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बोकारो के तुपकाडीह में आयोजित कलाकार-साहित्यकार सम्मान समारोह में 200 झारखंडी कलाकर एवं साहित्यकार हुए सम्मानित

झारखंड डेस्क 

बोकारो : बोकारो जिले के तुपकाडीह स्थित श्रमिक हाई स्कूल मैदान में झारखंडी कलाकार-साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन अंबेडकर क्लब, पैंथर क्लब व जय हिंद कला मंच ने संयुक्त रूप से किया था. उदघाटन तीर्थनाथ आकाश व अन्य अतिथियों ने दीप जलाकर किया. 

खोरठा के प्रखर विद्वान व धरा-गगन सिद्धांत के प्रणेता दिवंगत डॉ एके झा समेत अन्य दिवंगत कलाकारों व साहित्यकारों की तस्वीर पर माल्यार्पणकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. राज्य के लगभग 200 कलाकारों व साहित्यकारों को शॉल, प्रशस्ति पत्र व पौधे देकर सम्मानित किया गया. 

तीर्थनाथ आकाश ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के निर्माण में खोरठा कलाकारों का भी अहम योगदान रहा है. गीतकार विनय तिवारी ने कहा कि खोरठा के सभी कलाकारों, साहित्यकारों को एक मंच पर आकर खोरठा के विकास के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है.

कार्यक्रम का संचालन श्याम केवट ‘चित्रकार’ ने किया. सम्मानित होने वाले कलाकारों-साहित्यकारों में मनोज देहाती, गौतम कुमार महतो, कैलाश देहाती, अमन राठौर, कैलाश जैक्शन, सतीश दास, रॉबिन दास, राकेश दास, पायल राजवंशी, आनंद केरवार, धनुषधारी गोस्वामी, रमेश दास, आशा कुमारी, गुंजा कुमारी, दीपक दीवाना उर्फ ढुलकु, विनोद महतो रसलीन, प्रेमचंद कालिंदी, हबीब नाज, अशोक महतो, शिवानी जैक्सन, राजेश दीवाना, रवीना महतो, वर्षा ऋतु, हनी चंद्रवंशी, पिंकी सिंह, सीमा महतो, चांदनी महतो, मिथुन झारखंडी, मुकेश साव, उमेंद्र कुमार,निमाय महतो, मुकेश साव, विश्वनाथ गोस्वामी, विनय तिवारी, महेंद्रनाथ गोस्वामी ‘सुधाकर’, गिरिधारी गोस्वामी आकाश खूंटी, डॉ नागेश्वर महतो, दीपक सवाल, डॉ मुकुंद रविदास, अनिता महतो, डॉ कृष्णा गोप, प्यारे हुसैन प्यारे, अशोक पारस, कामेश गोस्वामी, घनश्याम महतो, विजय दास, शेखर शरदेंदु, मणिलाल मणि आदि शामिल हैं.

झारखंड बांग्ला भाषा संस्कृति परिषद की बैठक संपन्न, विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित हुई झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह

झारखंड डेस्क

धनबाद : झरिया पोद्दार पाड़ा स्थित हरिबोल मंदिर परिसर में झारखंड बांग्ला भाषा-संस्कृति परिषद की बैठक संपन्न हुई। बैठक में झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह विशिष्ठ अतिथि के तौर पर उपस्थित थी।

 बैठक में पोद्दार पाड़ा के मूल निवासी धीवर समाज के द्वारा विगत 165 वर्षो से हरि कीर्तन के संबंध में चर्चा हुई। 

विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा, झरिया के इस धीवर समाज के लोगो द्वारा 165 सालो से हरिबोल कीर्तन को में झारखंड सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार को भी प्रेरित करूंगी और गजट में सम्मिलित करने का प्रयास करूंगी।

 उन्होंने कहा, मानभूम से चला आ रहा इस हरिबोल कीर्तन संस्कृति को उचित सम्मान देने का भरपूर कोशिश करूंगी। उन्होंने कीर्तनिया छोटे बच्चे को मेडल देकर सम्मानित किया। परिषद के अध्यक्ष अजय मुखर्जी ने कहा, यहां के धीवर समाज लगातार देड शताब्दी से भी ज्यादा समय से हरि कीर्तन करते आ रहे है, जो एक मिशाल है और झारखंडी संस्कृति के धरोहर है। 

उन्होंने कहा, परिषद की और से झारखंड सरकार से मांग करते है की यहां के हरिबोल कीर्तन को उचित सरकारी सम्मान दिया जाय। परिषद के सचिव समीर गोस्वामी ने कहा, झारखंडी संस्कृति हरि कीर्तन यहां के समाज को मुख्य धारा से जोड़ता है। उन्होंने इस हरि कीर्तन को झारखंड सरकार कि गजट में सम्मिलित करने की मांग की। विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह को इस विषय पर परिषद की ओर से एक ज्ञापन दिया गया।

 मौके पर हरीबोल कीर्तनिया द्वारा मंदिर परिसर में हरिबोल सभा प्रस्तुत किया गया। परिषद के सचिव समीर गोस्वामी ने पुष्प स्तबक से विधायक का स्वागत किया। सहायक सचिव मिताली मुखर्जी ने साल देकर और अध्यक्ष अजय मुखर्जी ने परिषद का स्मृति चिन्ह देकर विधायक को सम्मानित किया। बैठक की अध्यक्षता बिबिएमबि बलियापुर के प्राचार्य सिद्धार्थ बंधोपाधाय एवं मंच संचालन परिषद के लिगल एडवाइजर शुसंतो बनर्जी ने किया। सचिव समीर गोस्वामी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।

 हरि कीर्तन प्रस्तुति राजेश धीवर, होरिया धीवर, बिशु धीवर, विकाश धीवर, कनाई धीवर, पोल्टू धीवर आदि ने प्रस्तुत किया। मौके पर नयन दत्त, तपन धीवर, भोला धीवर, संदीप धीपर जितेन धीवर, शशांक शेखर ओझा, मेगनाथ धीवर एवं धीवर समाज के दर्जनों लोग उपस्थित थे।

धनबाद के बलियापुर में सीएम हेमन्त सोरेन ने सभी 24 जिलों में श्रम आवासीय विद्यालय बनाए जाने कि ,की घोषणा, कहा यहां मिलेगी बच्चों को मुफ्त शिक्षा

झा.डेस्क

धनबाद :धनबाद में सिंदरी विधानसभा के बलियापुर हवाई पट्टी में झारखंड स्किल कॉनक्लेव जॉब ऑफर लेटर सह रोजगार प्रोत्साहन व परिवहन भत्ता वितरण समारोह मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए. इस कार्यक्रम में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और इरफान अंसारी के साथ झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह और टुंडी विधायक मथुरा महतो मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे.

सीएम हेमंत सोरेन ने इस मंच से बड़ी घोषणा भी की है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में श्रम विभाग की ओर से राज्य के सभी 24 जिलों में श्रम आवासीय विद्यालय बनाए जाएंगे. जहां बच्चे मुफ्त पढ़ाई कर सकेंगे. सीएम ने जॉब ऑफर लेटर लेने वाले युवाओं को उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.

 उन्होंने कहा जिस तरह से आप लोगों ने श्रम विभाग के ट्रेनिंग सेंटर्स पर ट्रेनिंग हासिल कर अपने-अपने क्षेत्र में दक्षता हासिल की है. आज उसी का नतीजा है कि देश-विदेश की अलग-अलग कंपनियों में आप सभी को नौकरियां मिली हैं.

मंच से अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि अब चुनाव आने वाला है. अब झारखंड में व्यापारियों का हेलीकॉप्टर उड़ने लगा है, आने वाले समय में हमें याद रखिएगा. इस कार्यक्रम दौरान देश-विदेश की विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों का भी स्वागत किया गया. साथ ही कहा कि आज यहां आई कंपनियों के साथ राज्य सरकार एमओयू की है. जिससे आने वाले दिनों में भी राज्य के युवाओं को नौकरी मिलती रहे.

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 129 करोड़ 30 लाख 29 हजार 63 रुपए की 133 योजनाओं का शिलान्यास किया. साथ ही 48 करोड़ 81 लाख 90 हजार 836 रुपए की 84 योजनाओं का उद्घाटन किया. सीएम हेमंत सोरेन ने धनबाद नगर निगम की 44 करोड़ से अधिक की 83, ग्रामीण कार्य विभाग की 52.73 करोड़ की 20, पेयजल एवं स्वच्छता (यांत्रिक प्रमंडल) की 3.85 करोड़ की 10, झारखंड शिक्षा परियोजना की 9.93 करोड़ की 8, कल्याण विभाग की 1.29 करोड़ की 7, भवन प्रमंडल की 91 लाख की 3, पथ निर्माण विभाग की 5.50 करोड़ की एक और जेएसबीसीसीएल (पीआईयू) की 11 करोड़ की एक योजना का शिलान्यास किया.

झारखंड स्किल कॉनक्लेव के दौरान सीएम ने धनबाद नगर निगम की 46.27 करोड़ की 76, भवन प्रमंडल की 2.09 करोड़ की 7 तथा पेयजल एवं स्वच्छता (यांत्रिक) प्रमंडल की 44.93 लाख की एक योजना का उद्घाटन किया. साथ ही इस समारोह में मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों के बीच जॉब ऑफर लेटर का भी वितरण किया.

झारखंड के पूर्व मंत्री राजा पीटर हुये जदयू में शामिल

रांची-झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का विभिन्न पार्टियों की सदस्यता लेना तथा पो लटिकल पार्टी में शामिल होना जारी है।

इसी कड़ी में झारखंड के रहे पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने जदयू का दामन थाम लिया. नयी दिल्ली स्थित जदयू के केंद्रीय कार्यालय में राजा पीटर को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने प्राथमिक सदस्यता दिलायी. राजा पीटर तमाड़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं और उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री रहे हैं.

राजा पीटर ने की जदूय में वापसी

झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने का दौर जारी है. कुछ लोग पुरानी पार्टी में फिर से शामिल हो रहे हैं, तो कुछ लोग नयी पार्टी का दामन थाम रहे हैं. टिकट के लिए जोर-आजमाइश जारी है. इसी क्रम में जदयू के टिकट पर तमाड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत चुके राजा पीटर एक बार फिर से जदयू में शामिल हुए.

राजा पीटर से पहले सरयू राय जदयू में हो चुके हैं शामिल

जनता दल (यूनाइटेड) में इससे पहले पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय शामिल हुए हैं. इसके बाद आज सोमवार को राजा पीटर ने नयी दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.

राजा पीटर को जानिए

झारखंड के दिशोम गुरु, पूर्व सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री रहते राजा पीटर ने 2008 के तमाड़ विधानसभा उपचुनाव में हरा दिया था और सुर्खियां बटोरी थी. करीब दो दशक से सियासत में सक्रिय राजा पीटर ने 2005 में बिरसा विकास समिति के बैनर तले विधानसभा का चुनाव लड़ा.

 2009 में जदयू के टिकट पर तमाड़ से विधानसभा का चुनाव जीता था और मंत्री बने थे.

झारखंड में अब जनहित मुद्दों को छोड़ हड़िया - दारु पर हो रही है राजनीतिक, जाने भाजपा और कांग्रेस के नेता ने क्या कहा


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : जैसे-जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आती जा रही है झारखंड में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही है। झारखंड के राजनेता एक दूसरे पर तीखा बयान बाजी भी करते नजर आ रहे हैं इसी क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने एक संवाददाता सम्मेलन में संबोधन के दौरान बीजेपी के नेताओ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि , बीजेपी के लोग 18 वर्षो तक सत्ता में थे , तो क्या हड़िया के नशा में थे, अब पिछले 5 सालों से सता से बाहर है तो ये लोग बांग्लादेशियों को ढूंढने चले है , खास एजेंडा चला कर बीजेपी के नेता यहां काम कर रहे है। और जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं।

वही कांग्रेस के इस बयान पर भला भाजपा कैसे चुप बैठी भाजपा ने भी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए , राज्य के पूर्व मंत्री, और वर्त्तमान में राँची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि , झारखण्ड के लोग गरीब है, इसलिए हड़िया का सेवन करते है। 

उनका झारखंड के लोगो का अपमान है। रही बात कांग्रेस पार्टी की तो उनकी नेता सोनिया गांधी इटली की रहने वाली है, वो महंगी शराब की सौख रखती होंगी। राहुल गांधी महंगे व विदेशी शराब पीते होंगे .....

सीपी सिंह ने कहा कि वही रही बात बीजेपी के 18 वर्षो तक सत्ता में रहने की तो यह गलत बात है।भाजपा हमेशा से बंगलादेशी घुसपैठ का मुद्दा शुरू से उठा रही है। कोई यह आज का मुद्दा नही है।

*झारखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शाम पांच बजे की बजाय चार बजे तक ही मतदान हो सकते हैं

झारखंड डेस्क 

झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान अति नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम पांच बजे की बजाय चार बजे तक ही मतदान हो सकते हैं. सुरक्षा की दृष्टि से इस दिशा में पुलिस मुख्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए आइजी अभियान सह स्टेट पुलिस नोडल पदाधिकारी एवी होमकर ने रांची, जमशेदपुर और धनबाद जिले के एसएसपी के अलावा सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है. उन्हें इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है.

प्रभावित मतदान केंद्रों की सूची बनाने का निर्देश

इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि वह अपने-अपने जिले के डीसी से समन्वय बनाकर अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों के बारे में सूची बनायेंगे. इसके अलावा वैसे मतदान केंद्रों की भी सूची तैयार करेंगे, जहां किसी अन्य कारण से पांच बजे के स्थान पर शाम के चार बजे तक मतदान कराना उचित प्रतीत होता है. 

संबंधित जिले के एसपी को सूची तैयार करने के लिए एक फॉरमेट भी दिया गया है. जिसमें जिला का नाम, विधानसभा क्षेत्र, प्रखंड व थाना का नाम, मतदान केंद्र की संख्या और नाम, मतदान भवन का नाम और किस वजह से शाम के चार बजे मतदान कराना आवश्यक है, इसके बारे पूरा ब्योरा देने को कहा गया है. पुलिस मुख्यालय की ओर से मामले की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अलावा एडीजी अभियान और सभी रेंज डीआइजी और जोनल आइजी को दी गयी है.

जनजाति सुरक्षा मंच ने आदिवासी से ईसाई बने लोगों को आरक्षण सूची से हटाने का किया मांग, इस मसले को लेकर कर रहा आंदोलन की तैयारी

झारखंड डेस्क 

 जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांतीय कार्यालय में प्रदेश व जिला टोली की बैठक में संगठन के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि झारखंड में जो आदिवासी धर्मांतरण कर लिया है उसे एसटी आरक्षण की सूची से हटाना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा इस मसले को लेकर राज्य में एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जायेगा। जिसमे मांग किया जायेगा कि आदिवासी से ईसाई लोगों को आरक्षण सूची से हटाया जाए.

उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्र के कारण झारखंड में गोत्र का प्रचलन है और धर्मांतरित भी उरांव, मांगा, कड़िया लिख रहे हैं, जबकि गोत्र एवं टाइटल का प्रयोग केवल शादी -विवाह में किया जाता है। 

उन्होंने कहा कि गोत्र का प्रयोग होने से यह पता नहीं चल रहा है कि कौन ईसाई है या अपनी मूल जनजाति का सरना है। इसलिए गोत्र का प्रयोग नहीं होना चाहिए। जनजातीय समाज की महिलाएं अन्य धर्म के पुरुषों से शादी कर लेती हैं और उस महिला के जाति प्रमाणपत्र के आधार पर जमीन, जगह, नौकरी, पेशा, संवैधानिक अधिकार एकल पद वार्ड पार्षद, मुखिया, पंचायत समिति, सदस्य, जिला परिषद प्रमुख के पद एवं अन्य व्यवस्था छिना जा रहा है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दर्ज होगा।

जनजाति सुरक्षा मंच के प्रवक्ता मेघा उरांव, मीडिया प्रभारी सोमा उरांव, राजू उरांव, रवि प्रकाश उरांव, लक्ष्मी बारला, छत्रपति बड़ाईक, हिंदुवा उरांव ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में निशा उरांव, जय मंत्री उरांव, विश्वकर्मा पाहन, डॉ बुटन महली, मनोज भगत, जगन्नाथ भगत, विशु उरांव, दुर्गा उरांव, छोटे राय मुंडा, परांगना मरांडी, देवनंदन सिंह, तुलसी प्रसाद गुप्ता, अर्जुन राम, प्रदीप टोप्पो समेत राज्यभर से आये प्रतिनिधि शामिल हुए।

ब्रेकिंग गुड न्यूज़ : कोयला कामगारों को मिलेगा 93,750 रुपए बोनस, 2023 में हुआ था 85,500 रुपए का भुगतान

धनबाद : कोयला कामगारों के बोनस तय करने हेतू मानकीकरण कमेटी की बैठक में प्रबंधन और यूनियनों में चली रस्सा-कस्सी‌ । कोयला कामगारों को दुर्गा पूजा में बोनस भुगतान को लेकर नई दिल्ली में मानकीकरण कमेटी की बैठक हुई। आयोजित बैठक में यूनियन की ओर से डेढ़ लाख रुपए का प्रस्ताव रखा था, जिसपर कोल इंडिया प्रबंधन ने 85 हजार रुपए देने की बात कही। 

इस पर लंबी चर्चा और बहस हुई। बाद में यूनियन ने एक लाख पच्चीस हजार रुपए देने कहा। प्रबंधन इस पर राजी नहीं हुआ। यूनियन लीडर्स मीटिंग से बाहर निकल गए और आगे की बातचीत के लिए रणनीति बनाई। बैठक दोबारा प्रारंभ हुई।

 अंततः 93,750 रुपए पर सहमति बनाते हुए मुहर लगाई गई। यह जानकारी एचएमएस शिव कुमार यादव ने दी।

 मानकीकरण समिति की बैठक की अध्यक्षता चेयरमैन पीएम प्रसाद ने की। करीब छह घण्टे तक चली बैठक में प्रबंधन की ओर से डीपी सीआईएल विनय रंजन, डीपी एमसीएल केशव राव, डीपी सीसीएल एचएन मिश्रा, डीपी एनसीएल मनीष कुमार, डीपी बीसीसीएल एमके रमैय्या, डीपी ईसीएल डीपी मंजर आलम, एसईसीएल बिरंची दास, डीपी डब्ल्यूसीएल बिक्रम घोष, डीपी सिंगरेनी जीवी रेड्डी, डीटी सीएमपीडीआई शंकर नागचारी की मौजूदगी रही जबकि यूनियन नेताओं में बीएमएस से सुधीर घुरडे, मजरूल हक अंसारी, एचएमएस से नाथूलाल पाण्डेय, शिव कुमार यादव, एटक से रामेन्द्र सिंह, सीटू से डीडी रामनंदन शमिल हुए। इसी तरह अल्टरनेटिव मेंबर के तौर पर बीएमएस से यदगिरी सथाइहा, एचएमस से रियाज अहमद, एटक से हरिद्वार सिंह, सीटू से आरपी सिंह भी सम्मिलित हुए।

झारखंड स्किल कांक्लेव 2024: उपायुक्त व एसएसपी ने किया अंतिम चरण की तैयारियों का निरीक्षण

धनबाद : झारखंड स्किल कांक्लेव 2024 का आयोजन सोमवार, 30 सितंबर 2024, को बलियापुर स्थित हवाई पट्टी में किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री हृदीप पी जनार्दन सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों ने रविवार की देर शाम कार्यक्रम स्थल का भ्रमण कर अंतिम चरण की तैयारियों का निरीक्षण किया। 

इस दौरान हेलीपैड, माननीय मुख्यमंत्री का स्वागत, स्टेज, वॉर रूम, लंच स्पेस, माननीय मुख्यमंत्री के लिए रेस्ट रूम, रैंप, पेवेलियन, पगोड़ा, स्टॉल, बंटिंग व ब्रैंडिंग, कार्यक्रम स्थल की साफ सफाई, सुरक्षा, पेयजल, मोबाइल टोइलेट सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

 निरीक्षण के दौरान उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा व एसएसपी श्री हृदीप पी जनार्दनन के साथ नगर आयुक्त श्री रविराज शर्मा, सिटी एसपी श्री अजीत कुमार, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री पीयूष कुमार, एसडीओ श्री राजेश कुमार, श्रम अधिक्षक श्री प्रवीण कुमार, जिला नियोजन पदाधिकारी श्री आनंद कुमार, डीटीओ श्री दिवाकर सी द्विवेदी, बीडीओ बलियापुर श्री राजेश सिन्हा, सीओ श्री सुदीप एक्का, थाना प्रभारी बलियापुर श्री आशिष भारती, डीएसपी ट्रैफिक श्री अरविंद सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनील कुमार सिंह, जेएसएलपीएस के डीपीएम श्री शैलेश रंजन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

झारखंड में चुनावी घमासान में हेमंत सोरेन के रडार पर बाबूलाल, चम्पाई और अर्जुन मुंडा के बजाय हिमंत विश्व सरमा क्यों...?

झारखंड डेस्क 

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी हो गयी है। कभी भी चुनाव की तिथि घोषित हो सकती है। इस चुनावी सुगबुगाहट के बीच नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और पूर्व सीएम चंपई सोरेन,लोबिन हेम्ब्रम,सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार पर हमलावर हैं. 

वहीं, दूसरी तरफ झामुमो के हेमंत सोरेन अलग रणनीति अपनाते हुए मरांडी, मुंडा और चंपई को छोड़कर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को निशाने पर ले रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा को भाजपा ने झारखंड में बीजेपी की तरफ से चुनाव के सह प्रभारी बनाया हैं। प्रभारी मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं।और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजनीति को काट करने के लिए इन दोनों नेताओं को यहां का रणनीतिकार बनाया गया है।

अब इस घड़ी दोनों पक्ष के लिए चुनौती की घड़ी है।अगर झारखंड को फतह करने में शिवराज सिंह चौहान और हिमंत चूकते हैं तो उनके लिए भी आगे आने वाले दिनों में भाजपा के आलाकमान के सामने स्थिति कमजोर होगी ।

वहीं झामुमो को सत्ता में बरकरार रहना और इतने महारथियों को एक साथ पराजय का मुह दिखाना उनके लिए भी कड़ी चुनौती है।

झारखंड में हेमन्त सोरेन के प्रभाव को डगमगाने के लिए कई बड़े आदिवासी चेहरा हैं। बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और चंपई सोरेन बीजेपी के बड़े नेता हैं। अमर कुमार बाउरी भी नेता प्रतिपक्ष हैं, लेकिन हेमंत सोरेन को लगता है कि जनता स्थानीय नेताओं की तुलना में उनके साथ ज्यादा मजबूती से हैं।इस लिए इन नेताओं को टारगेट करने के बजाय जनता के माइंड में यह बात बैठाया जाय कि झारखंड में भाजपा अपने लोगों पर भरोसा करने के बजाय बाहरी लोगों पर ज्यादा भरोसा करती है।

इसी लिए यहां की रणनीति तय करने के लिए असम और एमपी से नेता भेज रही है।इन्ही सभी कारणों से झामुमों पार्टी की रडार पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हैं और शिवराज सिंह चौहान है।

पिछले महीने जब हिमंत झारखंड दौरे पर लगातार आने लगे तो हेमंत ने उन्हें बाहरी बताते हुए बीजेपी की घेराबंदी शुरू कर दी। हेमंत लगातार अपनी रैली में हिमंत के लिए बाहरी शब्द का प्रयोग कर रहे थे।

इतना ही नहीं, हेमंत की सरकार ने हिमंत के सुरक्षा में खर्च होने वाले पैसे का भी जिक्र किया था। सरकार का कहना था कि हिमंत संवेदनशील राज्य असम के मुख्यमंत्री हैं और उनके बार-बार झारखंड आने से प्रोटोकॉल लागू करना पड़ता है, जिसमें पैसे खर्च होते हैं।

हेमंत सोरेन हिमंत को सियासी तौर पर भी घेर रहे हैं। पिछले दिन उन्होंने असम के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था। इसमें हेमंत ने कहा था कि चाय बागान में काम करने वाले टी-ट्राइब को आदिवासियों का दर्जा दिया जाए। असम में इन समुदाय को ओबीसी का दर्जा प्राप्त है।

इधर राजनीति के जानकारों का मानना है कि हेमंत सोरेन के रडार पर हिमंत विश्व सरमा क्यों, है इसके कई कारण हैं …

,बैकफुट पर असम के सीएम को धकेलने कि कोशिश 

सबसे पहला कारण है कि हिमंत मुखर नेता हैं और जब से वे झारखंड के भाजपा ने उन्हें सह प्रभारी नियुक्त किया वे लहर हेमंत सोरेन पर हमालावर हैं.

हिमंत विश्व सरमा का हर डिविजन के लिए अलग-अलग प्लान तैयार हैं. संथाल में उन्होंने डेमोग्राफी को बड़ा मुद्दा बनाया है. इसी तरह कोल्हान में जेएमएम के भीतर ही सेंध लगा दिया. हिमंत लगातार नाराज नेताओं को भी साध रहे हैं.

ऐसे में हेमंत पर सीधे हिमंत की घेराबंदी कर उन्हें बैकफुट पर धकेलने के कोशिश में झारखंड मुक्ति मोर्चा लग गयी है.

दूसरा कारण है स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दे को हवा देने की कोशिश!

झारखंड में शुरुआत से ही स्थानीय बनाम बाहरी एक बड़ा मुद्दा रहा है. राज्य में स्थानीय नीति की भी मांग लंबे वक्त से हो रही है. हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी हिमंत के जरिए बीजेपी को बाहरी बताने में जुटी है.

हेमंत इसलिए अपनी हर रैली में हिमंत को बाहरी बता रहे हैं. हेमंत सोरेन हिमंत के जरिए झारखंड को लोगों को गोलबंद करना चाहते हैं. 2019 में इसी गोलबंदी के सहारे हेमंत ने बीजेपी की मजबूत सरकार को उखाड़ दिया था.

वहीं इसके बहाने हेमंत आदिवासी को भी साध रहे हैं. हेमंत ने हाल ही में जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने संथाल, ओरांव और मुंडा समेत आदिवासियों के 4 समुदाय को असम में आरक्षण देने की मांग की है.

हेमंत इस बहाने झारखंड के 25 प्रतिशत आदिवासियों को अपने पक्ष में करना चाह रहे हैं.

तीसरा कारण बीजेपी के स्थानीय नेताओं को कमजोर बताने की रणनीति- 

सीएसडीएस के मुताबिक 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड के 21 प्रतिशत लोग ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते थे. हेमंत मुख्यमंत्री बने भी. कहा जा रहा है कि इस साल की शुरुआत में जिस तरह से हेमंत जेल गए, उसने उनकी लोकप्रियता और बढ़ा दी है.

झामुमो अब पूरे चुनाव को हेमंत वर्सेज कौन में बदलना चाहती है. बीजेपी में वर्तमान में मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर खींचातनी मची हुई है. इस पद पर बाबू लाल मरांडी और चंपई सोरेन की मजबूत दावेदारी है.

साल के अंत में होगा 81 सीटों पर चुनाव

झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव प्रस्तावित है. हाल ही में चुनाव आयोग ने तैयारियों की समीक्षा की है. राज्य में मुख्य मुकाबला झामुमो और बीजेपी गठबंधन के बीच है.

झारखंड में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 42 सीटों पर जीतना जरूरी है. 24 साल पहले गठित झारखंड में अब तक झामुमो के 3 और बीजेपी के 3 मुख्यमंत्री बने हैं.