जंगली जानवरों की दहशत और हमले से सहमें ग्रामीण जाग कर काट रहे रातें
- मामला कन्नौज जिले के ठठिया थाने के ग्रामीण अंचलों का।
- जिले में विशुनगढ़ के बाद अब कई गांव में हमलावर जानवरों का खौफ।
- विशुनगढ़ से लेकर ठठिया क्षेत्र में घटी घटनाओं में वन विभाग अभी भी भेड़िया की जगह अन्य जानवरों द्वारा हमले की कह रहा बात।
पंकज कुमार श्रीवास्तव
कन्नौज जिले के कई गांव के ग्रामीण इस समय जानलेवा हमला करने वाले जानवरों के आतंक से डरे सहमें नजर आ रहे हैं, इतना ही नहीं अपनी रातों को भी जागकर काट रहे हैं। खास बात यह है कि, जिले के वन विभाग के अधिकारी और पुलिस जहां अभी भी जिले में कहीं भी भेड़िया द्वारा हमले की किसी भी वारदात से इंकार कर रहे हैं, वहीं विभिन्न गांव में ग्रामीणों और पालतू जानवरों पर हुये विगत दिनों में हमले को लेकर साक्ष्य के आधार पर सियार, बंदर और कुत्तों द्वारा हमले की बात कह रहे हैं। बिगत कुछ समय से जिले में जानवरों द्वारा ग्रामीणों और पालतू जानवरों पर हमले के मामले सामने आने के बाद जहां ग्रामीण दहशत में हैं, वहीं वन विभाग की टीम भी जुटी हुई है।
बीते 8 दिनों पूर्व जिले के विशुनगढ़ से शुरू हुआ उपरोक्त हमलों का सिलसिला अब ठठिया क्षेत्र तक पहुंच गया है। विशुनगढ़ में दो पालतू बकरों को हमले में मार दिये जाने, और एक युवक को घायल कर दिये जाने के बाद जहां ग्रामीण भेड़िया का हमला बताते हुये उसको देखने की बात भी कह रहे हैं, वहीं जांच के दौरान वन विभाग और पुलिस टीम किसी अन्य जानवर द्वारा हमले की बात कह रही है।
अभी यह सिलसिला थमा नहीं था, कि विगत दिन जिले के ठठिया क्षेत्र में भी भेड़िया के आतंक का शोर मच उठा। ठठिया क्षेत्र के ताहरपुर, मदनापुर, चिघरवापुर गांव में इस बार हमलावर जानवर का खौफ और दहशत के अलावा हमले की घटनायें सामने आई हैं।
मदनापुर में छुन्ना शर्मा, डील सिंह यादव, पप्पू दोहरे के भतीजे के अलावा ताहरपुर में छेदी लाल बाथम, सिपाही लाल
और राम सिंह गौतम की बकरियों के अलावा उमरन गांव में कृष्ण कुमार की बछिया, सुल्तनापुर गांव में सिंटू पुत्र प्रकाश, रवि पुत्र मूलचंद्र दोहरे, ग्रामीण कुंअर सिंह और प्रताप सिंह की बकरी, चिघरवापुर गांव में बृजेश कुमार पुत्र राजेंद्र कुमार, और श्री देवी पुत्री रणदीप सिंह हमलावर जानवर की चपेट में आ चुके हैं।
बताते चलें कि उपरोक्त घटनाओं की जानकारी के बाद हरकत में आई वन विभाग की टीम के अलावा पुलिस टीम भी गांव का दौर करने पहुंची है।
विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी डा. हेमंत कुमार का उपरोक्त संधर्व में कहना है कि जांच के बद सामने आया है कि हमलावर जानवर सियार, बंदर या फिर कुत्ता हो सकता है, लेकिन भेड़िया के कोई पद चिन्ह नहीं हैं। फिलहाल उपरोक्त घटनाओं की जांच जाती है। ग्रामीण सतर्क रहें। किसी भी प्रकार की जानकारी पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सूचित करें। जल्द ही हमलावर जानवर को पकड़ लिया जायेगा। कुछ भी हो पर फिलहाल जिले में हमलावर जानवर की दहशत ग्रामीणों के चहरों पर साफ नजर आ रही है।
Sep 20 2024, 19:34