सूपर्णखा की नाक कटते ही रावण कुल में मची खलबली, लगे जय श्रीराम के जयकारे
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। माहुल नगर में आठ अक्तूबर से चल रही रामलीला के सातवें दिन सोमवार रात सुपर्णखा नक्कटैया और सीताहरण की लीला का जीवंत मंचन किया गया।इस ऐतिहासिक लीला को देखने के लिए पूरा पंडाल खचाखच भरा रहा।
श्रीराम जानकी रामलीला समिति माहुल के मंच पर जब वन में राम लक्ष्मण सीता को देखने के बाद सुपर्णखा भगवान राम पर मोहित हो गई और उनसे प्रणय आग्रह करने लगी।जब वे नहीं माने तो सुपर्णखा ने यह सोचा कि मैं सीता जी का भक्षण कर लू तब ये लोग मानेंगे और वह अपनी मोहिनी रूप को छोड़ कर राक्षसी रूप में आकर जैसे ही सीता जी की तरफ दौड़ी लक्ष्मण ने उसकी नाक को काट दिया।नाक कटते ही वह करुण क्रंदन करते हुए वह खर और दूषण के पास गई।
तब खर ने कहा अच्छा भगिनी ये बता किसने काटा नाकों कान ।जब सुपर्णखा ने बताया कि दो बनवासी ने ये उसकी हालत की है जिसे सुनते ही खर दूषण राम और लक्ष्मण को मारने के लिए आया जहां राम ने इन दोनों का बध कर दिया।
खर दूषण के के मरने के बाद सुपर्णखा लंका में जा कर सारी बातें रावण को बताई।उसके बाद रावण ने छल करके सीता जी का हरण कर लिया।रामलीले की शुरूआत वैश्य समाज के तहसील अध्यक्ष सुजीत जायसवाल आंसू ने किया। इस मौके पर गोपाल चंद अग्रहरी,अखिलेश अग्रहरी,तालुकदार यादव,रमेश आदि रहे।
Oct 15 2024, 17:40