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पीके का जन सुराज बदलेगा बिहार की सियासत ! बिहार को क्या मिल गया है तीसरा विकल्प

डेस्क : बिहार की सियासत अन्य राज्यों के मुकाबले अलग है, जहां जातिवाद से लेकर परिवारवाद हावी रहा है। प्रदेश में सियासी समीकरण के बदलाव का बयार लगातार चलता रहता है। बिहार में राजनीतिक ऊंट किस तरफ करवट लेगा, ये सवाल हमेशा बना रहता है। हालांकि 1 अक्टूबर तक पिछले तकरीबन 34 सालो से बिहार में केवल दो विकल्प था। एक एनडीए तो दूसरा महागठबंधन। लेकिन 2 अक्टूबर को बिहार में एक तीसरे विकल्प की एंट्री हो गई। भारत के कुछ सबसे सफल चुनाव अभियानों के पीछे रणनीतिक दिमाग रहने वाले प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन बिहार में आधिकारिक तौर पर अपनी राजनीतिक पार्टी, जन सुराज की शुरुआत की।

राजधानी पटना के भेटनरी कॉलेज मैदान में कार्यक्रम का आयोजन कर प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी को लॉन्च किया। इस मौके पर भेटनरी कॉलेज मैदान में उमड़ी भीड़ देखने लायक थी। शायद ही किसी पार्टी के एलान पर पटना में ऐसी भीड़ देखी गई हो। वहीं भीड़ को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं यहां केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं हूं। हम यहां वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए हैं और उस परिवर्तन की शुरुआत लोगों से होगी।"

नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार से लेकर केजरीवाल, ममता बनर्जी और अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने वाले 47 वर्षीय प्रशांत किशोर के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है। प्रशांत किशोर को अब बिहार में एक सलाहकार के रूप में नहीं बल्कि एक नेता के रूप में काम करना है। उनकी रणनीति बिहार की कठोर राजनीतिक यथास्थिति को पहचानने में निहित है।

पिछले 34 सालों से, जब से लालू प्रसाद यादव ने मार्च 1990 में पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला है, राज्य की राजनीतिक कहानी पर दो दलों - राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू) - और अनिवार्य रूप से दो नेताओं का वर्चस्व रहा है। जहां लालू और नीतीश ने राजनीतिक परिदृश्य पर राज किया तो राबड़ी देवी और जीतन राम मांझी जैसे लोग केवल उनके प्रतिनिधि के रूप में काम करते दिखे। इस बीच, राष्ट्रीय स्तर पर अन्य जगहों पर मजबूत पकड़ रखने वाली बीजेपी और कांग्रेस ने यहां दूसरे-तीसरे दर्जे की भूमिका निभाई है। उनका महत्व गठबंधन साझेदारी तक ही सीमित है।

अब प्रशांत किशोर इसी दो विकल्प वाले राजनीतिक इतिहास में एक तीसरे विकल्प के रुप में सामने आते दिख रहे है। बिहार की द्विध्रुवीय राजनीति में, जहां नीतीश बीजेपी के साथ और राजद कांग्रेस के साथ गठबंधन करती है, प्रशांत किशोर को मतदाताओं के ऊबने का अहसास होता है। बहुत लंबे समय से मतदाता बीजेपी के डर से लालू की पार्टी को चुनने या लालू के डर से नीतीश के बीजेपी गठबंधन का समर्थन करने के बीच एक चक्र में फंसे हुए हैं। प्रशांत इसी गतिशीलता को तोड़ना चाहते हैं, बिहार को एक विकल्प देना चाहते हैं - जो राज्य के दो दमघोंटू राजनीतिक विकल्पों से मुक्त हो।

वैसे बिहार की राजनीतिक निष्ठाएं बहुत गहराई से जुड़ी हुई हैं। नीतीश को संख्यात्मक रूप से महत्वपूर्ण अति पिछड़ी जातियों का समर्थन मिलता है तो तेजस्वी यादव और उनकी राजद को मुस्लिम समुदाय और प्रमुख यादव जाति की वफादारी हासिल है। इसके साथ ही दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान बिहार के नए दलित चेहरे हैं। ऐसे राज्य में जहां जातिगत निष्ठाएं बहुत गहरी हैं, इसलिए प्रशांत किशोर के लिए आगे की यात्रा आसान नहीं दिखती।

हालांकि इस पुराने राजनीतिक रणनीतिकार ने बिहार में शराबबंदी को खत्म करने के अपने आह्वान से भी लोगों में खलबली मचा दी है। उन्होंने अपनी हमेशा की तरह ही बेबाक शैली में तर्क दिया कि प्रतिबंध हटाने से राजस्व की बाढ़ आ सकती है, जिसे फिर शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं में बहुत जरूरी निवेश में लगाया जा सकता है। उनके इस एलान पर राजनीतिक हस्तियों, खास तौर पर सत्ताधारी पार्टी के लोगों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, जो इसे बिहार में शराबबंदी और इससे होने वाली सामाजिक बुराइयों को रोकने के प्रयासों का अपमान मानते हैं। हालांकि, सबसे तीखी प्रतिक्रिया महिलाओं के एक वर्ग में देखी जा रही है, जो शराबबंदी के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक थीं। कई लोगों को डर है कि प्रतिबंध हटाने से शराब की वजह से होने वाली घरेलू हिंसा और सामाजिक पतन के दरवाजे खुल जाएंगे। उनके लिए शराबबंदी का अंत केवल एक नीतिगत बदलाव नहीं है - यह बिहार की सबसे गहरी सामाजिक समस्याओं में से एक से निपटने में सालों की प्रगति को खत्म करने का खतरा है।

फिर भी, इन चुनौतियों के बीच एक अवसर छिपा है। भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक बिहार बेरोजगारी, खराब बुनियादी ढांचे और नाममात्र के फंड से चलने वाली शिक्षा प्रणाली से जूझ रहा है। प्रशांत ने अपने गृह राज्य पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला जानबूझकर किया है। जन सुराज के संस्थापक लंबे समय से बिहार में ठहराव के मुखर आलोचक रहे हैं, जिसका श्रेय वे दशकों से चली आ रही जाति-आधारित राजनीति और शासन की निष्क्रियता को देते हैं। उनकी पार्टी की शुरुआत राज्य भर में 5,000 गांवों में पदयात्रा के बाद हुई है। यह प्रयास न केवल आधार बनाने के लिए बल्कि बिहार के आम लोगों को परेशान करने वाले मुद्दों की गहन समझ हासिल करने के लिए किया गया है।

हालांकि दूसरे नए राजनीतिक चेहरे जो अक्सर करिश्मे या चुनावी वादों पर निर्भर रहते हैं, उनसे अलग प्रशांत ने जन सुराज को शासन-केंद्रित आंदोलन के रूप में स्थापित किया है। उनका मंच बिहार की सबसे अहम ज़रूरतों- शिक्षा, रोज़गार, स्वास्थ्य सेवा- को प्राथमिकता देता है, जिन्हें सत्ताधारी अभिजात वर्ग द्वारा लंबे समय से नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है।

लेकिन इन सब के बीच अपने प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद प्रशांत किशोर को महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। बिहार के मतदाता अपनी जातिगत संबद्धताओं के प्रति बेहद वफादार हैं, और जन सुराज, एक नई पार्टी जिसका कोई जमीनी संगठनात्मक ढांचा नहीं है, को क्षेत्रीय दिग्गजों से मुकाबला करने के लिए रणनीति से कहीं ज़्यादा की ज़रूरत होगी। प्रशांत की अंतिम सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि क्या वे मतदाताओं को जाति से परे देखने और शासन और विकास पर आधारित भविष्य की ओर देखने के लिए राजी कर पाते हैं। किशोर का कहना सीधा है कि बिहार को एक राजनीतिक विकल्प की जरूरत है, और जन सुराज वह विकल्प हो सकता है।

अब देखने वाली बात यह होगी प्रशांत किशोर ने अपने दो साल के पदयात्रा में बिहार की जनता को कितना बदल पाए है। क्या जनता पीके के जनसुराज को स्वीकार कर बिहार में इस तीसरे विकल्प को प्राथमिकता देकर पिछले 34 सालों से जिन दो-तीन पार्टियों के कब्जे को तोड़ एक नई सरकार दे पाती है।

बिहारवासियों के लिए अब विदेश जाना होगा आसान, नए साल में पटना एयरपोर्ट से सीधी विमान सेवा की मिलेगी सुविधा

डेस्क : बिहार से विदेश जाने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें विदेश जाने में परेशानी नहीं होगी। नए साल में पटना एयरपोर्ट से हवाई यात्रियों को विदेशों के लिए सीधी उड़ान सेवाएं मिलेंगी। नए टर्मिनल बिल्डिंग के मार्च महीने तक पूरी तरह तैयार होने के बाद इम्रीग्रेशन काउंटरों को भी क्रियाशील करने की तैयारी तेज हो गई है। पटना एयरपोर्ट पर आव्रजन और प्रवजन से संबंधित अफसरों की तैनाती के लिए कवायद शुरू कर दी गई है।

अगले साल मार्च से काठमांडू, म्यांमार और सिंगापुर के लिए उड़ान सेवाएं शुरू हो सकती है। अभी पटना के यात्रियों को विदेश यात्रा के लिए पटना एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद दूसरे शहरों में जैसे दिल्ली या कोलकाता जाना पड़ता है।

एएआई की योजना पटना एयरपोर्ट को जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय सेवाओं के लायक तैयार करने की है। इसके बाद विदेशों के लिए सीधी विमान सेवाएं शुरू हो सकेंगी। इससे यात्रियों के पैसे व समय की बचत हो सकेगी। विदेशों में कारगो सप्लाई के लिए भी मॉडल को विकसित करने की तैयारी है ताकि बिहार के व्यापारी, उद्यमी और अन्य लोगों द्वारा तैयार उत्पाद को विदेशी बाजार सहजता से मिल सके।

अष्टमी और नवमी को शहर में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर यातायात व्यवस्था में बदलाव, घर से निकलने से पहले जान ले पूरा रुट

डेस्क : शारदीय नवरात्र का आज आठवां दिन है। आज मां के आठवें रुप महागौरी की पूजा अर्चना हो रही है। वहीं बीते बुधवार को पूजा के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा के बाद शहर के कई पंडालों में मां का पट भक्तों के दर्शन-पूजन के लिए खोला गया। जिसके बाद मां के दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा।

वहीं आज अष्टमी और कल नवमी को शहर में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। कई मार्ग वन-वे किए गए हैं। प्रतिबंधित सड़कों पर बाइक भी नहीं जा पाएगी। डाकबंगला की ओर वाहन नहीं जा सकेंगे। जीएम रोड, नाला रोड सहित अशोक राजपथ पर पश्चिमी दरवाजा से पूरब दरवाजा के बीच वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित है।

ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि दुर्गा पूजा और दशहरा को लेकर 12 अक्टूबर तक शहर में यातायात में कई फेरबदल किए गए हैं। डाकबंगला चौराहा से कोतवाली, न्यू डाकबंगला से एसपी वर्मा रोड, नाला रोड और गोविंद मित्रा रोड सहित कई सड़कों पर वाहनों के प्रवेश पर रोक है। सप्तमी के दिन यातायात व्यवस्था सामान्य रूप से चली। कई रास्तों पर आवाजाही बंद होने से लोगों को कहीं आनेजाने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

डाकबंगला चौराहा से कोतवाली तक दोनों फ्लैंकों के अलावा न्यू डाकबंगला रोड से एसपी वर्मा रोड में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। भट्टाचार्या चौराहा, पटना जंक्शन व स्वामीनंदन तिराहे से डाकबंगला से भी वाहनों का परिचालन नहीं होगा। गांधी मैदान की ओर से स्टेशन जाने वाली गाड़ियां डाकबंगला चौराहा पार कर फ्रेजर रोड के रास्ते सीधे जंक्शन जा सकती हैं। भीड़ की वजह से डाकबंगला चौराहे पर वाहनों की आवाजाही बंद करनी पड़ी तो एक्जीबिशन रोड होते हुए जंक्शन आएंगी-जाएंगी। नेहरू पथ की ओर से आनेवाली गाड़ियां आयकर गोलंबर से आर ब्लॉक होते हुए जंक्शन की ओर जाएंगी। बुद्धमार्ग में भी वाहनों का परिचालन जारी रहेगा।

बारीपथ से बाकरगंज मोड़-मखनियाकुआं रोड पर वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध है। सैदपुर से मोईनुल हक स्टेडियम होते हुये दिनकर गोलंबर तक जा सकेंगे। नाला रोड मोड़, हिन्दी साहित्य सम्मेलन से ठाकुरबाड़ी मोड़ की तरफ कोई वाहन नहीं चलेगा। पश्चिम दरवाजा से अशोक राजपथ में पूरब से पश्चिम वाहनों का परिचालन नहीं होगा। पूरब दरवाजा से अशोक राजपथ में पूरब से पश्चिम तक परिचालन पर रोक रहेगी।

मां का पट खुलते ही दर्शन के लिए राजधानी पटना में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, कई जगहों पर आज अष्टमी को खुलेगा पट

पटना : शारदीय नवरात्र का आज आठवां दिन है। आज मां के आठवें रुप महागौरी की पूजा अर्चना हो रही है। वहीं बीते बुधवार को पूजा के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा के बाद शहर के कई पंडालों में मां का पट भक्तों के दर्शन-पूजन के लिए खोला गया। जिसके बाद मां के दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा।

सुबह साढ़े नौ-दस बजे लंगरटोली बंगाली अखाड़ा और गर्दनीबाग कालीबाड़ी, सवा 11 बजे आयकर गोलंबर स्थित पूजा पंडाल का पट खुला। मौके पर सांसद शांभवी चौधरी और बांकीपुर विधायक नितिन नवीन मौजूद रहे। दोपहर 12 बजे शेखपुरा दुर्गाश्रम, एक बजे खाजपुरा पंडाल, शाम सात बजे गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी में मां की प्रतिमा का पट श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। पट खुलते ही शहर के पूजा पंडालों में देवी मंत्र गूंजने लगे।

गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी प्रबंध न्यास समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व विधान पार्षद प्रो.रणबीर नंदन ने बताया कि आज से आरती के पश्चात मां दुर्गा परिवार को पूजन विधिवत प्रारंभ हो जायेगा। खुलने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

बांग्ला विधि से पूजन करने वाले पटना कालीबाड़ी, बंगाली अखाड़ा सहित आधा दर्जन पूजा पंडालों में बुधवार सुबह पट खोला गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में जमा श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पट खुलने के बाद षष्ठी पूजा की गई। पट खुलने के बाद ढाक वादकों ने जमकर ढाक बजाया और धनुची नृत्य के साथ मां की आरती की गई। इसके बाद बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने मां के जयकारे लगाते हुए दर्शन किए। बुधवार शाम को अधिवास और बिल्व आमंत्रण दिया गया। लंगरटोली स्थित बंगाली अखाड़ा के सचिव जोयदीप मुखर्जी ने बताया कि गुरुवार सुबह नवपत्रिका प्रवेश के साथ मां की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा होगी। गुरुवार से श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण किया जाएगा।

बड़ी खबर : आईजी शिपदीप लांडे का पूर्णिया रेंज से हुआ स्थानातरंण, अब दी गई यह जिम्मेवारी

डेस्क : बिहार पुलिस मुख्यालय से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। पुलिस मुख्यालय ने बिहार के सुपर कॉप के नाम से मशहूर पूर्णिया रेंज के आईजी शिवदीप लांडे एकबार फिर स्थानांतरण भी कर दिया गया है। पुलिस मुख्यालय से जारी नए आदेश के अनुसार शिवदीप लांडे को अब पुलिस ट्रेनिंग का आईजी बनाया गया है। वहीं उनकी जगह पूर्णिया रेंज के नई आईजी के रूप में राकेश राठी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बता दें कि लांडे को कुछ महीने पहले ही पूर्णिया रेंज का आईजी बनाया गया था। जिसके बाद अचानक ही उन्होंने इस्तीफा देकर पुलिस महकमे में हंगामा मचा दिया। शिवदी लांडे ने अपने इस्तीफे का कारण निजी बताया था।

हालांकि इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा था कि वह बिहार छोड़कर नहीं जाएंगे। वे बिहार में ही रहकर यहां प्रदेशवासियों की सेवा करना चाहते है। जिसके बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि वे राजनीति में इंट्री करेंगे। लेकिन ऐसा भी कुछ नहीं हुआ। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया के फेसबुक पर राजनीति में इंट्री की चर्चा पर विराम लगाया था।

अब पुलिस मुख्यालय से एकबार फिर उनका ट्रांसफर कर दिया गया है।

50 हजार की इनामी बिहार की यह महिला डॉन गिरफ्तार, एसटीएफ और मोतिहारी पुलिस की संयुक्त टीम ने दबोचा

डेस्क : पूर्वी चंपारण जिला पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम एक कुख्यात महिला अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। गिरफ्तार महिला रीता सिंह अपराधी प्रतिबंधित संगठन की सदस्य थी। इसके उपर सरकार ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था और यह फरार चल रही थी। महिला पर जिले के विभिन्न थाने में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट और रंगदारी से संबंधित आठ मामले दर्ज हैं। अब एसटीएफ ने इसे गया रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है।

रीता की गिरफ्तारी को लेकर एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि पकड़ीदयाल डीएसपी सुबोध कुमार के नेतृत्व में पताही थाना और एसटीएफ के एसओजी 8 टीम ने जिला की कुख्यात अपराधी रीता सिंह को पताही से गिरफ्तार किया है। इस अपराधी पर कुल 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। रीता सिंह पर एक दर्जन से भी ज्यादा केस है। कुल आठ कांडों में यह फरार चल रही थी।

गिरफ्तार रीता सिंह पताही थाना क्षेत्र के बेतौना गांव की रहने वाली है। पुलिस के अनुसार इसका संबंध प्रतिबंधित संगठन आजाद हिन्द फौज से भी रहा है। इतना ही नहीं रीता सिंह का पति मुखिया था। लेकिन, उसके पति की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इसी घटना के बाद रीता ने घर त्याग दिया और फिर श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़ गई। इसके बाद वह कई जेलों में रीता सिंह आर्ट ऑफ लिविंग का प्रशिक्षण शिविर लगाती रही है।

इन सबके बीच रीता सिंह का नाम अचानक अपराधिक गतिविधियों में आने लगा। उस पर पकड़ीदयाल थाना में हत्या का प्रयास, फेनहारा थाना में लूट और रंगदारी के दो अलग-अलग मामले, पताही थाना में लूट, हत्या, रंगदारी और विविध कांड के चार अलग-अलग मामले के अलावा मधुबन थाना में रंगदारी का एक कांड दर्ज है।

बिहार के सरकारी स्कूल के गुरु जी बच्चों को पढ़ा रहे थे हनुमान जी पढ़ते थे नमाज, मचा भारी बवाल

डेस्क : बिहार के एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षक द्वारा बच्चों को हनुमान जी नमाज पढ़ते थे और राम जी ने खुद उनसे नमाज पढ़वाया था शिक्षा देने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद भारी बवाल मच गया है। दुनिया के किसी स्कूल में ऐसी पढाई नहीं हुई होगी, जो बिहार के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढाया गया। बिहार के सरकारी स्कूल में टीचर ने बच्चों को पढ़ाया-हनुमान जी मुसलमान थे और वे नमाज पढ़ते थे। हनुमान जी हिन्दू धर्म के पहले ऐसे देवता थे जो नमाज पढ़ते थे, खुद भगवान राम ने उनसे नमाज पढ़वाया था। सरकारी टीचर की ये करतूत सामने आने के बाद भारी बवाल मच गया है।

ये मामला बिहार के बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड के हरपुर, कादरावाद स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है। बताया जा रहा है कि वहां पिछले 8 साल से पोस्टेड टीचर जियाउद्दीन बच्चों को यह पढ़ा रहे थे कि हनुमान जी मुसलमान थे। भगवान राम और हनुमान जी नमाज पढ़ते थे। क्लास में पढ़ने वाले हिन्दू बच्चे ही नहीं बल्कि मुस्लिम लड़कियों ने भी बताया कि जियाउद्दीन मास्टर उन्हें यही बता रहे थे कि हनुमान जी नमाज पढते थे। बवाल तब मचा जब बच्चों ने अपने घर जाकर परिवार में ये जानकारी दी कि मास्टर साहब ऐसी पढ़ाई पढ़ा रहे हैं।

बच्चों ने जब इस बात की जानकारी दी तो हंगामा खड़ा हो गया। बड़ी तादाद में ग्रामीण आज सरकारी स्कूल में पहुंच गये। वहां जमकर हंगामा हुआ। स्कूल के प्रिंसिपल ने भी स्वीकार किया कि उन्हें मास्टर जियाउद्दीन के कारनामे की जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्हें मना भी किया था लेकिन वे नहीं माने। नाराज ग्रामीणों ने स्कूल में प्रदर्शन किया। इस दौरान मास्टर जियाउद्दीन स्कूल से गायब हो गया। बाद में वह स्कूल पहुंचा तो ग्रामीणों ने उसे घेरा। जियाउद्दीन ने ग्रामीणों के सामने स्वीकार किया कि वह राम जी और हनुमान जी के बारे में बच्चों को ऐसी जानकारी दे रहा था। उसने ग्रामीणों के सामने माफी मांगी।

इधर मामला सामने आने के बाद बेगूसराय के सांसद औऱ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भड़क उठे हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि जियाउद्दीन नाम का सरकारी टीचर पढ़ा रहा है कि हनुमान जी मुस्लिम थे और नमाज पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को तत्काल ऐसे शिक्षक पर कार्रवाई करनी चाहिये। इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का भारी खतरा है। लिहाजा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुद इस बात का संज्ञान लेकर जियाउद्दीन मास्टर पर कार्रवाई करनी चाहिये।

आज से 12 अक्टूबर तक बदली रहेगी पटना की यातायात व्यवस्था, दुर्गापूजा घूमने निकलने से पहले जान ले पूरा रुट

डेस्क : आज शारदीय नवरात्र का सातवां दिन है। आज से पूजा पंडाल में मां दुर्गा के दर्शन के लिए पट खुल गए है। जिसके बाद आज से मां के दर्शन और मेला घूमने वालों की भीड़ राजधानी पटना के सड़कों पर उमड़ेगी। जिसे देखते हुए आज यानी बुधवार से यातायात व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है।

ट्रैफिक पुलिस ने दशहरा को लेकर ट्रैफिक प्लान जारी किया है। ट्रैफिक डीएसपी अनिल कुमार ने बताया कि ट्रैफिक में 1000 जवान है और लाइन से 500 अतिरिक्त जवान की मांग की गई है।

उन्होंने बताया कि इनकम टैक्स से डाक बंगला चौराहा तक सभी गाड़ियों का परिचालन बंद रहेगा। साथ ही डाक बंगला चौराहा आने वाले सभी रोड पर गाड़ियों का परिचालन बंद रहेगा। 9 सितम्बर से 12 सितम्बर तक भारी वाहनों और माल वाहनों का शहर में इंट्री नहीं होगा। दुर्गा पूजा में भक्तों की भीड़ को देखते हुए 9 से 12 अक्टूबर तक रुट में बदलाव किया गया है। हालांकि एमरजेंसी वाहन, शव वाहन, एंबुलेंस को छूट दी जाएगी।

जीपीओ गोलंबर ऊपर या नीचे से सभी व्यावसायिक वाहनों का परिचालन बुद्धमार्ग (उत्तर) की ओर नहीं होगा। ये वाहन जीपीओ गोलंबर से पश्चिम आर ब्लॉक चौराहा एवं पूरब पटना जंक्शन/पुरानी बाईपास की ओर जा सकेंगे। भट्टाचार्या चौराहा, पटना जंक्शन एवं स्वामीनंदन तिराहा की ओर से डाकबंगला की तरफ सभी वाहनों का परिचालन बंद रहेगा।

डाकबंगला चौराहा से कोतवाली मार्ग पर दोनों तरफ सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद रहेगा। न्यू डाकबंगला रोड से एसपी वर्मा रोड में वाहनों का परिचालन नहीं होगा। पटना जंक्शन से गांधी मैदान जाने वाले छोटे वाहन गोरियाटोली चौक से एक्जीविशन रोड होते हुए जा सकेंगे। इसी मार्ग से पुनः वापसी होगा।

नवरात्र का आज सातवां दिन : आज शाम से मां का खुलेगा पट, पूजा पंडाल और शहर जगमग रौशनी से हुआ रौशन

डेस्क : शारदीय नवरात्रि की आज सप्तमी तिथि है। आज के दिन मां की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। आज बुधवार 9 अक्टूबर सुबह 7.36 बजे के बाद सप्तमी तिथि की शुरुआत हो गई है। इसके पहले मंगलवार रात में मां की प्राण प्रतिष्ठा के पहले बेलनोती की पूजा की गई।

पंडितों के अनुसार सप्तमी तिथि के मूल नक्षत्र में मां का पट खोलने की परंपरा रही है। बुधवार को सुबह से लग रही सप्तमी में मूल नक्षत्र रात 1.44 बजे तक है। इसके कारण ज्यादातर पूजा पंडालों में मां का पट बुधवार को खुल रहा है।

वहीं उदयातिथि को मानने वाले पूजा पंडालों में मां का पट गुरुवार सूर्योदय के बाद सुबह 7.29 के पहले खोला जाएगा। डाकबंगला चौराहा, मछुआटोली पूजा पंडाल, पटना जंक्शन के नजदीक महावीर मंदिर स्थित पूजा पंडाल सहित कई जगहों का पट गुरुवार सुबह खुलेगा।

पूजा पंडालों ने लिया आकार

शहर में पूजा पंडाल आकार ले चुके हैं। शहर में इस बार भी बड़ी संख्या में पंडाल थीम पर आधारित बनाए गए हैं। डाकबंगला चौराहा पर इस बार तिरुपति मंदिर की प्रतिकृति और आनंदपुरी स्थित हिमगिरी चौराहा के पास मटकों की लाइटों से बेहतरीन सजावट की गई है। डाकबंगला चौराहा पर इस वर्ष तिरुपति मंदिर की प्रतिकृति के बने पंडाल के निर्माण में रंग-बिरंगे फाइबर का प्रयोग किया गया है।

हरियाणा विस चुनाव परिणाम पर बिहार के नेताओं की प्रतिक्रिया : बीजेपी ने नीतियों की बताई जीत तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने बताया आश्चर्यजनक

डेस्क : बीते मंगलवार को देश के दो राज्यों ने हरियाणा और जम्मू एंड काश्मीर में हुए विधान सभा चुनाव के परिणाम घोषित हो गए। हरियाणा में जहां बीजेपी ने सारे एग्जिट पोल और विपक्ष के दावे को फेल करते हुए तीसरी बार बहुमत के साथ जीत दर्ज की। वहीं धारा 370 खत्म होने के बाद जम्मू और काश्मीर में पहली बार हुए चुनाव में नेशनल कॉंफ्रेस और कांग्रेस की भारी जीत हुई। इधर इन दोनो राज्यों के चुनाव परिणाम पर बिहार के सत्ताधारी और विपक्ष के ओर से प्रतिक्रिया जारी की गई है।

बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार के स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधान सभा के चुनाव परिणाम को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा की हैट्रिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास, गरीब कल्याण और भारत को वैश्विक पटल पर प्रतिष्ठापित करने की नीतियों एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व गृहमंत्री अमित शाह की कुशल राजनैतिक सांगठनिक रणनीतियों के कारण मिली। पीएम नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता पर हरियाणा की जनता ने तीसरी बार मुहर लगाई है।

कहा कि हरियाणा के लोगों ने कांग्रेस के देश को तोड़ने की साजिशों को नाकाम करते हुए उसे मुहतोड़ जवाब दिया है। जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस के युवराज को बुरी तरह से मुंह की खानी पड़ी है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा के वोट-प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि वहां आई शांति और विकास का संकेत है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधान सभा के चुनाव परिणाम से यह साफ हो गया है कि देश की जनता को नरेंद्र मोदी पर भरोसा है।

वहीं हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में आए चुनाव परिणाम पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी करते हुए इसमें लिखा है कि हरियाणा में एक आश्चर्यजनक परिणाम आया है, लेकिन लोकतंत्र है, लोकतंत्र में जनता मालिक है।

जम्मू-कश्मीर में एक तरफा है परिणाम। हरियाणा चुनाव परिणाम का असर बिहार और झारखंड में होने के सवाल पर कहा कि सब राज्यों के अलग मुद्दे होते हैं, उस आधार पर चुनाव होता है।