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झारखंड सरकार अब खनिजों के खनन पर वसूलेगी टैक्स,विधानसभा में पारित विधेयक को राज्यपाल ने दिया मंज़ूरी


झारखंड डेस्क 

झारखंड सरकार राज्य में खनिजों के खनन पर उपकर वसूल सकेगी। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने ‘झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024’ को गुरुवार को मंजूरी दे दी। अब गजट नोटिफिकेशन के साथ ही यह कानून का रूप ले लेगा। इसके बाद खनिजों पर उपकर की वसूली की जाएगी।

उपकर खनिजों की मात्रा और वजन के हिसाब से वसूली की जाएगी 

झारखंड सरकार उपकर खनिजों की मात्रा पर वजन के हिसाब से वसूली करेगी.प्रति मीट्रिक टन कोयला और लौह अयस्क के लिए 100 रुपए, बॉक्साइट पर 70 रुपए और चूना पत्थर व मैगनीज अयस्क खनन पर 50 रुपए होगा। राज्य सरकार अन्य खनिजों से प्रति टन निर्धारित रॉयल्टी का 50 प्रतिशत वसूलेगी। उपकर राज्य खनन एवं भूगर्भ विज्ञान विभाग एकत्र करेगा। बता दें कि सर्वोच्च न्यायाल ने 25 जुलाई को एक आदेश में राज्यों को खनिज वाली भूमि पर उपकर संग्रहण की शक्ति दी है। उसी के तहत उपकर का प्रावधान किया गया है।

 विधानसभा पटल पर दो अगस्त को रखा गया था यह विधेयक.

यह विधेयक विधानसभा पटल पर दो अगस्त को रखा गया था। उस दौरान विपक्ष की ओर से विधेयक में संशोधन और प्रवर समिति को सौंपने का प्रस्ताव दिया गया। विपक्ष के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में संशोधन करते हुए कहा था कि यह विधेयक महत्वपूर्ण, बहुउद्देशीय और मूल्यवर्धित है। समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। 

कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साईड आदि खनिज आधारित भूमि पर लागू उपकर को अधिसूचना के माध्यम से घटाया या बढ़ाया जा सकेगा। इसके बाद विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ था। इसके बाद राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा गया था। प्रावधान के तहत झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 में उपकर नहीं देने पर ब्याज भी लगाया जाएगा।

विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों की व्यवस्था होगी समाप्त, नई शिक्षा नीति के तहत होंगे यह बड़ा बदलाव


नयी दिल्ली : नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा के तहत बड़े बदलाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके तहत विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों की व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी और उसकी जगह स्वायत्तशासी (आटोनामस) और संघटक महाविद्यालयों ले लेंगे। संघटक महाविद्यालयों का प्रशासनिक नियंत्रण विश्वविद्यालयों के पास रहेगा।

प्रदेश में मौजूदा समय में महज 15 महाविद्यालय आटोनामस हैं। इसमें से केवल सात ही ऐसे हैं, जो उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित हैं। 

इन सात महाविद्यालयों में चार सहायता प्राप्त और तीन स्ववित्तपोषित हैं। 

प्रदेश का एक भी राजकीय महाविद्यालय आटोनामस नहीं है। शासन ने अब महाविद्यालयों को आटोनामस बनाने के लिए एक नई पहल की है। शासन के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों से नई शिक्षा नीति के अनुसार यूजीसी-आटोनामस कॉलेज योजना में आवेदन करने को कहा है।

निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 2035 के बाद संबद्ध महाविद्यालयों की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और सिर्फ आटोनामस एवं संघटक महाविद्यालय ही चलन में रहेंगे।

उच्च शिक्षा निदेशालय ने यूजीसी आटोनामस कॉलेज नियमन-2023 के अनुसार अर्हता पूरी करने वाले राजकीय महाविद्यालयों को आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है, जिससे वे इस योजना एवं विभिन्न प्रकार की केंद्रीय योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें। 

प्रदेश में कुल 171 राजकीय महाविद्यालय हैं। वैसे तो प्रदेश सरकार ने अभी राजकीय महाविद्यालयों के लिए यह पहल की है, लेकिन आने वाले दिनों में सहायता प्राप्त महाविद्यालयों और स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों को आटोनामस बनाना एक बड़ी चुनौती होगी। इन दोनों श्रेणी के कुल महाविद्यालयों की कुल संख्या 6000 के हजार के करीब है। प्रदेश में संघटक महाविद्यालयों की संख्या न के बराबर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बने तीन सुपर कंप्यूटर परम रुद्र राष्ट्र को किया समर्पित

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में बने तीन सुपर कंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किया। उद्धाटन से पहले उन्होंने इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर दी थी। उन्होंने लिखा था, 'तकनीक से जुड़े इनोवेशन को बढ़ावा!

आज शाम करीब 5:30 बजे, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए, मैं 3 परम रुद्र सुपर कंप्यूटिंग सिस्टम और मौसम और जलवायु के लिए एक हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग सिस्टम का उद्घाटन करूंगा। मैं अपने युवा मित्रों से विशेष रूप से आग्रह करूंगा कि वे इसमें शामिल हों।

बता दें कि इन सुपर कंप्यूटर बेहद तेज और शक्तिशाली होते हैं। ये जटिल गणनाओं को बेहद कम समय में पूरा कर सकते हैं। एक सुपर कंप्यूटर इतनी बड़ी मात्रा में डेटा को एक साथ प्रोसेस कर सकता है, जितना एक साधारण कंप्यूटर कलन्पना भी नहीं कर सकता। इन सुपर कंप्यूटर्स का इस्तेमाल वैज्ञानिक और रिसर्च के कामों में होता है।

पीएम मोदी ने जिन तीन नए सुपर कंप्यूटर परम रुद्र को देश को समर्पित कियाउन्हें पुणे, दिल्ली और कोलकाता में लगाया जाएगा। इन कंप्यूटर में लेटेस्ट कटिंग हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसके अधिकांश कंपोनेंट्स का निर्माण और संयोजन भारत में ही किया गया है। सामान्य कंप्टूटर को जिस काम को पूरा करने में 500 साल तक लग जाते हैं उन्हें सुपर कंप्यूटर बहुत कम समय में पूरा कर लेता है।

परम रूद्र सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल मौसम पूर्वानुमान, जलवायु, पदार्थ विज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा। पुणे में विशालकाय मीटर रेडियो टेलीस्कोप फास्ट रेडियो बर्स्ट और अन्य खगोलीयी घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाएगा। 

दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) में इस सुपर कंप्यूटर का उपयोग पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी के रिसर्च के लिए किया जाएगा।

साइबर क्राइम के खिलाफ सरकार ने उठाया कड़ा कदम 6 लाख फोन नंबर बंद, 800 ऐप को किया ब्लॉक।

नयी दिल्ली :- साइबर क्राइम के खिलाफ केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. गृह मंत्रालय के साइबर विंग ने साइबर क्राइम से जुड़े 6 लाख नंबर बंद किए. इसके अलावा 65 हजार URLs को भी ब्लॉक किया गया.

गृह मंत्रालय ने साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. ये एक्शन गृह मंत्रालय की साइबर विंग 14C द्वारा लिया गया है. साइबर विंग ने साइबर फ्रॉड से जुड़े करीब 6 लाख नंबर बंद किए हैं. इतना ही नहीं ऐसी ही 800 ऐप को भी ब्लॉक किया गया है. साथ ही साइबर विंग के आदेश पर साइबर फ्रॉड में शामिल 65 हजार URLs को भी ब्लॉक किया गया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर विंग ने पिछले 4 महीने में फ्रॉड करने वाले 3.25 लाख अकाउंट फ्रीज किए हैं. 3400 से ज्यादा सोशल मीडिया ग्रुप्स को भी बंद किया गया है. गृह मंत्रालय का दावा है कि 8.5 लाख लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाया गया है. 

1 साल में एक लाख मामले किए गए दर्ज*

देश में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं. इनमें डिजिटल अरेस्ट के भी मामले शामिल हैं. NCRP पोर्टल को 2023 में 1 लाख से ज्यादा स्कैम की शिकायतें मिली हैं. इन मामलों में करीब 17 हजार एफआईआर दर्ज की गई हैं।

गृह मंत्रालय ने 2018 में 14C विंग बनाई थी. इसे गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग के भीतर सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत बनाया गया है. यह सभी राज्यों से जुड़कर साइबर क्राइम के मामलों की मॉनिटरिंग करता है।

साइबर क्राइम से निपटने के लिए विंग ने नेशनल लेवल पर कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाया है. इसके अलावा विंग साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों को आसानी से दर्ज करने में मदद करता है. साइबर क्राइम से निपटने के लिए एजेंसियों की मदद करता है।

यही विंग लोगों को इस तरह के क्राइम से बचने के लिए और जागरूकता बढ़ाने के लिए गाइडलाइन जारी करता है. विंग फर्जी डिजिटल प्लेटफॉर्म की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई भी करती है।

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आर एस एस मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी,पूछे ये 5 सवाल।

नई दिल्ली: - दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर उनसे 5 सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी की शुरुआत में लिखा है, ''देश की मोदी सरकार, देश और देश की राजनीति को जिस दिशा में लेकर जा रही है, वो बहुत ही खतरनाक है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और हमारा देश खत्म हो जाएगा".

अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि जिस कानून के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को 75 साल की उम्र में रिटायर किया गया, वो वह कानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए।

केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि पीएम मोदी ने जून 2023 में एक नेता पर 70 हजार रुपए के घोटाले का आरोप लगाया और बाद में उसी नेता के साथ मिलकर सरकार बना ली. उस नेता को जिसे कल तक भ्रष्टचारी कहते थे आज उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया. क्या आपने या किसी RSS कार्यकर्ता ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी. सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?''

केजरीवाल ये भी लिखते हैं कि 'ED-CBI का इस्तेमाल करके सरकार गिरानी और बेईमानी से सत्ता हासिल करना क्या RSS को मंज़ूर है? आज हर भारतवासी के मन मे ये सवाल कौंध रहे.'' उन्होंने कहा कि तिरंगा आसमान में गर्व से लहराए, ये सुनिश्चित करना हम सब की जिम्मेदारी है।

मोहन भागवत को लिखे पत्र में केजरीवाल ने पूछा है जिस तरह मोदी जी लालच देकर ईडी, सीबीआई को डरा धमकाकर नेताओं को जेल भेज रहे हैं, पार्टी को तोड़ रहे हैं, सरकार गिरा रहे हैं, क्या यह देश के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते यह भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है? देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने पार्टी में शामिल कर दिया, जिन नेताओं को कुछ दिन पहले मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, जिन नेताओं को अमित शाह ने खुद भ्रष्टाचारी बोला, कुछ दिन के बाद उनको बीजेपी में शामिल करा दिया, मैं पूछना चाहता हूं क्या इस प्रकार की राजनीति से आप सहमत हो? क्या आपने कभी ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी?

'बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंख दिखाएगा'

आगे उन्होंने पत्र में लिखा है बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है. कहा जाता है. यह देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट ना हो. मैं पूछना चाहता हूं क्या आप बीजेपी के इन कदमों से सहमत हैं? क्या आपने मोदी जी से यह सब करने के लिए बोला? क्या आपने ऐसा करने से उनको रोका कभी? 

जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं है. आरएसएस बीजेपी की मां समान है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया की मां को आंख दिखाने लगा? जिस बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया, जिस बेटे को प्रधानमंत्री बनाया, आज वह बेटा पलट कर मां को आंख दिखाना चालू कर दिया. इस पर आपके दिल पर क्या गुजरी? क्या आपको दुख नहीं हुआ?

बीजेपी-RSS की चुप्पी की वजह क्या?

बता दें कि तीन दिन पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर सार्वजनिक रूप से अरविंद केजरीवाल ने यही सवाल मोहन भागवत से पूछे थे. सोमवार तक उसका कोई जवाब नहीं आने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह में प्रेस वार्ता कर फिर दोहराया था कि आखिर क्या कारण है. न RSS न बीजेपी का कोई नेता इन सवालों का जवाब दे रहे हैं.

पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका,धोखाधड़ी मामले में याचिका खारिज


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि NRI कोटे की परिभाषा को व्यापक बनाना एक धोखाधड़ी है. यह पैसे कमाने की मशीन होगी और इसे अब समाप्त होना चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने पंजाब सरकार की अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया।

याचिका में पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें मेडिकल अंडर ग्रेजुएट और डेंटिस्ट कोर्स में एडमिशन के लिए एनआरआई कोटा की परिभाषा का विस्तार करने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली और जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, "यह धोखाधड़ी अब समाप्त होनी चाहिए."

'कोटा पैसे कमाने की मशीन'

पीठ ने कहा कि एनआरआई कोटा पैसे कमाने की मशीन के अलावा कुछ नहीं है और इससे विदेशों में बसे दूर के रिश्तेदारों- मामा, ताई, ताया- को मेधावी उम्मीदवारों से पहले प्रवेश मिल जाएगा. अदालत ने स्पष्ट किया कि वह इसकी अनुमति नहीं देगी.

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 सितंबर को आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के 20 अगस्त के कदम को खारिज कर दिया था, जिसमें मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए 15 फीसदी कोटा के तहत एनआरआई के दूर के रिश्तेदारों को शामिल किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह याचिका को खारिज कर देगा, क्योंकि एनआरआई व्यवसाय (कोटे के संबंध में) धोखाधड़ी के अलावा और कुछ नहीं है. पीठ ने कहा, "हानिकारक परिणामों को देखें... जिन उम्मीदवारों के अधिक अंक हैं, इससे उनका एडमिशन नहीं हो पाएगा.

'उच्च न्यायालय का फैसला बिल्कुल सही'

इस पर पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तर्क दिया कि हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश एनआरआई कोटा प्रवेश के लिए एक व्यापक परिभाषा का पालन कर रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला बिल्कुल सही है और राज्य के वकील से कहा, "आप कह रहे हैं कि एनआरआई के निकटतम संबंधी पर भी विचार किया जाए. यह क्या है?"

इस बात पर जोर देते हुए कि एनआरआई कोटा की परिभाषा का विस्तार करना एक धोखा है, पीठ ने शिक्षा प्रणाली पर अपनी चिंता व्यक्त की. सीजेआई ने कहा, "हम अपनी शिक्षा प्रणाली के साथ यही कर रहे हैं."

एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बना भारत,रूस और जापान को छोड़ा पीछे,पाकिस्तान का हाल बेहाल


नई दिल्ली:- ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट की लेटेस्ट एशिया पावर रिपोर्ट के अनुसार भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है. जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है. यह व्यापक रैंकिंग आर्थिक संबंधों, सैन्य क्षमताओं, सांस्कृतिक प्रभाव और राजनीतिक लचीलेपन के आधार पर राष्ट्रीय शक्ति का मूल्यांकन करती है.

संयुक्त राज्य अमेरिका 81.7 के स्कोर के साथ इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली देश के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखता है।उसके बाद चीन 72.7 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है।

भारत ने 39.1 का स्कोर हासिल किया, जो 2023 से 2.7 अंक अधिक है. भारत की बढ़त उसे ऑस्ट्रेलिया, रूस, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसी अन्य शक्तियों से आगे रखती है. इसके साथ ही भारत एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है.

इस बीच, पाकिस्तान 16वें स्थान पर है, जो फिलीपींस और उत्तर कोरिया के बीच है।

जापान की घटती ताकत का कारण उसकी आर्थिक गिरावट है. सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली एशियाई देशों का मूल्यांकन करने वाले अधिकांश संकेतकों में टोक्यो चौथे स्थान पर आ गया है. 

ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट थिंक टैंक द्वारा शुरू किया गया वार्षिक एशिया पावर इंडेक्स, एशिया में राज्यों की सापेक्ष शक्ति का आकलन करने के लिए संसाधनों और प्रभाव को मापता है.

आज है विश्व फार्मासिस्ट दिवस, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व

नयी दिल्ली : सेहतमंद रहने के लिए स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ एक अच्छी और सही स्वास्थ्य सेवा भी बेहद जरूरी है। मरीजों को सही सलाह देने से लेकर उनका सही इलाज करने तक और उनके लिए दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने तक, फार्मासिस्ट समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

फार्मासिस्ट की इसी भूमिका को उजागर करने और चिकित्सा पेशेवरों को सम्मानित करने के मकसद से हर साल विश्व फार्मासिस्ट दिवस यानी वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे मनाया जाता है।

फार्मासिस्ट दिवस का इतिहास 2024

प्रतिवर्ष 25 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व फार्मासिस्ट दिवस को पहली बार साल 2009 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने की मांग इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (एफआईपी) ने वर्ष 2000 में इस्तांबुल में आयोजित एक सम्मेलन में की थी। 

सम्मेलन के दौरान इस दिन को मान्यता दे दी गई। हालांकि पहली बार इस्तांबुल, तुर्की में फार्मेसी और फार्मास्युटिकल साइंस को एफआईपी ने विश्व कांग्रेस में 2009 को मनाया।

वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे का मुख्य उद्देश्य

सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना

वैश्विक सहयोग पेशे को आगे बढ़ाना

युवा को समाज के लिए प्रेरित करना

युवा को समाज के लिए प्रेरित करना

हेल्थकेयर कर्मियों को सम्मानित करना समाज में जागरूकता अभियान चलाना।

फार्मासिस्ट मरीजों की सेहत को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। फार्मासिस्ट के कामों में दवा की पहचान करना, उसकी रिस्टाॅकिंग, एक्सपायरी डेट का ध्यान रखना आदि शामिल है।

तिरुपति बालाजी मंदिर विवाद के बाद,अब वृंदावन में छापेमारी, छापे के बाद,वृंदावन में दहशत,दुकानदार भागे


मथुरा : तिरुपति बालाजी के प्रसाद में पशुओं की चर्बी मिलने के बाद प्रसाद पर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है।

सपा सांसद डिंपल यादव ने वृंदावन बांके बिहारी मंदिर के आसपास के दुकानों पर मिलने वाले प्रसाद की जांच की मांग उठाई थी.

जिसके बाद खाद्य विभाग हरकत में आया है और खाद्य विभाग ने बताया कि अभी तक 27 सैंपल लिए गए हैं, जिनकी जांच 15 दिन में आएगी।

हैरान करने वाली बात ये हैं कि जब टीम ने छापेमारी की तो जांच की डर से कई दुकानें बंद मिलीं.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती:डिजिटल उपकरण पर पोर्नोग्राफी देखना उसे डाउनलोड कर रखना गंभीर अपराध


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुझाव दिया कि संसद को 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' शब्द को 'बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री' से बदलने के लिए यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम में संशोधन लाना चाहिए.यह भी कहा कि पर्सनल डिवाइस में चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेट रखना पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' शब्द के स्थान पर 'बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री' शब्द का इस्तेमाल करना, ऐसे अपराधों की वास्तविकता को दर्शाने के लिए आवश्यक है।

बेंच की ओर से फैसला सुनाते हुए जस्टिस पारदीवाला ने कहा, 'हमने केंद्र से यह भी अनुरोध किया है कि इस बीच वह परिभाषा में इस संशोधन को लाने के लिए अध्यादेश जारी करने पर विचार कर सकता है।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द का इस्तेमाल न करें, बल्कि बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री कहें'.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी अदालतों को निर्देश दिया कि वे किसी भी न्यायिक आदेश में 'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' शब्द का प्रयोग न करें. 

न्यायमूर्ति पारदीवाला ने सुप्रीम कोर्ट में कई अन्य सुझाव भी दिए हैं. न्यायमूर्ति पारदीवाला ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा, 'हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हाईकोर्ट ने विवादित फैसला सुनाते हुए गंभीर गलती की है.'

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही चलाने का निर्देश दिया. उसे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था. 

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर आया है. इसमें कहा गया था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना और देखना पोक्सो अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत अपराध नहीं है।

जनवरी 2024 में मद्रास हाईकोर्ट ने 28 वर्षीय व्यक्ति एस हरीश के खिलाफ आपराधिक मामला खारिज कर दिया था. उस पर अभियोजन पक्ष ने बच्चों से संबंधित कुछ अश्लील सामग्री अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड करने और देखने का आरोप लगाया था. हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के मामलों में आरोपी हरीश को मुक्त कर दिया था।