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जेपीएनआईसी सेंटर विवाद: अखिलेश यादव बोले- जब बैरीकेटिंग हटेगी तब अंदर जाएंगे
लखनऊ । जेपीएनआईसी सेंटर पर अखिलेश को भीतर न घुसने देने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन सपा कार्यकर्ता उनके म्यूजियम में जयंती मनाते हैं। लेकिन हमें दो बार से माल्यार्पण करने से रोका जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार इस सेंटर को बेचना चाहती है।

उन्होंने कहा कि ये बैरीकेटिंग सपा के कार्यकर्ताओं को रोक नहीं पाएगी। पुलिस कब तक यहां रहेगी। जब पुलिस वहां से हटेगी तब हम वहां माल्यार्पण करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि हम माल्यार्पण यहीं पर करेंगे। अभी यहां पर पुलिस की बैरीकेटिंग है। यह बैरीकेटिंग कब तक रहेगी। जब  पुलिस हटेगी तब हम वहां जाएंगे।

अखिलेश ने कहा कि यह सरकार ही विनाशकारी है। सरकार भेड़िए को पकड़ने की ताकत नहीं जुटा पा रही है। वह इन चीजों में अपनी ऊर्जा खर्च कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि अंदर कुछ गड़बड़ चल रहा है। कुछ ऐसा है जो सरकार छिपाना चाह रही है। हमें अंदर कुछ वजहों से नहीं आने दिया जा रहा है। हम इसकी हकीकत मालूम करके रहेंगे।

अखिलेश यादव की निर्धारित यात्रा से पहले जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को सील, सपा नेताओं में आक्रोश
लखनऊ । जयप्रकाश नारायण की जयंती पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की निर्धारित यात्रा से पहले जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को सील कर दिया गया है। बैरिकेडिंग की गई है और पुलिस बल तैनात किया गया है। अखिलेश के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। इससे सपा नेता आक्रोशित हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पुलिस बल और बैरिकेडिंग की मौजूदगी के बीच पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के आवास पर इकट्ठा होने लगे हैं। बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव आज जयप्रकाश नारायण की जयंती पर गोमती नगर स्थित जेपीएनआईसी का दौरा करने वाले हैं।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बृहस्पतिवार को देर रात गोमती नगर स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में बयान दिया कि ये टीन शेड लगाकर सरकार कुछ तो छिपाना चाह रही है। कहीं ऐसा तो नहीं कि बेचने की तैयारी हो, किसी को देना चाहते हो। बता दें कि समाजवादी विचारधारा के प्रतीक लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 11 अक्तूबर (शुक्रवार) को जयंती है। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जेपीएनआईसी जाना है।

श्रद्धांजलि देने से रोकना सभ्य समाज की निशानी नहीं : अखिलेश

इसके पहले, अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जेपीएनआईसी के मेन गेट पर लगाई जा रही टिन का वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं।उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, "...जयप्रकाश नारायण आजादी की लड़ाई में हमारे बड़े नेता थे, स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्हें सभी पार्टियों के नेताओं का सम्मान प्राप्त है। इसलिए आज उनकी जयंती पर हम प्रतिपक्ष उनका सम्मान करने के लिए उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं। पिछली बार भी उन्हें(अखिलेश यादव) रोका गया था लेकिन हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष वहां गए और माल्यार्पण किया फिर चले आए। मुझे समझ नहीं आता कि केवल माल्यार्पण करने से कौन सा पहाड़ टूट जाता है? या तो उस संस्थान(जेपीएनआईसी) में कोई गड़बड़ी है जिसे बेचने का प्रयास किया जा रहा है और ये गड़बड़ उजागर न हो इसलिए ऐसी लोकतांत्रिक कार्रवाई करके उन्हें(अखिलेश यादव) जाने से रोका जा रहा है।"

इस सरकार की मंशा ठीक नहीं : अजय राय कांग्रेस अध्यक्ष

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस सरकार की मंशा ठीक नहीं है। पिछले साल भी इसी तरह की चीजें की गई थीं। उन्होंने वाराणसी में सर्व सेवा संघ को ध्वस्त कर दिया, इसी तरह, मुझे लगता है कि वे उसे (जेपीएनआईसी) भी ध्वस्त करने और एक बड़े व्यवसायी को बेचने की कोशिश कर रहे हैं।
सीएम योगी ने महाअष्टमी एवं महानवमी की प्रदेशवासियों को दी हार्दिक बधाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र में महाअष्टमी एवं महानवमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि जगत की समस्त व्यवस्थाओं को आदिशक्ति भगवती संचालित करती हैं। इनके अनंत रूप हैं। आदिशक्ति प्रधान नौ रूपों में नवदुर्गा बनकर चराचर जगत पर अपनी करुणा की वर्षा करती हैं। नवरात्र में माँ के इन नौ रूपों का पूजन श्रद्धा एवं भक्तिभाव से किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्र में माँ दुर्गा की आराधना मातृशक्ति के प्रति सनातन परम्परा के सम्मान का प्रतीक है। इसी क्रम में नवरात्र में महाअष्टमी एवं महानवमी पर भक्तगण कन्या पूजन करते हैं। नवरात्र का पर्व केवल व्रत और उपवास का नहीं, बल्कि नारी शक्ति और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है। यह पर्व मातृशक्ति के प्रति भारत की भावना का प्रभावी प्रतिनिधित्व करता है।
गंगा आरती में रतन टाटा को 51 दीप जलाकर दी श्रद्धांजलि, हुआ शांति मंत्र का जप
लखनऊ /वाराणसी। देश के जाने-माने उद्योगपति पद्म विभूषण रतन नवल टाटा के निधन पर काशी नगरी भी शोकाकुल है। गुरुवार शाम अस्सीघाट पर सायंकालीन गंगा आरती में 51 दीप जलाकर रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। घाट पर गंगा आरती में शामिल ब्राम्हणों ने शांति मंत्र का जप करके रतन टाटा के आत्मा की शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की।

जय मां गंगा सेवा समिति और ब्राम्हम राष्ट्र एकम की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम में दो मिनट का मौन रख श्रद्धालुओं ने रतन टाटा के प्रति आदर दिखाया। इसमें देश विदेश के पर्यटक भी स्वेच्छा से शामिल हुए।

गंगा आरती समिति के यश चतुर्वेदी ने बताया कि रतन टाटा का देश के विकास में काफी अहम योगदान रहा है। गरीबों के लिए उन्होंने काफी कुछ काम किया है। एक ऐसे व्यक्ति के चले जाने से देश को काफी क्षति हुई है। आज हम सभी ने मां गंगा से उनकी आत्मा के शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की और 2 मिनट का मौन रखा। उधर, वाराणसी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र व होमी भाभा कैंसर अस्पताल के कर्मियों ने भी रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
हाथरस सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में सूरज पाल उर्फ भोले बाबा का बयान दर्ज
लखनऊ। हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में गांव फुलरई मुगलगढ़ी में इसी साल 02 जुलाई को आयोजित सत्संग में भगदड़ के दौरान 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसी मामले में आज सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा लखनऊ के जनपथ बाजार स्थित सचिवालय पहुंचे। यहां सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा ने न्यायिक आयोग के समक्ष प्रस्तुत होकर अपना बयान दर्ज कराया। सूरज पाल से न्यायिक आयोग ने लगभग सवा दो घंटे तक पूछताछ की।

न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए सूरज पाल भारतीय जनता पार्टी के पूरनपुर (पीलीभीत) विधायक बाबू राम पासवान की फार्चूनर कार में सवार होकर पहुंचे थे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी साथ ही थे। सचिवालय के सामने उतरते ही सूरज पाल को लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के पुलिसकर्मियों ने घेर लिया। पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी, अपर पुलिस आयुक्त अरविन्द कुमार वर्मा और हजरतगंज के निरीक्षक विक्रम सिंह ने कड़े सुरक्षा घेरे में सूरज पाल को न्यायिक आयोग के कक्ष तक पहुंचाया। सूरज पाल के पूछताछ के लिए आने से पहले ही पुलिसकर्मियों ने जनपथ बाजार की सभी दुकानों को एहतियातन बंद करा दिया था।

न्यायिक आयोग के सदस्यों ने सूरज पाल उर्फ भोले बाबा से करीब सवा दो घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान बाबा की ओर से उनके पक्ष में करीबी 1100 लोगों के शपथ पत्र भी आयोग को सौंपे गए। आयोग के बाहर आने पर सूरज पाल ने मीडिया के प्रश्नों का अपने अंदाज में ही उत्तर दिये। इस दौरान पूरी घटना को सूरज पाल मात्र एक हादसा ही बताते रहे। सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा को उनके भक्त बाबा साकार हरि भी कहते हैं। भोले बाबा की ओर से पेश अधिवक्ता ए.पी. सिंह ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि इस भगदड़ के पीछे राजेश यादव उर्फ फौजी ही है। भोले बाबा ने अपना बयान दर्ज करा दिया है। आगे जो भी होगा, उसे देखा जायेगा। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार और न्याय व्यवस्था पर उन्हें भरोसा है।

उल्लेखनीय है कि हाथरस में 02 जुलाई को सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा के सत्संग समारोह के आखिरी दिन भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। इसे लेकर पुलिस प्रशासन व आयोजकों से लेकर भोले बाबा तक की चौतरफा निंदा हुई और सवाल उठाए गए। हादसे के बाद कुछ दिन तक भोले बाबा अज्ञात स्थानों पर रहे और बाद में सार्वजनिक रूप से बयान दिया कि यह व्यवस्था का दोष है, उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं थी। हांलाकि कहा जाता है कि भोले बाबा की चरण रज (पैरों की धूल) लेने के लिए मची भगदड़ के चलते यह हादसा हुआ। इस मामले में पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन भोले बाबा को गिरफ्तार नहीं किया गया।उस हादसे में मारे गए और पीड़ित लोगों ने भी भोले बाबा के खिलाफ बयान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा का पिछड़ों व दलित समाज में खासा प्रभाव है और बाबा के प्रचार और प्रभाव के इस समाज के बड़ी संख्या में लोगों ने मांस और शराब का त्याग किया है।
विजयादशमी से पूर्व बिजली विभाग का तोहफा, लगातार पांचवें साल नहीं बढ़ी बिजली दर
लखनऊ।प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दर का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया, जहां में लगातार पांचवें साल बिजली दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी। इस यथावत बिजली दर के बने रहने में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का अहम रोल रहा, जो नियामक आयोग में अपनी तर्कसंगत मांगे रखी और बिजली दर को कम किये जाने की मांग की।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ऐलान किया है कि बिजली उपभोक्ताओं का कंपनियों पर निकल रहे 33122 करोड के एवज में दरों में कमी के लिए संघर्ष जारी रहेगा। इसके साथ ही नियामक आयोग ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन जोडने व काटने का 50 रुपये प्रस्तावित शुल्क और10 रुपये एसएमएस शुल्क को भी खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अब तीन किलो वाट कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं को भी तीन फेज कनेक्शन लेने की छूट दे दी गयी है।

उपभोक्ता परिषद की लडाई के चलते विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन व बिजली कंपनियों के अनेकों प्रस्ताव खारिज कर दिया। इस साल भी बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 1944 करोड़ सरप्लस निकला। वहीं बिजली कंपनियों का 11203 करोड का घाटा दिखाया गया। विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने गुरुवार को नई बिजली दरों का एलान करते हुए कहा कि पांचवी साल भी उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं होगा और दरे यथावत रहेगी। प्रदेश में बिजली कंपनियां जहां चोर दरवाजे बिजली दरों में अपने प्रस्तावित गैप 11203 करोड के एवज में भारी बढोतरी चाहती थी।

वहीं उपभोक्ता परिषद के संघर्ष के बाद उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया जहां 5 सालों से बिजली दरें यथावत है। यह बात अवश्य है कि उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड सर प्लस निकल रहा है। उसके एवज में अगले 5 वर्षों तक 8 प्रतिशत बिजली दरों में कमी का ऐलान नियमानुसार विद्युत नियामक आयोग को करना चाहिए था,लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने ऐसा नहीं किया जो अपने आप में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का खुला उल्लंघन है। इसको लेकर उपभोक्ता परिषद आगे अपना संघर्ष जारी रखेगा।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नई बिजली दर का अध्ययन उपभोक्ता परिषद करेगी। इसके बाद आगे की रणनीति के तहत पहले से उपभोक्ताओं के निकले सरप्लस 33122 करोड़ व वर्तमान में निकले सरप्लस को जोडकर विद्युत नियामक आयोग के सामने पुनर्विचार जनहित याचिका दाखिल करते हुए बिजली दरों में कमी करने को लेकर फिर एक बार संघर्ष क्या ऐलान करेगा और जब तक बिजली दलों में कमी नहीं हो जाएगी इस संघर्ष को अनवरत चलाएगा
टाटा ने यूपी को न सिर्फ अपने कारोबारी समूह का, बल्कि समाज सेवा के लिए भी अपना बड़ा केंद्र बनाया, रतन टाटा के दिलों में बसता था यूपी

लखनऊ । पद्मविभूषण रतन टाटा के दिल में यूपी के लिए खास जगह थी। उन्होंने कहा था कि यूपी को अक्सर न सिर्फ गलत समझा गया, बल्कि कमतर भी आंका गया, जबकि ये राज्य हर लिहाज से शानदार है। यूपी पूरे देश का नेतृत्व करने की ताकत रखता है। वर्ष 2017-18 में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में रतन टाटा से मुलाकात की थी। इसका परिणाम ये निकला कि टाटा ने यूपी को न सिर्फ अपने कारोबारी समूह का, बल्कि समाज सेवा के लिए भी अपना बड़ा केंद्र बनाया।

यूपी में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश की नींव वर्ष 2017-18 में पहले निवेशक सम्मेलन ने रखी गई थी। सीएम योगी ने मुंबई में रतन टाटा से मुलाकात की और यूपी आने का निमंत्रण दिया। प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत सहगल के मुताबिक उस समय लखनऊ में टाटा मोटर्स का प्लांट बंद करने की योजना थी, लेकिन इस मुलाकात के बाद न सिर्फ ये आशंका खत्म हुई, बल्कि प्लांट का विस्तार भी किया गया। यूपी को आईटी हब का बड़ा गढ़ बनाने में रतन टाटा की बड़ी भूमिका है।

उन्होंने नोएडा-एनसीआर से बाहर लखनऊ में टाटा कंसलटेंसी सर्विस (टीसीएस) का मुख्यालय खोलकर यूपी को नया आईटी सेंटर दिया। पिछले वर्ष यूपी में सेमी कंडक्टर कॉम्प्लेक्स को लेकर रतन टाटा से वार्ता हुई। इस प्रोजेक्ट को लेकर वे काफी उत्साहित थे। यूपी के प्रति उनका नजरिया काफी सकारात्मक था इसलिए टाटा समूह ने 25 हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए थे। सीएम योगी से मुलाकात के दौरान रतन टाटा ने वाराणसी में कैंसर इंस्टीट्यूट खोलने का वादा किया था। उन्होंने लखनऊ या आगरा में से किसी एक शहर को गोद लेने का वादा भी किया था।

वर्ष 2015 में लखनऊ आए रतन टाटा के अल्फाज थे- यूपी ने मेरा दिल चुरा लिया है। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट के बीच एमओयू साइन किया गया था। ये टाटा ट्रस्ट के साथ मॉलन्यूट्रिशन, शिक्षा, मातृ-बच्चा स्वास्थ्य सेवाएं और सोलर एनर्जी जैसे क्षेत्रों में सहयोग के लिए था। टाटा ने कहा था, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि कुपोषण को लेकर प्रदेश सरकार से इतना सहयोग मिलेगा।
यूपी में 1.5 लाख से ज्यादा गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं का रतन टाटा ने किया उद्धार
लखनऊ । टाटा ट्रस्ट प्रदेश में स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, आजीविका और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विभिन्न सामाजिक कल्याण और विकास परियोजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल है। राज्य सरकार के साथ शुरू इन योजनाओं का असर 1.5 लाख से ज्यादा गरीबों, वंचितों, किसानों, महिलाओं और युवाओं पर पड़ा है। इससे उनके जीवनस्तर में व्यापक बदलाव आए।

टाटा ट्रस्ट ने कुपोषण दर को कम करने और मातृ स्वास्थ्य में सुधार के लिए राज्य सरकार के साथ काम किया है। राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोषण अभियान) के साथ साझेदारी में ट्रस्ट ने 1200 से ज्यादा फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया। इससे बहराइच और बलरामपुर जैसे जिलों में बच्चों में कुपोषण में उल्लेखनीय कमी आई। यही नहीं कैंसर देखभाल के लिए संस्थानों के साथ साझेदारी कर अत्याधुनिक सुविधाएं दी हैं। पूर्वी यूपी और पड़ोसी राज्यों के लोगों को सस्ती कैंसर देखभाल सेवाओं के लिए वाराणसी में 150 बेड का कैंसर अस्पताल स्थापित कर रहा है।

सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का मिशन तैयार किया। इसका उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बीच सीखने और स्कूल जाने की इच्छा पैदा करना है। इसके लिए वाराणसी और लखनऊ में 800 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। इस मुहिम के सहारे 50,000 से अधिक छात्रों को स्कूल तक लाया गया। ट्रस्ट युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद भी बना रहा है। प्रदेश में 5,000 से अधिक युवाओं को इसके तहत प्रशिक्षित किया गया है।

टाटा ट्रस्ट ने ग्रामीण किसानों को फसल विविधीकरण और कुशल जल उपयोग जैसी स्थायी कृषि प्रणाली अपनाने में मदद की है। सीतापुर, बहराइच और बाराबंकी जैसे जिलों में 50,000 से अधिक किसानों ने टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाया है। इससे किसानों की आय में 20-30% की वृद्धि देखी गई है। राज्य में 15,000 से अधिक महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। मुर्गीपालन, हस्तशिल्प और छोटे पैमाने के उद्यमों में प्रशिक्षित किया गया है। इस पहल से महिलाओं की आय में 30-40% की वृद्धि हुई है।

वाराणसी और मिर्जापुर में ट्रस्ट ने 20,000 से अधिक घरों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाया है। डायरिया और हैजा जैसी जलजनित बीमारियों में 50% की कमी दर्ज की गई है। विभिन्न जिलों में 5,000 से अधिक शौचालयों का निर्माण कराके 10,000 से ज्यादा परिवारों की मदद की।
सपा सरकार आने पर सफारी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करेंगे: अखिलेश यादव
लखनऊ/इटावा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को देर शाम इटावा पहुंचे। उन्होंने लायन सफारी पार्क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि सफारी में काफी सुधार और काम की जरूरत है। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि सरकार (भाजपा) को सफारी का बजट बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार आने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफारी पार्क को विकसित करेंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफारी पार्क का प्रचार प्रसार भी किया जायेगा।

सैफई में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की द्वितीय पुण्यतिथि पर नेता जी को श्रद्धांजलि देने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा पहुंचकर सफारी पार्क का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा सरकार पर तंज कटे हुए कहा कि सफारी के लिए बजट बढ़ाना चाहिए क्योंकि अभी सफारी में काफी सुधार और काम की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर हम सफारी पार्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करेंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफारी का प्रचार प्रसार करेंगे। सफारी के अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर बनने से लोगों को यहां काफी संख्या में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

गठबंधन के साथ उपचुनाव की जीतेंगे हर सीट

यूपी में पर होने वाले 10 विधान सभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सवाल का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोग इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव में हर सीट पर गठबंधन का उम्मीदवार ही चुनाव जीतेगा।
तीन मंजिला इमारत में लगी भीषण आग,अफरातफरी,आठ गाड़ियो ने पांच घंटे में काबू पाया
लखनऊ। राजधानी के बीबीडी में गुरुवार को सुबह तीन मंजिला इमारत के पहले तल पर आग लग गई। लपटों ने कुछ ही पल में तीनों तलों को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के समय तीसरे तल पर बने जिम में मौजूद लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई। दमकल ने आठ गाड़ियों से पांच घंटे में आग पर काबू पा लिया।

लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर तीन मंजिला इमारत के पहले तल पर वंश अग्रवाल की बॉश्च सर्विस नाम से टायर की दुकान है। दूसरी पर टायर का गोदाम, जबकि तीसरी पर विद्याभूषण सिंह का जिम है। बृहस्पतिवार सुबह करीब छह बजे जिम में लोग व्यायाम कर रहे थे तभी उन्हें नीचे की मंजिल से धुआं उठते दिखा। लोग जब नीचे पहुंचे तो देखा कि दुकान से आग की लपटें निकल रही थीं। सभी चीखते-चिल्लाते बाहर भाग गए। लोगों ने घटना की जानकारी दमकल को दी। अगल-बगल के लोग आग बुझाने में जुट गए। मगर लपटें बेकाबू होती चली गईं।

इस बीच दमकलकर्मी आठ गाड़ियों से घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत कार्य शुरू किया तब तक आग और विकराल हो चुकी थी और तीनों तल उसकी चपेट में आ चुके थे। दुकान के बगल में तीसरे तल तक जाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता था जो कि काफी संकरा था। ऐसे में दमकल को आग बुझाने में काफी समस्या हुई। दमकल की टीम ने तीनों तलों के शीशे तोड़ दिए और धुआं बाहर निकाला फिर आग पर काबू पाने की कोशिश की। कड़ी मशक्कत के बाद करीब 11 बजे आग पूरी तरह से बुझा ली गई। एफएसओ गोमतीनगर सुशील यादव के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी। गनीमत रही कि समय रहते लोग जिम से बाहर निकल आए नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।