इंडिया के 80% घरों में 'ड्रैगन' की घुसपैठ, जासूसी की चिंताओं के बीच कितना बड़ा खतरा
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चीन अपनी सस्ती चीजों के जरिए बाजारों पर तेजी से हावी हो जाता है। भारत में भी घर-घर में चाइनीज प्रोडक्ट्स की पहुंच हैं। आज देश के लगभग सभी घरों में मेड इन चाइना प्रोडक्ट मिल जाएंगे। जो एक बड़ा खतरा है। दरअसल, एक सर्वे ने मेड इन चाइना प्रोडक्ट को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इस सर्वे में यह बताया गया है कि 79 प्रतिशत भारतीय परिवारों के पास एक या अधिक मेड इन चाइना गैजेट हैं, जिसकी वजह से उन पर सर्विलांस का खतरा मंडरा रहा है।
लोकल सर्किल नाम की कंपनी का एक सर्वे सामने आया है। सर्वे के मुताबिक 25 प्रतिशत घरों में एक या उससे ज्यादा मेड इन चाइना गैजेट मौजूद हैं। वहीं सर्वे में शामिल किए गए 54 प्रतिशत घरों में तीन से ज्यादा मेड इन चाइना डिवाइस हैं। इन डिवाइस से जुड़े चाइनीज ऐप फोटो और वीडियो जैसे यूजर डाटा को स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए चीन भेज रहे हैं। सर्वे में कहा गया है कि भारत को एप्पल ऐप स्टोर और गूगल प्लेस्टोर के साथ मिलकर तत्काल काम करना चाहिए, ताकि भारत के लोगों का डेटा चीन न जाने पाए।
लोकल सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान में पेजर के विस्फोट के बाद मीडिया रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि भारत जल्द ही सीसीटीवी कैमरे, स्मार्ट मीटर, पार्किंग सेंसर, ड्रोन पार्ट्स और यहां तक कि लैपटॉप और डेस्कटॉप को केवल विश्वसनीय जगहो से सोर्स करने के अपने आदेशों को क्रियान्वित करने की संभावना है। इस साल की शुरुआत में मार्च और अप्रैल में सरकार ने दो अलग-अलग गजट नोटिफिकेशन जारी किए थे। एक सर्विलांस कैमरों के लिए 'मेक इन इंडिया' दिशा-निर्देशों से संबंधित था और दूसरा सीसीटीवी सर्टिफिकेशन के क्राइटेरिया पर था।
बता दें कि पिछले साल जुलाई में, मोबाइल साइबर सुरक्षा कंपनी, प्राडियो के साइबर सुरक्षा विश्लेषकों ने रिपोर्ट की थी कि गूगल प्ले पर दो ऐप में जासूसी सॉफ्टवेयर पाया गया था जो चीन में स्थित संदिग्ध सर्वरों को डेटा भेज रहे थे। पिछले कुछ वर्षों में, कुछ विकसित देशों ने सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए संवेदनशील इमारतों में चीनी निर्मित निगरानी कैमरों के उपयोग को रोक दिया है।
ऐसे में भारत सरकार ने जासूसी सॉफ्टवेयर रखने के कारण कई चीनी ऐप और प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया है। सरकार की यह कोशिश भारत में बने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए भी है।
बता दें कि 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। जिसमें निहत्थे भारतीय जवानों पर चीन ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमले किए। इस दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन की यह हरकत भारतीयों को बिलकुल नागवार गुजरी थी। ड्रैगन से बदला लेने के सेंटिमेंट ने जोर पकड़ा था और लोग तेजी से चीनी प्रोडक्ट के इस्तेमाल का बहिष्कार करने लगे थे। हालांकि वक्त बीतने के साथ फिर से उन उत्पादों का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है।
Oct 04 2024, 20:03