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बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका और पद्मश्री,पद्मविभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा के पति डॉ. ब्रिज भूषण सिन्हा का ब्रेन हेमरेज से निधन


दिल्ली:- पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहे। 80 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है। उनके बेटे अंशुमान ने इस बात की जानकारी दी।

ब्रज किशोर सिन्हा दो दिन पहले घर में गिर गए थे। उनके सिर में चोट आई थी। ब्रेन हेमरेज की वजह से पटना के साईं अस्पताल में उनका निधन रविवार को हो गया।

वे शिक्षा विभाग के रिजनल डिप्टी डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त थे। अब पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

शारदा सिन्हा ने एक इंटरव्यू में अपने पति के साथ अपने रिश्ते और संगीत के प्रति उनके प्रेम के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि 1970 में जब उनकी शादी बृज भूषण सिन्हा से हुई और वे बेगूसराय आईं, तो माहौल बिल्कुल अलग था. उनकी सास ने शुरुआत में घर से बाहर गाने की अनुमति नहीं दी थी. 

सास का मानना था कि घर की बहू को गाना-बजाना नहीं करना चाहिए, खासकर बाहर. लेकिन उनके ससुर को भजन-कीर्तन सुनना बहुत पसंद था. एक दिन गांव के मुखिया ने उनके ससुर से कहा कि उनकी बहू बहुत अच्छा गाती हैं और ठाकुरबाड़ी में भजन गाने के लिए कहा. ससुर ने अनुमति दे दी, जिससे शारदा सिन्हा बहुत खुश हुईं. हालांकि, इस पर सास नाराज हो गईं, लेकिन ऐसे समय में उनके पति ने उनका साथ दिया और सास को मनाया.

शारदा सिन्हा ने 2020 में अपनी शादी की 50वीं वर्षगांठ मनाते हुए अपने पति के साथ बिताए समय को याद किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने दांपत्य जीवन के धैर्य, स्नेह और दृढ़ता की मिसाल साझा की थी. उनके गीत 'कहे तो से सजना ये तोहरी सजनियां...' के साथ उन्होंने अपने जीवनसाथी के प्रति अपना प्यार और सम्मान व्यक्त किया था।

CM की कुर्सी की भूख नहीं,आने वाला चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा': अरविंद केजरीवाल का जनता से संवाद

नयी दिल्ली : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित 'जनता की अदालत' में अपनी बात रखी। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से इस्तीफा देने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम था, जिसमें उन्होंने जनता के सवालों का जवाब दिया।

केजरीवाल ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी की कोई भूख नहीं है, बल्कि वह आगामी चुनाव को अपनी अग्नि परीक्षा मानते हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे के बाद से किसी भी प्रकार का बयान नहीं दिया था, इसलिए यह कार्यक्रम उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था।

इस दौरान, उन्होंने आरोपों को लेकर जनता के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि वह अपने कार्यों के लिए जनता के बीच जवाबदेह हैं। कार्यक्रम में दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी भी शामिल थीं, जिन्होंने केजरीवाल के समर्थन में अपनी बात रखी। 

उन्होंने कहा कि यह वक्त एकजुट होने का है और जनता को सच्चाई के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि जनता की अदालत में आकर उन्हें खुशी महसूस हो रही है, क्योंकि यह लोकतंत्र की सही पहचान है। 

उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जनता के सवालों का सामना करना और उनके बीच रहना उनके लिए महत्वपूर्ण है। 

उन्होंने अपने कार्यों के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि वह आने वाले चुनाव में जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता साबित करेंगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। 

यह कार्यक्रम उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण संकेत देता है, और उनके समर्थक अब भी उनकी राजनीतिक यात्रा के प्रति आशान्वित हैं।

कौन हैं एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह,जो बने भारतीय वायु सेना के नए प्रमुख,30 सितंबर को संभालेंगे कार्यभार


नई दिल्ली:- एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह को वायुसेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया गया है। उनके पास पांच हजार घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। वह 30 सितंबर को एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी का स्थान लेंगे। 

अमरप्रीत अभी वायुसेना के उप प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं।रक्षा मंत्रालय ने बताया, 'सरकार ने वर्तमान में वायुसेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह को एयर चीफ मार्शल के पद पर अगले वायुसेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है। 

यह नियुक्ति 30 सितंबर को दोपहर बाद से प्रभावी होगी।' वायुसेना प्रमुख विवेक राम चौधरी 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

विदेश में भी रही तैनाती

27 अक्टूबर, 1964 को जन्मे एयर मार्शल अमरप्रीत को दिसंबर, 1984 में वायुसेना में लड़ाकू विमान पायलट के तौर पर शामिल किया गया था। उन्होंने लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान विभिन्न कमान और स्टाफ में काम किया है। वह विदेश में तैनात रहे।

वायुसेना प्रमुख के रूप में एयर मार्शल अमरप्रीत की प्राथमिकताओं में नए लड़ाकू विमानों की खरीद और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चुनौतियों समेत बल का आधुनिकीकरण शामिल हो सकता है।

वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या अधिकृत तौर पर 42 से घटकर करीब 30 रहे गई है। एयर मार्शल परम विशिष्ट सेवा पदक और अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित हो चुके हैं।

सहपाठियों के हाथ में तीनों सेनाओं की कमान

एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह की वायुसेना प्रमुख के तौर पर नियुक्ति के साथ ही एक अनोखा संयोग देखने को मिलेगा। तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना का नेतृत्व सहपाठी करेंगे। 

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में सहपाठी रहे और वहां से 1983 में पास हुए।

जबकि जनरल उपेंद्र और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल में सहपाठी रहे।

एडमिरल त्रिपाठी ने 30 अप्रैल को नौसेना प्रमुख का पदभार संभाला तो जनरल द्विवेदी ने 31 जुलाई को सेना प्रमुख बने। जबकि एयर मार्शल अमरप्रीत 30 सितंबर को वायुसेना प्रमुख बनेंगे।

24 या 25 सितंबर कब हैं जितिया?जानें पारण का सही टाइम, ये है व्रत रखने की सबसे उत्तम विधि


नयी दिल्ली : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत मनाया जाता है। यह व्रत माताएं अपने पुत्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। व्रत की विधि में नहाय-खाय पूजन कथा श्रवण और दान पुण्य शामिल है। व्रत 24 घंटे का निर्जला होता है और अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है।

पंडित शैलेंद्र मिश्र ने जितिया व्रत विधि के बारे में दी जानकारी

पंडित मिश्र ने जितिया में पारण का सही टाइम को लेकर जानकारी दी। शास्त्रों में आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया, जीमूत वाहन अथवा जीवित्पुत्रिका व्रत करने का विधान है। 

कर्मकांडियों के अनुसार पहला दिन नहाय-खाय कहलाता है, दूसरे दिन खर जितिया कहलाता है। आचार्य अमरेंद्र कुमार शास्त्री उर्फ साहेब पंडित, पंडित शैलेंद्र कुमार मिश्र आदि का कहना है कि अपने यहां कोई भी पर्व-त्योहार वाराणसी पंचांग के अनुसार मनाया जाता है।

जिसके तहत अष्टमी तिथि मंगलवार (24 तारीख) की शाम 5:58 बजे से प्रारंभ होकर बुधवार (25 तारीख) की शाम 4:47 बजे तक रह रही है।

जीवित्पुत्रिका व्रत का मान सूर्योदय ग्राह्य तिथि में होने से माता और पुत्र के इस अगाध प्रेम का पर्व 25 तारीख दिन बुधवार को मनाया जाएगा।

विश्व गुलाब दिवस: कैंसर रोगियों के लिए आशा और समर्थन का प्रतीक।

साल का वह समय फिर आ गया है, जब गुलाब तो नहीं, लेकिन थोड़ा प्यार तो दिखाया ही जाना चाहिए। यह दिन कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने वालों के सम्मान में है। यह दिन उन्हें समर्पित है और उनके साहस और बहादुरी की सराहना करता है। कैंसर के मरीज़ अक्सर उपचार प्रक्रिया के दौरान बहुत मानसिक आघात से गुज़रते हैं। इसलिए, इस दिन को मनाने का उद्देश्य खुशी लाना और जागरूकता पैदा करना है कि वे दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ भयानक बीमारी का सामना कर सकते हैं।

विश्व गुलाब दिवस,जिसे कैंसर रोगियों के कल्याण दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल की तरह 22 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन के पीछे का विचार रक्त कैंसर के रोगियों को खुश करना और उन्हें मजबूत बने रहने और अपनी लड़ाई लड़ने की नई उम्मीद देना है। गुलाब इस दिन का प्रतीक है, क्योंकि हम इसे प्यार, देखभाल और चिंता से जोड़ते हैं। 

विश्व गुलाब दिवस मनाने की अवधारणा मेलिसा रोज़ द्वारा शुरू की गई थी, जो जन्म से कनाडाई थीं और 1996 में इस बीमारी से उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके कार्यों ने कैंसर से पीड़ित कई अन्य लोगों को प्रभावित किया और उनकी याद में, यह दिवस हर साल मनाया जाता है ताकि रोगियों का उत्साह बढ़ाया जा सके और उन्हें जीवंत रखा जा सके। यह उन लोगों के संघर्ष की ओर ध्यान आकर्षित करता है जो कैंसर से पीड़ित हैं। 

"मानव आत्मा किसी भी चीज़ से अधिक शक्तिशाली है जो उसके साथ घटित हो सकती है।" मिस रोज़ ने अपने जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ते हुए, जीवन को पूर्णता से जीने का उदाहरण प्रस्तुत किया।

आज, विभिन्न देखभालकर्ता, परिवार और मित्र कैंसर रोगियों को कार्ड, गुलाब, संदेश, पत्र और उपहार देते हैं और उन्हें एहसास दिलाते हैं कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं। 

दुनिया भर में ऐसे कई संगठन हैं जो कैंसर रोगियों की सेवा के लिए खुद को समर्पित करते हैं तथा उन्हें निरंतर समर्थन, संसाधन, सूचना और वित्त पोषण प्रदान करके उनकी मदद करते हैं।

विश्व गुलाब दिवस का महत्व

इस दिन को मनाने का उद्देश्य कैंसर के मरीजों के लिए समर्थन और सहयोग प्रदान करना है. गुलाब का फूल, जो प्यार और आशा का प्रतीक है, इस दिन को और भी खास बनाता है. ये दिन कैंसर से प्रभावित लोगों को ये संदेश देता है कि वे अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा समाज उनके साथ हैं. लोगों का मानना है कि विश्व गुलाब दिवस कैंसर रोगियों के लिए प्रेरणा और साहस का स्रोत है. इस दिन कई संगठन और संस्थाएं विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं, जिसमें कैंसर जागरूकता, हेल्थ चेकअप और इससे बचाव की जानकारी दी जाती है. 

बता दें कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना और रोगियों को मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना है।

क्यों मनाया जाता है विश्व गुलाब दिवस?  

समाज के प्रत्येक सदस्य की ये जिम्मेदारी बनती है कि वे कैंसर के रोगियों के प्रति सहानुभूति दिखाएं. उनके संघर्ष को समझें और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करें. इसलिए इस दिन सभी कैंसर के मरीजों को गुलाब का फूल दिया जाता है. इसके पीछे का संदेश ये है कि प्रेम और समर्थन से किसी भी मुश्किल समय को पार किया जा सकता है. यह दिन बीमारी के खिलाफ लड़ाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पीड़ितों को सकारात्मक रहने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रतीक है। यह कैंसर रोगियों को जल्द ठीक होने की उम्मीद देने का एक अवसर है. 

कैंसर दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है, और लोगों को इस बीमारी और इससे बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करना बेहद जरूरी है.

CBSE ने जारी की CTET 2024 की अधिसूचना, 16 अक्टूबर तक करें आवेदन; 1 दिसंबर को परीक्षा

सीबीएसई द्वारा आयोजित सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उम्मीदवार 16 अक्टूबर तक ctet.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा एक दिसंबर 2024 को आयोजित होगी।

जनरल या ओबीसी के उम्मीदवार पेपर वन या पेपर टू में से कोई एक दे रहे हैं तो उन्हें 1000 रुपए शुल्क देना होगा। पेपर वन और पेपर टू दोनों दे रहे हैं तो 1200 रुपए शुल्क लगेगा। वहीं, एससी, एसटी व दिव्यांग के लिए पेपर वन या पेपर टू में से कोई एक दे रहे हैं तो 500 रुपए और पेपर वन और पेपर टू दोनों दे रहे हैं तो 600 रुपए शुल्क लगेगा।

कितने बजे होगी परीक्षा?

पेपर टू की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक और पेपर वन की परीक्षा दोपहर 2.30 बजे से शाम पांच तक चलेगी।केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को सीटीईटी परीक्षा में उनके अंकों के आधार पर शार्टलिस्ट किया जाएगा।

चयनित होने के लिए 60 प्रतिशत से अधिक या बराबर अंक प्राप्त करने होंगे।सीबीएसई द्वारा सीटीईटी की परीक्षा साल में दो बार आयोजित होती है। पहला सत्र जून में और दूसरा दिसंबर में आयोजित होती है।

डाटा एंट्री ऑपरेटर बनाए जाएंगे मास्टर ट्रेनर

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित विभागीय पोर्टल, बिहार भूमि की जानकारी एवं प्रशिक्षण के लिए अंचलों में नियोजित डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रशिक्षित किए जाएंगे। प्रत्येक अंचल के एक-एक डाटा एंट्री आपरेटर को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।

यह प्रशिक्षण दशरथ मांझी श्रमिक कौशल विकास केंद्र में 21 एवं 28 सितंबर तथा पांच अक्टूबर को दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये मास्टर ट्रेनर अपने अंचल के अन्य डाटा एंट्री ऑपरेटरों, सीएससी व साइबर कैफे संचालकों को ऑनलाइन सेवाओं व पोर्टल के संबंध में प्रशिक्षित करेंगे।

छुट्टी पर घर आया जवान ने कर लिया आत्महत्या, परिजन लगा रहे हैं ब्लैकमेलिंग का आरोप


सागर :- रहली थाना क्षेत्र अंतर्गत देवलपानी के जंगल में सेना के एक जवान का शव मिलने से सनसनी फैल गई. भारतीय सेना में सिग्नल इंजीनियर के पद पर पदस्थ 28 वर्षीय जवान देवेंद्र पिता अजमेर सिंह लोधी 15 दिन की छुट्टी पर अपने घर देवलपानी आया था. 

देवेंद्र लोधी वर्तमान में सिकंदराबाद में पदस्थ था, जहां से मेरठ तबादला होने पर ज्वॉइन करने जाने वाला था. परिजनों के मुताबिक देवेंद्र पिछले कई दिनों से किसी महिला द्वारा ब्लेकमेलिंग किए जाने से परेशान था।

देवेंद्र को ब्लैकमेल कर रही थी कुछ लड़कियां

परिजनों के मुताबिक गिरोह की लड़कियों ने कई बार देवेंद्र से पैसे भी ऐंठे. देवेन्द्र के परिजनों ने बताया है कि एक युवती के पास देवेन्द्र के कुछ वीडियो और फोटो थे, जिनके जरिए उसे बार-बार ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठे जा रहे थे. करीब 12 लाख रूपए ऐंठने के बाद एक महिला देवेन्द्र और उसके परिजनों को लगातार परेशान कर रही थी. मृतक की भाभी और बहन ने बताया कि एक लड़की के जरिए देवेंद्र से करीब 12 से 15 लाख रुपए वसूले गए. फिर भी पैसों की मांग का सिलसिला बंद नहीं हुआ. गिरोह में युवती के अलावा मृतक के दोस्त भी शामिल बताए जा रहे हैं.

देवेंद्र ने परिवार को बताई थी सारी बात

परिजनों के मुताबिक देवेन्द्र जब बहुत ज्यादा परेशान हो गया, तो उसने अपने परिवार को सबकुछ बताया. जानकारी लगने पर उसके भाई ने ब्लैकमेलिंग करने वाले लोगों से बात की और देवेंद्र की सिम को भी बंद करा दिया. लेकिन इसके बावजूद गिरोह द्वारा मृतक के भाई और घर की महिलाओं समेत अन्य रिश्तेदारों को भी ब्लैकमेल किया जाने लगा. लंबे समय से इसी मामले को लेकर देवेंद्र काफी मानसिक तनाव में था.

एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा ने बताया है, '' फौज में काम करने वाले देवेंद्र लोधी द्वारा गांव के पास जंगल में आत्महत्या की गई है. इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई है. परिजनों ने ब्लैकमेलिंग के जो आरोप लगाए गए हैं उसके आधार पर जांच की जाएगी और आगे कार्रवाई की जाएगी।

तिरुपति लड्डू विवाद पर पूर्व सीएम जगन रेड्डी ने तोड़ी चुप्पी कहा:फायदे के लिए भगवान का इस्तेमाल कर रहे है,मंदिर प्रसाद के विवाद को बताया मनगढ़ंत


तिरुपति मंदिर के प्रसादम में मिलावट के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी का बड़ा बयान सामने आया है.

वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने तिरुमाला में घी में मिलावट को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधा और कहा कि वे अपने 100 दिनों के शासन से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जगन रेड्डी ने कहा कि नायडू ऐसे व्यक्ति हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का भी इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, 'यह ध्यान भटकाने की राजनीति है। एक तरफ लोग चंद्रबाबू नायडू के सौ दिनों के शासन पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि उनके सुपर सिक्स (चुनावी वादे) का क्या हुआ। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह मनगढ़ंत कहानी गढ़ी जा रही है।'

एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए परीक्षण: नायडू

उन्होंने कहा कि घी में मिलावट के आरोप निंदनीय हैं और पूछा कि क्या दुनिया भर के करोड़ों भक्तों की भावनाओं के साथ खेलना उचित है। उन्होंने कहा कि लैब टेस्ट रिपोर्ट में साक्ष्य के तौर पर बताए गए सभी नमूने, परीक्षण और नतीजे एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए। घी आपूर्तिकर्ता का चयन टीटीडी द्वारा हर छह महीने में की जाने वाली एक नियमित प्रक्रिया है।

नायडू ने किया था जानवरों की चर्बी मिले होने का दावा

वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा कि यह दशकों से चल रहा है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। गौरतलब है कि 18 सितंबर को एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान, टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ FIR, धारा 302 और 299 के तहत मामला दर्ज; दिल्ली-भोपाल में भी शिकायत

नई दिल्ली :- लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका में दिए बयान का मामला पुलिस तक पहुंच गया है। सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भाजपा नेता अमरजीत छाबड़ा की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 और 302 (BNS 103) के तहत एफआइआर दर्ज कर ली गई है।

उधर, दिल्ली में भाजपा सिख प्रकोष्ठ के संयोजक चरणजीत सिंह लवली ने तिलक नगर थाने में शिकायती पत्र दिया है। उनके आरक्षण खत्म करने को लेकर दिए बयान के विरुद्ध दिल्ली भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के संयोजक सीएल मीणा ने संसद मार्ग थाने में और अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल गिहारा ने पंजाबी बाग थाने में शिकायत की है।

मध्य प्रदेश भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अभद्र शब्दों का प्रयोग किए जाने को लेकर राहुल पर विधिक कार्रवाई की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी डा. महेंद्र सिंह एवं सह प्रभारी सतीश उपाध्याय ने गुरुवार को भोपाल में क्राइम ब्रांच थाना एमपी नगर पहुंचकर एफआइआर दर्ज करने का शिकायती पत्र दिया।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि राहुल के बयान से सिखों के साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों में रोष है।

बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों अमेरिका में कहा था कि भारत में सिख सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरक्षण को लेकर भी विवादस्पद बयान दिया था। वहीं, हिमाचल में भी भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश डोगरा ने छोटा शिमला थाना में राहुल गांधी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निवेदन पत्र दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला,अंतिम वर्ष के लॉ छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा में बैठने की अनुमति


नयी दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) में बैठने की अनुमति दे दी है, जो 24 नवंबर को होने वाली है। न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा में पंजीकरण से बाहर रखने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि बीसीआई का निर्णय बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम बोनी फोई लॉ कॉलेज एवं अन्य में संविधान पीठ के निर्णय के विपरीत है, जिसके अनुसार अंतिम वर्ष के विधि छात्रों को अखिल भारतीय बार परीक्षा में उपस्थित होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

आज भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि, उन्हें अंतिम वर्ष के विधि छात्रों के संबंध में नियम बनाने के लिए समय चाहिए। 

पीठ ने कहा कि वे नियम बनाने में समय ले सकते हैं, लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अंतिम वर्ष के विधि छात्रों का एक साल बर्बाद न हो।

तदनुसार, पीठ ने अंतरिम निर्देश पारित किया। पीठ ने स्पष्ट किया कि यह आदेश सभी अंतिम वर्ष के विधि छात्रों पर लागू होगा, न कि केवल याचिकाकर्ताओं पर।

पीठ ने आदेश में कहा, "हम निर्देश देते हैं कि बीसीआई उन सभी छात्रों के पंजीकरण की अनुमति देगा जो बोनी फोई निर्णय के पैराग्राफ 38 के दायरे में आते हैं। एआईबीई के लिए उपरोक्त निर्देश 24 नवंबर के लिए निर्धारित है।"

संविधान पीठ ने टिप्पणी की

संविधान पीठ का निर्णय बोनी फोई लॉ कॉलेज के फैसले के पैराग्राफ 38 में संविधान पीठ ने कहा कि जिन छात्रों ने अपने लॉ कोर्स के अंतिम सेमेस्टर को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक सभी परीक्षाएं पास कर ली हैं, उन्हें अखिल भारतीय बार परीक्षा देने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते वे सबूत पेश करें। 

हालांकि, परीक्षा के परिणाम तभी मान्य होंगे जब उम्मीदवार ने अपने कोर्स के सभी घटक पास कर लिए हों और वे एक निर्दिष्ट अवधि तक वैध रहेंगे।