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नाबालिगों से ई-रिक्शा व तिपहिया वाहन चलवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर होगी यह कड़ी कार्रवाई

डेस्क : जब से ई-रिक्सा का परिचालन शुरु हुआ है तब ऐसा देखा जा रहा है कि नाबालिग बच्चे धड़ल्ले से ई-रिक्सा चला रहे है। कम उम्र के बच्चों द्वारा ई-रिक्सा और तीन पहिया वाहन चलाने से दुर्घटनाएं भी बढ रही है। अब प्रशासन इसपर रोक लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। बिना लाइसेंस, नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा व तिपहिया वाहनों का परिचालन करने पर वाहन जब्त कर लिया जाएगा। यही नहीं मोटरवाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई भी होगी। सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और नाबालिगों द्वारा वाहन परिचालन पर रोक लगाने के लिए सभी जिलों में अभियान चलाया जाएगा। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों को इसके लिए विशेष अभियान चला कर कार्रवाई का निर्देश दिया है। परिवहन सचिव ने बताया कि नाबालिगों द्वारा ई रिक्शा और तिपहिया वाहनों का परिचालन गंभीर समस्या है। यह उनकी और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करता है। जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और ईएसआई द्वारा जांच अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान नाबालिगों द्वारा ई रिक्शा, तिपहिया वाहन परिचालन एवं लाइसेंस जांच की जाएगी। उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिभावकों से अपील की गई है कि उनके बच्चे बिना वैध लाइसेंस सड़क पर वाहन न चलाएं। इस निर्देश का उल्लंघन करने पर अभिभावकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभिभावक अपने बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति न दें ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। नाबालिगों द्वारा वाहन परिचालन से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। इससे न केवल उनकी अपनी जान को खतरा होता है बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा भी प्रभावित होती है।
रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर : अग्रिम आरक्षण के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, अब इतने दिन पहले होगा रिजर्वेशन

डेस्क : रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर है। रेलने ने अग्रमि आरक्षण के नियम में बड़ा बदलाव किया है। अब रेलवे में रिजर्वेशन 60 दिन पहले होगा। रेलवे बोर्ड ने सीटों की अग्रिम आरक्षण अवधि को मौजूदा 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया है। नयी व्यवस्था एक नवंबर से प्रभावी होगी। रेलवे बोर्ड के 16 अक्तूबर, 2024 की सूचना में कहा गया है कि 120 दिनों की अग्रिम आरक्षण अवधि (एआरपी) के तहत 31 अक्तूबर तक की गई सभी बुकिंग यथावत रहेंगी। रेलवे ने एआरपी में कटौती का कोई कारण नहीं बताया है। बोर्ड के अनुसार, ताज एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस आदि जैसी कुछ दिन के समय चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में कोई बदलाव नहीं होगा, जहां अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय सीमा वर्तमान में लागू है। विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा। रेलवे ने 25 मार्च 2015 को एआरपी को 60 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन किया था।
रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर : अग्रिम आरक्षण के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, अब इतने दिन पहले होगा रिजर्वेशन

डेस्क : रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर है। रेलने ने अग्रमि आरक्षण के नियम में बड़ा बदलाव किया है। अब रेलवे में रिजर्वेशन 60 दिन पहले होगा। रेलवे बोर्ड ने सीटों की अग्रिम आरक्षण अवधि को मौजूदा 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया है। नयी व्यवस्था एक नवंबर से प्रभावी होगी। रेलवे बोर्ड के 16 अक्तूबर, 2024 की सूचना में कहा गया है कि 120 दिनों की अग्रिम आरक्षण अवधि (एआरपी) के तहत 31 अक्तूबर तक की गई सभी बुकिंग यथावत रहेंगी। रेलवे ने एआरपी में कटौती का कोई कारण नहीं बताया है। बोर्ड के अनुसार, ताज एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस आदि जैसी कुछ दिन के समय चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में कोई बदलाव नहीं होगा, जहां अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय सीमा वर्तमान में लागू है। विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा। रेलवे ने 25 मार्च 2015 को एआरपी को 60 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन किया था।
बिहार के इन तीन जिलों मे कोहराम : जहरीली शराब से अबतक 39 की मौत, कई की आंख की रोशनी गई

* डेस्क : पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में एकबाऱ फिर जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है। वहीं तीन दर्जन से ज्यादा लोग बीमार है। जिनका इलाज चल रहा है। प्रदेश के सीवान, सारण और गोपालगंज में बुधवार से जहरीली शराब पीने से मौत का शुरु हुआ सिलसिला गुरुवार को भी जारी हुआ। अबतक जहरीली शराब से मौतों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। बुधवार की सुबह से लेकर गुरुवार की शाम तक सीवान में 24 जबकि सारण में 14 लोगों की जान गई। गोपालगंज में भी शराब का सेवन करने वाले एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। अलग-अलग अस्पतालों में अभी भी 35 लोग भर्ती हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। बीते गुरुवार को सीवान में इलाजरत 11 की जान गई। सारण में शराब पीने वाले जिले के एक व्यक्ति की मौत गुरुवार को गोरखपुर में इलाज के दौरान हो गई। हालांकि, सीवान जिला प्रशासन ने 22 और सारण जिला प्रशासन ने 7 की शराब से मौत की पुष्टि की है। पीएमसीएच में 17 लोगों को भर्ती कराया गया है। सीवान में नौ, छपरा व मशरक में एक-एक, और पानापुर में सात लोगों का इलाज चल रहा है। अधिकतर की आंखों की रोशनी धुंधली हो गई है। इधर, सरकार ने इस मामले में जांच और कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक एक शराब माफिया समेत 42 लोगों को पकड़ा गया है। उत्पाद विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्रों में छापेमारी में जुटी है। डीजीपी आलोक राज ने कहा कि इस घटना में अब तक 29 की मौत की पुष्टि हुई है। सारण का मशरक और सीवान का भगवानपुर प्रखंड सबसे प्रभावित इलाका है। सरकार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया और पूरे मामले की सघन जांच चल रही है। जल्द सभी आरोपी गिरफ्त में होंगे।
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा बयान : हिंदुओं को जगाने के लिए हर कुर्बानी देने को हूं तैयार

डेस्क : बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कल शुक्रवार 18 अक्टूबर को भागलपुर से हिन्दू स्वाभिमान यात्रा शुरू करने वाले हैं। उनकी पांच दिनों की यात्रा पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज जिलों में होगी और 22 अक्टूबर को समाप्त होगी। वहीं अपनी यात्रा शुरु करने से पहले उन्होंने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंदुओं को जगाने के लिए मैं कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हूं।

हिंदू स्वाभिमान यात्रा शुरू करने के लिए गिरिराज सिंह गुरूवार को भागलपुर पहुंच गये। मीडिया से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि धन, धरती और धर्म के लिए मैंने यह यात्रा शुरू की है। पाकिस्तान में हिंदुओं की दुर्दशा देखकर मैने 2015 में इस यात्रा की परिकल्पना की थी। अब इसे पूरा करने जा रहा हूं। गिरिराज बोले- मेरी यात्रा का चुनाव से कोई लेना देना ही देश में कहीं ना कहीं चुनाव तो चलता ही रहता है। वैसे भी बिहार में एक साल बाद चुनाव होना है।

वहीं गिरिराज सिंह ने भागलपुर के बिहपुर में एक जनसभा को भी संबोधित किया। गिरिराज सिंह ने कहा है-मेरी यात्रा का विरोध करने वाले कान खोल कर सुन लें। मैं हिन्दूओं को जगाने के लिए सारी कुर्बानी देने को तैयार हूं। मैं सारी कुर्सी छोड़ दूंगा लेकिन अपनी इस यात्रा को किसी सूरत में नहीं रोकूंगा।

उन्होंने कहा कि मैंने मंत्री या सांसद-विधायक के रूप में जन्म नहीं लिया था। मैंने हिंदू के रूप में जन्म लिया था और आजीवन हिंदू ही रहूंगा। ऐसे में हिन्दूओं की रक्षा करने के लिए यात्रा पर निकला हूं। अब हिंदुत्व की रक्षा करूंगा। भले ही इसके लिए मुझे कोई भी कुर्बानी देनी पड़े। मैं सारी कुर्बानी देने को तैयार हूं।

गिरिराज सिंह ने कहा कि लोग कहते हैं कि केंद्रीय मंत्री के तौर पर आपने सर्व धर्म समभाव की शपथ ली थी। हां, मैंने शपथ लिया था। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोई मुझे मारने आयेगा तो मैं उसे छोड़ दूंगा। जो मुझे मारने आयेगा उसे मैं भी मारूंगा। चाहे वह मुसलमान की क्यों न हो। यही बात मैं हिन्दूओं को समझाने निकला हूं और मुझे किसी पद की कोई चिंता नहीं है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि मेरी यात्रा बिहार के जिन पांच जिलों में होने वाली है, वहां हिंदुओं की स्थिति बेहद खराब है। मेरी वेदना यह है कि किशनगंज में मंदिर के अंदर गाय का मांस फेंका जाता है। मुझे पीड़ा है कि किशनगंज में हिंदुओं की बेटियों को तंग किया जाता है। हम अपने अस्तित्व को बचाने के लिए यात्रा कर रहे हैं।

बता दें कि इस यात्रा पर सियासी घमासान मचा हुआ है। आरजेडी समेत सारी विपक्षी पार्टियां इस यात्रा से धार्मिक तनाव बढने का आरोप लगा रही हैं। वहीं, बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी गिरिराज सिंह की यात्रा पर विरोध जताया है। इसके बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का बयान आय़ा है कि ये गिरिराज सिंह की निजी यात्रा है औऱ पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

बेतिया आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा, कार्यकर्ताओं को दिए चुनावी टिप्स

डेस्क : बिहार में अगले साल 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से सभी पार्टियां जुट गई है। सभी पार्टी के नेताओं द्वारा प्रदेश में यात्रा कर कार्यकर्तोओं को चुनाव के लिए तैयार करने की कवायद जारी है। बिहार के सत्ताधारी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भी इनदिनों बिहार की यात्रा पर है। वे अलग-अलग जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद कर उन्हें चुनावी टिप्स दे रहे है। 

इसी कड़ी में मनीष वर्मा आज पश्चिमी चम्पारण के बेतिया पहुँचे। यहां पहुंचते ही कार्यकर्ताओं औऱ नेताओं नें उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मनीष वर्मा ने यहां पर कार्यकर्त्ता समागम में भाग लिया। 

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं की समस्याओं के निदान का भरोसा दिया। साथ ही साथ उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं को ज़रूरी टिप्स दिये। मनीष वर्मा ने एनडीए में आपसी समन्वय पर तेज़ी से काम चलने की बात कहीं।  

इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिव ने जनसुराज नेता प्रशांत किशोर पर इशारों इशारों में निशाना साधते हुए कहा की जनता तय करेगी पीके का क्या राजनीतिक मापदंड है क्योंकि पदयात्रा करते नई पार्टी जनसुराज का गठन किया गया है जो जनता के सामने है। उनके पार्टी का कोई लोकतान्त्रिक प्रणाली है भी या नहीं। इसका फ़ैसला बिहार की जनता करेगी। लोगों की जो इच्छा होंगी वहीं होगा।

इधर जेडीयू कार्यकर्ताओं ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में फ़िर से एनडीए सरकार बनाने कों लेकर एकजुटता दिखाई। ख़ासकर अल्पसंख्यक समाज के वोटरों को गोलबंद करने की कवायद तेज़ क़र दी गईं है। जेडीयू की रैली में वाल्मीकिनगर सांसद सुनील कुमार के साथ एमएलसी भीष्म सहनी औऱ विधायक रिंकू सिंह भी मौजूद रहे।

बिहार के इन पांच जिलों के DEO पर विभागिए कार्रवाई की सिफारिश, जानिए क्या है वजह

डेस्क : बिहार के बांका, जमुई, पटना, सहरसा और सिवान जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी पर विभागिए कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बताया जा रहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन समय से नहीं मिल पा रहा है। इन जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षकों का आधार वेतन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते समय पर नहीं दिए हैं। विशेष रूप से, अस्थायी शिक्षकों और अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय लंबे समय से रुका हुआ है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने बार-बार स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सभी जिलों में शिक्षकों का वेतन हर महीने के पहले हफ्ते में अवश्य दे दिया जाए। लेकिन, इन जिलों के DEO ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया। 8 अक्टूबर को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में पाया गया कि कई जिलों में सितंबर महीने का वेतन अभी तक नहीं दिया गया था। इसके बाद संबंधित अधिकारियों को 9 अक्टूबर तक वेतन वितरण करने का आदेश दिया गया था। हालांकि, 15 अक्टूबर को हुई एक और बैठक में पता चला कि कई जिलों में, खासकर बांका, जमुई, पटना, सहरसा और सिवान में, वेतन भुगतान अभी भी लंबित है।

वेतन भुगतान में इस तरह की देरी के कारण शिक्षकों और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। कई शिक्षक परिवारों के पालन-पोषण के लिए कर्ज लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे न केवल उनका मनोबल गिर रहा है बल्कि उनके कार्य पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्दार्थ इस लापरवाही से काफी नाराज है। विभाग ने इन जिलों के DEO के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है। साथ ही, विभाग यह भी जांच कर रहा है कि आखिर क्यों इन जिलों में वेतन भुगतान में इतनी देरी हो रही है। क्या यह तकनीकी समस्या है, वित्तीय अड़चन है, या फिर प्रशासनिक लापरवाही? भविष्य में इस तरह की स्थिति न आए, इसके लिए शिक्षा विभाग कुछ कड़े कदम उठाने की योजना बना रहा है। इसमें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ वेतन भुगतान की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के उपाय भी शामिल हैं।

जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक की, अधिकारियों को दिए यह सख्त निर्देश

डेस्क : बिहार में एकबार फिर जहरीली शराब के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत का मामला सामने आया है। प्रदेश के सीवान और सारण जिले में पिछले 48 घंटों के दौरान जहरीली शराब कम से कम 27 लोगों की मौत की खबर है। वहीं दर्जनों लोगों के अभी भी बीमार हालत में अस्पताल में दाखिल होने की बातें सामने आई हैं।

इधर इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गुरुवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। समीक्षा के पश्चात् मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि वे घटनास्थल पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी लेकर सभी बिन्दुओं पर सघन जांच करें। मुख्यमंत्री ने ए०डी०जी० (प्रोहिबिशन) की पूरी टीम को घटनास्थल पर जाकर उसकी सघन जांच कर इस कांड में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि पूरे घटनाक्रम की अपने स्तर से लगातार मॉनीटरिंग करते रहें और इस घटना के लिये जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने राज्य के लोगों से अपील करते हुये कहा कि शराब पीना बुरी बात है, यह लोगों को समझना चाहिये। शराब पीने से न सिर्फ स्वास्थ्य खराब होता है बल्कि परिवार और समाज में अशांति का माहौल भी उत्पन्न होता है। राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है। इसका सभी लोग पालन कर रहे हैं। कुछ असमाजिक तत्व समाज में अशांति पैदा करना चाहते हैं, उनसे लोग सतर्क रहें।

गौरतलब है कि छपरा और सिवान के 16 गांवों में जहरीली शराब का कहर टूटा है। दावा किया गया है कि भगवानपुर हाट मेले में बेची गई स्प्रिट से बनी शराब को पीकर लोग बीमार हुए। वहीं दो गांवों में मछली पार्टी भी हुई ओर लोगों ने शराब भी पी। बाद में बुधवार को कई लोगों की तबीयत बिगड़ी और मीडिया रिपोर्ट में 27 लोगों ने अब तक दम तोड़ दिया है। वहीं 19 लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। कई लोगों की आंखों की रौशनी चली गई है। घटना के बाद छपरा के मशरक थानाध्यक्ष सहित 5 पुलिसवालों को सस्पेंड किया गया है।

बिहार विस उपचुनाव से जन सुराज ने अपनी राजनीतिक पारी का किया शुरुआत, तरारी विधानसभा सीट से इन्हें बनाया अपना उम्मीदवार

डेस्क : राजनीतिक रणनीतिकार से राजनीतिज्ञ बने प्रशांत किशोर ने बीते 2 अक्टूबर को अपनी पॉलिटकल पार्टी जन सुराज का एलान किया था। वहीं अब बिहार विधान सभा के 4 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव से जनसुराज ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत कर दी है।

जन सुराज ने तरारी विधानसभा क्षेत्र से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। बुधवार को पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती ने जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर की उपस्थिति में इसकी घोषणा की। तरारी में 13 नवंबर को विधानसभा का उपचुनाव है। पार्टी शीघ्र ही तीन अन्य सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।

लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह भोजपुर जिले के तरारी प्रखंड करथ गांव के रहने वाले हैं। मौके पर प्रशांत किशोर ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह बिहार के उन दो वरीय सैन्य अधिकारियों में शामिल हैं, जो वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बने। इसके पहले एसके सिन्हा को यह गौरव प्राप्त है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि इनसे बेहतर कोई उम्मीदवार होगा तो वे अपनी गलती मान लेंगे और उसका समर्थन करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि 243 विधानसभा सीटों पर भी वे ऐसे ही उम्मीदवार देंगे। लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को अति विशिष्ट सेवा पदक के साथ उत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों का या तो नेतृत्व किया है। श्री सिंह ने कहा कि अब अपने गांव के लिए काम करना चाहता हूं।

देश का पहला राज्य होगा बिहार, जहां एकसाथ तीन ट्रांसजेंडर को मिलेगा दारोगा पद का नियुक्ति पत्र

डेस्क : बिहार में पहली बार ट्रांसजेंडर पुलिस अवर निरीक्षकों को भी इस मौके पर नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा। इनमें एक ट्रांसवुमेन और दो ट्रांसमेन शामिल हैं। मानवी मधु कश्यप पहली ट्रांसवुमेन हैं जो दारोगा बनीं है। जबकि, रोनित झा और बंटी कुमार ट्रांसमेन है। देश में बिहार पहला राज्य होगा, जहां तीन ट्रांसजेंडरों को एक साथ दारोगा पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के नवनियुक्त 1239 पुलिस अवर निरीक्षकों (दारोगा) को नियुक्ति पत्र देंगे। गृह विभाग एवं पुलिस मुख्यालय की ओर से 21 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गांधी मैदान स्थित बापू सभागार में इस कार्यक्रम का आयोजन होगा।

इस मौके पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरिवंद कुमार चौधरी, राज्य के पुलिस महानिदेशक आलोक राज सहित पुलिस मुख्यालय के वरीय पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।