चुनाव से पहले महायुति में तनाव! कैबिनेट की बैठक छोड़कर क्यों निकले अजित पवार
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महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति (शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी) सरकार में शायद सब कुछ टीक नहीं चल रहा है। राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। महायुति में तनाव की खबरें आ रही है। दरअसल, विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले गुरुवार को यह आखिरी कैबिनेट बैठक थी। उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार सिर्फ 10 मिनट के लिए बैठक में आये और रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के फौरन बाद चले गए। उनके जाने के बाद ढाई घंटे तक चली बैठक में 38 फैसले ने लिये।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे सरकार दनादन कई बड़ी घोषणाएं कर रही है। दरअसल, आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। गुरुवार को इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एक ऐसी ही कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई। लेकिन जैसे ही मीटिंग शुरू हुई उसके 10 मिनट के भीतर ही डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता मीटिंग छोड़कर चले गए। ऐसा तब हुआ जब उसके बाद भी मीटिंग करीब ढाई घंटे चली। उसमें वित्त विभाग के कई प्रोजेक्ट भी शामिल थे जिन पर फैसले हुए। जबकि वित्त विभाग का प्रभार अजित पवार के पास है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) की इस रिपोर्ट के मुताबिक कयास लगाए जा रहे हैं कि अजित पवार इस बात से नाराज थे कि अंतिम समय में अर्जेंट बेसिस पर मीटिंग में कई प्रस्तावों को रख लिया गया और इसका कोई सर्कुलर पहले से जारी नहीं किया गया था। वित्त विभाग ने कई मसलों पर आपत्तियां उठाई हैं जिनको कैबिनेट में पेश किया गया है।
अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह संभव है कि वह कुछ फैसलों से नाखुश थे और अंतिम समय में बिना पूर्व सूचना के कैबिनेट बैठक में बड़ी संख्या में जरूरी प्रस्ताव लाए गए थे। पिछले कुछ हफ्तों में वित्त विभाग ने कैबिनेट में लाए गए कई प्रस्तावों पर आपत्ति जताई थी। हालांकि बार-बार प्रयास करने के बावजूद अजित पवार से उनकी टिप्पणियों के लिए संपर्क नहीं किया जा सका।
बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले भूमि आवंटन, सब्सिडी और गारंटी को मंजूरी देने की होड़ मची हुई है। वित्त विभाग पहले ही चेतावनी दे चुका है कि 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा 2 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। विभाग ने चेतावनी दी है कि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% को पार कर गया है, जो कि महाराष्ट्र राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजटीय प्रबंधन अधिनियम द्वारा तय सीमा है।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में हालिया दिनों में शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की टकराहट देखने को मिली है। 'लड़की बहन योजना' को लेकर दरार काफी दिनों से उभरी हुई है। शिवसेना शिंदे गुट के मंत्री ने योजना के विज्ञापनों और प्रचार सामग्री से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम "हटाने" के लिए सहयोगी एनसीपी और उसके अध्यक्ष अजित पवार के खिलाफ खुलेआम आपत्ति जताई गई। शिवसेना से राज्य के उत्पाद शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई ने डिप्टी सीएम पवार द्वारा 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन' योजना को वस्तुतः "हाइजैक" करने का आरोप लगाया। इसके जरिये पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की गई है। इस योजना का पूरा श्रेय अजित पवार की पार्टी ले रही है।






इजराइल ने लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्ला के खिलाफ अपने हमलों का दायरा बढ़ा दिया है और वहां जमीनी हमला शुरू कर दिया है। हिजबुल्ला के खिलाफ लेबनान की धरती पर इजरायल का एक्शन गुरुवार को भी जारी रहा। बीती रात राजधानी बेरूत में जमकर गोले बरसाए गए। इस दौरान 22 लोगों की मौत हो गई जबकि 117 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हिजबुल्ला के खिलाफ लेबनान में इजरायल डिफेंस फोर्स का ग्राउंड एक्शन जारी है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इन हमलों से एक आवासीय इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई तथा एक अन्य इमारत पूरी तरह ढह गई।घायलों को अमेरिकन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया। ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि इस हमले में हसन नसरल्लाह के बहनोई और हिजबुल्लाह के उच्च अधिकारी वाफिक सफा को मारने की कोशिश की गई है। हिजबुल्लाह ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। *दो दिनों की शांति के बाद हमले* एक रिपोर्ट के मुताबिक तीन सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि वाकिफ सफा उस बिल्डिंग के तीसरी मंजिल पर था जिसे निशाना बनाया गया। लेकिन वह हमले से बच कर भागने में कामयाब रहा। इजरायली हमलों में बचौरा की दो घनी आबादी वाले इलाकों में आवासीय इमारतों को निशाना बनाया गया। लेबनान की राजधानी में दो दिनों की शांति के बाद हमले हुए। हाल के हफ्तों में लगातार हमलों के बीच अचानक से हुई शांति भी लोगों को डरा रही थी। *स्कूल पर हमले में 27 लोगों की मौत* इससे पहले, फिलिस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि गाजा में विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर गुरुवार को इजराइली हमले में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गयी. इजराइली सेना ने बिना कोई सबूत दिए कहा कि उसने आम लोगों के बीच छुपे उग्रवादियों को निशाना बनाया. इजराइल ने फिलिस्तीनी क्षेत्र में उग्रवादी ठिकानों पर हमले जारी रखे हैं, जबकि उसका ध्यान लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ युद्ध और ईरान के साथ बढ़ते तनाव पर केंद्रित है. उसने इस हफ्ते की शुरुआत में उत्तरी गाजा में हमास के विरुद्ध बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी अभियान शुरू किया था.
Oct 11 2024, 14:34
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