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हिंदू पंचांग की मानें तो इस बार  9 नहीं बल्कि पूरे 10 दिनों की होगी नवरात्रि
डेस्क :–शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है। हर साल पितृ पक्ष के अगले दिन से नवरात्रि शुरू हो जाती है। हिंदू पंचांग की मानें तो इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि पूरे 10 दिनों की पड़ रही है । बता रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसका भक्तों के लिए क्या महत्व है।

पितृ पक्ष 2024 खत्म होने वाला है । इसके ठीक बाद से ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है। इसमें 9 दिनों तक नौ देवियों की पूजा की जाती है और उनके नाम का व्रत रखा जाता है। इस त्योहार का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। इस बार के नवरात्रि की शुरुआत 03 अक्तूबर 2024 से हो रही है । वैसे तो नवरात्रि का त्योहार 9 दिनों का होता है लेकिन इस बार ये त्योहार 10 दिन का मनाया जाएगा । आइये जानते हैं कि ऐसा क्यों है और किस वजह से इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 10 दिन की पड़ रही है।

*कबसे शुरू है नवरात्रि?*

आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि शुरू हो रही है। 11 अक्तूबर 2024 तक नवरात्रि चलेगी और 12 अक्तूबर को विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन दुर्गा मैं के 9 रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है और उनके नाम का व्रत रखा जाता है। इसके बाद दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है।

*इस बार 10 दिन की नवरात्रि कैसे?*

आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 3 अक्टूबर को रात 12 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। और इसका समापन अगले दिन यानी 4 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। कुछ पंचांग के अनुसार इस बार 11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी तिथि दोनों पड़ रही है। ऐसे में नवमी तिथि की पूजा का मुहूर्त 12 अक्टूबर को दशहरा के दिन सुबह का निकल रहा है। इस लिहाज से देखा जाए तो 9 दिन नहीं 2024 की शारदीय नवरात्रि कुल 10 दिन की होगी।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
आधी रात को  भेष बदलकर निकली सुकन्या
डेस्क :· 33 वर्षीय आईपीएस अधिकारी सुकन्या शर्मा आगरा और आसपास के इलाकों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग पूरी रात ऑटो में घूमती रहीं। सहायक पुलिस आयुक्त, आगरा। वह महिलाओं की सुरक्षा की जांच करने के लिए रात में भेष बदलकर अकेले शहर में निकल पड़े। यह भी जांचें कि आपातकालीन डायल 112 ठीक से काम कर रहा है या नहीं। सफेद शर्ट और काली जींस में उन्हें कोई पहचान नहीं सका। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन, एमजी रोड और सदर बाजार समेत कई संवेदनशील इलाकों का दौरा किया।

बात यहीं ख़त्म नहीं होती, वह 112 पर कॉल करता है और मदद मांगता है। जांचें कि पुलिस त्वरित प्रतिक्रिया टीम ठीक से काम कर रही है या नहीं। कुछ संवेदनशील इलाकों का दौरा किया. आगरा पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर सुकन्या की छापेमारी की सूचना दी और लिखा, ''सादे कपड़े पहने सुकन्या शर्मा आबादी वाले और संवेदनशील इलाकों में जाने के लिए ऑटो में अकेले यात्रा कर रही थीं। उन्होंने सहायता मांगने वालों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए यूपी 112 (आपातकालीन हेल्पलाइन) का उपयोग करके आपातकालीन सुरक्षा प्रणाली का भी परीक्षण किया। सुकन्या को यह बताते हुए खुशी हुई कि 112 ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है।
क्या आपके हाथों की नसें फूली-फूली दिख रही हैं? अगर हां, तो इसे सामान्य समझने की भूल न करें

डेस्क :– क्या आपके हाथों की नसें फूली-फूली दिख रही हैं? अगर हां, तो इसे सामान्य समझने की भूल न करें। इस तरह के संकेत कई बार गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। हाथों पर उभरती नसें आपको कुछ गंभीर बीमारियों की ओर संकेत देते हैं। ऐसे में हाथों की फूलती नसों को इग्नोर न करें। हालांकि, कई बार अधिक कामकाज की वजह से हाथों की नसें फूलने लगती हैं, इसके अलावा कुछ अन्य कारणों से हाथों की नसों में सूजन या फिर हाथों की नसें फूलने लगती हैं।

बढ़ती उम्र हो सकती है वजह

हाथों की नसें फूलने के पीछे बढ़ती उम्र हो सकती हैं। दरअसल, बढ़ती उम्र के साथ लोगों की स्किन काफी पतली होने लगती है, जिसकी वजह से नसों में उभार नजर आने लगता है। यह परेशानी वैरिकोज वेंस से जूझ रहे लोगों में काफी ज्यादा दिखती है। यह नसें में ब्लड के जमाव के कारण भी होता है।

शरीर में फैट की मात्रा काफी कम होना

शरीर में फैट कम होना काफी मायने में अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा फैट कम हो जाए, तो शरीर की नसें फूलती हुई नजर आती हैं। दरअसल, जब आपके शरीर का फैट कम हो जाता है, तो इस स्थिति में नसें और स्किन के नीचे की संरचनाएं काफी दिखाई देने लगती हैं, जिसके कारण नसों में उभार नजर आता है।

*जेनेटिक कारण*

हाथों की नसों में सूजन या फुली हुई नजर आने के पीछे जेनेटिक कारण भी हो सकती हैं। अगर आपके परिवार के किसी भी सदस्य के हाथओं की नसें फूली हुई हैं, तो समझ जाएं कि इस तरह की परेशानी आपको भी हो सकती है। ऐसे में आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।

*नसों में खून जमा होना*

हाथों की नसें में खून जमा होने के कारण भी नसें फूली-फूली सी नजर आने लगती है। दरअसल, नसों में खून जमाव के कारण ब्लड सर्कुलेशन सही ढंग से नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से हाथों की नसें फूली नजर आती हैं।

*विटामिन बी12 की कमी*

कई बार जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण हाथों की नसें फूली-फूली सी नजर आती हैं। इन पोषक तत्वों में विटामिन बी12 की कमी हो सकती है। अगर आपको ऐसे संकेत दिख रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह लें। ताकि आप अपनी स्थिति का समय पर इलाज करा सकें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

नसों में खिंचाव या दर्द से है परेशान, आईए  जानते हैं इसके पीछे की वजह और कम करने का तरीका

डेस्क :– अचानक काम करने या फिर एक्सरसाइज करने के दौरान हमारी नसें खिंच जाती हैं। यह परेशानी काफी लंबे समय तक या कुछ ही दिनों के अंदर ठीक हो जाती है। लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? अगर नहीं, तो इस लेख में हम आपको नसों में खिंचाव के पीछे की वजह से बारे में विस्तार से बताएंगे। इस परेशानी को आपको लंबे समय तक इग्नोर करने से बचना चाहिए।

*नसों में खिंचाव के कारण*

नसों में दर्द या खिंचाव होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मुख्य रूप से नसों में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेट न होने की वजह से नसों में दर्द या खिंचाव हो सकता है। इसके अलावा कई अन्य कारण जिम्मेदार होते हैं, जैसे-

शरीर में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और बी 12 की कमी होने की वजह से भी नसों में खिंचाव हो सकता है।

साइटिका की परेशानी से जूझ रहे लोगों को भी नसों में बार-बार खिंचाव और दर्द होता है।

कैंसर के कारण भी नसों में खिंचाव हो सकता है।

स्ट्रोक जैसी परेशानी के कारण भी नसों में खिंचाव हो सकता है।

नसों में खून की आपूर्ति न हो पाना
स्ट्रोक या हार्ट से जुड़ी परेशानी के कारण भी नसों में खिंचाव हो सकता है।

मल्‍टीपल स्‍केलेरोसिस से जूझ रहे लोगों को भी नसों में खिंचाव की परेशानी महसूस हो सकती है।

*नसों में खिंचाव की परेशानी कैसे करें ठीक?*

*हल्दी का करें प्रयोग*

नसों में खिंचाव होने पर आप हल्दी का प्रयोग कर सकते हैं। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण होते हैं, जिससे दर्द और खिंचाव को दूर किया जा सकता है। इसके लिए हल्दी में थोड़ा सा सरसों का तेल मिक्स करके इसे गर्म करें। अब इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें। इससे खिंचाव की परेशानी को कम किया जा सकता है।

*नीलगिरी का तेल*

नसों में होने वाले खिंचार और दर्द की परेशानी को कम करने के लिए आप नीलगिरी का तेल ले सकते हैं। यह काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है। इस तेल से नसों में दर्द और खिंचाव की परेशानी कम हो सकती है।

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थकान और स्ट्रेस दूर करने के लिए अगर आप भी चाय और सिगरेट एकसाथ पीते हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल डालिए
डेस्क :– सिगरेट पीना आजकल फैशन सिंबल बन गया है। चाय के साथ सिगरेट का धुआं उड़ाते हुए युवा हमारे आसपास नजर आ जाएंगे। सिगरेट सेहत के लिए बेहद खतरनाक होती है और ये कैंसर का कारण बनती है, ये तो हम सभी जानते हैं। कम लोग ये जानते होंगे कि चाय के साथ अगर सिगरेट पी जाए तो ये और भी खतरनाक कॉम्बिनेशन हो जाता है। इससे शरीर को कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा पैदा हो सकता है।

कई लोग स्ट्रेस दूर भगाने के लिए चाय के साथ सिगरेट पीते हैं। लेकिन ये आदत स्ट्रेस कम करने के बजाय तनाव बढ़ाने होती है। चाय की चुस्की के साथ सिगरेट के कश आपकी जिंदगी को कम करने के साथ मुश्किलभरा बना सकते हैं।

*चाय के साथ सिगरेट पीने के हैं बड़े नुकसान*

चाय और सिगरेट दोनों को ही शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक माना जाता है। जर्नल अन्नल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में पब्लिश रिपोर्ट की मानें तो चाय फूड पाइट के सेल्स को नुकसान पहुंचाती है। चाय के साथ सिगरेट को पिया जाता है तो इन सेल्स के डैमेज होने का रिस्क दोगुना तक बढ़ सकता है। इससे कैंसर होने का खतरा भी बढ़ता है।

चाय में मौजूद कैफीन डाइजेशन सिस्टम को प्रभावित करता है। वहीं, स्मोकिंग करने से शरीर में निकोटिन की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में खाली पेट चाय और सिगरेट साथ पीने से कई शारीरिक समस्याएं नजर आ सकती हैं। चाय के साथ सिगरेट पीने से कैंसर के अलावा भी कई गंभीर शारीरिक स्थितियां पैदा हो सकती हैं।

*5 गंभीर बीमारियों का खतरा*

हार्ट अटैक
पेट का अल्सर
याददाश्त कमजोर होना
ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क
उम्र कम होना

शरीर को हेल्दी रखने के लिए चाय और सिगरेट से दूरी बनाने में ही भलाई है। इसके अलावा सही लाइफस्टाइल और खान-पान को अपनाकर न सिर्फ लंबे वक्त तक स्वस्थ रहा जा सकता है, बल्कि फिजिकल और मेंटल लेवल पर भी राहत मिलेगी।

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मोटापे से लेकर डायबिटीज होगा कंट्रोल,सुबह खाली पेट पीजिए लौकी का जूस
डेस्क :–लौकी एक ऐसी सब्जी है, जिसका नाम सुनते ही अक्सर लोग नाक-मुंह सिकोड़ने लगते हैं। लेकिन यह सब्जी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो सेहत को कई लाभ पहुंचाते हैं। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, आयरन, फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। रोज सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन करने से सेहत को कई लाभ मिल सकते हैं। इससे आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, इसके नियमित सेवन से कब्ज, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

*वजन घटाने में मददगार*

लौकी के जूस में कैलोरी और फैट की मात्रा काफी कम होती है, इसलिए यह वजन घटाने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है। इसके सेवन से आपको बार-बार भूख नहीं लगती है, जिससे वजन घटाने में आसानी होती है।

*दिल को रखे स्वस्थ*

लौकी के जूस का सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें घुलनशील फाइबर होता है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।

*पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाए*

लौकी के जूस का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। रोज सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी और पेट की जलन जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।

*बॉडी डिटॉक्स करे*

रोज सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन करने से बॉडी डिटॉक्स होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है।

*डायबिटीज में फायदेमंद*

डायबिटीज रोगियों के लिए सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें सैपोनिन और टरपेनोइड्स तत्व मौजूद होते हैं, लिवर और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

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चेहरे का पुरानी चमक लौटा देगा केला, इस तरह से करें इस्तेमाल
डेस्क :– एनर्जी का पावर हाउस कहलाने वाला केला शरीर के लिए तो बहुत लाभकारी है, त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद है। केले को स्किन पर अप्लाई करने से चेहरे की पुरानी चमक को हासिल किया जा सकता है। केले में ऐसी प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं जो कि त्वचा की नमी को बरकरार रखती हैं। साथ ही स्किन को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाए रखती हैं।

केले में मौजूद विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को पोषण देते हैं और उसे स्वस्थ रखते हैं। केले में मौजूद पोटैशियम त्वचा को नमी देता है और उसे मुलायम बनाता है। आइए जानते हैं केले के फायदे और उपयोग का तरीका।

*त्वचा के लिए केले के फायदे:*

नमी प्रदान करता है: केला त्वचा को गहराई से नमी प्रदान करता है, जिससे त्वचा रूखी और बेजान नहीं होती।

झुर्रियों को कम करता है: केले में मौजूद विटामिन ए और ई त्वचा को कोलेजन उत्पादन में मदद करते हैं, जिससे झुर्रियां कम होती हैं और त्वचा युवा दिखती है।

त्वचा को चमकदार बनाता है: केले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को मुक्त कणों से बचाते हैं और उसे चमकदार बनाते हैं।

त्वचा को शांत करता है: केले में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा को शांत करते हैं और सूजन को कम करते हैं।

मुंहासों को कम करता है: केले में मौजूद विटामिन सी मुंहासों के कारण होने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है और त्वचा को साफ करता है।

*केले का उपयोग कैसे करें?*

केला फेस मास्क: एक पके हुए केले को मैश करके चेहरे पर लगाएं। 15-20 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें।

केला और शहद का फेस मास्क: एक पके हुए केले को मैश करके उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंहासों को कम करने में मदद करते हैं।

केला और दही का फेस मास्क: एक पके हुए केले को मैश करके उसमें दो चम्मच दही मिलाएं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। दही में लैक्टिक एसिड होता है जो त्वचा को एक्सफोलिएट करता है।

केला और एलोवेरा जेल का फेस मास्क: एक पके हुए केले को मैश करके उसमें दो चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। एलोवेरा जेल त्वचा को शांत करता है और जलन को कम करता है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
सर्दियों में सेहत को तंदरुस्त रखने के लिए करें सौंफ के काढ़े का सेवन, सौंफ का काढ़ा पीने से मिलने वाले 5 जबरदस्त फायदे
डेस्क:– भारत में सौंफ को एक पारंपरिक मसाले के रूप में जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल चाय से लेकर मीठे पकवान व मिठाई आदि में भी किया जाता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल सिर्फ मिठाई व व्यंजनों में फ्लेवर व खुशबू देने के लिए ही नहीं किया जाता है, इस से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। सर्दियों में सौंफ का काढ़ा पीने से कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं। दो कप पानी में एक छोटा चम्मच सौंफ डालकर उसे अच्छे से उबाल लें और फिर ठंडा होने के बाद उसमें आधा चम्मच गुड़ व आधा चम्मच शहद डालें। इस खास काढ़े का सेवन करने से आपके स्वास्थ्य को कई फायदे मिल सकते हैं। अगर आपको भी सर्दियों के दिनों में हेल्दी रहना है, तो हम आपको इस लेख में सौंफ का काढ़ा पीने से मिलने वाले फायदों के बारे में बताने वाले हैं।

*1. मुंह की बदबू दूर करे*

सर्दियों में लोग अक्सर मुंह की सफाई ठीक से नहीं कर पाते हैं, जिस कारण से मुंह में बदबू होने लगती है। सौंफ का काढ़े का सेवन करके मुंह की बदबू को दूर किया जा सकता है। हफ्ते में एक या दो बार सौंफ का काढ़े का सेवन करने से मुंह की बदबू दूर रहती है। सौंफ के बीच रोजाना चबाकर भी मुंह की बदबू को दूर किया जा सकता है।

*2.पाचन संबंधी समस्या को दूर करें*

नीम की पत्तियों में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन संबंधी समस्या को दूर करने में मदद करता है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या है, उनके लिए ये पत्तियां बेहद फायदेमंद होती हैं। ये कब्ज की समस्या को दूर करती हैं।

*3. स्किन को हेल्दी बनाए*

स्किन के लिए भी सौंफ का काफी फायदेमंद माना जाता है। सौंफ के बीजों में मौजूद कॉपर, मैग्नीशियम और जिंक आदि स्किन से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। सर्दियों में स्किन से जुड़ी समस्याओं को रोकने के लिए हफ्ते में एक या दो बार सौंफ का काढ़ा जरूर पीएं।

*4. रक्त साफ करे*

सौंफ के बीजों में कई ऐसे खास प्रकार के तत्व पाए जाते हैं, जिनकी मदद से
क्या आपके हाथों की नसें फूली-फूली दिख रही हैं? अगर हां, तो इसे सामान्य समझने की भूल न करें
डेस्क :– क्या आपके हाथों की नसें फूली-फूली दिख रही हैं? अगर हां, तो इसे सामान्य समझने की भूल न करें। इस तरह के संकेत कई बार गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। हाथों पर उभरती नसें आपको कुछ गंभीर बीमारियों की ओर संकेत देते हैं। ऐसे में हाथों की फूलती नसों को इग्नोर न करें। हालांकि, कई बार अधिक कामकाज की वजह से हाथों की नसें फूलने लगती हैं, इसके अलावा कुछ अन्य कारणों से हाथों की नसों में सूजन या फिर हाथों की नसें फूलने लगती हैं।

बढ़ती उम्र हो सकती है वजह
हाथों की नसें फूलने के पीछे बढ़ती उम्र हो सकती हैं। दरअसल, बढ़ती उम्र के साथ लोगों की स्किन काफी पतली होने लगती है, जिसकी वजह से नसों में उभार नजर आने लगता है। यह परेशानी वैरिकोज वेंस से जूझ रहे लोगों में काफी ज्यादा दिखती है। यह नसें में ब्लड के जमाव के कारण भी होता है।

शरीर में फैट की मात्रा काफी कम होना
शरीर में फैट कम होना काफी मायने में अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा फैट कम हो जाए, तो शरीर की नसें फूलती हुई नजर आती हैं। दरअसल, जब आपके शरीर का फैट कम हो जाता है, तो इस स्थिति में नसें और स्किन के नीचे की संरचनाएं काफी दिखाई देने लगती हैं, जिसके कारण नसों में उभार नजर आता है।

*जेनेटिक कारण*

हाथों की नसों में सूजन या फुली हुई नजर आने के पीछे जेनेटिक कारण भी हो सकती हैं। अगर आपके परिवार के किसी भी सदस्य के हाथओं की नसें फूली हुई हैं, तो समझ जाएं कि इस तरह की परेशानी आपको भी हो सकती है। ऐसे में आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।

*नसों में खून जमा होना*

हाथों की नसें में खून जमा होने के कारण भी नसें फूली-फूली सी नजर आने लगती है। दरअसल, नसों में खून जमाव के कारण ब्लड सर्कुलेशन सही ढंग से नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से हाथों की नसें फूली नजर आती हैं।

*विटामिन बी12 की कमी*

कई बार जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण हाथों की नसें फूली-फूली सी नजर आती हैं। इन पोषक तत्वों में विटामिन बी12 की कमी हो सकती है। अगर आपको ऐसे संकेत दिख रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह लें। ताकि आप अपनी स्थिति का समय पर इलाज करा सकें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
आज हम ऐसे कुछ एक्सरसाइज के बारे में जानेंगे जिससे आप अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं
डेस्क:– आपके शरीर में सबसे अधिक काम करने वाले अंगों में से एक लिवर भी है। यह खून को डिटॉक्स करने और पोषक तत्वों को मेटाबोलाइज करने में मदद करता है। इसलिए लिवर को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। हालांकि कुछ फूड भी आपके लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं, लेकिन नियमित रूप से एक्सरसाइज का लिवर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कुछ आसान एक्सरसाइज करके आप अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं। इस लेख में हम ऐसी 5 आसन एक्सरसाइज के बारे में जानेंगे जो आपके लिवर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं लिवर को स्वस्थ रखने वाले 5 एक्सरसाइज के बारे में।

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए रोज नियमित रूप से एक्सरसाइज महत्वपूर्ण है। अगर आपको फैटी लिवर की समस्या है, तो रोज 30 मिनट एक्सरसाइज करके इस समस्या से कुछ हद तक छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप एक शेड्यूल तैयार करें और उसे नियमित रूप से फॉलो करें। एक्सरसाइज के लिए आप जिम जा सकते हैं, साइकलिंग कर सकते हैं, डांस के शौकीन है तो डांस क्लास ज्वाइन कर सकते हैं या फिर दोस्तों के साथ वॉकिंग कर सकते हैं। इससे वजन कंट्रोल करने के साथ-साथ लिवर को भी स्वस्थ रख सकते हैं।

*वॉकिंग*
तेज गति से टहलना लिवर को स्वस्थ रखने के लिए सबसे मददगार साबित हो सकता है। इससे लीवर की चर्बी को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही 20 से 30 मिनट रोज पैदल चलने के बाद एक्सरसाइज करने की आदत डालें।

*हाइकिंग*
अगर आपको बाहर घूमना पसंद है तो हाइकिंग एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। यह लिवर, हार्ट और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा हाइकिंग से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे शरीर को डिटॉक्स करने में लीवर को मदद मिलता है। इसके साथ ही प्रकृति में रहने से तनाव की समस्या भी काम हो सकती है। अगर आप पहाड़ों पर नहीं जा सकते हैं, तो घर की सीढ़ियों पर भी चढ़-उतर सकते हैं। ये हफ्ते में कम से कम एक बार जरूर करें।

*पुश-अप्स और स्क्वैट्स*
ऐसी एक्सरसाइज जिनमें अधिक ताकत लगती है, वो लिवर के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। इसमें पुश-अप्स और स्क्वैट्स शामिल हैं। ये एक्सरसाइज संपूर्ण शरीर की मांसपेशियों में सुधार के साथ-साथ शरीर में वसा और ग्लूकोज को संतुलित करती हैं। जिससे लिवर का काम आसान हो जाता है। इसके लिए जरूरी है कि नियमित रूप से पुश-अप्स और स्क्वैट्स का अभ्यास करें। शुरुआत 15-20 सेट से करें, इसके बाद धीरे-धीरे इन्हें बढ़ाएं।

*पिलाटेस*
पिलाटेस आसान, लेकिन प्रभावी एक्सरसाइज है, जो ताकत बढ़ाने के साथ-साथ ध्यान केंद्रित करने में भी आपकी मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद करता है। क्योंकि ब्लड को छानने का काम लिवर करता है, इसलिए अच्छा ब्लड सर्कुलेशन, लिवर को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। बेहतर परिणाम पाने के लिए सप्ताह में कम से कम दो से तीन दिन 15 से 20 मिनट के लिए पिलेट्स करें।

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