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स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हेमंत सरकार ने लिया बड़ा निर्णय,झारखंड के सदर अस्पताल में फेको पद्धति से होगा आंखों की सर्जरी

झरखंड डेस्क 

झारखंड में हेमंत सरकार ने हेल्थ सिस्टम को बेहतर करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत राज्य के 20 जिलों के सदर अस्पतालों में नई तकनीक से आंखों का ऑपरेशन होगा। अब सदर अस्पतालों में फेको पद्धति से आंखों की सर्जरी की व्यवस्था की जाएगी इसके लिए फेको मशीन खरीदने का आदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिया गया है। रांची, दुमका, पलामू तथा हजारीबाग को छोड़कर सभी जिलों में फेको मशीन से सर्जरी की व्यवस्था की जाएगी।

5.19 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति

इस काम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 5.19 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति देते हुए निर्धारित राशि संबंधित जिलों के लिए जारी कर दी गई है। रांची सिविल सर्जन की रिपोर्ट पर यहां सांसद मद से खरीदी गई मशीन की दर को ही आधार बनाकर यह मंजूरी दी गई है। इसके तहत प्रत्येक मशीन के लिए 25.94 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

मरीजों को अब नहीं पड़ेगा भटकना

जिलों के सदर अस्पतालों में इस मशीन के अभाव में उच्च क्वालिटी की आंखों की सर्जरी नहीं हो पाती थी और मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता था। इस संकट को दूर करने के लिए ही सरकार ने उक्त फैसला किया है। ऑपरेशन के लिए मरीज को रांची या दूसरे शहरों में जाना पड़ता था। आप इस तरह की परेशानी खत्म हो जाएगी। इन जिलों में नेत्र चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है। नई मशीन आ जाने के बाद इन अस्पतालों में आसानी से सर्जरी होगी।

आस्था : हजारीबाग का ऐसा मंदिर जहां बिना मूर्ति के ,मिट्टी के पिंड के रूप में बिराजमान है माता, बुढ़िया माता के रूप में आज भी पूजी जाती है


झारखंड डेस्क

हजारीबाग: दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूरे देश में पूजा की जाती है. लेकिन झारखंड के हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड में स्थित बनसटांड़ का बुढ़िया माता मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है, जहां मां की पूजा बिना किसी प्रतिमा के की जाती है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां मिट्टी के पिंड के रूप में माता की आराधना की जाती है. भक्तों का मानना है कि माता के दर्शन मात्र से ही उनके कष्ट दूर हो जाते हैं. यही कारण है कि यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आकर माता के पिंड रूप के दर्शन करते हैं.

बुढ़िया माता मंदिर की अद्भुत कहानी

बुढ़िया माता मंदिर का इतिहास बेहद रहस्यमयी और अद्भुत है. मंदिर के पुजारी गौतम कुमार बताते हैं कि साल 1818 में इस क्षेत्र में हैजा महामारी ने कहर बरपाया था. इस महामारी से पंचायत के कई लोगों की मृत्यु हो रही थी और पूरा गांव त्राहिमाम कर रहा था. तभी अचानक जंगल में मिट्टी की एक दिवाल प्रकट हुई, जिसमें कुछ आकृतियाँ उभरी थीं. इस दिवाल को देखने के बाद गांव के कई लोगों ने एक सपना देखा, जिसमें उन्हें पूजा अर्चना करने का संकेत मिला.

उसी दौरान एक वृद्ध महिला, जिसे बाद में बुढ़िया माता कहा गया, ने वहां पूजा शुरू की और धीरे-धीरे पूरे गांव में इस पूजा का प्रसार हुआ. चमत्कारिक रूप से, गांव से महामारी का प्रकोप खत्म हो गया और बुढ़िया माता भी अचानक गायब हो गईं. आज भी उस दिवाल की आकृतियाँ मंदिर में विद्यमान हैं और यह स्थान लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. मंदिर का पहला भवन वर्ष 1921 में बनाया गया था, जो आज भी सुरक्षित है.

पिंड रूप में होती है माता की पूजा

बुढ़िया माता के मंदिर में माता की पूजा किसी प्रतिमा के बजाय एक पिंड के रूप में की जाती है. यह पिंड मिट्टी का होता है, जिसे भक्तजन पूरी श्रद्धा के साथ पूजते हैं. नवरात्रि के दौरान इस मंदिर की शोभा और बढ़ जाती है, जब झारखंड, बिहार और उड़ीसा के हजारों भक्त यहां माता के दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं. नवरात्रि के समय मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है, और इस अद्भुत स्थल की धार्मिक महत्ता देखते ही बनती है.

मंदिर की लोकप्रियता

बुढ़िया माता मंदिर को विशेष स्थान दिया जाता है क्योंकि भक्तों का मानना है कि यहां आने मात्र से उनकी बीमारियां और कष्ट दूर हो जाते हैं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह मंदिर रोग हरने वाली शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है और लोग यहां अपनी आस्था लेकर आते हैं. श्रद्धालुओं का मानना है कि माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. मंदिर के लिए एक विशाल भवन का निर्माण करवाया गया है, लेकिन पिंड से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई है. माता के इस रूप की पूजा में भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है.

नवरात्रि में विशेष आकर्षण

नवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर की भव्यता और भी बढ़ जाती है. इस दौरान हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से आकर यहां पूजा अर्चना करते हैं. मंदिर के आस-पास का वातावरण भक्तिमय हो जाता है, और माता के भव्य रूप को देखने के लिए लोग लंबी कतारों में खड़े रहते हैं. भक्तों की मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान यहां की गई पूजा विशेष फलदायी होती है और माता का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं.

आस्था का केंद्र

बुढ़िया माता का मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और चमत्कार का प्रतीक है. इस मंदिर से जुड़ी कहानियां और माता के चमत्कारिक प्रभाव ने इसे झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बना दिया है. दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह मंदिर उनके विश्वास और भक्ति का अटूट केंद्र है.

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: लगातार भाजपा का हैट्रिक वाला रांची विधानसभा सीट पर कई दावेदार, ऐसे में किसके झोली में जाएगी यह सीट

झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी जोरों पर है.इस बार जहां झारखंड में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है, सरकार पर लगातार हमला कर जनता का दिल जीतने के लिए कई घोषणाएं कर रही है वहीं गठबंधन ने भी अपनी पूरी ताकत सत्ता को बचाये रखने के लिए कर रही है।

 इस हालत में पूरे 81 सीटों में सभी सीट महत्वपूर्ण हो गयी है।इन सीटों को जीतने के लिए सभी पार्टियां तैयारी कर रही हैं. हालांकि अभी यहां कैडिडेट भी फाइनल नहीं हैं.हम आज चर्चा करेंगे रांची विंधानसभा सीट के बारे में जो भाजपा का मज़बूत सीट माना जाता है और यहां लगातार भाजपा जीतती आ रही है।यहां अब तक बीजेपी का कब्जा रहा है। 

रांची विधानसभा सीट बीजेपी के दबदबे वाली सीट मानी जाती है। हालांकि पिछली बार झामुमो ने कड़ी चुनौती दी थी। 2024 विधानसभा चुनाव के लिए भी दोनों पार्टियों ने तैयारी की है।अब सबाल उठता है इस बार भाजपा के कौन उम्मीदवार होगा और झामुमो किसे मौका देगी। एक तरफ जहां चर्चा चल रही है कि झामुमो रांची विधानसभा सीट से अपने राज्यसभा सांसद महुआ माजी को उतार सक, ती है। वहीं भाजपा के भी कई दावेदार इस सीट के लिए जी तोड़ मेहनत बकर रहे हैं,हालांकि इस सीट पर इस बाऱ कांग्रेस भी दावा कर रही है और महागठबंधन में अभी ये भी तय नहीं हुआ है कि रांची सीट झामुमो को मिलेगी या फिर फिर कांग्रेस के खाते में जाएगी।ऐसे हालत में यह सीट किसके खाते में जाएगी यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

अब तक यह बीजेपी की सेफ सीट रही 

रांची विधानसभा सीट बीजेपी के लिए सेफ मानी जाती है। मौजूदा विधायक सीपी सिंह यहां से 1996 के ही लगातार जीतते आ रहे हैं। हालांकि पिछली बार महुआ माजी ने उन्हें अच्छी चुनौती दी थी, फिर भी सीपी सिंह ने पांच हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। यही वजह है कि इस बार बीजेपी इस सीट के लिए काफी सोच विचार कर रही है। सीपी सिंह यहां से 6 बार के विधायक हैं तो उनकी पूरे इलाके में मजबूत पकड़ है, लेकिन दूसरी तरफ ये भी माना जा रहा है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी को चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इसलिए बीजेपी मौजूदा विधायक सीपी सिंह को टिकट नहीं देगी। ऐसा माना जा रहा है। 

2019 में रांची विधानसभा चुनाव परिणाम

प्रत्याशी के नाम पार्टी     प्राप्त मत

सीपी सिंह भाजपा 79,646

महुआ माजी जेएमएम 73,742

पवन कुमार शर्मा निर्दलीय 6,479

2014 में रांची विधानसभा चुनाव परिणाम

प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत

सीपी सिंह भाजपा 95,760

महुआ माजी जेएमएम 36,897

सुरेंद्र सिंह कांग्रेस 7,635

2009 में रांची विधानसभा चुनाव परिणाम

प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत

सीपी सिंह भाजपा 66161

प्रदीप तुलस्यान कांग्रेस 39,050

मो. शर्फुद्दीन झामुमो 5,174

2005 में रांची विधानसभा चुनाव परिणाम

सीपी सिंह भाजपा 74239

गोपाल साहू कांग्रेस 48,119

कृष्णा यादव राजद 11,370

महागठबंधन के कांग्रेस ने किया इस सीट पर दावा

झारखंड में फिलहाल महागठबंधन में सीटों को लेकर बात नहीं बनी है। हर पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीट पाना चाह रही है। पिछली बार कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 पर जीत हासिल की थी। मतलब कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 50 फीसदी से अधिक था। ऐसे में इस बार कांग्रेस कुछ और सीटों पर दावा कर सकती है।चर्चा है कि इस बार कांग्रेस रांची, खूंटी, सिसई, बिशुनपुर सहित दूसरी सीटों की भी मांग कर सकती है । एक तरफ जहां कांग्रेस खूंटी लोकसभा सीट जीत कर उत्साहित है तो वहीं दूसरी तरफ वे रांची में अपने समीकरण का हवाला देकर टिकट मांग रही है।

 भाजपा कई दावेदार कर हैं इस सीट के लिए लॉबिंग

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की गहमागहमी के बीच राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा भी है कि इस बार रांची से 6 बार के विधायक सीपी सिंह का पत्ता कट सकता है ऐसे में कई ऐसे नेता हैं तो इस सीट के लिए अपनी दावेदारी कर रहे हैं । इसमें बालमुकुंद सहाय, आशा लकड़ा, पूर्व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, कृपा शंकर, राकेश भास्कर शामिल हैं।हालांकि शीर्ष नेतृत्व की तरफ से कुछ फाइनल नहीं किया गया है।

रांची विधानसभा सीट पर 1985 के बाद भाजपा कभी नहीं हारी

रांची विधानसभा सीट को इसलिए बीजेपी की दबदबे वाली सीट कहा जाता है क्योंकि यहां से पार्टी 1985 के बाद कभी भी नहीं हारी।1985 में आखिरी बार कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ जय प्रकाश ने यहां से जीत हासिल की थी।इसके बाद से बीजेपी यहां लगातार जीतती आ रही है। पिछले 6 बार से यहां से लगातार सीपी सिंह जीतते आ रहे हैं।

झारखंड में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू,सीएम ने कोल कंपनियों के पास बकाया राशि मांगा ,तो भाजपा ने कहा- केंद्र फर्जी अकाउंट के लिए पैसा नही देगी

झारखंड डेस्क

रांची: झारखंड में चुनाव से पूर्व पक्ष विपक्ष में बाकयुद्ध का सिलसिला शुरू हो गया है।

 सीएम हेमंत सोरेन एक तरफ केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय के अधीन कोल कंपनियों के पास झारखंड सरकार के बकाया पैसे एक लाख छत्तीस हज़ार मांग रहा है तथा अब तक भाजपा से चुनकर या भाजपा की बनी झारखंड में सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि झारखंड के हक के पैसे आज तक किसी ने नही मांगा, जो इस राज्य के जनता का हक है ।

 हेमन्त सोरेन के इस मांग पर हमला करए हुए भाजपा ने कहा कि झारखंड कोई मौजूदा सरकार को फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए पैसा केंद्र सरकार देगी।

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा है कि सीएम हेमंत सोरेन केंद्र से एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को विकास के लिए पैसा देगी, फर्जी अकाउंट में डालने के लिए नहीं. अजय शाह ने कहा कि हेमंत सोरेन राज्य में सरकार चलाने में विफल रहे हैं. उनके पास कोई भी ऐसी योजना नहीं है, जिसे उन्होंने पांच साल में शुरू किया हो. केवल हाल के महीनों में जल्दबाजी में लागू की गयीं योजनाओं के आधार पर वोट मांग रहे हैं.

दशकों पुरानी मांग आज क्यों?

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि जिस बकाया राशि की बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे हैं, वह दशकों पुरानी है. यह रॉयल्टी-टैक्स का मामला 1989 से इंडिया सीमेंट बनाम तमिलनाडु सरकार के केस से संबंधित है. कई मुद्दों की सुप्रीम कोर्ट से व्याख्या होनी बाकी है. लेकिन, मुख्यमंत्री जनता को गलत आंकड़ों से सिर्फ भ्रमित कर रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि शिबू सोरेन केंद्रीय कोयला मंत्री थे, तब उन्होंने इस राशि को वापस लाने के लिए कौन सी पहल की थी.

केंद्र ने हमेशा झारखंड को मांग से अधिक वित्तीय सहायता दी

अजय शाह ने आगे कहा कि राज्य सरकार को यह भी बताना चाहिए. केंद्र सरकार ने हमेशा झारखंड को उसकी मांग से अधिक वित्तीय सहायता दी है.

 नितिन गडकरी ने भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि केंद्र झारखंड को धन देने के लिए तैयार है, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार के अधिकारी सड़क बनाने के बजाय पैसे बनाने में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं. भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उनकी सरकार ने डीएमएफटी फंड का किस तरह उपयोग किया है. 

हेमंत सरकार ने इस फंड का भारी दुरुपयोग किया है. इसका उपयोग जनता के कल्याण के बजाय अधिकारियों और झामुमो नेताओं और कार्यकर्ताओं के सुख-सुविधा के लिए किया गया है. राज्य सरकार के कुछ विभागों से पैसे फर्जी खातों में ट्रांसफर किये जाने की पुख्ता खबरें भी सामने आयी हैं.

सीएम सोरेन ने जनता से की अपील ,अपने हक की मांग उठाएं

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के माध्यम से लोगों से अपील की थी कि वे अपने हक के लिए आवाज उठायें. उन्होंने कहा कि अगर आप आज अपना हक नहीं मांगेगे, तो हमारे पैसों से दूसरे राज्यों को विशेष पैकेज मिलेगा और आप खाली हाथ रह जायेंगे. आज आवाज उठाइए. अपने अधिकारों के लिए खड़े होइए. झारखंड का भविष्य आपके हाथों में है.

एक बार फिर झारखंड हाई कोर्ट पहुंचा पिछले दिन हुए JSSC-CGL परीक्षा का मामला, PIL दर्ज

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का विवादों से गहरा नाता है। राज्य गठन के 24 साल गुजरने जा रहे हैं लेकिन राज्य में जिसकी भी सरकार रही हो पारदर्शिता और निष्पक्ष भाव से परीक्षा आयोजित कराकर राज्य की आम युवाओं को राज्य सरकार के किसी पद पर नोकरी नही दिल सकी।हमेशा इस आयोग की परीक्षा सवालोंके घेरा में रहा। इस बार भी JSSC-CGL परीक्षा का मामला लेकर एक अभ्यर्थी प्रकाश कुमार हाई कोर्ट तक पहुंच गए हैं जनहित याचिका दायर कर परीक्षा रद्द करने, CBI जांच या फिर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों की कमेटी से जांच करने की मांग की गई है।

21-22 सितंबर को हुई थी परीक्षा

प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित JSSC CGL परीक्षा में धांधली हुई है। इसका उसके पास पुख्ता सबूत हैं। बता दें कि परीक्षा 21 और 22 सितंबर को राज्य के कुल 823 केंद्रों पर हुई थी।

इस परीक्षा में झारखंड समेत अन्य राज्यों के करीब 3 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने भाग लेकर पफीक्षा दी थी। राज्य सरकार ने निष्पक्ष, कदाचार मुक्त और शांतिपूर्ण परीक्षा कराने के दो दिनों तक राज्य में इंटरनेट सुविधा भी बंद कर दी थी।

इसके वाबजूद पिछले दिनों परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों ने JSSC के कार्यालय का घेराव भी किया था। इसके बाद कई छात्रों के खिलाफ नामकुम थाना में नामजद FIR भी दर्ज करवाई गई थी।

केंद्र के वित्त मंत्रालय से झारखंड को मिलेगा 5892 करोड़ की राशि

,* *यह राशि, राज्यों को यह राशि पूंजीगत व्यय में तेजी लाने और विकास कार्यों के लिए दिया गया* झा. डेस्क झारखंड को केंद्र सरकार से 5892 करोड़ की राशि मिलेगी। केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गयी राशि की जानकारी वित्त मंत्रालय की तरफ से दी गयी है। झारखंड को 5892 करोड़ की राशि मिलेगी, तो वहीं सबसे ज्यादा राशि उत्तर प्रदेश के 31962 करोड़ मिलेगी। वहीं बिहार को 17 हजार 921 करोड़, उसके बाद मध्यप्रदेश को 13987, पश्चिम बंगाल को 13404 करोड़, महाराष्ट्र को 11255 करोड़, राजस्थान को 10737 करोड़ दी जायेगी। वित्त विभाग की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक सरकार ने राज्य सरकारों को ₹1,78,173 करोड़ का कर हस्तांतरण जारी किया, जिसमें अक्टूबर, 2024 में देय नियमित किस्त के अलावा ₹89,086.50 करोड़ की एक अग्रिम किस्त भी शामिल है। आगामी त्योहारी सीज़न को देखते हुए और राज्यों को पूंजीगत व्यय में तेजी लाने और उनके विकास/कल्याण संबंधी व्यय को वित्तपोषित करने में सक्षम बनाने के लिए अग्रिम किस्त जारी की गई। हेमंत सोरेन ने केंद्र से मांगा था 1.36 लाख करोड़ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए उन्होंने झारखंड में कार्यरत कोयला कंपनियों पर राज्य का बकाया 01 लाख 36 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र की प्रतियां बुधवार काे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि हमारी मांग सिर्फ न्याय की है, विशेषाधिकार की नहीं। सीएम हेमंत सोरेन ने पत्र में कहा कि झारखंड के लोगों ने अपने राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया है और अब हम चाहते हैं कि हमारे संसाधनों एवं अधिकारों का उचित उपयोग हो। उन्होंने कहा कि झारखंडियों का हक मांगो तो ये जेल डाल देते हैं लेकिन अपने हक के लिए हर कुर्बानी मंजूर है। हेमंत सोरेन ने लेटर में बकाया राशि का भुगतान करने के लिए पीएम मोदी के सामने दो विकल्प रखे हैं। पहला जब तक बकाया राशि का भुगतान किस्तों में नहीं हो जाता तब तक कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का भुगतान करना शुरू किया जाये। दूसरा, भारतीय रिजर्व बैंक में कोल इंडिया के खाते में जमा राशि से झारखंड राज्य को सीधे डेबिट कराया जाये। जैसा कि झारखंड राज्य बिजली बोर्ड के साथ डीवीसी के बकाया मामले में किया गया था। सीएम सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि बकाया का भुगतान जल्द शुरू कराया जाये, ताकि झारखंड के लोगों को परेशानी न हो। साथ ही इस गरीब आदिवासी राज्य की बेहतरी के लिए राज्य सरकार सामाजिक और आर्थिक परियोजनाओं की संख्या और गति बढ़ा सके। यदि कोयला कंपनियों द्वारा राज्य के वैध बकाया का समय पर भुगतान कर दिया जाता है, तो झारखंड के लोग सामाजिक क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। ऐसा होने पर गरीबी से लड़ने और राज्य के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा करने में मदद मिलेगी। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में कार्यरत कोयला कंपनियों पर झारखंड का मार्च 2022 तक 1,36,042 करोड़ रुपये का बड़ा बकाया है। मार्च 2022 में भी मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को बकाया राशि कोल कंपनियों से दिलाने के लिए पत्र लिखा था।
झारखंड कैबिनेट का फैसला : हर जिले में बनेंगे बार काउंसिल भवन, रिम्स को मिली 738 करोड़ की सौगात*

रांची :झारखंड सरकार प्रदेश की जनता को लगातार कई बड़ी सौगात दे रही है। इसी क्रम में कैबिनेट की बैठक में 24 जिलों और 7 अनुमंडलों में एक-एक बार काउंसिल भवन के निर्माण की मंजूरी दी गई। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 132 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को भी इंदिरा गांधी पेंशन योजना में शामिल किया गया है। *कैबिनेट की बैठक में 81 प्रस्तावों को मिली मंजूरी* झारखंड सरकार ने सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार और आधारभूत संरचनाओं के लिए सरकार का खजाना खोला दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में राजधानी रांची स्थित रिम्स परिसर में भवनों के निर्माण और जीर्णाेद्धार के लिए 738 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की स्वीकृति मिली है। इसके साथ ही सभी अस्पतालों में मॉड्यूलर ओटी के निर्माण की भी स्वीकृति दी गई है। कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग की सचिव वंदना दादेल ने बताया कि बैठक में कुल 81 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। एक महत्वपूर्ण बैठक में इंदिरा गांधी पेंशन योजना का दायरा 80 वर्ष से अधिक के बुजुर्गाें के लिए भी बढ़ा दिया गया है। इन्हें हर महीने एक हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलेंगे। *हर जिले में बार काउंसिल भवन बनाने का फैसला* झारखंड के सभी जिलों में बार काउंसिल भवन बनाने का फैसला लिया गया। वहीं देवघर जिले के मधुपुर अनुमंडल के मार्गोंमुंडा प्रखंड में 33.10 करोड़ की लागत से डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया। जबकि हर वर्ष उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति योजना के तहत अ 50 छात्र-छात्राएं विदेश पढ़ने जा सकते हैं। अभी 25 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलता था। *तिसरी और मुसाबनी में बनेगा नया डिग्री कॉलेज* राज्य सरकार की ओर से मुसाबनी और गिरिडीह जिले के तिसरी में भी डिग्री कॉलेज बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा हर जिले में पलाश मार्ट खोलने का निर्णय लिया गया। वहीं एसएपी के शहीद जवानों के परिवार को नौकरी, लघु और सामान्य आंगनबाड़ी केंद्र का समायोजन समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। *भैरवा जलाशय योजना के लिए 445 करोड़ की मंजूरी* कैबिनेट की बैठक में भैरवा जलाशय योजना के लिए 445 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इसके अलावा मुंबई में नया झारखंड भवन बनाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई। यह झारखंड भवन सात फ्लोर होगा, जिसमें तीन फ्लोर झारखंड से इलाज के लिए जाने वाले गरीबों के लिए आरक्षित रहेगा। सात तल्लों वाले इस भवन में झारखंड से आने वाले मजदूरों को रहने की सुविधा दी जाएगी।
मौसम अपडेट : राजधानी रांची समेत 20 जिलों में गरज के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी*

मौसम विभाग ने राजधानी रांची समेत 20 जिलों में गरज के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने संताल परगना, कोयलांचल और कोल्हान के जिलें में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। अष्ठमी यानी 10 अक्टूबर को भी रांची समेत झारखंड के कई जिलों में बारिश हुई। मौसम विभाग ने कहा है कि 11 और 12 अक्टूबर को भी राज्य में अच्छी बारिश होगी। लोग दुर्गा पूजा पंडाल घूमने जा रहे हैं, लेकिन बेमौसम बरसात ने सारा मजा किरकिरा कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार रांची ,रामगढ़, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, लोहरदगा,धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, गोड्डा, पाकुड़, देवघर, दुमका, साहेबगंज और जामताड़ा में पूजा के दौरान भारी बारिश होने का अनुमान है।
आज का राशिफल, 11 अक्टूबर 2024:जानिये राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?

ग्रहों की स्थिति- गुरु वृषभ राशि में। मंगल मिथुन राशि में। सूर्य और केतु कन्या राशि में। शुक्र और बुध तुला राशि में। चंद्रमा अभी भी धनु राशि में बने हुए हैं। वक्री शनि कुंभ राशि में। राहु मीन राशि के गोचर में चल रहे हैं।

राशिफल-

मेष राशि- यात्रा का योग बनेगा। धर्म-कर्म में हिस्सा लेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम, संतान अभी भी मध्यम रहेगा। व्यापार बहुत अच्छा है। हरी वस्तु का दान करें।

वृषभ राशि- बच्चों की सेहत में सुधार हो चुका है, प्रेम-संतान का भरपूर सहयोग। स्वास्थ्य भी अच्छा। थोड़ी सी चोट-चपेट न लगने पाए। स्थिति आपकी रिस्क लेने लायक नहीं है। पीली पीली वस्तु का दान करें।

मिथुन राशि- जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। प्रेम-संतान का साथ है। व्यापार बहुत अच्छा है। पीली वस्तु का दान करें।

कर्क राशि- गुण-ज्ञान की प्राप्ति होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार मध्यम। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- पढ़ने-लिखने में समय व्यतीत करें। विद्यार्थियों के लिए अच्छा। स्वास्थ्य अभी मध्यम बना हुआ है। प्रेम-संतान व्यापार बहुत अच्छा है। प्रेम में तूतू-मैंमैं से बचना चाहिए। पीली वस्तु पास रखें।

कन्या राशि- गृहकलह के संकेत हैं लेकिन भौतिक सुख-संपदा में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में सुधार हो चुका है। प्रेम, संतान भी अच्छा। व्यापार भी अच्छा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

तुला राशि- व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा है। भगवान विष्णु को प्रणाम करते रहें।

वृश्चिक राशि- धन का आवक बढ़ेगा। कुटुंबों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा, प्रेम-संतान का साथ होगा। व्यापार बहुत अच्छा। पीली वस्तु पास रखें।

धनु राशि- सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम-संतान का भरपूर सहयोग मिलेगा। व्यापार भी अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि- मन चिंतित रहेगा। अज्ञात भय सताएगा। स्वास्थ्य नरम-गरम रहेगा। प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- यात्रा का योग बनेगा। किसी बहुत अच्छे समाचार की प्राप्ति होगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। प्रेम-संतान व व्यापार बहुत अच्छा। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- राजनीतिक लाभ मिलेगा। उच्चाधिकारियों का आशीर्वाद मिलेगा। व्यावसायिक सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा। पीली वस्तु पास रखें।

शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है,मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है

नवरात्रि की समाप्ति मां दुर्गा के नवमं स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा से होती है। नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। 

शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व यह 8 सिद्धियां हैं। 

मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं। मां के चार हाथ हैं। मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है। 

मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं। मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार, भगवान शंकर ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। 

इनकी कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वह लोक में अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। सिद्धिदात्री मां के भक्त के भीतर कोई ऐसी कामना शेष नहीं करती है, जिसे वह पूर्ण करना चाहे।

मां सिद्धिदात्री पूजा-विधि



सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।

मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है।

मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।

मां को रोली कुमकुम लगाएं।

मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।

माता सिद्धिदात्री को प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करने चाहिए।

मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है। कहते हैं कि मां को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं।

माता सिद्धिदात्री का अधिक से अधिक ध्यान करें।

मां की आरती भी करें।

नवमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन भी करें।

पूजा मंत्र-

 सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,

सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।

अमल कमल संस्था तद्रज:पुंजवर्णा, कर कमल धृतेषट् भीत युग्मामबुजा च।

मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले; भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:।

मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।