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पीएम मोदी बोले- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शांति के पक्षधर; हिंद-प्रशांत पर भी हुई बात

पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं।

अमेरिका के डेलावेयर में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी है। उन्होंने कहा कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड देशों को एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के पहले चरण में शनिवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) अमेरिका के फिलाडेल्फिया हवाई अड्डे पर पहुंचे। क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए रास्ते खोजे।

इसके बाद, पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरन उन्होंने कहा, 'क्वाड शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है।'

चुनौतियां आएंगी, दुनिया बदल जाएगी, लेकिन क्वाड बरकरार रहेगा: बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्वाड समिट के दौरान इंडो-पैसिफिक के साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फेलोशिप के साथ ही चुनौतियों पर बात की। इस दौरान बाइडन ने कहा, हम लोकतांत्रिक देश जानते हैं कि काम कैसे करना है। यही कारण है कि मैं राष्ट्रपति पद के पहले दिनों में यह प्रस्तावित करने के लिए कि हम क्वाड को और अधिक परिणामी बना रहे हैं, प्रत्येक राष्ट्र तक पहुंचा। चार साल बाद, चारों देश पहले से कहीं अधिक रणनीतिक रूप से एकजुट हैं।

उन्होंने कहा कि आज हम इंडो-पैसिफिक के लिए एक सकारात्मक प्रभाव देने के लिए पहल की एक श्रृंखला की घोषणा कर रहे हैं। इसमें हमारे क्षेत्रीय साझेदारों को नई समुद्री प्रौद्योगिकियां प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जल क्षेत्र में क्या हो रहा है। पहली बार तट रक्षकों के बीच सहयोग शुरू करना और दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फेलोशिप का विस्तार करना शामिल है। उन्होंने कहा कि चुनौतियां आएंगी, दुनिया बदल जाएगी, लेकिन क्वाड बरकरार रहेगा, मुझे विश्वास है।

ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बानी ने समान विचारधारा पर दिया जोर

क्वाड समिट में ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में निरंतर शांति और स्थिरता और समान विचारधारा के लिए काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'क्वाड स्वच्छ ऊर्जा और चुनौतियों से निपटने से लेकर जलवायु परिवर्तन से मिलने वाले अवसरों, स्वास्थ्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, साइबर और आतंकवाद-निरोध जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में व्यावहारिक सार्थक परिणामों के बारे में है।' उन्होंने कहा कि हम हमेशा बेहतर स्थिति में रहेंगे, जब समान विचारधारा वाले देश और पूर्ण महान लोकतंत्र एक साथ काम करेंगे। यह सब क्षेत्र में निरंतर शांति और अस्थिरता, रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और अनुभव के बुद्धिमान प्रबंधन पर निर्भर करता है।

जापानी पीएम ने क्वाड समूह द्वारा ठोस कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया

जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने हिंद-प्रशांत के भविष्य पर चर्चा करने के लिए क्वाड नेताओं के साथ मुलाकात पर खुशी जाहिर की।

अपने कार्यकाल के दौरान (क्वाड रिलेट्रल सिक्योरिटी डायलॉग) द्वारा किए गए प्रयासों पर लगातार जोर दिया और रेखांकित किया। इस दौरान उन्होंने जापान के हिरोशिमा में हुई पिछली बैठक को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मेरी पिछली विदेश यात्रा के लिए इससे बेहतर नहीं हो सकती थी। उन्होंने क्वाड समूह द्वारा ठोस कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, 'हमारे आस-पास का सुरक्षा वातावरण लगातार गंभीर होता जा रहा है। कानून के शासन पर आधारित एक स्वतंत्र और लोकतंत्र जैसे मूल्यों को साझा करते हैं। एक स्वतंत्र और खुली दुनिया के हमारे साझा दृष्टिकोण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करना जारी रखना और भी महत्वपूर्ण है।'

खुशखबरी, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन शुरू, अभ्यर्थी ऐसे करें आवेदन, यहां जानिए कब होगी परीक्षा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभ्यर्थी 16 अक्टूबर तक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सामान्य और ओबीसी अभ्यर्थियों को एक पेपर के लिए एक हजार रुपये शुल्क लगेगा, दोनों पेपर के लिए 1200 रुपये शुल्क है। इसी तरह एससी, एसटी और दिव्यांग अभ्यर्थियों को एक पेपर के लिए पांच सौ और दोनों के लिए छह सौ रुपये शुल्क निर्धारित है।

सीबीएसई की तरफ से परीक्षा तिथि बढ़ाई गई है। पहले एक दिसंबर को परीक्षा होना था, लेकिन अब 15 दिसंबर को परीक्षा होगी। सीबीएसई ने इसी साल जुलाई में भी सीटेट आयोजित की थी। इस तरह से साल में यह परीक्षा दूसरी बार होने जा रही है। सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यदि कुछ शहरों में अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होती है तो परीक्षा 30 नवंबर को भी आयोजित की जाएगी।

परीक्षा में बहुविकल्पीय 150 प्रश्न पूछे जाएंगे, ये सभी प्रश्न एक-एक नंबर के रहेंगे। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को सीटेट क्वालीफाई करने के लिए 90 अंक लाना जरूरी है। इस परीक्षा को पास करने के बाद अभ्यर्थी देशभर के स्कूलों में नौकरी पा सकते हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। इसके अलावा कई राज्य भी स्थानीय टेट के अलावा सीटेट को भी मान्यता देते हैं।

देश में कब होगी मानसून की विदाई? अब तक सामान्य से छह प्रतिशत हुई ज्यादा बारिश, मौसम विभाग ने दिया बड़ा अपडेट, देखें पूरी रिपोर्ट


देश में सामान्य से छह फीसदी ज्यादा बारिश की मेहरबानी कर मानसून सोमवार से लौटना शुरू होगा। लौटने की शुरुआत पश्चिमी राजस्थान और गुजरात के कच्छ क्षेत्र से होगी लेकिन लौटता मानसून भी मध्य और दक्षिण और मध्य भारत के कई हिस्सों को भिगोकर जाएगा। मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि मानसून के लौटने की अनुकूल परििस्थतियां बन गई हैं।

वैसे तो पूर्वी भारत को छोड़कर मानसून पूरे देश में कमोबेश झूम कर बरसा लेकिन कभी सूखे को स्थाई मेहमान बताने वाले राजस्थान में सामान्य औसत बारिश से सर्वाधिक 58 फीसदी ज्यादा बरसात हुई। देश में शुक्रवार तक सामान्य औसत बारिश 82.72 सेमी के मुकाबले इस बार 87.59 सेमी बरसात हुई जो पूरे सीजन के आंकड़े (86.86 सेमी) से भी ज्यादा है। मध्यप्रदेश में सामान्य से 15% तथा छत्तीसगढ़ में 6% ज्यादा बरसात हुई।

मानसून इस बार केरल और पूर्वाेत्तर भारत में एक साथ 30 मई को आया जो उसके आगमन की सामान्य तिथि से दो दिन पहले था। मानसून लौटने की सामान्य तिथि 17 सितंबर से छह दिन देरी से जाएगा। मानसून दो जुलाई को पूरे देश पर छा गया था।

मानसून सीजन में अब तक, मध्य और दक्षिणी भारत में सामान्य से अधिक, उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य, तथा उत्तर-पूर्वी भारत में सामान्य से कम बारिश हुई। राज्यवार केवल सात राज्यों व यूटी, बिहार, पंजाब, नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में औसत से कम बरसात हुई।

देश में मानसून की मेहरबानी के चलते इस बार खरीफ की बुवाई का रकबा भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है। पिछले साल खरीफ सीजन में 1072.94 लाख हैक्टेयर में बुवाई की गई थी जबकि इस बार 17 सितंबर तक 1096.65 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। खास बात यह है कि कृषि मंत्रालय 1096 लाख हैक्टेयर को ही बुवाई योग्य क्षेत्र मानता है। कपास और जूट को छोड़कर अन्य सभी फसलों चावल, दलहन, तिलहन और मोटा अनाज का रकबा बढ़ा है।

मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई में कुछ दिनों का और समय लग सकता है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए हुए है। कभी धूप तो कभी छांव का खेल जारी है। मौसम विभाग ने 25 सितंबर तक प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तेज हवाओं और गरज चमक के साथ झमाझम बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। खासकर 24 और 25 सितंबर को सूबे के अलग-अलग हिस्सों में झमाझम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में तीन दिन 21 से 25 सितंबर तक तेज हवाएं चलेंगी। खासकर 23 सितंबर को कुछ जिलों में हवा की स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक देखी जा सकती है।

कानपुर के बाद अब मध्यप्रदेश में सेना की ट्रेन को बम से उड़ाने की कोशिश, ट्रेन गुजरते ही शुरू हुए धमाके, मच गया हड़कंप

कानपुर के बाद अब मध्य प्रदेश में एक बार फिर एक ट्रेन को बम से उड़ाने की साजिश रची गई है. यह साजिश सेना की ट्रेन को बम से उड़ाने की थी. घटना बुरहानपुर के नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के सागफाटा का है. यहां जैसे ही ट्रेन डेटोनेटर के ऊपर से होकर गुजरी, धमाके शुरू हो गए. इससे ट्रेन का ड्राइवर सचेत हो गया और उसने तुरंत स्टेशन मास्टर को सूचित किया. इस प्रकार एक बड़ा ट्रेन हादसा होते होते टल गया. सूत्रों के मुताबिक इस वारदात को अंजाम देने के लिए 18 सितंबर को रेल की पटरी पर 10 डेटोनेटर लगाए गए थे.

घटना सामने आने के बाद से ही ATS और NIA सहित अन्य एजेंसियों के साथ रेलवे और लोकल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. चूंकि इससे पहले भी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में ट्रेन पलटाने की साजिशों का खुलासा हो चुका है. इन सभी मामलों में आतंकी कनेक्शन भी सामने आए थे. ऐसे में केंद्रीय एजेंसियों से लेकर लोकल पुलिस तक इस मामले को हल्के में नहीं ले रही. इस बार आशंका यही जताई जा रही है कि इस साजिश के पीछे किसी आतंकी गिरोह के स्लीपर सेल का हाथ हो सकता है.

चूंकि यह पूरा मामला सेना से जुड़ा है, इसलिए मामले की जांच में पूरी गोपनीयता बरती जा रही है. यहां तक कि जांच से जुड़े अधिकारी भी किसी तरह का अपडेट मीडिया के सामने शेयर करने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक पर 10 डेटोनेटर लगाए गए थे. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह हादसा 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर से कर्नाटक जा रही आर्मी की स्पेशल ट्रेन के साथ हुआ. उस समय यह ट्रेन दोपहर 1:48 बजे सागफाटा रेलवे स्टेशन से निकली ही थी कि धमाके शुरू हो गए.

लोको पायलट ने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक लिया और स्टेशन मास्टर को मामले की जानकारी दी. चूंकि यह वारदात सेना की ट्रेन के साथ हुआ, इसलिए रेलवे के अधिकारियों ने तत्काल केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी सूचित कर दिया. इसके बाद शनिवार की दोपहर पुलिस विभाग की स्पेशल शाखा डीएसपी, नेपानगर एसडीओपी थाना प्रभारी समेत रेलवे के अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया. वहीं शनिवार को ही देर शाम NIA, ATS सहित अन्य खुफिया की एजेंसियों ने भी मौके पर पहुंच कर जांच को अपने हाथ में ले लिया है.

युवाओं के लिए खुशखबरी, 5 साल बाद मध्यप्रदेश में होगी पुलिस सब-इंस्पेक्टर पदों पर भर्ती!

मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारियां कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार 500 पदों पर सब इंस्पेक्टर की भर्ती करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करने जा रही है। मध्यप्रदेश में जल्द ही पुलिस सब-इंस्पेक्टर (MP SI) के पदों पर भर्ती निकाली जा सकती है। इस भर्ती के लिए पुलिस मुख्यालय ने पहले भेजे गए प्रस्ताव में संशोधन करके दोबारा से प्रस्ताव भेज दिया है। अब गृह विभाग की ओर से जल्द ही इस भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की जा सकती है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कर्मचारी चयन मंडल से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

अगले साल जून तक पूरी होगी भर्ती

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भर्ती के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद भी 5 से 6 माह भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने में लगेंगे। अनुमान के मुताबिक नवंबर से भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। ऐसे में अगले वर्ष जून तक ही नए उपनिरीक्षक पदों पर नियुक्ति हो पायेगी।

मध्य प्रदेश में लगभग पांच वर्ष बाद पुलिस सब इंस्पेक्टर पदों पर भर्ती होने जा रही है। इन पदों के लिए लगभग डेढ़ लाख आवेदन आने की उम्मीद है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी जिला पुलिस बल और रेडियाे मिलाकर लगभग 7300 पुलिस आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। इसमें 50 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा और 50 प्रतिशत शारीरिक दक्षता परीक्षा के हैं। इस भर्ती के लिए साक्षात्कार नहीं लिए जाएंगे।

भर्ती प्रक्रिया

मध्य प्रदेश में पुलिस उप निरीक्षकों के लगभग 500 पदों के लिए भर्ती में दौड़-कूद आदि (शारीरिक दक्षता परीक्षा) से अधिक अंक लिखित परीक्षा के रहेंगे। लिखित परीक्षा, पीईटी/ पीएसटी एवं इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। इस भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा का वेटेज 30 से 40 प्रतिशत रह सकता है वहीं कुल अंकों में से 10 से साढ़े 12 प्रतिशत तक इंटरव्यू का वेटेज रह सकता है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में आखिरी बार करीब 5 वर्ष पहले सब इंस्पेक्टर की भर्ती हुई थी। उसके बाद से अब तक इस भर्ती में ब्रेक लगा हुआ है। मध्य प्रदेश में अभी जिला पुलिस बल और रेडियो मिलाकर करीब 7300 पुलिस आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद ही सब इंस्पेक्टर की भर्ती शुरू हो सकती है।

बेंगलुरु में झारखंड की महिला की हत्या, शव के 30 से ज्यादा टुकड़े करके फ्रिज में रखा


डेस्क: बेंगलुरु के मल्लेश्वरम इलाके में एक महिला की हत्या के बाद शव के 30 से ज्यादा टुकड़े करने का मामला सामने आया है. महिला झारखंड की रहने वाली बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार, झारखंड की 29 वर्षीय महिला का क्षत-विक्षत शव शनिवार को बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में एक फ्लैट के रेफ्रिजरेटर में मिला. शव को सबसे पहले मृतक के मकान मालिक ने देखा, जो दो दिनों से पड़ोस में फैली दुर्गंध का पता लगा रहा था. जब वह फ्लैट में दाखिल हुआ तो उसके होश उड़ गए.

सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब महिला के घर में फ्रिज खोलकर देखा तो शव के टुकड़े नजर आए. मामले की जांच जारी है. पुलिस ने बताया कि मल्लेश्वरम इलाके में रहने वाली महिला एक मॉल में काम करती थी. महिला की पहचान हेमंत दास की पत्नी महालक्ष्मी के रूप में हुई है, जो फ्लैट में अकेली रहती थी. पुलिस ने 165 लीटर के रेफ्रिजरेटर से 30 टुकड़े बरामद किए हैं.

पड़ोसियों ने शुरू में सोचा कि सड़े हुए भोजन की वजह से घर से दुर्गंध आ रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जब बदबू ज्यादा फैली तो उन्होंने उसी बिल्डिंग में रहने वाले फ्लैट के मालिक जयराम को इसकी सूचना दी. फ्लैट बाहर से बंद था. वह बहुत बदबू आने के बावजूद फ्लैट में घुसा और फ्रिज खोला जिसमें सूखा खून और क्षत-विक्षत शव दिखा. इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी.

बताया जा रहा है कि महिला का पति अपनी बेटी के साथ अलग रहता है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. हेमंत दास के साथ घरेलू कलह के बाद पीड़िता पांच महीने पहले इस फ्लैट में रह रही थी. पुलिस का कहना है कि महिला की हत्या करीब चार-पांच दिन पहले की गई होगी. 12 सितंबर को उसका मोबाइल बंद हो गया था.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम क्षेत्र) एन सतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि व्यालिकावल पुलिस स्टेशन की सीमा के अंदर एक घर में एक महिला का शव टुकड़ों में कटा हुआ और फ्रिज में रखा हुआ मिला. ऐसा प्रतीत होता है कि हत्या 4-5 दिन पहले की गई है. शव की पहचान हो गई है. जांच जारी है. हम जांच के बाद ज्यादा जानकारी दे सकेंगे. महिला कर्नाटक में रहती थी, लेकिन मूल रूप से दूसरे राज्य की है.

ईरान की कोयला खदान में गैस लीक होने के बाद हुआ भयानक विस्फोट, 30 लोगों की मौत

डेस्क : पूर्वी ईरान में एक कोयला खदान में मीथेन गैस लीक होने के कारण हुए विस्फोट में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। ईरान की सरकारी मीडिया ने अपनी एक खबर में रविवार को यह जानकारी दी।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘आईआरएनए’ ने अपनी खबर में बताया कि राजधानी तेहरान से करीब 335 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में तबास में स्थित एक कोयला खदान में शनिवार देर रात यह दुर्घटना हुई है जिसमें 30 लोग मारे गए हैं। इसमें कहा गया है कि अधिकारियों ने आपात कर्मियों को घटनास्थल भेजा है। हादसे के वक्त खदान में करीब 70 लोग काम कर रहे थे।

ईरान की कोयला खदानों में इस तरह के हादसे पहले भी होते रहे हैं। साल 2013 में दो अलग-अलग खदानों में हादसे हुए थे। इन हादसों में 11 मजदूरों की मौत हुई थी। इससे पहले साल 2009 में भी इसी तरह का हादसा हुआ था जिसमें 20 लोगों की जान चली गई थी। साल 2017 में भी एक कोयला खदान में विस्फोट हुआ था, जिसमें कम से कम 42 लोगों की मौत हुई थी।

तिरुपति लड्डू विवाद में कर्नाटक सरकार का सख्त निर्देश, मंदिरों में इस घी ही करें प्रयोग

डेस्क: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए लड्डू बनाने में घी के रूप में पशु चर्बी के इस्तेमाल को लेकर उठा विवाद गहराता जा रहा है। इन सबके बीच कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला सुनाया है और एक सर्कुलर जारी कर मंंदिरों को नंदिनी ब्रांड घी का ही इस्तेमाल करने का आदेश दिया है। मंदिरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने यहां तैयार किए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखें। सरकार का यह निर्देश सभी 34,000 मंदिरों पर लागू होंगे। कर्नाटक सरकार के नए निर्देश के मुताबिक, सभी मंदिरों में होने वाले अनुष्ठानों जैसे कि दीपक जलाना, प्रसाद तैयार करना और भक्तों को भोजन परोसे जाने की प्रक्रिया में केवल नंदिनी घी का उपयोग करना होगा। ऑफिशियल सर्कुलर में इस बात पर जोर दिया गया है कि प्रसाद की गुणवत्ता से कभी समझौता न किया जाए। सर्कुलर में कहा गया है, “कर्नाटक राज्य के धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के तहत आने वाले सभी नोटिफाईड मंदिरों में, सभी प्रकार की सर्विसेज, दीपों और प्रसाद तैयार करने और दशौहा भवन में केवल नंदिनी घी का इस्तेमाल किया जाए। मंदिरों में तैयार किए जाने वाले प्रसाद में गुणवत्ता बनाए रखने का सुझाव दिया गया है।” बता दें कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन यानी केएमएफ एक डेयरी कोऑपरेटिव है, जो नंदिनी ब्रांड नाम के तहत दूध, दही, घी, मक्खन, आइसक्रीम, चॉकलेट और मिठाई जैसे प्रोडक्ट्स बेचता है। केएमएफ की स्थापना साल 1974 में हुई थी। इस विवाद के बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने कहा है कि उनका मिलावटी घी से कोई लेना-देना नहीं है। केएमएफ ने घी आखिरी बार 2020 में तिरुपति मंदिर को सप्लाई किया था। तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशु चर्बी का विवाद 18 सितंबर को शुरू हुआ, जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि तिरुपति के प्रसाद में चर्बी मिलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस कंपनी से मंदिर प्रशासन घी ले रहा था. उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है और मामले की विजिलेंस जांच कराई जा रही है। बता दें कि अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। वहीं, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति के लड्डू में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, नारियल, कॉटन सीड और अलसी के अलावा फिश ऑयल, बीफ टैलो और लॉर्ड पाया गया है।
पैसे के अभाव में अटका अयोध्या मस्जिद का निर्माण, पांच साल से उसी हालत में, अब तक नक्शा भी नहीं हुआ पास

डेस्क: अयोध्या राम मंदिर के फैसले के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने मस्जिद के लिए भी जमीन देने की बात कही थी। राम मंदिर तो लगभग बन चुका है, दर्शन भी शुरू हो चुके हैं लेकिन मस्जिद निर्माण की प्रक्रिया अटकी है। राममंदिर निर्माण का कार्य जहां 80 फीसदी तक पूरा हो चुका है, वहीं पिछले पांच साल में मस्जिद निर्माण की प्रक्रिया एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। आलम यह है कि मस्जिद ट्रस्ट अब तक धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद निर्माण के लिए नक्शा तक नहीं पास करा सका है। मस्जिद ट्रस्ट इसका कारण धन की कमी बता रहा है।

नौ नवंबर 2019 को अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने राममंदिर के हक में निर्णय सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण करने के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने सोहावल के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए आवंटित की थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण तो लगभग पूरा हो गया है, लेकिन धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद की अब तक नींव भी नहीं पड़ सकी है।

 इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन मस्जिद निर्माण में देरी की वजह का प्राथमिक कारण पैसों की कमी बताते हैं। वो कहते हैं कि ट्रस्ट इस जमीन पर निर्माण को लेकर व्यापक योजना बना रहा है। योजना के अनुसार यहां मस्जिद के अलावा एक अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल, एक सामुदायिक कैंटीन और 1857 की स्वतंत्रता की पहली लड़ाई की यादों को संजोने के लिए एक म्यूज़ियम बनाया जाएगा। हुसैन कहते हैं कि जितनी उम्मीद थी, उससे कम पैसा जमा हो पाया है, इसलिए काम में देरी हो रही है। बताया कि मस्जिद निर्माण में करीब 12 करोड़ लेकिन चैरिटी हॉस्पिटल के निर्माण में करीब 300 करोड़ के खर्च का अनुमान है।

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ने अपनी चारों उप समितियों को शुक्रवार को भंग का दिया। अतहर हुसैन ने बताया कि यह फैसला विदेशी चंदा हासिल करने की अनुमति प्राप्त करने के लिए किया गया है, क्योंकि सभी उप समितियां अनुमति मिलने में बाधा बन रही थीं। इसके साथ ही मस्जिद के नाम पर फर्जी बैंक खातों के खुलने की खबर आई थी। इससे निपटने के लिए ट्रस्ट ने एक एफआईआर भी दर्ज करवाई थी। ट्रस्ट के सचिव के अनुसार प्रशासनिक समिति, वित्त समिति, मस्जिद विकास समिति और मीडिया व प्रचार समिति को भंग किया गया है।

अतहर हुसैन ने बताया कि नक्शा पास कराने के लिए करीब एक करोड़ शुल्क देना होगा। इतना धन अब तक एकत्र नहीं हो पाया था। अभी तक चंदे के रूप में लगभग एक करोड़ ही मिले हैं। विदेशी चंदा लेने के लिए एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) में पंजीकरण की आवश्यकता है। इसलिए पंजीकरण के लिए आवेदन कर दिया है। तीन साल की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है। पंजीकरण होने के बाद गल्फ देशों से चंदा मिलने लगेगा जिसके बाद धन की कमी दूर होने की पूरी संभावना है।

इस्लाम प्रचारक जाकिर नाइक का विवादित बयान, कहा ‘अंबानी का हाउस ‘अंटीलिया’ वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना है’

डेस्क: इस्लाम प्रचारक जाकिर नाईक हाल ही में पाकिस्तानी युट्यूबर के साथ पॉडकास्ट में नजर आया। जहां उसने हमेशा की तरह बातों को गोल घुमाते हुए तरह तरह के दावे किए, जिसमें से एक यह भी था की, जिस जमीन पर भारत के सबसे बड़े उद्योगपती मुकेश अंबानी का प्रसिद्ध अंटीलिया बंगला बना है वो वक्फ प्रॉपर्टी होने का दावा किया है।

पाकिस्तानी युट्यूबर के साथ अपने पॉडकास्ट में जाकिर नाईक ने दावा किया की मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने से पहले झाकिर नाईक से मिलने के लिए मलेशिया तक एक प्रतिनिधी भेजा था, वो चाहते थे जाकिर नाईक उनका इस निर्णय में समर्थन करें। जाकिर नाइक पर भारत में आतंकवादी संगठनों से संबंध, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और नफरत फैलाने के गंभीर आरोप हैं। उनकी गतिविधियों के कारण भारत सरकार ने उन्हें कानून के तहत अपराधी माना है। ऐसे में पीएम मोदी द्वारा जाकिर से संपर्क करने के लिए मलेशिया में किसी प्रतिनिधी को भेजने का दावा पूरी तरह मनगढंत है।

जाकिर नाईक ने इंटरव्यू में माना है की भारत में आर्मी और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक जमीन है।लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उसने सच के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है। उसने दावा किया की मोदी सरकार वक्फ में थोडी अव्यवस्था का फायदा उठाकर जमीन हड़पना और सरकार के पास जमा करना कहते है। दौरान विश्व की सबसे महंगा अंटीलिया घर वक्फ जमीन पर बांधने के दावा भी किया है। जाकिर नाइक ने बिना किसी सबूत के ऐसे बयान देकर सिर्फ विवाद पैदा करने की कोशिश की है। वक्फ संपत्ति का मुस्लिम समुदाय के लिए धार्मिक और सामाजिक महत्व हो सकता है, लेकिन नाइक ने बिना किसी समर्थन के इसे अंबानी जैसे बड़े व्यापारियों के साथ जोड़कर केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने की कोशिश की है।