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रांची में विजयादशमी धू-धूकर जला 70 फीट का रावण, सीएम हेमंत सोरेन पहुंचे कार्यक्रम में


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : शारदीय नवरात्र की समाप्ति के बाद आज विजयादशमी के मौके पर देशभर में रावण दहन का कार्यक्रम हुआ। वहीं पंजाबी हिंदू बिरादरी द्वारा मोरहाबादी मैदान में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला का कार्यक्रम किया गया। लोग बुराई पर अच्छाई की जीत और असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयदशमी बना रहे हैं। इसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सम्मिलित हुए। 

रांची के मोरहाबादी मैदान में रावण सहित तीन पुत्रों को लगाया गया जिसमें रावण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट, कुंभकरण के पुतले की ऊंचाई 65 फीट और मेघनाथ के पुतले की ऊंचाई 60 फीट थी। मोरहाबादी मैदान में शाम 4:00 बजे से ही इस बार उत्तर प्रदेश के कलाकारों की ओर से जीवंत झांकी निकाली गई। इतना ही नहीं, पायरो फायर वर्क्स मुंबई और कोलकाता की टीम की आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र रहा। यह मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रहे, साथ में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहेंगे। इस वर्ष लंका दहन कार्यक्रम के दौरान 30×30 का स्वर्ण नगरी बनाया गया, जिसका दहन रामभक्त हनुमान रूपी कलाकार ने किया।

पंजाबी हिन्दू बिरादरी द्वारा मोरहाबादी में आयोजित दशहरा एवं लंका दहन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रावण के पुतले का दहन किया। वहीं, रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ कुंभकर्ण और पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक सीपी सिंह मेघनाथ का पुतला दहन किया।

बता दे राजधानी रांची समेत 8 जगहों पर रावण दहन होता है। मोरहाबादी मैदान, अरगोड़ा, हुंडरू मैदान, नामकुम के सिदरौल, टाटीसिल्वे मैदान, शालीमार मैदान एचइसी, झखड़ाटांड़ व महादेव टंगरा में रावण दहन का कार्यक्रम होता है।

बोकारो स्टील प्लांट के एक DGM की कार दुर्घटनाग्रस्त होकर तालाब में गिरी, डूबने के कारण हुई मौत

झा.डेस्क

बोकारो: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के बोकारो स्टील प्लांट से दुखद खबर आ रही है। एक डीजीएम की सड़क हादसे में मौत हो गई है।

 तालाब में कार गिरने की वजह से डीजीएम खुद को बचा नहीं सके, जबकि कार में सवार बेटा किसी तरह गेट खोलकर बाहर निकलने में सफल हो गया।

मौत की खबर लगते ही प्लांट से लेकर घर तक कोहराम मच गया। घटनास्थल पश्चिम बंगाल के चास एरिया के आसपास का है। 

इसलिए पोस्टमार्टम वहीं हो गया है। शव बोकारो लाया जा रहा है। अंतिम संस्कार पटना में किया जाएगा।

अंधविश्वास : सौ साल से पहले से झारखंड के एक मंदिर में लगता है भूतों का मेला, पेड़ में कील ठोक कर किये जाते हैं शैतान को कैद

झारखंड डेस्क 

पलामू :जिला मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर दूर हैदरनगर में भूतों का मेला लगता है. जहां एक ओर झारखंड में अंधविश्वास ओझा गुणी डायन के खिलाफ सख्त कानून है तो वही दूसरी ओर इस अंधविश्वास के मेले में पुलिस प्रशासन ही सुरक्षा मुहैया करती है. 

कभी किसी अधिकारी ने इस मेले में चिकित्सा कैंप लगवाने का प्रयास नहीं किया. अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने वाली किसी संस्था ने यहां जागरूकता अभियान नहीं चलाया. ऐसा भी नहीं है कि हैदरनगर देवी धाम आने वाले सभी अंधविश्वासी हैं. इसमें बड़ी संख्या मां भगवती में आस्था रखने वाले पूजा-पाठ करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की है.

सौ साल से पहले से ही होता आ रहा मेले का आयोजन

भूतों का मेला साल में दो बार शारदीय नवरात्र व चैत नवरात्र में लगता है. आज साइंस के युग में भूत-प्रेत अंधविश्वास है. लेकिन इस भूत मेले में पहुंचने वाले लोगों की आस्था देखकर कोई भी हैरान हो सकता है. हजारों लोग नवरात्र के दौरान प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए हैदरनगर के देवी धाम पहुंचते हैं. 

पुजारी ने बताया कि सौ साल से अधिक समय से हैदरनगर देवी धाम मंदिर परिसर में मेले का आयोजन होता आ रहा है. इस मेले में बिहार, यूपी, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा व पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग पंहुचते हैं. उनकी आस्था हैदरनगर के देवी धाम मंदिर से जुड़ी हुई है.  

पूरे नौ दिनों तक लगता है मेला 

बता दें कि, नवरात्र के दौरान पूरे नौ दिनों तक हैदरनगर देवी धाम मंदिर परिसर में भूत मेला का आयोजन किया जाता है. प्रथम दिन से महानवमी तक लगने वाले इस मेले में श्रद्धालुओं के अलावा कथित भूत-प्रेत बाधा से पीड़ित लोग भी आते हैं. ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की अधिक संख्या इन्हीं की रहती है. भूत मेले की कुछ ऐसी तस्वीरें निकल कर सामने आती है कि किसी के भी रौंगटे खड़े हो सकते हैं. 

प्राचीन पेड़ में कील ठोक कर किया जाता है भूत-प्रेतों को कैद

हैदरनगर देवी धाम परिसर में एक प्राचीन पेड़ मौजूद है. इस पेड़ में हजारों की संख्या में कील ठोके हुए हैं. मान्यता है कि इन कील में भूत-प्रेतों को कैद किया गया है. पूरे नौ दिनों तक देवी धाम परिसर में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जमा रहती है. मध्य प्रदेश के सिंगरौली से झाड़-फूंक कराने हैदरनगर आए व्यक्ति ने दावा किया कि प्रेत बाधा होती है, जिसे यहां दूर किया जाता है. प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए अलग-अलग फीस लगती है. 

24 घंटे रहती है महिलाओं की भीड़


हैदरनगर देवी धाम परिसर में हजारों की संख्या में लोग प्रेत बाधा से मुक्ति की कामना को लेकर पहुंचते हैं. मेला परिसर में चारों तरफ टेंट और तंबू नजर आता है. शारदीय नवरात्र बरसात के बाद ही आता है. इस लिए इस मेला में आने वाले लोगों को काफी कठिनाई होती है. नौ दिनों तक देवी मां की आराधना होती है. इस मौके पर ओझा गुणियों द्वारा झाड़-फूंक किया जाता है. मेले में हजारों की संख्या में महिलाओं की भीड़ 24 घंटे जमा रहती है. 

देवी धाम में पूजा करने के बाद मजार पर किया जाता है फातेहा


बिहार के रोहतास निवासी रविंद्र कुमार बताते हैं कि, वह पिछले आठ वर्षों से यहां लगातार आ रहे हैं. प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए वह हर वर्ष हैदरनगर आते हैं. देवी मां की आराधना के बाद उनके परिवार में खुशहाली आई है. वहीं, मंदिर के मुख्य पुजारी त्यागी महाराज बताते हैं कि हैदरनगर में देवी मां की आराधना से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. हैदरनगर देवी धाम परिसर एकता व आपसी सौहार्द की मिसाल है. जिस वक्त मंदिर की स्थापना हुई थी, उस वक्त से ही मंदिर परिसर में जिन्न बाबा का मजार भी है. जो लोग देवी मां की पूजा करने आते हैं, उसके बाद मजार पर फातेहा भी कराते हैं. यहां वर्षों से मुजाविर का काम करने वाले आशिक अली बताते हैं कि हर दिन सैकड़ों लोग चादरपोशी के लिए यहां पहुंचते हैं. वह कोई मीठी चीज का फातेहा भी कराते हैं.

पहले जम्होर में लगता था मेला


शारदीय और चैत नवरात्र में मंदिर प्रबंधन कमेटी को लाखों रुपये की आमदनी होती है. इन पैसों को मंदिर के विकास और भक्तों को सुविधा उपलब्ध करवाने में खर्च किया जाता है. भूत मेला को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति एक महीने पहले से तैयारी शुरू कर देती है. हैदरनगर देवी धाम परिसर में मां शीतला देवी मौजूद हैं. एक हलवाई परिवार 1887 के आसपास औरंगाबाद के जम्होर से हैदरनगर पंहुचा था. उन्होंने ही इस मंदिर में मेला शुरू कराया था. 'एक पड़ताल में पता चला कि इस तरह का मेला पहले जम्होर में लगता था. वहां के हलवाई परिवार ही झाड़-फूंक का काम करते थे. यही कारण है कि आज भी उन्हीं हलवाई परिवारों की बनाई गई चीनी की मिठाई यहां प्रसाद के रूप में इस्तेमाल होती है

रांची रिनपास में इलाजरत एक हत्यारोपी कैदी फरार, मचा हड़कंप


रांची.रिनपास में इलाजरत हत्यारोपी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा का कैदी नीतीश कुमार फरार हो गया,जिसके बाद ह्ड़कंप मच गया.आश्चर्य तो इस बात की है कि उस कैदी को भागने का पता भी नहीं चला।  

उस समय ड्यूटी पर दो आरक्षी थे. इस मामले में कांके थाने में सात अक्टूबर को सिपाही सुरेश मेहता ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। लिखा है कि वह और दूसरा आरक्षी सुनील मरांडी ड्यूटी पर थे। 6 अक्टूबर को खाने के लिए नीतीश निचले हिस्से में शाम साढ़े 6 से 9 बजे के बीच गया था। इसके बाद अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गया। ढूंढने के बाद भी नहीं मिला।

5 अक्टूबर को ही हो गया था फरार

कांके पुलिस के अनुसार, नीतीश पांच अक्टूबर को ही फरार हो गया था। छह अक्टूबर को दोनों सिपाही जब वापस ड्यूटी पर आए, तो उसे फरार देखकर उनके हाथ-पांव फूलने लगे। इसके बाद एक कहानी गढ़ कर प्राथमिकी दर्ज कराई। ताकि वे कार्रवाई से बच सकें।

31 अक्टूबर को हुआ था भर्ती

जानकारी के अनुसार, खूंटी के पिपरा गांव निवासी शिव कुमार प्रसाद का पुत्र नीतीश हत्या के आरोप में जेल में बंद था। उसको 31 अगस्त को होटवार जेल से इलाज के लिए रिनपास में भर्ती कराया गया था।

स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हेमंत सरकार ने लिया बड़ा निर्णय,झारखंड के सदर अस्पताल में फेको पद्धति से होगा आंखों की सर्जरी

झरखंड डेस्क 

झारखंड में हेमंत सरकार ने हेल्थ सिस्टम को बेहतर करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत राज्य के 20 जिलों के सदर अस्पतालों में नई तकनीक से आंखों का ऑपरेशन होगा। अब सदर अस्पतालों में फेको पद्धति से आंखों की सर्जरी की व्यवस्था की जाएगी इसके लिए फेको मशीन खरीदने का आदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिया गया है। रांची, दुमका, पलामू तथा हजारीबाग को छोड़कर सभी जिलों में फेको मशीन से सर्जरी की व्यवस्था की जाएगी।

5.19 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति

इस काम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 5.19 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति देते हुए निर्धारित राशि संबंधित जिलों के लिए जारी कर दी गई है। रांची सिविल सर्जन की रिपोर्ट पर यहां सांसद मद से खरीदी गई मशीन की दर को ही आधार बनाकर यह मंजूरी दी गई है। इसके तहत प्रत्येक मशीन के लिए 25.94 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

मरीजों को अब नहीं पड़ेगा भटकना

जिलों के सदर अस्पतालों में इस मशीन के अभाव में उच्च क्वालिटी की आंखों की सर्जरी नहीं हो पाती थी और मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता था। इस संकट को दूर करने के लिए ही सरकार ने उक्त फैसला किया है। ऑपरेशन के लिए मरीज को रांची या दूसरे शहरों में जाना पड़ता था। आप इस तरह की परेशानी खत्म हो जाएगी। इन जिलों में नेत्र चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है। नई मशीन आ जाने के बाद इन अस्पतालों में आसानी से सर्जरी होगी।

आस्था : हजारीबाग का ऐसा मंदिर जहां बिना मूर्ति के ,मिट्टी के पिंड के रूप में बिराजमान है माता, बुढ़िया माता के रूप में आज भी पूजी जाती है


झारखंड डेस्क

हजारीबाग: दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूरे देश में पूजा की जाती है. लेकिन झारखंड के हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड में स्थित बनसटांड़ का बुढ़िया माता मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है, जहां मां की पूजा बिना किसी प्रतिमा के की जाती है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां मिट्टी के पिंड के रूप में माता की आराधना की जाती है. भक्तों का मानना है कि माता के दर्शन मात्र से ही उनके कष्ट दूर हो जाते हैं. यही कारण है कि यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आकर माता के पिंड रूप के दर्शन करते हैं.

बुढ़िया माता मंदिर की अद्भुत कहानी

बुढ़िया माता मंदिर का इतिहास बेहद रहस्यमयी और अद्भुत है. मंदिर के पुजारी गौतम कुमार बताते हैं कि साल 1818 में इस क्षेत्र में हैजा महामारी ने कहर बरपाया था. इस महामारी से पंचायत के कई लोगों की मृत्यु हो रही थी और पूरा गांव त्राहिमाम कर रहा था. तभी अचानक जंगल में मिट्टी की एक दिवाल प्रकट हुई, जिसमें कुछ आकृतियाँ उभरी थीं. इस दिवाल को देखने के बाद गांव के कई लोगों ने एक सपना देखा, जिसमें उन्हें पूजा अर्चना करने का संकेत मिला.

उसी दौरान एक वृद्ध महिला, जिसे बाद में बुढ़िया माता कहा गया, ने वहां पूजा शुरू की और धीरे-धीरे पूरे गांव में इस पूजा का प्रसार हुआ. चमत्कारिक रूप से, गांव से महामारी का प्रकोप खत्म हो गया और बुढ़िया माता भी अचानक गायब हो गईं. आज भी उस दिवाल की आकृतियाँ मंदिर में विद्यमान हैं और यह स्थान लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. मंदिर का पहला भवन वर्ष 1921 में बनाया गया था, जो आज भी सुरक्षित है.

पिंड रूप में होती है माता की पूजा

बुढ़िया माता के मंदिर में माता की पूजा किसी प्रतिमा के बजाय एक पिंड के रूप में की जाती है. यह पिंड मिट्टी का होता है, जिसे भक्तजन पूरी श्रद्धा के साथ पूजते हैं. नवरात्रि के दौरान इस मंदिर की शोभा और बढ़ जाती है, जब झारखंड, बिहार और उड़ीसा के हजारों भक्त यहां माता के दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं. नवरात्रि के समय मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है, और इस अद्भुत स्थल की धार्मिक महत्ता देखते ही बनती है.

मंदिर की लोकप्रियता

बुढ़िया माता मंदिर को विशेष स्थान दिया जाता है क्योंकि भक्तों का मानना है कि यहां आने मात्र से उनकी बीमारियां और कष्ट दूर हो जाते हैं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह मंदिर रोग हरने वाली शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है और लोग यहां अपनी आस्था लेकर आते हैं. श्रद्धालुओं का मानना है कि माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. मंदिर के लिए एक विशाल भवन का निर्माण करवाया गया है, लेकिन पिंड से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई है. माता के इस रूप की पूजा में भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है.

नवरात्रि में विशेष आकर्षण

नवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर की भव्यता और भी बढ़ जाती है. इस दौरान हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से आकर यहां पूजा अर्चना करते हैं. मंदिर के आस-पास का वातावरण भक्तिमय हो जाता है, और माता के भव्य रूप को देखने के लिए लोग लंबी कतारों में खड़े रहते हैं. भक्तों की मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान यहां की गई पूजा विशेष फलदायी होती है और माता का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं.

आस्था का केंद्र

बुढ़िया माता का मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और चमत्कार का प्रतीक है. इस मंदिर से जुड़ी कहानियां और माता के चमत्कारिक प्रभाव ने इसे झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बना दिया है. दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह मंदिर उनके विश्वास और भक्ति का अटूट केंद्र है.

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: लगातार भाजपा का हैट्रिक वाला रांची विधानसभा सीट पर कई दावेदार, ऐसे में किसके झोली में जाएगी यह सीट

झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी जोरों पर है.इस बार जहां झारखंड में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है, सरकार पर लगातार हमला कर जनता का दिल जीतने के लिए कई घोषणाएं कर रही है वहीं गठबंधन ने भी अपनी पूरी ताकत सत्ता को बचाये रखने के लिए कर रही है।

 इस हालत में पूरे 81 सीटों में सभी सीट महत्वपूर्ण हो गयी है।इन सीटों को जीतने के लिए सभी पार्टियां तैयारी कर रही हैं. हालांकि अभी यहां कैडिडेट भी फाइनल नहीं हैं.हम आज चर्चा करेंगे रांची विंधानसभा सीट के बारे में जो भाजपा का मज़बूत सीट माना जाता है और यहां लगातार भाजपा जीतती आ रही है।यहां अब तक बीजेपी का कब्जा रहा है। 

रांची विधानसभा सीट बीजेपी के दबदबे वाली सीट मानी जाती है। हालांकि पिछली बार झामुमो ने कड़ी चुनौती दी थी। 2024 विधानसभा चुनाव के लिए भी दोनों पार्टियों ने तैयारी की है।अब सबाल उठता है इस बार भाजपा के कौन उम्मीदवार होगा और झामुमो किसे मौका देगी। एक तरफ जहां चर्चा चल रही है कि झामुमो रांची विधानसभा सीट से अपने राज्यसभा सांसद महुआ माजी को उतार सक, ती है। वहीं भाजपा के भी कई दावेदार इस सीट के लिए जी तोड़ मेहनत बकर रहे हैं,हालांकि इस सीट पर इस बाऱ कांग्रेस भी दावा कर रही है और महागठबंधन में अभी ये भी तय नहीं हुआ है कि रांची सीट झामुमो को मिलेगी या फिर फिर कांग्रेस के खाते में जाएगी।ऐसे हालत में यह सीट किसके खाते में जाएगी यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

अब तक यह बीजेपी की सेफ सीट रही 

रांची विधानसभा सीट बीजेपी के लिए सेफ मानी जाती है। मौजूदा विधायक सीपी सिंह यहां से 1996 के ही लगातार जीतते आ रहे हैं। हालांकि पिछली बार महुआ माजी ने उन्हें अच्छी चुनौती दी थी, फिर भी सीपी सिंह ने पांच हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। यही वजह है कि इस बार बीजेपी इस सीट के लिए काफी सोच विचार कर रही है। सीपी सिंह यहां से 6 बार के विधायक हैं तो उनकी पूरे इलाके में मजबूत पकड़ है, लेकिन दूसरी तरफ ये भी माना जा रहा है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी को चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इसलिए बीजेपी मौजूदा विधायक सीपी सिंह को टिकट नहीं देगी। ऐसा माना जा रहा है। 

2019 में रांची विधानसभा चुनाव परिणाम

प्रत्याशी के नाम पार्टी     प्राप्त मत

सीपी सिंह भाजपा 79,646

महुआ माजी जेएमएम 73,742

पवन कुमार शर्मा निर्दलीय 6,479

2014 में रांची विधानसभा चुनाव परिणाम

प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत

सीपी सिंह भाजपा 95,760

महुआ माजी जेएमएम 36,897

सुरेंद्र सिंह कांग्रेस 7,635

2009 में रांची विधानसभा चुनाव परिणाम

प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत

सीपी सिंह भाजपा 66161

प्रदीप तुलस्यान कांग्रेस 39,050

मो. शर्फुद्दीन झामुमो 5,174

2005 में रांची विधानसभा चुनाव परिणाम

सीपी सिंह भाजपा 74239

गोपाल साहू कांग्रेस 48,119

कृष्णा यादव राजद 11,370

महागठबंधन के कांग्रेस ने किया इस सीट पर दावा

झारखंड में फिलहाल महागठबंधन में सीटों को लेकर बात नहीं बनी है। हर पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीट पाना चाह रही है। पिछली बार कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 पर जीत हासिल की थी। मतलब कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 50 फीसदी से अधिक था। ऐसे में इस बार कांग्रेस कुछ और सीटों पर दावा कर सकती है।चर्चा है कि इस बार कांग्रेस रांची, खूंटी, सिसई, बिशुनपुर सहित दूसरी सीटों की भी मांग कर सकती है । एक तरफ जहां कांग्रेस खूंटी लोकसभा सीट जीत कर उत्साहित है तो वहीं दूसरी तरफ वे रांची में अपने समीकरण का हवाला देकर टिकट मांग रही है।

 भाजपा कई दावेदार कर हैं इस सीट के लिए लॉबिंग

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की गहमागहमी के बीच राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा भी है कि इस बार रांची से 6 बार के विधायक सीपी सिंह का पत्ता कट सकता है ऐसे में कई ऐसे नेता हैं तो इस सीट के लिए अपनी दावेदारी कर रहे हैं । इसमें बालमुकुंद सहाय, आशा लकड़ा, पूर्व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, कृपा शंकर, राकेश भास्कर शामिल हैं।हालांकि शीर्ष नेतृत्व की तरफ से कुछ फाइनल नहीं किया गया है।

रांची विधानसभा सीट पर 1985 के बाद भाजपा कभी नहीं हारी

रांची विधानसभा सीट को इसलिए बीजेपी की दबदबे वाली सीट कहा जाता है क्योंकि यहां से पार्टी 1985 के बाद कभी भी नहीं हारी।1985 में आखिरी बार कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ जय प्रकाश ने यहां से जीत हासिल की थी।इसके बाद से बीजेपी यहां लगातार जीतती आ रही है। पिछले 6 बार से यहां से लगातार सीपी सिंह जीतते आ रहे हैं।

झारखंड में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू,सीएम ने कोल कंपनियों के पास बकाया राशि मांगा ,तो भाजपा ने कहा- केंद्र फर्जी अकाउंट के लिए पैसा नही देगी

झारखंड डेस्क

रांची: झारखंड में चुनाव से पूर्व पक्ष विपक्ष में बाकयुद्ध का सिलसिला शुरू हो गया है।

 सीएम हेमंत सोरेन एक तरफ केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय के अधीन कोल कंपनियों के पास झारखंड सरकार के बकाया पैसे एक लाख छत्तीस हज़ार मांग रहा है तथा अब तक भाजपा से चुनकर या भाजपा की बनी झारखंड में सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि झारखंड के हक के पैसे आज तक किसी ने नही मांगा, जो इस राज्य के जनता का हक है ।

 हेमन्त सोरेन के इस मांग पर हमला करए हुए भाजपा ने कहा कि झारखंड कोई मौजूदा सरकार को फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए पैसा केंद्र सरकार देगी।

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा है कि सीएम हेमंत सोरेन केंद्र से एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को विकास के लिए पैसा देगी, फर्जी अकाउंट में डालने के लिए नहीं. अजय शाह ने कहा कि हेमंत सोरेन राज्य में सरकार चलाने में विफल रहे हैं. उनके पास कोई भी ऐसी योजना नहीं है, जिसे उन्होंने पांच साल में शुरू किया हो. केवल हाल के महीनों में जल्दबाजी में लागू की गयीं योजनाओं के आधार पर वोट मांग रहे हैं.

दशकों पुरानी मांग आज क्यों?

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि जिस बकाया राशि की बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे हैं, वह दशकों पुरानी है. यह रॉयल्टी-टैक्स का मामला 1989 से इंडिया सीमेंट बनाम तमिलनाडु सरकार के केस से संबंधित है. कई मुद्दों की सुप्रीम कोर्ट से व्याख्या होनी बाकी है. लेकिन, मुख्यमंत्री जनता को गलत आंकड़ों से सिर्फ भ्रमित कर रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि शिबू सोरेन केंद्रीय कोयला मंत्री थे, तब उन्होंने इस राशि को वापस लाने के लिए कौन सी पहल की थी.

केंद्र ने हमेशा झारखंड को मांग से अधिक वित्तीय सहायता दी

अजय शाह ने आगे कहा कि राज्य सरकार को यह भी बताना चाहिए. केंद्र सरकार ने हमेशा झारखंड को उसकी मांग से अधिक वित्तीय सहायता दी है.

 नितिन गडकरी ने भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि केंद्र झारखंड को धन देने के लिए तैयार है, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार के अधिकारी सड़क बनाने के बजाय पैसे बनाने में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं. भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उनकी सरकार ने डीएमएफटी फंड का किस तरह उपयोग किया है. 

हेमंत सरकार ने इस फंड का भारी दुरुपयोग किया है. इसका उपयोग जनता के कल्याण के बजाय अधिकारियों और झामुमो नेताओं और कार्यकर्ताओं के सुख-सुविधा के लिए किया गया है. राज्य सरकार के कुछ विभागों से पैसे फर्जी खातों में ट्रांसफर किये जाने की पुख्ता खबरें भी सामने आयी हैं.

सीएम सोरेन ने जनता से की अपील ,अपने हक की मांग उठाएं

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के माध्यम से लोगों से अपील की थी कि वे अपने हक के लिए आवाज उठायें. उन्होंने कहा कि अगर आप आज अपना हक नहीं मांगेगे, तो हमारे पैसों से दूसरे राज्यों को विशेष पैकेज मिलेगा और आप खाली हाथ रह जायेंगे. आज आवाज उठाइए. अपने अधिकारों के लिए खड़े होइए. झारखंड का भविष्य आपके हाथों में है.

एक बार फिर झारखंड हाई कोर्ट पहुंचा पिछले दिन हुए JSSC-CGL परीक्षा का मामला, PIL दर्ज

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का विवादों से गहरा नाता है। राज्य गठन के 24 साल गुजरने जा रहे हैं लेकिन राज्य में जिसकी भी सरकार रही हो पारदर्शिता और निष्पक्ष भाव से परीक्षा आयोजित कराकर राज्य की आम युवाओं को राज्य सरकार के किसी पद पर नोकरी नही दिल सकी।हमेशा इस आयोग की परीक्षा सवालोंके घेरा में रहा। इस बार भी JSSC-CGL परीक्षा का मामला लेकर एक अभ्यर्थी प्रकाश कुमार हाई कोर्ट तक पहुंच गए हैं जनहित याचिका दायर कर परीक्षा रद्द करने, CBI जांच या फिर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों की कमेटी से जांच करने की मांग की गई है।

21-22 सितंबर को हुई थी परीक्षा

प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित JSSC CGL परीक्षा में धांधली हुई है। इसका उसके पास पुख्ता सबूत हैं। बता दें कि परीक्षा 21 और 22 सितंबर को राज्य के कुल 823 केंद्रों पर हुई थी।

इस परीक्षा में झारखंड समेत अन्य राज्यों के करीब 3 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने भाग लेकर पफीक्षा दी थी। राज्य सरकार ने निष्पक्ष, कदाचार मुक्त और शांतिपूर्ण परीक्षा कराने के दो दिनों तक राज्य में इंटरनेट सुविधा भी बंद कर दी थी।

इसके वाबजूद पिछले दिनों परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों ने JSSC के कार्यालय का घेराव भी किया था। इसके बाद कई छात्रों के खिलाफ नामकुम थाना में नामजद FIR भी दर्ज करवाई गई थी।

केंद्र के वित्त मंत्रालय से झारखंड को मिलेगा 5892 करोड़ की राशि

,* *यह राशि, राज्यों को यह राशि पूंजीगत व्यय में तेजी लाने और विकास कार्यों के लिए दिया गया* झा. डेस्क झारखंड को केंद्र सरकार से 5892 करोड़ की राशि मिलेगी। केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गयी राशि की जानकारी वित्त मंत्रालय की तरफ से दी गयी है। झारखंड को 5892 करोड़ की राशि मिलेगी, तो वहीं सबसे ज्यादा राशि उत्तर प्रदेश के 31962 करोड़ मिलेगी। वहीं बिहार को 17 हजार 921 करोड़, उसके बाद मध्यप्रदेश को 13987, पश्चिम बंगाल को 13404 करोड़, महाराष्ट्र को 11255 करोड़, राजस्थान को 10737 करोड़ दी जायेगी। वित्त विभाग की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक सरकार ने राज्य सरकारों को ₹1,78,173 करोड़ का कर हस्तांतरण जारी किया, जिसमें अक्टूबर, 2024 में देय नियमित किस्त के अलावा ₹89,086.50 करोड़ की एक अग्रिम किस्त भी शामिल है। आगामी त्योहारी सीज़न को देखते हुए और राज्यों को पूंजीगत व्यय में तेजी लाने और उनके विकास/कल्याण संबंधी व्यय को वित्तपोषित करने में सक्षम बनाने के लिए अग्रिम किस्त जारी की गई। हेमंत सोरेन ने केंद्र से मांगा था 1.36 लाख करोड़ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए उन्होंने झारखंड में कार्यरत कोयला कंपनियों पर राज्य का बकाया 01 लाख 36 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र की प्रतियां बुधवार काे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि हमारी मांग सिर्फ न्याय की है, विशेषाधिकार की नहीं। सीएम हेमंत सोरेन ने पत्र में कहा कि झारखंड के लोगों ने अपने राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया है और अब हम चाहते हैं कि हमारे संसाधनों एवं अधिकारों का उचित उपयोग हो। उन्होंने कहा कि झारखंडियों का हक मांगो तो ये जेल डाल देते हैं लेकिन अपने हक के लिए हर कुर्बानी मंजूर है। हेमंत सोरेन ने लेटर में बकाया राशि का भुगतान करने के लिए पीएम मोदी के सामने दो विकल्प रखे हैं। पहला जब तक बकाया राशि का भुगतान किस्तों में नहीं हो जाता तब तक कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का भुगतान करना शुरू किया जाये। दूसरा, भारतीय रिजर्व बैंक में कोल इंडिया के खाते में जमा राशि से झारखंड राज्य को सीधे डेबिट कराया जाये। जैसा कि झारखंड राज्य बिजली बोर्ड के साथ डीवीसी के बकाया मामले में किया गया था। सीएम सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि बकाया का भुगतान जल्द शुरू कराया जाये, ताकि झारखंड के लोगों को परेशानी न हो। साथ ही इस गरीब आदिवासी राज्य की बेहतरी के लिए राज्य सरकार सामाजिक और आर्थिक परियोजनाओं की संख्या और गति बढ़ा सके। यदि कोयला कंपनियों द्वारा राज्य के वैध बकाया का समय पर भुगतान कर दिया जाता है, तो झारखंड के लोग सामाजिक क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। ऐसा होने पर गरीबी से लड़ने और राज्य के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा करने में मदद मिलेगी। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में कार्यरत कोयला कंपनियों पर झारखंड का मार्च 2022 तक 1,36,042 करोड़ रुपये का बड़ा बकाया है। मार्च 2022 में भी मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को बकाया राशि कोल कंपनियों से दिलाने के लिए पत्र लिखा था।