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राष्ट्रीय सेवा योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए विद्यार्थियों की भीड़ उमड़ी

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की कुल 13 इकाइयां क्रियाशील है और इन 13 इकाइयों के लिए रजिस्ट्रेशन का कार्य आज दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को गूगल फॉर्म के माध्यम से प्रारंभ किया गया । जैसे ही नामांकन का कार्य प्रारंभ हुआ क्रमश: विद्यार्थियों की भीड़ बढ़ती चली गई।

राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रति बढ़ती हुई उत्सुकता के संदर्भ मे कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सत्यपाल सिंह ने बताया की राष्ट्रीय सेवा योजना विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के ऊपर कार्य करता है, और मेरा लक्ष्य गोरखपुर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना को राष्ट्रीय शिखर तक पहुंचाने का है। यह एक ऐसा माध्यम है जहां से विद्यार्थियों को अपने अंदर की प्रतिभा को निखारने का निरंतर अवसर प्राप्त होता रहता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से विद्यार्थियो को स्थानीय स्तर पर लगने वाले सामान्य व विशेष शिविरों के साथ ही साथ राष्ट्रीय स्तर पर लगने वाले राष्ट्रीय एकीकरण शिविर (एन.आई.सी), साहसिक कार्यक्रम, गणतंत्र दिवस परेड शिविर, राष्ट्रीय युवा सप्ताह शिविर , स्वतंत्रता दिवस शिविर आदि में प्रतिभा करने का अवसर प्राप्त होता हैं।

इन शिविरों में भारतवर्ष के कोने-कोने से स्वयंसेवक आते है और अपने विश्वविद्यालय तथा अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। राष्ट्रीय स्तर के इन शिविरों के लिए लगातार चयन भी चल रहा है। अभी विगत 4 अक्टूबर 2024 को 26 जनवरी 2025 मे प्रतिभाग करने हेतु कुल 10 स्वयंसेवकों का चयन किया गया है, ये चयनित स्वयं सेवक 10 नवंबर से पटना में लगने वाले प्री.आर.डी. शिविर में प्रतिपादन करेंगे।

पहले ही दिन कुल 253 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय सेवा योजना में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, यह संख्या उम्मीद से तीन गुना से भी अधिक है।

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच हुआ एम ओ यू

गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर एवं सी.एस.आई.आर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर हिमाचल प्रदेश के बीच एम ओ यू हुआ है । इस एम ओ यू की पहल वनस्पति विज्ञान की ओर से की गयी, इसके अंतर्गत अकादमिक क्षितिज को व्यापक बनाने और अनुसंधान आउटपुट को बढ़ाने एवं अनुसंधान परियोजनाओं, वैज्ञानिक, शिक्षक और छात्र इंटर्नशिप कार्यक्रमों, विशेष संसाधनों तक पहुंच आदि जैसे अवसरों की आशा करते हैं, जो दोनों संस्थानों के विकास में बहुत योगदान देंगे और हमारी शैक्षणिक प्रतिष्ठा को बढ़ाएंगे।

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन की मौजूदगी में वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार द्विवेदी, प्रो. पूजा सिंह, प्रो. वी. एन. पाण्डेय एवं डॉ रामवंत गुप्ता, एवं वनस्पति विज्ञानं के समस्त शिक्षक की उपस्थिति रही तथा उरकफ-कऌइळ के तरफ से उनके निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव तथा प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सुखजिंदर एवं डॉ विकास कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में एम ओ यू की प्रक्रिया पूरी की गई ह्ण।

विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार द्विवेदी ने प्रस्तावित एमओयू के उद्देश्य और कार्यक्षेत्र को रेखांकित किया तथा बताया की इसका उद्देश्य पारस्परिक हित के क्षेत्रों (जैव विविधता, जैव प्रौद्योगिकी, जैव सूचना विज्ञान, पादप प्रणाली विज्ञान, पारिस्थितिकी, रासायनिक विज्ञान, आहार विज्ञान और पोषण, पर्यावरण विज्ञान, आणविक जीव विज्ञान, कृषि विज्ञान या किसी अन्य क्षेत्र/अनुशासन) में सहयोग को बढ़ावा देना है एवं मुझे विश्वास है कि यह सहयोग हमारे संस्थान के शैक्षणिक और अनुसंधान प्रयासों के लिए एक मूल्यवान योगदान होगा।

जाने क्या है सुपर हंटर मून

गोरखपुर। वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला ( तारामण्डल) गोरखपुर के एजुकेटर खगोल विज्ञान ( खगोलविद ) अमर पाल सिंह ने बताया कि पूर्ण सुपरमून आने वाला है। यह सुपर हंटर मून होगा और 2024 का सबसे निकटतम पूर्ण सुपरमून होगा।

वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला ( तारामण्डल) गोरखपुर द्वारा शरद पूर्णिमा के अवसर पर नक्षत्र शाला कैंपस में जन सामान्य हेतु सूर्य दर्शन एवं रात्रि आकाश दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा । यह कार्यक्रम पूर्णतय: निःशुल्क होगा और खगोल विज्ञान के हिसाब से कल का चंद्रमा सुपर मून कहलायेगा । जैसा कि नक्षत्र शाला द्वारा समय - समय पर आकाश में घटित होने वाली विभिन्न खगोलीय घटनाओं को जनसामान्य हेतु निःशुल्क आयोजित किया जाता है । इस अवसर पर नक्षत्रशाला, गोरखपुर द्वारा विभिन्न टेलिस्कोप स्थापित किये जायेंगे ।

क्यों कहा जाता है इसे सुपर मून

इसके बारे में खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इसके पीछे एक इतिहास है,

इतिहास : प्रथ्वी के सबसे करीब की पूर्णिमा को सुपर मून कहा जाता है , सुपरमून शब्द का सर्वप्रथम खगोलिकी की शब्दावली में इस्तेमाल प्रसिद्ध खगोल शास्त्री सर रिचर्ड नोले ने वर्ष 1979 में किया था । नोले की परिभाषा के अनुसार, सुपर मून पूर्णिमा एवं अमावस्या दोनों दिनों पर पड़ सकती है । पूर्णिमा और अमावस्या तब सुपरमून होती है जब वह पृथ्वी से अपने निकटतम बिंदु यानि पेरिगी के 90% के भीतर होती है। सुपरमून की स्थिति में चन्द्रमा अपने आकार से लगभग 14% बड़ा एवं 30% चमकीला नजर आता है । दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को रात्रि में 11:55 पर चंद्रमा पृथ्वी से सबसे करीब की स्थिति में 351519 किलोमीटर दूर होगा । अपोगी की स्थिति में यह दूरी दिनांक 30 अक्टूबर 2024 को 406161 किलोमीटर हो जाएगी

इस बर्ष कितने सुपर मून हैं

खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि

बर्ष 2024 में चार पूर्ण सुपरमून हैं जिसमे से यह तीसरा सुपरमून है । यह सुपर मून इस वर्ष का सबसे करीब का सुपरमून है ।

ऐसा कैसे होता है

खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि

चंद्रमा की पृथ्वी के चारों तरफ एक अंडाकार (दीर्घवृताकार कक्षा) है । यह पूर्णतय: गोल नहीं है । जिसके फलस्वरूप चंद्रमा प्रत्येक माह एक बार पृथ्वी के सबसे निकट और एक बार पृथ्वी से सबसे दूर होता है । जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है तो इस स्थिति को पेरिगी तथा जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है तो इस स्थिति को अपोगी की स्थिति कहते है । खगोलिकी में सुपरमून उस स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट हो और उसी समय पूर्णिमा भी हो।

वास्तव में सुपरमून को खगोलिकी में पेरिगी-सिज़ीगी मून कहा जाता है । सिज़ीगी की स्थिति में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में संरेखित हो जाते है

प्रत्येक पूर्णिमा और अमावस्या सिज़ीगी की स्थिति में ही होती है , सुपर मून काफी ज्यादा प्रभावशाली होता है। सुपर मून की स्थिति में चन्द्रमा सामान्य से ज्यादा बड़ा प्रतीत होता है। चंद्रमा का व्यास लगभग 3475 किलोमीटर है ।

पेरिगी की स्थिति में चन्द्रमा पृथ्वी से लगभग 351,000 कि.मी. (220,000) मील तक पास हो सकता है, वहीं ऐपोगी के समय की स्थिति में चन्द्रमा पृथ्वी से लगभग 410,000 कि.मी. (254,000 मील) तक दूर तक हो सकता है। क्योंकि चन्द्रमा लगातार पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है इसलिए वह हर महीने में दो बार इन स्थितियों से गुजरता है।

2024 के चार पूर्ण सुपरमून :

19 अगस्त: 224,917 मील (361,969 किलोमीटर)

18 सितंबर: 222,131 मील (357,485 किलोमीटर)

17 अक्टूबर: 222,055 मील (351,519 किलोमीटर)

15 नवंबर: 224,853 मील (361,866 किलोमीटर) ।

आॅनलाइन अटेंडस के विरोध मे सौंपा ज्ञापन

गोरखपुर।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला पर एएनएम द्वारा धरना प्रदर्शन करने के पश्चात आॅनलाइन अटेंडस के विरोध में अधीक्षक डॉ अमरेन्द्र ठाकुर को मुख्य चिकित्साधिकारी के नाम से संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से तत्काल प्रभाव से आदेश को वापस लेने की बात कही गयी।

महानिदेशक परिवार कल्याण के द्वारा आॅनलाइन अटेंडस के आदेश को वापस नहीं लिए जाने के विरोध में एएनएम के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से एएनएम द्वारा आॅनलाइन फीडिंग को लेकर विरोध प्रकट किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत कार्यरत सभी एएनएम ने चेतावनी दी है कि अगर आदेश समय अंतर्गत वापस नहीं लिया गया तो आगामी किसी भी दिवस में सभी एएनएम द्वारा टीकाकरण नहीं किया जाएगा।

आॅनलाइन कोई भी काम नहीं किया जाएगा।वहीं अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी शुरू कर दिया ज्एगा। जिससे होने वाली किसी भी कठिनाई की जिम्मेदारी आपकी व जिला प्रशासन की होगी।धरना प्रदर्शन के दौरान बबीता राय चंद्रावती देवी सत्यवती सिंह राधिका देवी निशा राय रिमा राव किरन देवी शिव कुमारी सरिता सुमन लता अमर ज्योति अन्नू राय चंदा देवी सीमा कंचन सहित समस्त एएनएम शामिल रही।

बोलेरो की ठोकर से बाइक सवार की मौत, केस दर्ज

खजनी गोरखपुर। सरयां तिवारी गांव के समीप स्थित नवनिर्मित लिंक एक्सप्रेस-वे पर तेज गति से आ रही बोलेरो ने बाइक सवार को पीछे से ठोकर मार दी हादसे में बाइक सवार युवक की मौत हो गई।

आज सबेरे 11.30 बजे खजनी थाना क्षेत्र के भरोहियां गांव के निवासी स्वर्गीय राजकुमार तिवारी के पुत्र अश्वनी तिवारी 54 वर्ष अपनी बाइक से जा रहे थे। पीछे से तेज रफ्तार से आ रही बोलेरो यूपी 53 डीके 5959 ने बाइक में ठोकर मार दी हादसे में गंभीर रूप से घायल बाइक सवार युवक की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर लोगों की भीड़ लग गई, सूचना पर पहुंची खजनी पुलिस ने तत्काल शव को कब्जे में लेकर पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिले पर भेज दिया।

साथ ही थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा के निर्देश पर आरोपित अज्ञात बोलेरो चालक के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 398/2024 के तहत बीएनएस की धाराओं 281, 125 (बी),106(1) में केस दर्ज कर लिया गया है। खजनी पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।

पत्रकार हित में समर्पित है सरकार-प्रदीप शुक्ल (विधायक)

खजनी गोरखपुर। विभिन्न चुनौतीयों का सामना करते हुए भी पत्रकार और पत्रकारिता समाज को जागरूक और सकारात्मक दिशा देने में अहम भूमिका निभा रही है। प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ के साथ मैं स्वयं भी पत्रकारों के हितों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध हैं।

उक्त विचार सहजनवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रदीप शुक्ल ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। डायनामाइट न्यूज चैनल के 9 वें स्थापना दिवस के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने 9 वें स्थापना दिवस के आयोजन की बधाई दी तथा कोरोना काल की आपदा को याद करते हुए पत्रकारों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सशक्त समाज और सामाजिक हितों के लिए पत्रकारों का अमूल्य योगदान रहा है। हमारी सरकार सदैव पत्रकारों का सम्मान करती रही है।

इस अवसर पर आयोजित "पत्रकार और उनकी वर्तमान चुनौतियां" विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी पर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के तहसील अध्यक्ष राम अशीष तिवारी, डायनामाइट न्यूज के जिला ब्यूरो राजीव चतुवेर्दी, विशिष्ठ अतिथि भाजपा मंडल अध्यक्ष धरणीधर राम त्रिपाठी, प्रीति शुक्ला, समाजसेवी अमित सिंह उनवल नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि उमेश दूबे उर्फ मिंटू ने अपने विचार प्रस्तुत किए। संयोजक एवं व्यवस्थापक शत्रुघ्नमणि तिवारी ने सभी के प्रति आभार जताया कार्यक्रम का संचालन अर्द्धचंद्रधारी त्रिपाठी ने किया तथा अध्यक्षता ग्रापए के संरक्षक उमेश तिवारी ने अपने संबोधन में पत्रकारों की भूमिका और खबरों की सूचिता पर प्रकाश डाला।

इससे पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण पुष्पार्चन और दीप जलाकर आयोजन की शुरूआत की गई। कार्यक्रम को युवा समाजसेवी रामजी वर्मा, राजकुमार आर्य, हिमांशु शुक्ला, गजेंद्र राम त्रिपाठी आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर संतोष राम तिवारी, हृदय नारायण पाण्डेय, कृष्ण कुमार उर्फ कौशल सिंह, लक्ष्मी नारायण राय, राजाराम यादव, मनीष कुमार, दयानंद पासवान, मनोज यादव समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।

डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में मनुपात्रा आनलाइन लीगल डाटाबेस का वर्कशाप सम्पन्न

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के केन्द्रीय ग्रंथालय एवं विधि संकाय के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 16 अक्टूबर, 2024 को मनुपात्रा आनलाइन लीगल डाटाबेस के उपयोग के सम्बन्ध में एक कार्यशाला का आयोजन संवाद भवन में सकुशल सम्पन्न हुआ। इस कार्यशाला का शुभारम्भ प्रो0 पूनम टंडन, कुलपति द्वारा किया गया। डा0 बिभाष कुमार मिश्रा, विश्वविद्यालय ग्रंथालयी ने मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय द्वारा मनुपात्रा आनलाइन डाटाबेस के उपयोग करने एवं विद्यार्थियों को भरपूर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।

विद्यार्थियों की भारी संख्या में प्रतिभागिता को देखते हुए कुलपति ने अपने उद्बोधन में आगे से इस कार्यक्रम को दीक्षा भवन में कराने हेतु निर्देशित किया तथा लाइब्रेरी हेतु एक नये भवन, विधि विभाग हेतु एक नये भवन तथा एक बड़े हाल के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने विधि विभाग के एलएल.बी., बी.ए.एलएल.बी., एलएल.एम. के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए मनुपात्रा लीगल डाटाबेस को काफी उपयोगी बताया तथा इसका अधिक से अधिक उपयोग करने पर बल दिया।

मनुपात्रा कम्पनी के वरिष्ठ प्रबन्धक, श्री अमरेन्द्र सिंह ने मनुपात्रा डाटाबेस के उपयोग के सम्बन्ध में आनलाइन एक्सेस के माध्यम से सुप्रिम कोर्ट एवं सभी हाई कोर्ट के जजमेन्ट्स एवं आदेशों, नेशनल एवं इंटरनेशनल डाटाबेस, जर्नल्स, व्यवसायिक एवं आद्योगिक नीति माड्यूल्स, कापोर्रेट ला एवं टेक्सेशन, नोटिफिकेशन एवं सर्कुलर्स, बार एक्ट रूल्स एवं रेगुलेशन्स, कोर्ट फीस, स्टैम्प ड्यूटी, कमेटी रिपोर्ट, अकादमिक ई-बुक्स, कम्पेयर प्रोवीजन्स, लीगल डिक्शनरी, लीगल टेक्सोनामी आदि को सर्च करने, डाउनलोड कर अध्ययन करने तथा अपने कैरियर में कोट करने पर विस्तार से ट्रेनिंग दी। उन्होंने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के जिज्ञासाओं एवं शंकाओं का समाधान भी किया।

प्रो0 अहमद नसीम, अधिष्ठाता, विधि संकाय ने भी मनुपात्रा डाटाबेस को अध्ययन एवं शोध कार्य के लिए काफी उपयोगी बताया तथा इसका अधिक से अधिक उपयोग करने हेतु विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा शिक्षकों को प्रोत्साहित किया। आभार ज्ञापन प्रो0 जितेन्द्र मिश्र, समन्वयक, बी0ए0एलएल0बी0 द्वारा किया गया तथा मंच का संचालन डा0 त्रियुगी नारायण मिश्रा ने किया। इस कार्यशाला में विधि विभाग के शिक्षकगण, केन्द्रीय ग्रंथालय के कर्मचारीगण तथा भारी संख्या में विधि विभाग के विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

आठ संचारी और तीन गैर संचारी बीमारियों के मरीज ढूंढ कर होगा इलाज

गोरखपुर, जिले में ग्यारह अक्टूबर से शुरू हुए दस्तक अभियान के दौरान आठ संचारी और तीन गैर संचारी बीमारियों के मरीजों को खोजने के लिए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम घर घर जा रही हैं। वह लोगों से बीमारी के लक्षणों के बारे में जब भी चर्चा करें, उनसे खुल कर अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में बताएं। उनकी मदद से इन मरीजों की शीघ्र पहचान कर इलाज करने पर जोर है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी।

उन्होंने बताया कि शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई), क्षय रोग (टीबी) लिम्फेटिक फाइलेरिया (एलएफ), कुष्ठ और कालाजार जैसे संचारी रोगों के साथ साथ शुगर, बीपी, ओरल कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मरीजों को ढूंढा जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में करीब चार हजार आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम को घर घर जाने का निर्देश और प्रशिक्षण दिया गया है । वह लोगों से इन बीमारियों के लक्षणों के बारे में चर्चा करेंगी और अगर किसी के भीतर लक्षण मौजूद है तो उसे शीघ्र इलाज के लिए अस्पताल जाने के संबंध में प्रेरित करेंगी। जिन घरों में पंद्रह वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं वहां जनजागरूकता संबंधी स्टीकर भी लगाए जाएंगे।

डॉ दूबे ने बताया कि तीस वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों की शुगर, बीपी और कैंसर के संबंध में स्क्रीनिंग की जा रही है और इसके आधार पर आशा कार्यकर्ता को सीबैक फार्म भरना है। प्रत्येक आशा को प्रतिदिन पांच सीबैक फार्म भरना है । अपने क्षेत्र के सभी लाभार्थियों को उन्हें ई कवच पोर्टल पर अपडेट भी करना है। मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना के स्तर से इस कार्यक्रम की नियमित समीक्षा की जाएगी। जो लोग इन गैर संचारी रोगों से पीड़ित पाए जाएंगे उनके इलाज के साथ साथ उनका फॉलो अप भी किया जाएगा। साथ में प्रचार प्रसार की गतिविधियों पर भी विशेष जोर रहेगा।

दिया गया है प्रशिक्षण

शहरी बाल विकास परियोजना में मुख्य सेविका मोहित सक्सेना का कहना है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र के दिशा निर्देशों के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने दस्तक अभियान का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह आशा कार्यकर्ता के साथ हर घर का भ्रमण कर रही हैं। साथ ही अभियान के दौरान वह अति कुपोषित बच्चों को भी ढूंढ रही हैं और उन्हें सेवाएं दे रही हैं।

इन लक्षणों से होती है पहचान

 बुखार के साथ कंपकपी या जाड़ा मलेरिया के लक्षण हैं।

 बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते पड़ना, रक्तस्राव, आंखों के पीछे दर्द के साथ बुखार डेंगू के लक्षण हैं

 बुखार के साथ जोड़ो में दर्द चिकनगुनिया का लक्षण हैं

 बुखार के साथ बेहोशी या झटके आना जापानीज इंसेफेलाइटिस के लक्षण हैं

 दो सप्ताह से अधिक की खांसी, वजन कम होना, बलगम में खून आना टीबी के लक्षण हैं

 किसी अंग में लंबे समय तक सूजन, त्वचा का मोटा होना व हाइड्रोसील फाइलेरिया के लक्षण हैं

 दो सप्ताह से अधिक का बुखार कालाजार का लक्षण है

 त्वचा के रंग से हल्के सुन्न दाग धब्बे कुष्ठ रोग के लक्षण हैं

बनाई जाएगी आभा आईडी

सीएमओ ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता को परिवार के प्रत्येक सदस्य की आभा आईडी भी बनानी है। इसके लिए लाभार्थी को अपना आधार नंबर बता कर सहयोग करना होगा।

ग्यारहवीं शरीफ : हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी की याद में निकाला जुलूस, पढ़ी फातिहा

गोरखपुर। हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमा (गौसे आज़म) का उर्स-ए-पाक ‘ग्यारहवीं शरीफ’ के रूप में अदबो-एहतराम के साथ मनाया गया। मदरसा, मस्जिद व घरों में फातिहा हुई। महफिल-ए-ग़ौसुलवरा का आयोजन हुआ। सुबह फज्र की नमाज़ के बाद फातिहा का सिलसिला शुरू हुआ जो पूरे दिन चलता रहा। कई जगह लंगर भी बांटा गया। गौसे आज़म फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष समीर अली, हाफिज मो. अमन, मो. फैज, रियाज़ अहमद, मो. जैद, मो. जैद कादरी, अहसन खान, अमान अहमद, वसीम अहमद, अब्दुर्हमान आदि ने दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद नार्मल के पास गरीबों में फल बांटा।

वहीं फैजाने गौसिया नौजवान कमेटी की ओर से अहमदनगर चक्शा हुसैन से जुलूस-ए-गौसिया निकाला गया। जो जुमनहिया बाग, जाहिदाबाद, गोरखनाथ, अंसारी रोड, हुमायूंपुर होता हुआ नूरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन पर समाप्त हुआ। जुलूस में इस्लामी परचम, मस्जिद-ए-अक्सा का माडल, नात व मनकबत पढ़ते युवा आकर्षण का केंद्र रहे। जुलूस समापन पर महफ़िल हुई। कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। शीरीनी बांटी गई। जुलूस में मौलाना शादाब अहमद रजवी, मो. दानिश रजवी, सिमनान रजवी, हैदर हसन, मो. फैसल, फैजान रजवी, शहान, सूफियान, शान, मुनाजिर हसन, अफरोज कादरी, अजीम अहमद, सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

बसंतपुर में महफिल-ए-गौसे आज़म हुई। जिसमें कारी मोहम्मद अनस रजवी ने कहा कि अल्लाह के वलियों में सबसे ऊंचा मर्तबा हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी (गौसे आज़म) का है। हमारे औलिया किराम व मशायख जिस रास्ते से गुजरे उन रास्तों में तौहीद व सुन्नत-ए-नबी का नूर व खुशबू फैल गई। हिन्दुस्तान में ईमान व दीन-ए-इस्लाम हमारे इन्हीं बुजुर्गों, औलिया व सूफिया के जरिए आया। ऐसे लोग जिनके चेहरों को देखकर और उनसे मुलाकात करके लोग ईमान लाने पर मजबूूर हो जाते थे। हमें भी इनकी शिक्षाओं पर पूरी तरह से अमल करना चाहिए। जिससे हमें दुनिया व आखिरत की कामयाबी मिलेगी।

मौलाना महमूद रज़ा कादरी व हाफिज अशरफ रज़ा इस्माईली ने कहा कि हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमा नबियों के सच्चे जानशीन हैं। इस्लाम व ईमान की रोशनी इन्हीं के जरिए से हम तक पहुंची है। अंत में कुल शरीफ की रस्म अदा कर मुल्क व मिल्लत के लिए दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। बड़गो में जलसा-ए-गौसुलवरा का प्रोग्राम हुअा। जिसमें उलमा किराम ने हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी की जिंदगी पर रोशनी डाली।

कम लागत की वैज्ञानिक तकनीकी से खेती कर बढ़ाएं उत्पादन: दिवाकर

गोरखपुर। देश की बढ़ती जनसंख्या घटते क्षेत्रफल के कारण आज देश के हर नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए अधिकतम खाद्यान्न उत्पादन की आवश्यकता है ।देश में अधिकतम उत्पादन के लिए किसान भाई आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग और उन्नतशील बीज संतुलित उर्वरक वैज्ञानिक तकनीकी और सरकार की कृषि उपयोगी योजनाओं का उपयोग कर खेती कर देश को आत्मनिर्भर बनाएं।

उक्त जानकारी गोला विकास खंड परिसर में कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित कृषि गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि खंड विकास अधिकारी दिवाकर सिंह ने दी। मुख्य अतिथि क्षेत्र पंचायत प्रमुख कुसुमावती देवी ने किसान भाइयों से अपील किया कि सरकार की योजनाओं वैज्ञानिक तकनीकी का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाने में सहयोग करें।गोष्ठी में उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बद्री नारायण तिवारी शस्य वैज्ञानिक पीजी कॉलेज बड़हलगंज डॉ वीरभद्र तिवारी पुर्व अपर जिला कृषि अधिकारी राम अधार यादव ने पशुपालन टीकाकरण संतुलित पशु आहार मृदा परीक्षण बीज का चुनाव और शोधन कृषि यंत्रों की खेती में उपयोगिता फसल अवशेष प्रबंधन फसल बीमा कृषि वैज्ञानिक तकनीकी फसल सुरक्षा आदि पर विस्तार से दी जानकारी।

अरुणाकर सिंह राज नरायन भगवान दास बृजेंद्र शेषनाथ अनुराग आर्या ने खेती की तकनीकी कृषि निवेश की व्यवस्था प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि आदि की दी जानकारी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने 25 किसान भाइयों को सरसों के मिनी किट को निशुल्क दिया।अध्यक्षता खंड विकास अधिकारी दिवाकर सिंह और संचालन राजनरायन बीज भंडार प्रभारी और धन्यवाद ज्ञापन आलोक राय ने किया। इस अवसर पर सुसमा सिंह राधिका मौर्या निशा मौर्या फूलमती सावित्री घनश्याम अमृत सिंह प्रेम सागर रमेश दुबे नागेंद्र कुमार देव नाथ बसंत कुमार रामनिवास महेंद्र सिंह सहित अधिक संख्या में जनप्रतिनिधि एवं किसान गण मौजूद रहे।