अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रांची का कांके विंधानसभा पर है भाजपा का कब्जा,जानिए यहां का इसबार क्या है जनता का मुद्दा
झारखंड डेस्क
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टी कमर कस ली है। इस बीच चुनावी मैदान में शह-मात का खेल भी शुरू हो गया है। सभी मतदाताओं को अपने अपने पक्ष में करने के लिए संभावित प्रत्याशी से लेकर पार्टियां लगी हुई हैं।रांची के कांके विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो कांके विंधानसभा क्षेत्र ग्रामीण बहुल क्षेत्र है। कांके अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है। राजधानी रांची शहर से सटे होने के कारण इसमें बरियातू, कोकर, कांके रोड जैसे शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ एक बड़ा हिस्सा आता है। वर्ष 1967 में कांके विधानसभा सीट का गठन हुआ था। 1977 में इस सीट को अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित कर दिया गया था। 1967 में इस सीट पर झारखंड दल (जेकेडी) के नेता जेएन चौबे पहले विधायक बने थे। वहीं 1977 में सीट आरक्षित होने के बाद हीराराम तूफानी चुनाव जीते। कांके में दो बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। 1990 से अब तक यह सीट लगातार भाजपा के पाले में रही है।
कांके से रामचंद्र बैठा चार बार विधायक बने
रामचंद्र बैठा यहां से चार बार विधायक बने हैं। भारतीय जनसंघ पार्टी के टिकट पर रामटहल चाैधरी भी दो बार कांके से विधायक चुने गये थे।बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रिम्स, लॉ यूूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बीआइटी मेसरा, आइआइएलएम जैसे कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान इस विधानसभा क्षेत्र में है।
इस बार कांके का क्या है जनता का मुद्दा
राजधानी से सटे होने के बावजूद यहां पेयजल, सड़क, नाली जैसी समस्याएं आम है। पिठौरिया, बुढ़मू, ठाकुरगांव जैसे कृषि आधारित गांवों में सिंचाई की सुविधा नहीं है। क्षेत्र के किसान आज भी बारिश के पानी पर ही आश्रित हैं। पिठौरिया सब्जियों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन किसानों को कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है। सुदूरवर्ती क्षेत्रों में लोग पेयजल के लिए नदी के पानी का इस्तेमाल करने पर मजबूर हैं।
गांवों में अब तक पाइपलाइन से पेयजलापूर्ति की सुविधा नहीं है। प्रखंड कार्यालय व रिंग रोड से सटे क्षेत्रों में सड़क की स्थिति काफी जर्जर है। पिठौरिया घाटी, बुढ़मू, मैकलुस्कीगंज जैसे कई प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल होने के बावजूद क्षेत्र में पर्यटन विकसित नहीं हो सका है।
वर्तमान विधायक ने क्या क्या काम किया है
कांके के विधायक समरी लाल ने कहा कि मेरे कार्यकाल में बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया का काफी विकास कार्य हुआ है। सैकड़ों, नालियां व पुल बनाने का रिकार्ड बना है। खलारी प्रखंड बनने के 12 साल बाद वहां सीएससी निर्माण की कल्पना साकार करा रहा हूं। बंद पड़े पांच स्वास्थ्य उपकेंद्रों में डॉक्टरों की पोस्टिंग करा उनको शुरू कराया।












झारखंड : बंगाल की खाड़ी में 2-2 साइक्लोन दिख रहे हैं. दोनों अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन हैं. दोनों हालांकि, अलग-अलग इलाके में हैं, लेकिन 23 सितंबर तक इसमें से एक के लो प्रेशर एरिया में बदल जाने की संभावना है. इसका असर मौसम पर भी देखने को मिलेगा. *तापमान में नहीं होगा बदलाव* भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र का कहना है कि अगले 24 घंटे में झारखंड में कहीं-कहीं हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है. राज्य में अगले 5 दिनों तक उच्चतम तापमान में वृद्धि नहीं होगी. मौसम विभाग ने साथ ही यह भी कहा है कि 22 सितंबर के बाद 23 सितंबर से 25 सितंबर तक राज्य में कहीं-कहीं गरज के साथ वज्रपात होने के आसार हैं. *झारखंड में कमजोर मानसून* मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान झारखंड में मानसून की गतिविधि कमजोर रही. सबसे अधिक उच्चतम तापमान 38.2 डिग्री सेंटीग्रेड देवघर में दर्ज किया गया. सबसे कम न्यूनतम तापमान रांची के मौसम केंद्र में दर्ज किया गया. यहां का न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री सेंटीग्रेड रहा. कुछ जिलों मे तापमान सामान्य से ज्यादा मौसम वैज्ञानिक ने यह भी बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान झारखंड का मौसम शुष्क रहा. कहीं से भी बारिश होने की खबर नहीं है. जमशेदपुर, रांची, डालटेनगंज, बोकारो-थर्मल, चाईबासा का अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो गया है. इन जिलों का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक हो गया है. *रांची में वर्षा होने की संभावना* राजधानी रांची के आज के मौसम की बात करें, तो मौसम विभाग ने कहा कि आसमान में बादल छाए रहेंगे. बादल गरजेंगे. गरज के साथ वर्षा भी हो सकती है. रविवार को रांची का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेंटीग्रेड रहने का अनुमान है.
Sep 22 2024, 16:50
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