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नशा नाश का कारण, इससे दूर रहकर ही सपनों को किया जा सकता है साकार : मुख्यमंत्री

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वैश्विक स्तर पर देश व उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को लखनऊ में सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने युवाओं और खिलाड़ियों को सफलता का मंत्र भी दिया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को खिलाड़ियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए आज स्मार्ट फोन सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। यह युवाओं के समय और श्रम दोनों को प्रभावित करता है।

साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि खिलाड़ियों को नशे से दूर रहना चाहिए, नशा नाश का का कारण है, जो नशे की तरफ गया वह जीवन में फिर किसी के लायक नहीं रह पाएगा। उन्होंने कहा कि युवा अपने आप को तैयार करें, उनकी सुविधाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार उनके लिए समुचित माहौल तैयार कर रही है। युवा खेल को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। इसके लिए प्रदेश के शहरों और गांवों में खेल की सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। अच्छे प्रशिक्षण के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षक भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खेल के प्रति युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए सीएम योगी ने सम्मान समारोह में आए खिलाड़ियों की प्रेरक कहानी भी साझा की।

'जिन्होंने बढ़ाया देश का मान, ऐसी प्रतिभाओं का सम्मान'

कार्यक्रम में 14 ओलंपियंस व पैरालंपिक एथलीट्स को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश का मान बढ़ाने वाले इन सभी खिलाड़ियों को 22.70 करोड़ रुपये की पुरस्कार सम्मान राशि वितरित की। इनमें पदक विजेता कुल 7 ओलंपियंस व पैरालंपियंस और 7 अन्य प्रतिभाग करने वाले ओलंपियंस व पैरालंपियंस मौजूद रहे। सम्मानित होने वाले पदक विजेताओं में प्रवीण कुमार, सुहास एलवाई, अजीत सिंह, प्रीति पाल, सिमरन, ललित उपाध्याय व राज कुमार पाल शामिल रहे।

डंबल इंजन की सरकार ने देश में बदला खेल का माहौल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रतियोगिता छोटी हो या बड़ी वह खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है। आज देश के अंदर खेल का माहौल बदला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए जो नियोजित प्रयास हुए हैं, उसका परिणाम आज सबके सामने है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा शुरू किया गया खेलो इंडिया अभियान, फिट इंडिया मूवमेंट और सांसद खेलकूद प्रतियोगिता ने पूरे देश के अंदर खेल के वातावरण को बदला है। योगी ने कहा कि अब विश्वविद्यालय स्तर पर लीग और गांव स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं शुरू हो चुकी हैं, जिसने खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का प्लेटफार्म प्रदान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर खेल को बढ़ावा देने को लेकर किए जा रहे प्रयासों में उत्तर प्रदेश ने कई तरह के कार्यक्रमों को तैयार किया है और हम उस पर आगे बढ़ रह हैं।

खेल संसाधनों से लैस हो रहा है उत्तर प्रदेश

योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों के लिए समुचित अवसंरचना तैयार की है। आज डबल इंजन की सरकार इस पर लगातार ध्यान दे रही है। आज उत्तर प्रदेश में 84 स्टेडियम, 67 बहुद्देश्यीय हॉल, 38 तरणताल, 15 सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम और 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक तैयार हैं। इसके अलावा 2 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 16 छात्रावास, 47 अत्याधुनिक जिम, 20 सिंथेटिक टेनिस कोर्ट और 19 डॉरमेट्री खिलाड़ियों के लिए तैयार किए जा चुके हैं। वहीं प्रदेश में 2 जूडो हॉल, 13 कुश्ती हॉल, 6 शूटिंग रेंज, 2 इंडोर वॉलीबाल, 12 वेटलिफ्टिंग हॉल, 14 सिंथेटिक बॉस्केट बॉल कोर्ट प्रदेश के अंदर बनकर तैयार हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार बड़े लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। प्रदेश के अंदर सभी 57 हजार ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान और ओपन जिम, सभी 826 विकासखंड में मिनी स्टेडियम और सभी जनपदों में स्टेडियम के निर्माण के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर खिलाड़ियों के लिए खेल के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

की जा रही खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय, ओलंपिक, पैरालंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और विश्व चैंपियनशिप के पूर्व खिलाड़ियों को प्रशिक्षक के रूप में तैनात किया जा रहा है। योगी ने कहा कि किसी भी अतंरराष्ट्रीय स्पर्धा में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रदेश सरकार लक्ष्मण पुरस्कार और महिला खिलाड़ियों के लिए रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार की घोषणा की है जिसमें सरकार उन्हें नकद राशि के साथ-साथ प्रशस्ति पत्र से सम्मानित कर रही है। इसके अलावा देश स्तर पर पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों के लिए प्रदेश सरकार 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है और वृद्ध खिलाड़ियों के लिए भी प्रतिमाह वित्तीय सहायता दे रही है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर एकलव्य क्रीड़ा कोष्ठ का गठन किया है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद्र के नाम से पहले खेल विश्वविद्यालय का निर्माण भी किया जा रहा है।

पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों के धनराशि के आवंटन में पीछे नहीं है। युवा खेल जगत से जुड़े और पदक हासिल कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करें। इसके लिए प्रदेश का खेल विभाग उनके साथ है। समारोह में मौजूद खिलाड़ियों से मुख्यमंत्री योगी ने आह्वान किया कि वैश्विक मंचों पर प्रदेश के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर अधिक से अधिक मेडल हासिल करें। प्रदेश सरकार खेलों में देश व प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने बनाने का निर्णय लिया है। 2 खिलाड़ी पुलिस उपाधीक्षक, 2 नायब तहसीलदार, 1 माल कर अधिकारी और 2 खिलाड़ी जिला युवा कल्याण अधिकारी बनेंगे।

इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य अवनीश सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी मौजूद रहे।

ये खिलाड़ी हुए पुरस्कृत

पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा। उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने ओलंपिक-पैरालंपिक में एक स्वर्ण समेत छह पदक जीते हैं। गौतमबुद्ध नगर के पैरा हाई जम्पर प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक 2024 में स्वर्ण पदक जीता है। उन्हें 6 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई। वहीं भारतीय हॉकी टीम की तरफ से खेलते हुए वाराणसी के ललित उपाध्याय और गाजीपुर के राजकुमार पाल ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। उन्हें एक-एक करोड़ रुपये पुरस्कार राशि के तौर पर दिया गया। यूपी के आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई ने पैरा बैडमिंटन में और इटावा के अजीत सिंह ने पैरा एथलेटिक्स की जैवलिन थ्रो स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। दोनों को 4-4 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई। इसी तरह मुजफ्फरनगर की रहने वाली एथलीट प्रीति पाल ने 100 मीटर और 200 मीटर में कांस्य पदक जीता, जिसके लिए उन्हें 4 करोड़ रुपये तो वहीं गाजियाबाद की सिमरन ने अपने वर्ग की 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता, जिसके लिए उन्हें 2 करोड़ रुपये से पुरस्कृत किया गया।

इन प्लेयर्स को भी मिला पुरस्कार

इसके अतिरिक्त पेरिस ओलंपिक व पैरालंपिक गेम्स में प्रतिभाग कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए पारुल चौधरी, अनु रानी, प्रियंका गोस्वामी, प्राची चौधरी, साक्षी कसाना, दीपेश कुमार तथा यश कुमार को 10-10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया।

प्रशिक्षकों को भी किया सम्मानित

पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक के लिए खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले चार प्रशिक्षकों का भी सीएम योगी ने सम्मान किया। इनमें गजेंद्र सिंह (पैरा एथलीट), गौरव खन्ना (पैरा बैटमिंटन), राकेश कुमार यादव (पैरा एथलीट) और डॉ. सत्यपाल सिंह (पैरा एथलीट) शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षकों का सम्मान महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रशिक्षक ही हमारे खिलाड़ियों को ओलंपिक जैसी प्रतिस्पधार्ओं के लिए तरासते और तैयार करते हैं।

जल निगम के पांच अफसरों के ठिकानों पर विजलेंस टीम का छापा

लखनऊ,। उत्तर प्रदेश जल निगम के पांच अफसरों के ठिकानों पर विजिलेंस टीम ने मंगलवार को छापा मारा गया है। ये कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई है।विजिलेंस की टीम ने इंदिरानगर, गोमती नगर और विकास नगर में छापेमारी की। विजिलेंस की टीम पांच अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ पहुंची। इस मुद्दे पर अब तक 11 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक न्यायालय से सर्च वारंट मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने उप्र जल निगम की इकाई सी.एंड डी एस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज) के पांच अधिकारी सहायक अभियंता एवं प्रोजेक्ट मैनेजर राघवेंद्र कुमार गुप्ता, अधीक्षण अभियंता (मु.) सत्यवीर सिंह चौहान, अधीक्षण अभियंता अजय रस्तोगी, परियोजना प्रबंधक एवं सहायक अभियंता कमल कुमार खरबंदा, सहायक अभियंता एवं प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण कुमार पटेल के ठिकानों पर छानबीन की जा रही है। ये कार्रवाई इंदिरा नगर, गोमती नगर और विकास नगर में चल रही है।

उल्लेखनीय है कि शासन के आदेश वर्ष 2019-20 में इन लोगों के खिलाफ जांच कराया गया। जांच के दौरान आय से अधिक संपत्ति का मामला पाये जाने पर अभी तक 11 केस दर्ज है। इन सभी मामलों को लेकर छानबीन चल रही है।

विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में बीएचयू के 46 वैज्ञानिकों के नाम, हर्ष, विवि परिवार के सदस्यों को कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने दी बधाई
लखनऊ /वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक व अनुसंधान उत्कृष्टता का परचम दुनिया भर में लहराया है। विश्वविद्यालय परिवार के 46 सदस्यों (वैज्ञानिकों)ने वैश्विक स्तर पर शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची में जगह बनाई है। यह प्रतिष्ठित सूची विविध क्षेत्रों में वैज्ञानिकों के उल्लेखनीय शोध योगदान को परिलक्षित करती है। 22 वैज्ञानिक क्षेत्रों तथा 174 उप-क्षेत्रों में वैज्ञानिकों की उनके काम के आधार पर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एल्सिवियर की ओर से संयुक्त रूप से रैंकिंग तैयार की जाती है।

बीएचयू के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2023 के आखिर के आंकड़ों के आधार पर तैयार करियर आधारित सूची में विश्वविद्यालय परिवार के 46 सदस्य शामिल हैं। जबकि 2023 में एक कैलेण्डर वर्ष में उद्धरणों के आधार पर तैयार सूची में 51 वैज्ञानिक ने स्थान बनाया है।कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि “यह उत्साहजनक है कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की विश्व के शीर्ष दो फीसद वैज्ञानिकों की सूची में बीएचयू परिवार के 46 सदस्य शामिल हैं। यह दर्शाता है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय असाधारण प्रतिभा से भरपूर है । तथा यह विश्वविद्यालय शोध व अनुसंधान के लिए विश्व स्तरीय वातावरण उपलब्ध कराता है।

मेरा विश्वास है कि बीएचयू में विश्व के शीर्ष शोध विश्वविद्यालयों में शामिल होने की अपार क्षमता है। इस ख्यातिलब्ध सूची में जगह बनाने वाले सभी वैज्ञानिकों को कुलपति ने बधाई भी दी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान के प्रो. श्याम सुंदर ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि सूची में शामिल बीएचयू के वैज्ञानिकों में मुझे शीर्ष स्थान पर रखा गया है। इसके अलावा भारत में ट्रॉपिकल मेडिसीन की श्रेणी में मुझे पहला स्थान तथा विश्व में छठा स्थान प्राप्त हुआ है।

यह मेरे लिए तथा विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। यह मुझे अपने संस्थान की प्रतिष्ठा को और बढ़ाने के लिए मेहनत करने की प्रेरणा प्रदान करने वाला है।” पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के डॉ. राजीव प्रताप सिंह ने कहा, “अन्य मापदंडों के अलावा सूची एच इंडेक्स और उद्धरणों पर भी आधारित है, इसलिए पिछले कई वर्षों से सूची में बने रहना पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण विष विज्ञान पर मेरे द्वारा किए गए शोध कार्यों की दुनिया भर के वैज्ञानिक समुदाय द्वारा स्वीकृति को दर्शाता है।
आधी आबादी को और सशक्त करेगी योगी सरकार की 'महिला स्वास्थ्य हेल्पलाइन',  मुख्यमंत्री की पहल से ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार शारदीय नवरात्र के पहले दिन तीन अक्टूबर को अपने महत्वाकांक्षी "मिशन शक्ति" कार्यक्रम के पांचवें चरण का शुभारंभ करने जा रही है। इस नए चरण के तहत महिलाओं के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में एक समर्पित स्वास्थ्य हेल्पलाइन- 'महिला स्वास्थ्य लाइन' की जल्द ही लांच किया जाएगा।

ग्रामीण महिलाओं को मिलेगी टेली-परामर्श की सुविधा

वीमेन पावर लाइन 1090 की तर्ज पर हेल्पलाइन को शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य उन महिलाओं को सुलभ स्वास्थ्य सेवा सहायता प्रदान करना है, जिन्हें अक्सर सामाजिक दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

इस हेल्पलाइन के जरिए महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञों के साथ टेली-परामर्श की सुविधा दी जाएगी। इसके तहत महिलाओं (ग्रामीण महिलाओं) को दूर के अस्पतालों या क्लीनिक के चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जाएगा। उन्हें घर पर ही स्त्री रोग विशेषज्ञ का मार्गदर्शन मिल सकेगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण महिलाओं को होगा। यह हेल्पलाइन महिलाओं को समय पर और गोपनीय चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में सशक्त बनाएगी। इससे ग्रामीण उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में अंतर को खत्म किया जा सकेगा।

गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को योगी सरकार ने लिया फैसला

महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के अनुसार, नई स्वास्थ्य हेल्पलाइन न केवल तत्काल चिकित्सा सलाह प्रदान करेगी, बल्कि महिलाओं को मातृ स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को सुलझाने में भी मदद करेगी। हेल्पलाइन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की उन महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। जिनके लिए गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल तक पहुंच एक चुनौती बनी हुई है।

17 अक्टूबर, 2020 को मिशन शक्ति हुआ था लांच

राज्य सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि योगी सरकार ने प्रदेश भर में महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सम्मान के महत्व को पहचानते हुए उनके स्वास्थ्य को लगातार प्राथमिकता दी है। मिशन शक्ति के प्रत्येक चरण में महत्वपूर्ण सुधार पेश किए गए हैं, जिसकी शुरुआत 17 अक्टूबर, 2020 में हुई। इसके बाद 26 फरवरी, 2021 को दूसरा चरण, 21 अगस्त, 2021 को तीसरा चरण और 14 अक्टूबर, 2022 को चौथा चरण शुरू किया गया था। पांचवें चरण की शुरुआत प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार के अथक प्रयास को जारी रखना है, जो यह सुनिश्चित कर रहा है कि महिलाओं को वह स्वास्थ्य सेवा और सहायता मिले जिसकी वे हकदार हैं।
वृद्ध दिवस पर विशेष : टूट गयी बुढ़ापे की लाठी, वृद्धाश्रमों की बढ़ती जा रही संख्या

लखनऊ। भारतीय संस्कृति में पुत्र को बुढ़ापे की लाठी कहा गया है अर्थात पुत्र ही बुजुर्ग होने पर सहारा होता है, लेकिन विकृत होती संस्कृति में लाठी टूटती जा रही है। कुछ तो अर्थ युग की मजबूरी और कुछ पश्चिमी
सभ्यता का अंधानुकरण के कारण बुजुर्ग बेसहारा होते जा रहे हैं। तभी तो आज पूरे प्रदेश के सभी जिलों में राज्य सरकार को 75 वृद्धाश्रम खोलने पड़े हैं, जिनमें 6400 वृद्ध आश्रय लिये हुए हैं। यहीं नहीं इसके अलावा भारत सरकार ने भी प्रदेश में 24 वृद्धाश्रम खोल रखे हैं, जिसमें 850 वृद्ध आश्रय लिए हुए हैं। इनमें वृद्धों की संख्या समय-समय पर कम अधिक होती रहती है, लेकिन साल दर साल इसमें वृद्धि होती जा रही है, जो चिंता का विषय है।

अधिकांश लोग मजबूरी में ही वृद्धाश्रमों का लेते है सहारा

इन वृद्धाश्रमों में ही हर साल लगभग पांच सौ वृद्ध दम तोड़ देते हैं। उसमें आधे से अधिक वृद्धों के परिजन तो सूचना देने पर भी उनके शव नहीं ले जाते और वृद्धाश्रम संचालक ही उनका दाह संस्कार
करते हैं। इस संबंध में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था देख रहे समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक कृष्णा प्रसाद का कहना है कि बहुत लोग तो यहां की व्यवस्था से प्रभावित होकर यहां रहना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ बुजुर्ग ऐसे भी हैं, जो मजबूरी के कारण वृद्धाश्रमों का सहारा लेते हैं और वहीं आकर रह जाते हैं। कृष्णा प्रसाद के इस बयान से इतर अधिकांश लोग मजबूरी में ही वृद्धाश्रमों का सहारा लेते हैं।

बुजुर्गों के सम्मान में  मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस

इस संबंध में समाजसेवी अजीत सिंह का कहना है कि सिर्फ अर्थ के चक्कर में हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। यही कारण है कि आज हमें बुजुर्ग दिवस कि जरूरत पड़ रही है। वरना पहले यह स्थिति थी कि बुजुर्गों के आदेश के बिना घर का एक पत्ता भी नहीं हिलता था। कौशांबी वृद्धाश्रम के संचालक आलोक कुमार राय ने बताया कि हमारे यहां इस समय 53 बुजुर्ग हैं। इसमें कई लोगों के पुत्र हैं, लेकिन बुजुर्ग वृद्धाश्रम में खुद को ज्यादा आराम महसूस करते हैं और यहां पर वे एक परिवारिक सदस्य के रूप में घुल-मिल गये हैं। यह बता दें कि एक अक्टूबर को बुजुर्गों के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में श्रम न्यायालय लखनऊ के पीठासीन अधिकारी बी.के.राय का कहना है कि अब हमें स्कूली शिक्षा से ज्यादा जरूरी अपनी संस्कृति की शिक्षा है।

हले स्कूलों में नैतिक शिक्षा की एक किताब भी पढ़ाई जाती थी

बच्चों को पहले संस्कार दिया जाए, इसके बाद स्कूली शिक्षा दिया जाए। पहले स्कूलों में नैतिक शिक्षा की एक किताब भी पढ़ाई जाती थी, लेकिन आज वह भी हटा दी गयी है। यही कारण है कि आज हम पाश्चात्य संस्कृति की गिरफ्त में आते जा रहे हैं और हमारे बुजुर्गों का सम्मान कम होता जा रहा है। जल परी के नाम से पानी संचयन पर काम करने वाले बुंदेलखंड में प्रसिद्ध समाजसेवी संजय सिंह का कहना है कि समाज में लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। आत्मकेंद्रित समाज होता जा रहा है, जिससे आज वृद्धाश्रमों का सहारा लेना पड़ रहा है। आज आवश्यकता है कि हम बच्चों को अपनी संस्कृति का भान कराएं और उन्हें भारतीय समाज की परंपराओं को बताएं, जिससे बुढ़ापे की लाठी बनी रहे।
आज से बदल जाएगा परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों का समय
लखनऊ । परिषदीय व माध्यमिक विद्यालयों में मंगलवार से पठन-पाठन के समय में बदलाव होगा। एक अक्तूबर से परिषदीय विद्यालयों में सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक पढ़ाई होगी। वहीं मौसमी बीमारियों डेंगू-मलेरिया को देखते हुए बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनने के निर्देश दिए गए हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार एक अप्रैल से 30 सितंबर तक विद्यालय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक और एक अक्तूबर से 31 मार्च तक सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक चलेंगे। इसी क्रम में यह बदलाव हो रहा है। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए परिषदीय विद्यालयों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें अभिभावकों को भी बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर कार्यक्रम होंगे। स्कूल परिसर की सफाई तथा जलभराव न हो, इसके लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों में फॉगिंग व दवा छिड़काव के भी निर्देश दिए गए हैं।

एक अक्तूबर से माध्यमिक विद्यालयों का भी समय बदलेगा। माध्यमिक विद्यालय सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक चलेंगे। वर्तमान में यह 7.30 से 1.30 बजे तक चल रहे हैं। सुबह 15 मिनट प्रार्थना सभा होगी। इसके बाद 9.45 से 40-40 मिनट के चार पीरियड में पढ़ाई होगी। इसके बाद 25 मिनट का लंच, फिर चार पीरियड पढ़ाई होगी।
अयोध्या गैंगरेप मामले में नया मोड़, सपा नेता मोईद खान का डीएनए नहीं हुआ मैच, नौकर की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

लखनऊ । यूपी के अयोध्या में 12 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान के नौकर राजू के साथ पीड़िता की डीएनए रिपोर्ट मैच हो गई है। हालांकि सपा नेता के साथ पीड़िता का डीएनए मैच नहीं हुआ, लेकिन सामूहिक दुष्कर्म के मामले में किसी एक आरोपी के साथ रिपोर्ट मैच हो जाने से अपराध की पुष्टि होती है। मेडिकल साइंस से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार यदि एक आरोपी 70 वर्ष का है और दूसरा 25 वर्ष का तो युवा आरोपी से डीएनए मैच होने की संभावना अधिक होती है।

आरोपी सपा नेता और उसके नौकर की डीएनए रिपोर्ट पेश की गई

हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की अदालत में सोमवार को सामूहिक दुष्कर्म के मामले की सुनवाई हुई। आरोपी सपा नेता और उसके नौकर की डीएनए रिपोर्ट पेश की गई। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान 21 सितंबर को फोरेंसिक लैब के निदेशक को एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने बताया कि मुख्य आरोपी के नौकर से डीएनए रिपोर्ट मैच होने से अपराध की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा कि पीड़िता ने आरोप लगाया था कि सपा नेता ने पीड़िता के साथ रेप किया और उसके नौकर ने घटना का वीडियो बनाया था। वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी देकर पीड़िता के साथ कई बार गैंगरेप किया गया।मुख्य आरोपी मोईद खान ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया था। उनका कहना था कि राजनैतिक कारणों से उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने अपनी उम्र का हवाला देते हुए अपराध में संलिप्तता को नकारा था।

यह था मामला, 29 जुलाई को गैंगरेप की बात आयी थी सामने

अयोध्या के पूराकलंदर थाना क्षेत्र में 12 साल की नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना 29 जुलाई 2024 को सामने आई। पीड़िता की मां ने सपा नेता मोईद खान और उनके नौकर राजू के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पीड़िता ने भी सपा नेता की बेकरी, घर व अन्य स्थानों पर अपराध होने की बात कही थी। नाबालिग के गर्भवती होने के बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

आज कैबिनेट की होगी बैठक, दो निजी विश्वविद्यालयों को मान्यता को मिल सकती है हरी झंडी

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को शाम चार बजे कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें दो निजी विश्वविद्यालयों को मान्यता संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है। पूर्व में खुले निजी विवि को प्रोत्साहन राशि का प्रस्ताव भी पास हो सकता है। इसके अलावा औद्योगिक विकास विभाग के दो प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिलने की संभावना है।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने दो अक्तूबर पर 155वें गांधी जयंती समारोह को वैभवपूर्ण मनाने के लिए निर्देश जारी किए। उन्होंने सभी राजकीय भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही कार्यालयों व विद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, गांधीजी के जीवन संघर्ष, उनकी देश सेवा और जीवन मूल्यों पर व्याख्यानों के साथ अन्य कार्यक्रमों के बारे में निर्देश दिए। साथ ही शांति व सद्भाव का वातावरण बनाने के लिए जनमानस की सहभागिता और जागरूकता के बारे में भी चर्चा के लिए कहा।
एक लाख रुपये के लिए डिलीवरी ब्वॉय की हत्या कर शव को बैग में भरकर इंदिरा नहर में फेंका, दो गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ से सनसनीखेज मामला सामने आया है। लखनऊ के चिनहट में मोबाइल देने पहुंचे डिलीवरी ब्वॉय की तीन युवकों ने साजिश रचकर मार डाला। उसे गला दबाकर मारने के बाद दो मोबाइल (कुल कीमत एक लाख रुपये) और करीब 35 हजार रुपये लूट लिए।

फिर डिलीवरी ब्यॉय के बैग में ही उसका शव डाला और बाराबंकी के माती इलाके में जाकर इंदिरा नहर में फेंक दिया। पुलिस ने दो आरोपियों हिमांशु कनौजिया और आकाश को दबोच लिया है। तीसरे आरोपी गजानन की तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं। एसडीआरएफ की टीम शव बरामद करने के प्रयास में जुटी है।मूलरूप से अमेठी के जामो निवासी भरत कुमार प्रजापति (32) अपनी पत्नी अखिलेश कुमारी के साथ चिनहट इलाके में सतरिख रोड के सविता विहार में रहता था। वह इंस्टा कार्ड प्रा.लि कंपनी में डिलीवरी ब्वॉय था।

24 सितंबर की दोपहर 49 ग्राहकों का सामान पहुंचाने के लिए भरत दफ्तर से निकला। उसके देर रात तक न लौटने पर हब इंचार्ज आदर्श कोष्टा ने परिजन को जानकारी देने के साथ चिनहट थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।पुलिस के मुताबिक, वारदात देवा रोड स्थित बाबा अस्पताल के पास घर में अंजाम दी गई। जांच में सामने आया कि हिमांशु कनौजिया ने अपने फोन से दोनों मोबाइल ऑर्डर किए थे। 24 सितंबर की दोपहर जब भरत ने कॉल किया तो उसने गजानन से कांफ्रेंसिंग पर बात कराई। गजानन ने कहा, वह मोबाइल रिसीव कर लेगा। जब दोपहर को भरत मोबाइल लेकर पहुंचा तो गजानन ने आकाश के साथ मिलकर उसे घर के अंदर घसीट लिया।

फिर हत्या कर मोबाइल और पैसे लूट लिए। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों ने भरत की लाश के टुकड़े किए और फिर उसके बाद उसे नहर में फेंका। कुछ ऐसी जानकारी सामने आईं, जिससे एक आशंका ये भी है कि कहीं शव के टुकड़े कर बैग में तो नहीं भरे गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने भरत के मोबाइल नंबर की लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली। आखिरी लोकेशन हत्यारोपियों के घर के पास की मिली। भरत के नंबर से आखिरी कॉल हिमांशु और फिर गजानन के नंबर पर की गई थी, इसलिए पुलिस ने इनकी भी डिटेल निकाली। इससे खुलासा हुआ कि उस शाम दोनों की लोकेशन माती में नहर के पास थी। सीसीटीवी फुटेज से भी साफ हो गया कि भरत गजानन के घर के अंदर तो गया, लेकिन बाहर नहीं आया।

आरोपी कार में उनका बैग रखकर जाते दिखे, जिससे पुलिस का शक पुख्ता हो गया। आरोपियों को उठाकर सख्ती से पूछताछ की तो खुलासा हो गया। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम मंगलवार को भी नहर में शव की तलाश करेगी।भरत के पिता राम मिलन खादी ग्रामोद्योग विभाग में कर्मचारी हैं। भाई प्रेम कुमार अधिवक्ता हैं। ये सभी निशांतगंज में शिक्षा निदेशालय की कॉलोनी में रहते हैं। पिता ने बताया कि गजानन पहले भरत के साथ उसकी कंपनी में काम कर चुका है। ऐसे में पुलिस इस पहलू पर भी तफ्तीश कर रही है कि हत्या की वजह कुछ और तो नहीं है? अभी तक मोबाइल और नकदी लूट की बात सामने आई है।

मानव संपदा पोर्टल पर 99 फीसदी से अधिक पुलिसकर्मियों ने दिया अपनी संपत्तियों का ब्योरा

लखनऊ । मानव संपदा पोर्टल पर 3,15,857 पुलिसकर्मियों ने अपनी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा दे दिया है। रविवार दोपहर तक 99 फीसदी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी संपत्तियों का ब्योरा डीजीपी मुख्यालय को उपलब्ध करा दिया, जिसे पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि तकरीबन शत-प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने आदेश का पालन किया है।

ब्योरा नहीं देने वालों में अधिकांश कर्मी लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे हैं।बता दें कि डीजीपी मुख्यालय की तकनीकी सेवा शाखा ने 3,17,657 कर्मियों में से 3,15,857 की संपत्तियों का ब्योरा जुटा लिया है। एक माह पूर्व भी पोर्टल पर संपत्तियों का ब्योरा देने में पुलिस विभाग अन्य विभागों के मुकाबले आगे था। मुख्य सचिव के आदेश का अनुपालन कराने के लिए एडीजी तकनीकी सेवाएं नवीन अरोरा का नोडल अधिकारी बनाया था, जिन्होंने सभी कमिश्नरेट, जिलों, शाखाओं में तैनात कर्मियों से उनकी संपत्तियों का ब्योरा जुटाकर पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित कराया। इस दौरान पोर्टल में कर्मियों द्वारा खुद डाटा अपलोड करने में दिक्कत आई तो उनसे दो फॉर्म में चल और अचल संपत्तियों का ब्योरा लेकर पोर्टल पर अपलोड कराया गया।