झारखंड विंधानसभा चुनाव 2024: क्या महागामा विंधानसभा चुनाव में इस बार भी कायम रहेगी दीपिका की बादशाहत,या किला भेदने में सफल रहेगी भाजपा...?
विनोद आनंद
झारखंड और बिहार की सीमा को विभाजित करने वाला गोड्डा जिला के महगामा विधानसभा क्षेत्र में आजादी के बाद से ही कांग्रेस का दबदबा कायम रहा है।
गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले महगामा विधानसभा 1952 से अस्तित्व में आया है । इस विधानसभा में गोड्डा जिला का
तीन प्रखंड का क्षेत्र आता है.महगामा, मेहरमा और ठाकुरगंगटी. इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कांग्रेस कि दीपिका सिंह विधायक हैं.अगर 2024 के चुनाव में दीपिका सिंह भाजपा प्रत्याशी
यहां मुकाबला कांग्रेस बनाम भाजपा के बीच
वर्ष 2000 के पहले तक इस क्षेत्र में कांग्रेस बनाम अन्य दलों के बीच चुनावी दंगल होते रहे। लेकिन 15 नवम्बर 2000 को झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच हार-जीत का खेल चल रहा है। इसी साल जून में सम्पन्न गोड्डा लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को बढ़त देकर इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा के बढ़ते प्रभाव को कम कर दिया। इस चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से पिछड़ गयी। इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ गयी है।
महागामा विंधानसभा का जातीय समीकरण
अगर इस क्षेत्र की जातीय समक्करन की समीक्षा करें तो इस क्षेत्र में आदिवासी मतदाताओं की आबादी लगभग 10 प्रतिशत, मुस्लिम 30, यादव 5, ब्राह्मण 5 प्रतिशत है। वहीं इस क्षेत्र में कुर्मी-कुड़मी और वैश्य समुदाय की भी अच्छी आबादी है।
इस क्षेत्र में एक ओर आदिवासी, मुस्लिम, कुड़मी-कुर्मी की गोलबंदी, वहीं दूसरी ओर ब्राह्मण, वैश्य, यादव और अन्य वर्गों की गोलबंदी विभिन्न चुनावों में प्रत्याशियों का भविष्य तय करते रहे हैं। इस बार एनडीए की ओर से आजसू पार्टी और भाजपा एक साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। जबकि महागठबंधन में शामिल दल कांग्रेस, झामुमो और राजद भी एक मंच से जोर लगाएंगे। हालांकि अब तक दोनों गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर फार्मूला तय नहीं हुआ पाया है। लेकिन टिकट की चाह में दोनों गठबंधन के नेता हाथ-पैर मार रहे हैं।
वर्तमान विधायक दीपिका पांडेय सिंह की राजनीतिक पृष्टभूमि
वर्तमान में इस क्षेत्र से कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह विधायक हैं। जो पिछले दो महीने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में कृषि मंत्री का दायित्व संभाल रहीं हैं। कांग्रेस की उच्च शिक्षा प्राप्त वर्तमान विधायक मंत्री दीपिका पांडे सिंह को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है।
एकीकृत बिहार में दीपिका पांडे सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह चार बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे पथ निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पद की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। इस कारण दीपिका पांडे सिंह का कांग्रेस के साथ महगामा क्षेत्र में गहरी पैठ है।
यहां से भाजपा के संभावित प्रत्याशी की क्या है स्थिति
उधर लोकसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद से ही भाजपा इस क्षेत्र से कांग्रेस को पछाड़ने के प्रयास में जुटी है। राजनीतिक गलियारे में हो रही चर्चा पर भरोसा करें तो भाजपा आर्थिक रूप से सम्पन्न नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है जो अपने दम पर चुनावी जंग लड़ने में सक्षम हों।
बहरहाल भाजपा आगामी चुनाव में हर हाल में कांग्रेस की दीपिका को पटखनी देने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंथन का दौर जारी है।
इसमें तीन बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक अशोक भगत का नाम सबसे आगे है। फिलहाल अशोक भगत पार्टी के प्रदेश महामंत्री का भी दायित्व संभाल रहे हैं। लेकिन पार्टी के कतिपय बड़े नेताओं सहित गोड्डा के सांसद से उनकी नाराजगी को देखते हुए पार्टी दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रही है।
भाजपा कीओर से और कौन कौन हैं दौर में...?
सूत्रों की माने तो भाजपा को ऐसे उम्मीदवार की तालाश है जो आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो और पिछले चुनावों में पार्टी की मजबूती में अपनी भूमिका निभाते रहे हो। इसमें इस सीट के लिए ठाकुरगंगटी निवासी जिला परिषद सदस्य और सामाजिक कार्यों से जुड़े सिल्क के बड़े कारोबारी निरंजन पोद्दार , पूर्व में इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार मधुरा गांव के रहने वाले अशोक कुमार सिंह के अलावा राजद से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले बद्रीनाथ भगत, देवघर और गुजरात में बड़ा व्यवसाय चलाने वाले निरंजन सिन्हा, एक जिला परिषद सदस्य के पति और बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले अरुण राम के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के अति करीबी जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा समेत कई दावेदारों के नाम शामिल है।
जो भाजपा का टिकट पाने के लिए दिल्ली और रांची की दौड़ लगा रहे हैं तथा राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं के साथ गोड्डा के कद्दावर सांसद निशिकांत दुबे से नजदीकी बढ़ाने में जुटे हैं।
2024 के लोकसभा में गोड्डा के महगामा विधानसभा क्षेत्र की क्या रही स्थिति
प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत
प्रदीप यादव -कांग्रेस- 99,139
निशिकांत दूबे- भाजपा- 99,018
वर्ष 2019 के चुनाव में महगामा के मत की स्थिति
प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत
दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस 89,224
अशोक कुमार बीजेपी 76,725
वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव
प्रत्याशी। -पार्टी - प्राप्त मत
अशोक कुमार -बीजेपी -70,635
सईद इक्बाल- जेवीएम- 39,075
राजेश रंजन कांग्रेस 18,355
सुरेन्द्र .केशरी जेएमएम 13,770
वर्ष 2009 विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत
राजेश रंजन कांग्रेस 43,834,
अशोक कुमार। बीजेपी 35,684
लाल बिहारी साह जेएमएम 12,237
वर्ष 2005 विधानसभा चुनाव
प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत
अशोक कुमार बीजेपी 46,253
अताउर सिद्धीकी राजद 39,825
वर्ष 2000 विधानसभा चुनाव
प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत
अशोक कुमार बीजेपी 32,025
अताउर सिद्धीकी राजद 21,519
अवध बिहारी सिंह कांग्रेस 12,622
महगामा विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास
महगामा विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक गतिविधियों पर गहरी नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक आजादी के बाद 1952 से 2019 तक इस क्षेत्र में विधानसभा के 16 चुनाव सम्पन्न हुए। इसमें कांग्रेस ने 8 बार, भाजपा ने 3 बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, सीपीआई, जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल के प्रत्याशियों ने एक- एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की।
1952 में विधानसभा के प्रथम चुनाव में इस क्षेत्र की जनता ने स्वतंत्रता आंदोलन का अलख जगाने वाले स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस के सागर मोहन पाठक को अपना पहला विधायक चुना। लेकिन 1957 में इस क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस को खारिज कर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के महेंद्र महतो को जीत का सेहरा पहना दिया।
जबकि 1962 और 1967 में कांग्रेस के राजपति राम को लगातार दो बार अपना आशीर्वाद देकर अपना विधायक चुना।
वहीं 1969 में विकास के लिए तड़प रही इस क्षेत्र की जनता ने सीपीआई के सईद अहमद को विधायक चुनकर साधनविहीन इस पिछड़े क्षेत्र के गरीब किसान-मजदूरों के उद्धार करने का अवसर दिया।
इस चुनाव के महज दो साल के बाद ही इस क्षेत्र के लोगों का वामपंथी विचारधारा वाली पार्टी सीपीआई के विधायक सईद अहमद से मोहभंग हो गया। फलस्वरूप 1972 में दक्षिण पंथी विचार धारा वाले जनसंघ के टिकट पर मैदान में उतरे अवध बिहारी सिंह को पहली बार अपना विधायक चुन लिया।
1977 में इंदिरा गांधी की पार्टी कांग्रेस विरोधी लहर में सईद अहमद जनता पार्टी के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे और दूसरी बार इस क्षेत्र से विधायक चुने गए। जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में इस क्षेत्र से निर्वाचित विधायक सईद अहमद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री राम सुन्दर दास के मंत्रिमंडल में पर्यटन, ईख और वक्फ विभाग के मंत्री बने।
परन्तु महज तीन साल के भीतर 1980 में बिहार विधानसभा को भंग कर विधानसभा का चुनाव कराया गया। इस चुनाव में महगामा से कभी जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीतने वाले अवध बिहारी सिंह दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये। 1985 में भी वे इस क्षेत्र से तीसरी बार विधायक चुने गये। इन दस वर्षों में अवध बिहारी सिंह पथ निर्माण सहित कई विभागों के मंत्री बने। स्थानीय लोगों की मानें तो मृदुभाषी- सर्वसुलभ जनप्रतिनिधि समझे जाने वाले विधायक अवध बिहारी सिंह अपने दस वर्षों के काल खंड में महगामा विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के साथ दर्जनों पुल पुलियों का निर्माण कराने सफल हुए।
इसके साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र के आमलोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य कई जन कल्याणकारी योजनाओं के तोहफे दिये।
1952-2019 के बीच महगामा से निर्वाचित विधायकों की सूची
वर्ष- प्रत्याशी के नाम- पार्टी
1952 सागर मोहन पाठक कांग्रेस
1957 महेन्द्र महतो प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1962 राजपति राम कांग्रेस
1967 राजपति राम कांग्रेस
1969 सईद अहमद सीपीआई
1972 अवध बिहारी सिंह जनसंघ
1977 सईद अहमद जनता पार्टी
1980 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस
1985 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस
1990 फैयाज भागलपुरी जनता दल
1995 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस
2000 अशोक कुमार बीजेपी
2005 अशोक कुमार बीजेपी
2009 राजेश रंजन कांग्रेस
2014 अशोक कुमार भाजपा
2019 दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस
Oct 03 2024, 18:37