आजमगढ़: मैं निबाहूंगा प्रणय के बंधनों को, तुम प्रिये बस प्रेम का अभिसार करना , कवियों ने खूब हंसाया
निजामाबाद (आजमगढ़)। राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ( बाबू जी) के अमृत महोत्सव के अवसर पर शहर के मारवाड़ी धर्मशाला में रविवार को कवि संगोष्ठी का आयोजन किया गया। देर शाम तक कवियों ने अपनी रचनाओं से आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम का संयोजन राष्ट्रीय कवि संगम गोरक्ष प्रान्त के महामन्त्री राकेश पाण्डेय सागर द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि संस्था के गोरक्ष प्रान्त के अध्यक्ष डॉ राजेश कुमार मिश्र रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वव हिंदी शोध एवं संवर्धन अकादमी आजमगढ़ के अध्यक्ष व कवि रुद्रनाथ चौबे रुद्र ने की वाणी वन्दना से हुआ। उन्होंने "मैं करता भारत का गुणगान । विश्व गुरू कह करके दुनिया , करती है सम्मान। मैं करता भारत का गुणगान।।" सुनाकर खूब वाह वाही लूटीं। गीतकार विजेंद्र श्रीवास्तव करुण ने " चलो एक दीपक वहाँ भी जलाएँ " सुनाकर समा बाँधा। शायर संदीप गाँधी नेहाल ने " बहुत तकलीफ होती है यूँ अपनो को जलाने में " सुनाकर मन द्रवित कर दिया। आदित्य आज़मी ने " जिंदगी तो बेवफा है " सुनाया। वरिष्ठ गीतकार कौशल कुमार राय ने " तुमको बचाने भगवान नहीं आयेंगे " सुनाकर झकझोर दिया। गीतकार राकेश पाण्डेय सागर ने " मैं निबाहूंगा प्रणय के बंधनों को, तुम प्रिये बस प्रेम का अभिसार करना " सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार हरिहर पाठक व संचालन लाल बहादुर चौरसिया लाल ने किया।
कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ शशिभूषण श्रीवास्तव प्रशांत, साहित्यकार डॉ प्रवेश कुमार सिंह, देवेंद्र तिवारी देव,घनश्याम यादव, रतनेश् राय, संतोष पाण्डेय, अजय पाण्डेय,वरिष्ठ कवयित्री सरोज यादव, दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव, राकेश चौरसिया, वरिष्ठ कवि सोहलाल गुप्ता स्नेहिल, अशोक यादव, अजय कुमार गुप्ता अज्जु, जयहिंद सिंह हिंद सहित दो दर्जन से अधिक कवियों ने अपनी प्रस्तुति से खूब गुदगुदाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार हरिहर पाठक व कवि संचालन लाल बहादुर चौरसिया लाल ने किया।
कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ शशिभूषण श्रीवास्तव प्रशांत, साहित्यकार डॉ प्रवेश कुमार सिंह, देवेंद्र तिवारी देव,घनश्याम यादव, रतनेश् राय, संतोष पाण्डेय, अजय पाण्डेय,वरिष्ठ कवयित्री सरोज यादव, दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव, राकेश चौरसिया, वरिष्ठ कवि सोहलाल गुप्ता स्नेहिल, अशोक यादव, अजय कुमार गुप्ता अज्जु, जयहिंद सिंह हिंद सहित आदि कवियों ने अपनी प्रस्तुति से खूब रिझाया। लोग आंनद के रस में सराबोर होते रहे
Oct 21 2024, 11:04