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ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम, मांगे नहीं माने जानें पर आमरण अनशन करेंगे डॉक्टर्स*
#west_bengal_doctors_continue_sit_in_protest_gave_govt_24_hours_ultimatum
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर- रेप मर्डर मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में एक बार फिर विरोध तेज हो रहा है। विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने ममता सरकार को अपनी मांग पूरी करने का 24 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी 'पूरी तरह से काम रोकों' हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया है।डॉक्टर्स ने इससे पहले पूरी तरह से काम रोकने का एलान किया था, लेकिन शुक्रवार को रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने पूरी तरह से काम रोकने की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।डॉक्टर्स ने बंगाल सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और मांग की है कि या तो सरकार उनकी मांगे मान ले या फिर वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। कोलकाता में शुक्रवार को हाथों में घड़ियां थामे डॉक्टरों ने अपनी मांगों को एक बार फिर से दोहराया। विरोध कर रहे ट्रेनी चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों में धमकी संस्कृति में शामिल कथित अपराधियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक केंद्रीय जांच समिति गठित करने की मांग शामिल है।विरोध में शामिल कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आंदोलनकारी डॉक्टर देबाशीष हलदर ने दोहराया की वे अपना विरोध जारी रखेंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली उनकी मांगों को 24 घंटे के अंदर पूरा नहीं किया तो जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन शुरू कर देंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस लेने से पहले शर्तें तय कर दीं। उनके अनुसार, उनकी 10 मांगों में से पहली मांग पीड़िता के बलात्कार और हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लंबी न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित है, जिसकी पूर्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करती है। डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि शेष नौ मांगें राज्य सरकार पर निर्भर है। हमें अब ये देखना है कि राज्य सरकार उन्हें पूरा करने के लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि राज्य सरकार अगले 24 घंटे के अंदर इन शेष नौ मांगों को पूरा करे, ऐसा न करने पर हम आमरण अनशन करेंगे। *जूनियर डॉक्टरों की 10 मांगें* 1. अभया के न्याय के सवाल का जवाब बिना किसी देरी के तुरंत दिया जाना चाहिए। 2. स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए। 3. राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तुरंत एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम लागू किया जाना चाहिए। 4. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डिजिटल बेड वैकेंसी मॉनिटर की व्यवस्था होनी चाहिए। 5. प्रत्येक कॉलेज के आधार पर जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ टास्क फोर्स का गठन सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में किया जाना चाहिए ताकि सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। 6. अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, साथ ही स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। 7. अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए। 8. धमकी देने वाले लोगों की जांच करने और उन्हें सजा देने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में जांच समितियां स्थापित की जानी चाहिए। राज्य स्तर पर भी एक जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए। 9. हर मेडिकल कॉलेज में छात्र परिषदों के चुनाव तुरंत कराए जाने चाहिए। सभी कॉलेजों को आरडीए को मान्यता देनी चाहिए। कॉलेजों और अस्पतालों का प्रबंधन करने वाली सभी समितियों में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए। 10. पश्चिम बंगाल नगर निगम और पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता की तुरंत जांच की जानी चाहिए।
ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम, मांगे नहीं माने जानें पर आमरण अनशन करेंगे डॉक्टर्स

#westbengaldoctorscontinuesitinprotestgavegovt24hours_ultimatum

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर- रेप मर्डर मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में एक बार फिर विरोध तेज हो रहा है। विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने ममता सरकार को अपनी मांग पूरी करने का 24 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी 'पूरी तरह से काम रोकों' हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया है।डॉक्टर्स ने इससे पहले पूरी तरह से काम रोकने का एलान किया था, लेकिन शुक्रवार को रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने पूरी तरह से काम रोकने की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।डॉक्टर्स ने बंगाल सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और मांग की है कि या तो सरकार उनकी मांगे मान ले या फिर वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे।

कोलकाता में शुक्रवार को हाथों में घड़ियां थामे डॉक्टरों ने अपनी मांगों को एक बार फिर से दोहराया। विरोध कर रहे ट्रेनी चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों में धमकी संस्कृति में शामिल कथित अपराधियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक केंद्रीय जांच समिति गठित करने की मांग शामिल है।विरोध में शामिल कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आंदोलनकारी डॉक्टर देबाशीष हलदर ने दोहराया की वे अपना विरोध जारी रखेंगे।

डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली उनकी मांगों को 24 घंटे के अंदर पूरा नहीं किया तो जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन शुरू कर देंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस लेने से पहले शर्तें तय कर दीं। उनके अनुसार, उनकी 10 मांगों में से पहली मांग पीड़िता के बलात्कार और हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लंबी न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित है, जिसकी पूर्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करती है। डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि शेष नौ मांगें राज्य सरकार पर निर्भर है। हमें अब ये देखना है कि राज्य सरकार उन्हें पूरा करने के लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि राज्य सरकार अगले 24 घंटे के अंदर इन शेष नौ मांगों को पूरा करे, ऐसा न करने पर हम आमरण अनशन करेंगे।

जूनियर डॉक्टरों की 10 मांगें

1. अभया के न्याय के सवाल का जवाब बिना किसी देरी के तुरंत दिया जाना चाहिए।

2. स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए।

3. राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तुरंत एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम लागू किया जाना चाहिए।

4. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डिजिटल बेड वैकेंसी मॉनिटर की व्यवस्था होनी चाहिए।

5. प्रत्येक कॉलेज के आधार पर जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ टास्क फोर्स का गठन सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में किया जाना चाहिए ताकि सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

6. अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, साथ ही स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए।

7. अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए।

8. धमकी देने वाले लोगों की जांच करने और उन्हें सजा देने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में जांच समितियां स्थापित की जानी चाहिए। राज्य स्तर पर भी एक जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए।

9. हर मेडिकल कॉलेज में छात्र परिषदों के चुनाव तुरंत कराए जाने चाहिए। सभी कॉलेजों को आरडीए को मान्यता देनी चाहिए। कॉलेजों और अस्पतालों का प्रबंधन करने वाली सभी समितियों में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

10. पश्चिम बंगाल नगर निगम और पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता की तुरंत जांच की जानी चाहिए।

भगोड़े कट्टरपंथी जाकिर नाइक पर कड़ा “प्रहार”, भारत में बंद किया गया 'एक्स' अकाउंट

#controversial_islamic_preacher_zakir_naik_x_account_withheld_in_india

कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में है। जाकिर नाइक कहीं भी रहे वो भारत के खिलाफ जहर उगलने बाज नहीं आता। पाकिस्तान में जाकर भी उसने ऐसा ही किया है। इस बीच भारत ने कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर कड़ा प्रहार किया है। जाकिर नाइक के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अकाउंट को भारत में बंद कर दिया गया है। जाकिर नाइक के एक्स अकाउंट को शुक्रवार को बंद किया गया है।

बताते चलें कि नाइक एक भगोड़ा है। भारत से फरार मोस्ट वांटेड जाकिर नाइक आजकल पाकिस्तान में हैं, जहां उसका जगह-जगह जबरदस्त और ग्रैंड वेलकम हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जाकिर नायक से मुलाकात की और उन्हें खास मेहमान के रूप में बुलाया।

भारत ने शुक्रवार को यह भी कहा था कि इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है। यह हमारे लिए बिल्कुल भी आश्चर्यजनक बात नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से कहा, 'हमने रिपोर्ट देखी है कि उसे (जाकिर नाइक) को पाकिस्तान में सम्मानित किया गया है। वहां उसका गर्मजोशी से स्वागत किया गया है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारे लिए यह आश्चर्य की बात नहीं कि एक भारतीय भगोड़ेका पाकिस्तान में उच्च स्तरीय स्वागत किया गया।'

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'यह निराशाजनक और निंदनीय है लेकिन साथ ही यह आश्चर्यजनक भी नहीं है।' नाइक के पासपोर्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर जायसवाल ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नाइक ने किस पासपोर्ट पर पाकिस्तान की यात्रा पर गया है।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 2 आतंकी ढेर, एलओसी पर घुसपैठ की कर रहे थे कोशिश*
#forces_foil_infiltration_bid_at_loc_kupwara_kill_terrorists
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ने सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। सेना ने उत्तरी कश्मीर के सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा के गुगलधार इलाके से घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो अज्ञात आतंकवादियों को ढेर कर दिया है।भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने बताया कि शुक्रवार, 4 अक्टूबर को सेना और पुलिस को एक संदिग्ध एक्टिविटी दिखी। इसके बाद जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग कर दी। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए। सेना की चिनार कोर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। सेना ने कहा कि सुरक्षा बलों ने चल रहे ऑपरेशन में दो आतंकवादियों को मार गिराया है। इससे पहले चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि जब सैनिकों ने कुपवाड़ा के गुगलधार में संदिग्ध गतिविधि देखी। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती दी, जिसके कारण आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हुई। सतर्क सैनिकों ने प्रभावी गोलीबारी की। आपरेशन जारी है। आज तड़के सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया तो दो आतंकवादियों के शव बरामद हुए। सेना ने इलाके से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सर्दियों के शुरू होने से पहले ऐसी सूचनाएं हैं कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा के इस पार आने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोधी अभियान को कड़ा कर दिया गया है और सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि घुसपैठ की कोई भी कोशिश कामयाब न हो सके। इससे पहले 28 सितंबर को कठुआ जिले में बिलावर तहसील के कोग-मंडली में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद की मौत हो गई थी। मुठभेड़ के दूसरे दिन एक आतंकी मारा गया था।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 2 आतंकी ढेर, एलओसी पर घुसपैठ की कर रहे थे कोशिश*
#forces_foil_infiltration_bid_at_loc_kupwara_kill_terrorists
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ने सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। सेना ने उत्तरी कश्मीर के सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा के गुगलधार इलाके से घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो अज्ञात आतंकवादियों को ढेर कर दिया है।भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने बताया कि शुक्रवार, 4 अक्टूबर को सेना और पुलिस को एक संदिग्ध एक्टिविटी दिखी। इसके बाद जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग कर दी। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए। सेना की चिनार कोर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। सेना ने कहा कि सुरक्षा बलों ने चल रहे ऑपरेशन में दो आतंकवादियों को मार गिराया है। इससे पहले चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि जब सैनिकों ने कुपवाड़ा के गुगलधार में संदिग्ध गतिविधि देखी। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती दी, जिसके कारण आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हुई। सतर्क सैनिकों ने प्रभावी गोलीबारी की। आपरेशन जारी है। आज तड़के सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया तो दो आतंकवादियों के शव बरामद हुए। सेना ने इलाके से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सर्दियों के शुरू होने से पहले ऐसी सूचनाएं हैं कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा के इस पार आने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोधी अभियान को कड़ा कर दिया गया है और सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि घुसपैठ की कोई भी कोशिश कामयाब न हो सके। इससे पहले 28 सितंबर को कठुआ जिले में बिलावर तहसील के कोग-मंडली में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद की मौत हो गई थी। मुठभेड़ के दूसरे दिन एक आतंकी मारा गया था।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 2 आतंकी ढेर, एलओसी पर घुसपैठ की कर रहे थे कोशिश

#forces_foil_infiltration_bid_at_loc_kupwara_kill_terrorists

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ने सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। सेना ने उत्तरी कश्मीर के सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा के गुगलधार इलाके से घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो अज्ञात आतंकवादियों को ढेर कर दिया है।भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने बताया कि शुक्रवार, 4 अक्टूबर को सेना और पुलिस को एक संदिग्ध एक्टिविटी दिखी। इसके बाद जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग कर दी। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए।

सेना की चिनार कोर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। सेना ने कहा कि सुरक्षा बलों ने चल रहे ऑपरेशन में दो आतंकवादियों को मार गिराया है। इससे पहले चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि जब सैनिकों ने कुपवाड़ा के गुगलधार में संदिग्ध गतिविधि देखी। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती दी, जिसके कारण आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हुई। सतर्क सैनिकों ने प्रभावी गोलीबारी की। आपरेशन जारी है।

आज तड़के सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया तो दो आतंकवादियों के शव बरामद हुए। सेना ने इलाके से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सर्दियों के शुरू होने से पहले ऐसी सूचनाएं हैं कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा के इस पार आने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोधी अभियान को कड़ा कर दिया गया है और सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि घुसपैठ की कोई भी कोशिश कामयाब न हो सके।

इससे पहले 28 सितंबर को कठुआ जिले में बिलावर तहसील के कोग-मंडली में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद की मौत हो गई थी। मुठभेड़ के दूसरे दिन एक आतंकी मारा गया था।

पश्चिम एशिया में भारत कम कर सकता है तनाव? ईरानी राजदूत के बयान में कितना दम*
#iran_ambassador_said_india_reduce_middle_crisis
मिडिल ईस्ट में लगातार संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इजरायल हमास के साथ अब लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ बमों की बारिश कर रहा है। इजराइल और हिजबुल्ला के बीच शुरू हुए संघर्ष में ईरान भी शामिल हो गया है। इससे पश्चिम एशिया में तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया है और इसके व्यापक युद्ध में बदलने का खतरा पैदा हो गया है। इस बीच ईरान के राजदूत इराज इलाही भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। इराज इलाही का कहना है कि एक बड़ी ताकत और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत तनाव को कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। *भारत से हस्तक्षेप की मांग* ईरान की ओर से हाल ही में इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया गया। शुक्रवार को ईरानी सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इजरायल के खात्मे की बात कहीं। इस बीच भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने क्षेत्र में स्थिरता लाने में मदद के लिए भारत से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत को इस मौके का इस्तेमाल इजरायल को मनाने के लिए करना चाहिए, ताकि वह अपनी आक्रामकता को रोके और क्षेत्र में शांति आ सके। *एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र की चाह* ईरान के राजदूत ने कहा कि हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की आवश्यकता है। हम (ईरान) एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र चाहते हैं। किसी देश के विकास के लिए शांति और स्थिरता सबसे पहली शर्त है। उन्होंने कहा, लेकिन फिलिस्तीन में जो हो रहा है उसके प्रति हम बेरुखी नहीं दिखा सकते, हम फिलिस्तीन में लोगों के मारे जाने की घटनाओं को नजरअंदाज या उपेक्षा नहीं कर सकते। *भारत से उम्मीद* राजदूत ने भारत के साथ संबंधों पर कहा कि भारत ईरान और इजराइल दोनों का घनिष्ठ मित्र है। इलाही ने कहा, लेकिन हमारे रिश्ते 2,000 साल पुराने हैं जबकि भारत और इजराइल के रिश्ते इतने पुराने नहीं हैं। एक बड़ी शक्ति और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत इस क्षेत्र में तनाव कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि ईरान को उम्मीद है कि भारत तनाव कम करने के लिए अपने प्रभाव और क्षमताओं का इस्तेमाल करेगा।
पश्चिम एशिया में भारत कम कर सकता है तनाव? ईरानी राजदूत के बयान में कितना दम

#iranambassadorsaidindiareducemiddlecrisis

मिडिल ईस्ट में लगातार संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इजरायल हमास के साथ अब लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ बमों की बारिश कर रहा है। इजराइल और हिजबुल्ला के बीच शुरू हुए संघर्ष में ईरान भी शामिल हो गया है। इससे पश्चिम एशिया में तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया है और इसके व्यापक युद्ध में बदलने का खतरा पैदा हो गया है। इस बीच ईरान के राजदूत इराज इलाही भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। इराज इलाही का कहना है कि एक बड़ी ताकत और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत तनाव को कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है।

भारत से हस्तक्षेप की मांग

ईरान की ओर से हाल ही में इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया गया। शुक्रवार को ईरानी सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इजरायल के खात्मे की बात कहीं। इस बीच भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने क्षेत्र में स्थिरता लाने में मदद के लिए भारत से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत को इस मौके का इस्तेमाल इजरायल को मनाने के लिए करना चाहिए, ताकि वह अपनी आक्रामकता को रोके और क्षेत्र में शांति आ सके।

एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र की चाह

ईरान के राजदूत ने कहा कि हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की आवश्यकता है। हम (ईरान) एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र चाहते हैं। किसी देश के विकास के लिए शांति और स्थिरता सबसे पहली शर्त है। उन्होंने कहा, लेकिन फिलिस्तीन में जो हो रहा है उसके प्रति हम बेरुखी नहीं दिखा सकते, हम फिलिस्तीन में लोगों के मारे जाने की घटनाओं को नजरअंदाज या उपेक्षा नहीं कर सकते।

भारत से उम्मीद

राजदूत ने भारत के साथ संबंधों पर कहा कि भारत ईरान और इजराइल दोनों का घनिष्ठ मित्र है। इलाही ने कहा, लेकिन हमारे रिश्ते 2,000 साल पुराने हैं जबकि भारत और इजराइल के रिश्ते इतने पुराने नहीं हैं। एक बड़ी शक्ति और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत इस क्षेत्र में तनाव कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि ईरान को उम्मीद है कि भारत तनाव कम करने के लिए अपने प्रभाव और क्षमताओं का इस्तेमाल करेगा।

टेरर फंडिंग पर एनआईए का बड़ा एक्शन, एटीएस के साथ मिलकर 5 राज्य के 22 ठिकानों पर ताबड़तोड़ रेड

#nia_is_carrying_out_searches_at_22_locations_in_5_states

देश विरोधी गतिविधियों के लिए होने वाली फंडिंग को लेकर एनआईए ने जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में छापेमारी की है। एनआईए ने छापेमारी के बाद 4 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया। इन चारों संदिग्ध से पूछताछ की जा रही है और सूत्रों के मुताबिक चारों के लिंक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से है।

एनआईए ने आतंकी फंडिंग के खिलाफ एक्शन लेते हुए 5 प्रदेश के करीब 22 ठिकानों पर छापेमारी की। जम्मू-कश्मीर के बारामूला में एनआईए ने रेड की है। एनआईए ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में छापेमारी की। यह छापेमारी बारामूला में इकबाल भट के आवासीय घर पर की गई है। कश्मीर में कुछ अन्य स्थानों पर भी छापेमारी चल रही है।आतंकी घटनाओं की जांच को लेकर यह छापेमारी की गई है।

जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र के साथ-साथ राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम में भी एनआईए की छापेमारी चल रही है।महाराष्ट्र के जालना, औरंगाबाद और मालेगांव से 4 सस्पेक्ट से पूछताछ की है। चारो के लिंक आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से बताया जा रहा है।

इससे पहले एनआईए ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत 12 ठिकानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी छापेमारी की थी। यह छापेमारी एनआईए की माओवादियों के ठिकानों से संबंधित थी।

इंडिया के 80% घरों में 'ड्रैगन' की घुसपैठ, जासूसी की चिंताओं के बीच कितना बड़ा खतरा

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चीन अपनी सस्ती चीजों के जरिए बाजारों पर तेजी से हावी हो जाता है। भारत में भी घर-घर में चाइनीज प्रोडक्ट्स की पहुंच हैं। आज देश के लगभग सभी घरों में मेड इन चाइना प्रोडक्ट मिल जाएंगे। जो एक बड़ा खतरा है। दरअसल, एक सर्वे ने मेड इन चाइना प्रोडक्ट को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इस सर्वे में यह बताया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय परिवारों के पास एक या अधिक मेड इन चाइना गैजेट हैं, जिसकी वजह से उन पर सर्विलांस का खतरा मंडरा रहा है।

लोकल सर्किल नाम की कंपनी का एक सर्वे सामने आया है। सर्वे के मुताबिक 25 प्रतिशत घरों में एक या उससे ज्यादा मेड इन चाइना गैजेट मौजूद हैं। वहीं सर्वे में शामिल किए गए 54 प्रतिशत घरों में तीन से ज्यादा मेड इन चाइना डिवाइस हैं। इन डिवाइस से जुड़े चाइनीज ऐप फोटो और वीडियो जैसे यूजर डाटा को स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए चीन भेज रहे हैं। सर्वे में कहा गया है कि भारत को एप्पल ऐप स्टोर और गूगल प्लेस्टोर के साथ मिलकर तत्काल काम करना चाहिए, ताकि भारत के लोगों का डेटा चीन न जाने पाए।

लोकल सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान में पेजर के विस्फोट के बाद मीडिया रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि भारत जल्द ही सीसीटीवी कैमरे, स्मार्ट मीटर, पार्किंग सेंसर, ड्रोन पार्ट्स और यहां तक कि लैपटॉप और डेस्कटॉप को केवल विश्वसनीय जगहो से सोर्स करने के अपने आदेशों को क्रियान्वित करने की संभावना है। इस साल की शुरुआत में मार्च और अप्रैल में सरकार ने दो अलग-अलग गजट नोटिफिकेशन जारी किए थे। एक सर्विलांस कैमरों के लिए 'मेक इन इंडिया' दिशा-निर्देशों से संबंधित था और दूसरा सीसीटीवी सर्टिफिकेशन के क्राइटेरिया पर था।

बता दें कि पिछले साल जुलाई में, मोबाइल साइबर सुरक्षा कंपनी, प्राडियो के साइबर सुरक्षा विश्लेषकों ने रिपोर्ट की थी कि गूगल प्ले पर दो ऐप में जासूसी सॉफ्टवेयर पाया गया था जो चीन में स्थित संदिग्ध सर्वरों को डेटा भेज रहे थे। पिछले कुछ वर्षों में, कुछ विकसित देशों ने सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए संवेदनशील इमारतों में चीनी निर्मित निगरानी कैमरों के उपयोग को रोक दिया है।

ऐसे में भारत सरकार ने जासूसी सॉफ्टवेयर रखने के कारण कई चीनी ऐप और प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया है। सरकार की यह कोशिश भारत में बने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए भी है।

बता दें कि 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। जिसमें निहत्‍थे भारतीय जवानों पर चीन ने लाठी-डंडों और पत्‍थरों से हमले किए। इस दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन की यह हरकत भारतीयों को बिलकुल नागवार गुजरी थी। ड्रैगन से बदला लेने के सेंटिमेंट ने जोर पकड़ा था और लोग तेजी से चीनी प्रोडक्ट के इस्तेमाल का बहिष्कार करने लगे थे। हालांकि वक्त बीतने के साथ फिर से उन उत्पादों का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है।