मुंशी प्रेमचंद जी सचमुच महान थे, रहते थे धरा पर लेकिन उनके सोच आसमान थे - मुख्य अतिथि :रतनलाल
श्रीप्रकाश यादव
चंदौली -अलीनगर के ज्योति कॉन्वेंट स्कूल प्रांगण में मुंशी प्रेमचंद जी की 88वीं जयंती के अवसर पर अस्मिता नाट्य संस्थान के संस्थापक महासचिव नाट्य रंग कमी विजय कुमार गुप्ता के निर्देशन में मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा रचित नाटक जंजीर का मंचन किया गया।
जिसमें घनश्याम शर्मा ,अनिल मौर्य, फैयाज अंसारी,घनश्याम विश्वकर्मा नतारा फातिमा ने सराहनीय, अभिनय किया। आयोजन के संयोजन के क्रम में ज्योति कॉन्वेंट स्कूल के प्रधानाचार्य अनिल मौर्य, देवेश कुमार, अनवर सदाख ,रवि शंकर आदि के स्वागत संयोजन में कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के अध्यक्षता में मुंशी प्रेमचंद जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर शुभ उद्घाटन दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद श्रीवास्तव ने किया।
मुख्य अतिथि के रूप में रतनलाल श्रीवास्तव अति विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता दीनदयाल नगर मुगलसराय चंदौली के पूर्व राजभाषा अधिकारी दिनेशचन्द्रा ने मुंशी प्रेमचंद जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव समाज की विकृतियों के शमन के लिए बेखौफ होकर मुंशी जी ने सदैव अपने कलम के जादू को उकेरा।
जिनको हम सबको सदैव आत्मसात करते रहना चाहिए। संचालन प्रमोद अग्रहरी ,धन्यवाद आभार ज्योति कॉन्वेंट स्कूल के प्रबंधक कृष्ण मोहन गुप्ता ने करते हुए कहा कि गद्य -पद्य और उपन्यास के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा जो आईना दिखाया गया है उनके पद चिन्हों पर चलकर ही मानव जीवन की सार्थकता है।





श्रीप्रकाश यादव
Oct 09 2024, 12:46
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
6.3k