ग्रामीणों का कहना है कि सर्वेक्षण की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मिली, जिससे यह पता चला कि भविष्य में यहां खनन किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस खनन में उनकी पट्टे वाली जमीन भी शामिल है. इसे लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों की मांग है कि भविष्य में होने वाली खनन की योजना को तुरंत रोका जाए.
आंदोलन की चेतावनी:
ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर खनन की योजना पर रोक नहीं लगती, तो वे अपने गांवों को पूरी तरह से बंद कर देंगे और किसी को भी गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे. इसके अलावा, वे ग्राम सभा आयोजित कर सशक्त निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं. यह पहला मौका नहीं है जब बस्तर के लोग खनन के खिलाफ खड़े हुए हैं. इससे पहले भी, 2016 में खनन के लिए हुए सर्वेक्षण का विरोध हुआ था, जिसके बाद खनन रोक दिया गया था.
महिलाओं का संघर्ष:
गांव की महिलाओं का कहना है कि वे इस गांव में चार पीढ़ियों से निवास कर रही हैं और वे अपने घरों को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी. महिलाओं का कहना है कि उनकी जमीन और जंगल उनकी जीवनरेखा हैं, जिन्हें वे किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहतीं.
औद्योगीकरण का विरोध:
बस्तर में पहले भी औद्योगीकरण को लेकर विरोध होते रहे हैं. उदाहरण के लिए, लोहंडीगुड़ा में टाटा स्टील प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते वह परियोजना नहीं हो सकी. इसी प्रकार, नगरनार स्टील प्लांट भी ग्रामीणों की जमीन पर लगाया गया, लेकिन आज भी वहां के ग्रामीण रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
अब, बस्तर में डायमंड सर्वे के बाद ग्रामीणों में असंतोष और बढ़ गया है. उनका संघर्ष इस बात का प्रतीक है कि वे अपने जल, जंगल और जमीन को किसी भी सूरत में खोने नहीं देना चाहते.

जगदलपुर- बस्तर के आदिवासी एक बार फिर से अपने जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए लामबंद हो चुके हैं. हाल ही में अमागुड़ा पंचायत और छोटे अलनार में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण ने चूना पत्थर और हीरे की खदानों की उपस्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी की है. इस सर्वे में 141.438 हेक्टेयर जमीन शामिल है. वहीं इस रिपोर्ट के बाद बस्तर के 9 गांव के ग्रामीणों में अपनी जंगल-जमीन को लेकर चिंता व्याप्त हो गई है.

रायपुर- जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में नई कार्यकारिणी नियुक्त की गई है. यह नियुक्त जोगी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी के निर्देशानुसार की गई है. कार्यकारिणी की जारी लिस्ट में प्रदेश उपाध्यक्ष, जिला अध्यक्षों, प्रवक्ता, प्रदेश संगठन मंत्री और प्रदेश महामंत्री की नियुक्ति की गई है.
बिलासपुर- मरवाही वन मंडल में 3 करोड़ 80 लाख की रॉयल्टी घोटाला सामने आया है. इस मामले की सुनवाई बिलासपुर हाईकोर्ट में चल रही है, जहां वन विभाग ने रॉयल्टी रसीद पेश नहीं कर पाई. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को रिज्वाइंडर दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.
रायपुर- कवर्धा के लोहारीडीह हिंसा मामले में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने राजभवन को पत्र लिखकर राज्यपाल से तत्काल मिलने का समय मांगा है. राजभवन को लिखे पत्र में बैज ने कहा है कि प्रदेश में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई है. इस मामले में आपसे तत्काल चर्चा आवश्यक है.
रायपुर- स्कूलों में इस साल 64 दिनों के लिए अवकाश की घोषणाा स्कूल शिक्षा विभाग ने की है। स्कूलों में इस साल दशहरा और दीपावली में 6-6 दिन की छुट्टी रहेगी। शीतकालीन अवकाश 6 दिन का ही रहेगा। गर्मी की छुट्टियां 46 दिनों की होगी। इस तरह कुल 64 दिनों के छुट्टी आदेश जारी किया गया है.
नई दिल्ली- नक्सली हिंसा की वजह से अपने परिजनों को खोने वाले, अपाहिज होने वाले छत्तीसगढ़ के पीड़ितों से गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने नक्सल हिंसा के साथ विचारधारा को जड़ से उखाड़ फेंकने के सरकार के संकल्प को दोहराया.

मुंगेली- छत्तीसगढ़ के मुंगेली में ‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना’ के अंतर्गत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. मुंगेली जिला कलेक्टर के निर्देश पर गठित टीम ने जांच कर इस बात का खुलासा किया है. जिसके बाद 3 एसडीओ और 8 सब इंजीनियर को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है. वहीं 1 ठेकेदार से रिकव्हरी के लिए पत्र जारी किया गया है.
रायपुर- छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव से पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के प्रभारी महामंत्री महेश देवांगन ने आज राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी को इस्तीफा पत्र प्रेषित करते अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। महेश देवांगन के इस निर्णय ने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी है, क्योंकि महेश देवांगन को जोगी परिवार के बेहद करीबी और पार्टी के अहम सदस्य के रूप में देखा जाता रहा है।
रायपुर- उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव अमेरिका के अध्ययन प्रवास के बाद आज सुबह रायपुर पहुंचे। राजधानी वापसी पर स्वामी विवेकानंद विमानतल पर उनका भव्य और आत्मीय स्वागत किया गया। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया की अमेरिका के अपनी अध्ययन यात्रा के दौरान उन्होंने पांच प्रमुख शहरों का भ्रमण कर सड़क निर्माण और सड़कों के रखरखाव की तकनीक, इनमें एआई (Artificial Intelligence) के उपयोग और पुल-पुलियों के निर्माण को लेकर तकनीकी विशेषज्ञों से चर्चा की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह के साथ अमेरिका के बड़े-बड़े शहरों में निर्माण कार्यों में प्रयुक्त होने वाली तकनीकों का अध्ययन किया। श्री साव ने अमेरिका में निर्माण स्थलों और ग्रीन-फील्ड रोड का भी अवलोकन किया। उन्होंने अपनी यात्रा को काफी लाभदायक बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों में जिन तकनीकों का इस्तेमाल हो सकता है, उन्हें यहां जरूर लागू करेंगे।


Sep 20 2024, 16:24
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