वजह से बढ़ा है. शहर में चिलचिलाती गर्मी की वजह से महंगी शराब पीने के शौकीन भी बीयर की ओर शिफ्ट होते नजर आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022-23 में ग्रामीण मैसूर में बीयर की बिक्री 69.9 प्रतिशत बढ़ी है. यहां साल 2021-22 में 2,757 करोड़ रुपये की बीयर बिकी थी. इसके सापेक्ष साल 2023-24 में 5,703 करोड़ रुपये की बीयर बिकी है.

पब बार में ज्यादा होती है बीयर की खपत

ब्रूअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक विनोद गिरी के मुताबिक बीयर का सेवन ज्यादातर पब, बार और रेस्तरां में लोग करते हैं. घरों में तो लोग भरसक हार्ड शराब पसंद करते हैं. उन्होंने बताया कि चूंकि कोरोना में पब-बार आदि बंद थे, इसलिए इसका सीधा असर बीयर की खपत पर देखा गया, लेकिन अब जैसे ही पब और बार आदि खुले, स्थिति पूरी तरह से बदल गई है. यही नहीं, बंगलुरू में पड़ रही तेजी गर्मी भी बीयर की खपत बढ़ने की बड़ी वजह है

अडियाला जेल में इमरान खान को मिल रही हैं ये सुविधाएं, जेल प्रशासन ने बताया

पाकिस्तान के अडियाला जेल प्रशासन ने तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सुप्रिमो और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ जेल में हो रहे कथित दुर्व्यवहार के आरोपों को खारिज कर दिया है.

जेल अधिकारियों ने खान को दी जा रही सुविधाओं की सूची शेयर करते हुए कहा कि उन्हें बी-क्लास कैदी के रूप में सभी जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं. जेल प्रशासन ने कहा जेल में उनकी पसंद के अनुसार खाने की व्यवस्था की गई है. अधिकारियों के अनुसार इमरान के नाश्ते में कॉफी, चिया सीड्स, चुकंदर का जूस, दही, चपाती, बिस्किट और खजूर शामिल होते हैं, जबकि लंच में पारंपरिक करी, स्थानीय चिकन, चपाती, सलाद, ग्रीन टी और मटन दिया जाता है, उन्हें डिनर में दलिया, नारियल और अंगूर की व्यवस्था की जाती है.

अधिकारियों ने यह भी कहा कि खान के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाती है और मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार वह स्वस्थ और सक्रिय हैं. साथ ही उन्हें रोज के अखबार भी मुहैया कराया जा रहा है और वह दो घंटे तक व्यायाम कर सकते हैं. जेल प्रशासन ने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि खान को बी-क्लास जेल के सभी नियमों के तहत सुविधाएं दी जा रही हैं.

जेल में हो रहा है दुर्व्यवहार

बता दें पीटीआई चेयरमैन गोहर अली खान ने हाल ही में अडियाला जेल में इमरान खान से मुलाकात के बाद आरोप लगाया था कि उन्हें पांच दिनों से बिजली की आपूर्ति नहीं मिल रही है, और पिछले पंद्रह दिनों से अखबार और टीवी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि खान को दिन में केवल ढाई घंटे ही सेल से बाहर बिताने की अनुमति दी जाती है. गोहर ने खान के साथ इस दुर्व्यवहार की निंदा की और कहा कि जेल प्रशासन को पूर्व पीएम के अधिकारों की देखभाल करनी चाहिए और उन्हें वह सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि उन्हें एक छोटे से सेल में रखना संविधान और कानूनी अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. पीटीआई नेता ने कहा कि पार्टी संस्थापक को अपनी बहनों की गिरफ्तारी के बारे में भी जानकारी नहीं थी, और उन्होंने इस घटना पर दुख जताया. हालांकि, इमरान ने कहा कि वह और उनका पूरा परिवार जनता के संघर्ष के लिए बलिदान देगा. साथ ही उन्होंने पूरे देश को शांत रहने की अपील की.

वकील को नहीं दी मिलने की इजाजत

इसके अलावा पीटीआई ने जेल प्रशासन पर खान के वकील सलमान अकरम राजा को उनसे मिलने की अनुमति न देने का आरोप लगाया, जबकि दूसरी पार्टी नेता गोहर अली खान, अली जफर और असद कैसर को मुलाकात की अनुमति दी गई थी. गोहर ने इस मुलाकात के बाद कहा कि इमरान खान आशावादी हैं और उन्होंने अपने समर्थकों से कानून और संविधान की सर्वोच्चता के लिए लड़ाई जारी रखने की अपील किया है.

गांदरबल हमला: फारूक अब्दुल्ला ने कहा, पाकिस्तान नहीं बनेगा कश्मीर

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकवादी हमले के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा, पाकिस्तान नहीं बनेगा कश्मीर, हमें इज्जत से रहने दीजिए. जब ये 75 में पाकिस्तान नहीं बना तो आज कैसे बनेगा. उन्होंने आगे कहा, हम अपनी तकदीर बनाना चाहते हैं और वो इस आतंकवाद से नहीं बनेगी.

एनसी पार्टी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, यह बहुत ही दर्दनाक बात है. कई गरीब मजदूर जो अपनी कमाई के लिए यहां आते हैं, उन बेचारे लोगों को इन दरिंदों ने शहीद कर दिया. उसी के साथ हमारे एक डॉक्टर साहब भी थे, जो लोगों की खिदमत करते थे, कल उनकी भी जान गई.

पाकिस्तान नहीं बनेगा कश्मीर”

फारूक अब्दुल्ला ने कहा ऐसा करके इन दरिंदों को मिलेगा क्या, क्या वो समझते हैं इससे यहां पाकिस्तान बनेगा. हम कोशिश कर रहे हैं कि यह मामला खत्म हो, हम लोग आगे बढ़े, हम लोग मुश्किलों से निकल सके. मैं पाकिस्तान के नेताओं से यह कहना चाहता हूं कि अगर वो सच में भारत से दोस्ती चाहते हैं, तो फिर यह बंद कीजिए.

एनसी अध्यक्ष ने कहा, कश्मीर पाकिस्तान नहीं बनेगा. हमें तरक्की करने दीजिए, हमें इज्जत से रहने दीजिए. वक्त आ गया है कि इस तरह के हमलों को बंद करना चाहिए, इसके परिणाम बाकी होंगे वो बहुत सख्त होंगे. साथ ही उन्होंने कहा पाकिस्तान से बातचीत कैसे होगी, आप हमारे बेगुनाह लोगों को मार डालो और फिर कहो बातचीत करो.

उमर अब्दुल्ला की सरकार का गठन

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के गगनगीर इलाके में आतंकवादी हमला हुआ. इस हमले में टनल में काम कर रहे मजदूरों को निशाना बनाया गया और फायरिंग की गई. इस अटैक में 6 मजदूरों की मौत हुई. साथ ही एक डॉक्टर की भी जान गई. जम्मू-कश्मीर में हाल ही में सरकार का गठन हुआ है और उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री की कमान संभाली है. इसी के बाद सामने आए अटैक को लेकर एक बार फिर सभी लोग सतर्क हो गए हैं. घाटी में हुए इस हमले की सीएम सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी कड़ी निंदा की है.

CJI चंद्रचूड़ ने किया खुलासा: राम जन्मभूमि विवाद के लिए ईश्वर से की थी प्रार्थना

अयोध्या और बाबरी मस्जिद को लेकर 9 नवंबर साल 2019 को ऐतिहासिक फैसला सामने आया था. इस फैसले की बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे. हाल ही में चीफ जस्टिस ने बताया कि जब वो इस केस का फैसला नहीं ले पा रहे थे तो उन्होंने ईश्वर से रास्ता दिखाने की प्रार्थना की थी

चीफ जस्टिस ने रविवार को कहा, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर जो विवाद चल रहा था, उस दौरान इस केस के समाधान के लिए मैंने ईश्वर से प्रार्थना की थी. साथ ही उन्होंने कहा, अगर यकीन हो तो ईश्वर रास्ता जरूर दिखाते हैं.

“मैं ईश्वर के सामने बैठा”

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रविवार को महाराष्ट्र के कन्हेरसर में लोगों को संबोधित कर रहे थे . इस दौरान उन्होंने कहा, अक्सर हमारे पास कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिनमें हम किसी समाधान पर नहीं पहुंच पाते और फैसला नहीं ले पाते. ऐसा ही कुछ अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान हुआ था. उन्होंने कहा, यह केस तीन महीने तक मेरे सामने था. इस मामले में वो फैसले तक कैसे पहुंचे यह बताते हुए सीजेआई ने कहा, मैं ईश्वर के सामने बैठा और उनसे कहा कि आपको इस केस का समाधान ढूंढना ही होगा.

CJI पहुंचे थे राम मंदिर

चीफ जस्टिस ने कहा, मेरा यकीन मानो, अगर आप ईश्वर पर विश्वास करते हो तो वो ईश्वर हमेशा रास्ता ढूंढेंगे. 9 नवंबर, 2019 को, भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-जस्टिस की बेंच ने अयोध्या को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. सीजेआई रंजन गोगोई ने राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया. साथ ही फैसला सुनाया की मस्जिद को 5 एकड़ की अयोध्या में ही जमीन दी जाएगी. इन पांच जजों की बेंच में डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ राम मंदिर के निर्माण के बाद जुलाई के महीने में दर्शन करने के लिए राम मंदिर भी गए थे.

केजरीवाल का धार्मिक यात्रा: वैष्णो देवी के दर्शन करने जा रहे हैं अरविंद केजरीवाल"

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि वे माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जा रहे हैं. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है. आप और आपका परिवार खुश रहे, सुखी रहे. माता का आशीर्वाद लेने के लिए मैं अपनी पत्नी के साथ वैष्णो देवी के दर्शन करने जा रहा हूं.” इसके पहले अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर तीखा हमला किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि दिल्ली की सड़कों की हालत बीजेपी ने उनके जेल जाने के बाद खराब कर दी थी, लेकिन उन्होंने जेल से छूटते ही सड़कों की मरम्मत का काम शुरू करवा दिया.

साथ ही केजरीवाल का दिल्ली के सीएम आवास खाली करने के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा ने दावा किया है कि केजरीवाल के सरकारी आवास से 10-12 लाख रुपये की टॉयलेट सीट्स गायब हैं.

केजरीवाल ने अपनी असलियत दिखा दी’

बीजेपी ने दावा किया है कि केजरीवाल के बंगले से 10-12 लाख रुपये की टॉयलेट सीट्स गायब हैं. भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने महंगे इलेक्ट्रिक उपकरणों और गैजेट्स की सूची साझा करते हुए आरोप लगाए कि ये सभी केजरीवाल की सुविधाओं के लिए लगाए गए थे. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी इस मुद्दे पर केजरीवाल पर निशाना साधा. सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही केजरीवाल ने अपनी असलियत दिखा दी. वे जनता के पैसों से सुख-सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च करने लगे.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल दस से 12 लाख रुपये की टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करते हैं और करोड़ रुपये से अधिक के शॉवर में नहाते हैं. उन्होंने करोड़ों रुपये केवल आवास की साज-सज्जा में खर्च कर दिया है.

सीएम आतिशी ने किया पलटवार

दूसरी ओर, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को सीएम आवास नहीं देना है, तो वो उन्हें मुबारक हो, हम दिल्ली के लोगों की सेवा करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहे किनती भी गंदी राजनीती कर ले, वह हमें रोक नहीं सकेंगे.

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जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला, 7 लोगों की मौत, केंद्रीय गृह मंत्री ने की निंदा"

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के सोनमर्ग क्षेत्र में रविवार शाम एक बड़े आतंकी हमले में बडगाम के एक डॉक्टर और पांच गैर स्थानीय लोगों समेत कम से कम सात लोग मारे गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए हैं. वहीं आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें सुरक्षा बलों से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा.

शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा,

जम्मू-कश्मीर के गगनगीर में नागरिकों पर कायरतापूर्ण आतंकी हमला एक घृणित कायरतापूर्ण कृत्य है. इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें हमारे सुरक्षा बलों से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा. लोगों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए गृह मंत्री ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.

अब तक 7 लोगों की मौत

अधिकारियों ने बताया कि हमले में दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि डॉक्टर समेत पांच अन्य लोगों ने बाद में दम तोड़ दिया. वहीं पांच लोग घायल हैं, जिन्हें उप जिला अस्पताल और स्कीम्स श्रीनगर में भर्ती कराया गया है. मृतकों की पहचान गुरदासपुर पंजाब निवासी गुरुमीत सिंह, बडगाम निवासी डॉ. शाहनवाज, अनिल कुमार शुक्ला, फहीम नजीर, शशि अबरोल, मोहम्मद हनीफ और कलीम के रूप में हुई है.

निर्माणाधीन सुरंग के पास हुआ हमला

हमला एक निर्माणाधीन सुरंग के पास हुआ. घटनास्थल पर सुरक्षा बलों की टीम मौजूद है और इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा है, जबकि डीजीपी समेत टॉप अधिकारी भी मौके पर हैं. अधिकारियों ने बताया कि अज्ञात आतंकवादियों ने यह हमला तब किया जब गांदरबल के गुंड में सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और अन्य कर्मचारी देर शाम अपने शिविर में लौट आए थे.

सुरक्षाबलों को पूरी आजादी

वहीं हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने एक्स पर लिखा कि मैं गगनगीर में नागरिकों पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. साथ ही लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस घृणित कृत्य के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. हमने जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सुरक्षा बलों को पूरी आजादी दी है.

उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर जवान जमीन पर हैं और वे सुनिश्चित करेंगे कि आतंकवादियों को उनकी कार्रवाई के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़े. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. दुख की इस घड़ी में पूरा देश परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ा है.

आतंकी हमले की कड़ी निंदा

वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी जम्मू-कश्मीर में निर्दोष मजदूरों पर हुए भीषण आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने एक्स पर लिखा कि मैं शहीद मजदूरों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और इस कठिन समय में उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं घायलों के शीघ्र एवं

मजदूरों पर कायरतापूर्ण हमला दुखद

वहीं जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि गगनगीर हमले में हताहतों की संख्या अंतिम नहीं है क्योंकि स्थानीय और गैर-स्थानीय दोनों तरह के कई घायल मजदूर हैं. प्रार्थना है कि घायल पूरी तरह से ठीक हो जाएं क्योंकि अधिक गंभीर रूप से घायलों को

एसकेआईएमएस, श्रीनगर रेफर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सोनमर्ग क्षेत्र के गगनगीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर कायरतापूर्ण हमले की खबर बेहद दुखद है. ये लोग इलाके में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना पर काम कर रहे थे. मैं निहत्थे निर्दोष लोगों पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.

निर्दोष नागरिकों की हत्या मानवता के खिलाफ अपराध: प्रियंका

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आतंकवादी हमले में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या करना और लोगों के बीच हिंसा और आतंक फैलाना मानवता के खिलाफ अपराध है.

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला, दो गैर कश्मीरी मजदूरों की मौत

जम्मू-कश्मीर में गांदरबल के सोनमर्ग में आतंकी हमला हुआ है, जिसमें दो गैर कश्मीरी मजदूरों की मौत हो गई है जबकि दो घायल बताए जा रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने जिले के गुंड इलाके में सुरंग के निर्माण पर काम कर रही एक निजी कंपनी के शिविर में मजदूरों पर गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए. आतंकी हमले के बाद सेना के जवानों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की ओर से लगातार टारगेट किलिंग की घटना देखने को मिली रही है. आतंकियों ने दो दिन पहले शोपियां में भी कुछ इसी तरह की घटना को अंजाम दिया था. जहां,

एक गैर कश्मीरी युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के मात्र 48 घंटे ही बीते हैं कि आतंकियों ने गांदरबल में दो गैर कश्मीरी मजदूरों की हत्या कर दी