जानिए कौन हैं आतिशी मार्लेना जिसने दिल्ली की आम लड़की से सत्ता के गलियारे की रानी तक का सफर तय किया
नयी दिल्ली : आतिशी दिल्ली की एक प्रभावशाली नेता हैं जिन्होंने अपनी योग्यता और समर्पण से सत्ता के गलियारों में अपनी जगह बनाई है।आतिशी मार्लेना सिंह दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण नाम हैं और उनकी यात्रा 'आम आदमी पार्टी' के गठन के साथ ही जुड़ी हुई है।
अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा के बाद, सबकी नजरें इस बात पर लगी हैं कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
दिल्ली के शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस पद के उम्मीदवार नहीं होंगे।
अब सबके मन में सवाल है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। हालांकि कई दावेदारों के नाम चर्चा में हैं, लेकिन इन दावेदारों में दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना का नाम सबसे आगे माना जा रहा है।
आतिशी का जीवन परिचय
आतिशी को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है। वह दिल्ली सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री मानी जाती हैं और महिला होने के नाते भी उनकी स्थिति मजबूत होती है।
स्वाति मालीवाल के मामले के बाद उन्होंने पार्टी के पक्ष में मजबूती से खड़ा हुआ था। अब जानना जरूरी है कि आतिशी कौन हैं, जो दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में सबसे मजबूत उम्मीदवार मानी जा रही हैं।
आतिशी का जन्म और शिक्षा
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह और तृप्ता वाही के घर हुआ था।
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से पूरी की। पढ़ाई के दौरान, आतिशी एक मेधावी छात्रा रही और दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की। सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड का रुख किया।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन
चेवेनिंग स्कॉलरशिप प्राप्त करने पर, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की। बाद में, रोड्स स्कॉलर के रूप में, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शैक्षिक अनुसंधान में दूसरी मास्टर डिग्री प्राप्त की।
इसके बाद, जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए। गैर लाभकारी संगठनों के साथ काम करते समय, उनकी मुलाकात कुछ ऐसे सदस्यों से हुई जो आम आदमी पार्टी से जुड़े थे।
आतिशी की शादी
आतिशी की शादी प्रवीण सिंह से हुई है, जो पंजाबी परिवार से हैं और क्षत्रिय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
'आप' से जुड़ाव
आतिशी का राजनीतिक करियर 'आम आदमी पार्टी' के गठन के समय से ही जुड़ा हुआ है। AAP ने 2013 में पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था और उस समय आतिशी पार्टी के घोषणापत्र की मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थीं।
'आप' आतिशी को पार्टी की प्रतिबद्ध कार्यकर्ता मानती है। पार्टी का मानना है कि पार्टी के गठन के बाद उसकी नीतियों के निर्धारण में आतिशी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
पार्टी को मजबूत करने में भूमिका
पार्टी के प्रवक्ता के रूप में, आतिशी ने पार्टी को मजबूत करने और उसकी नीतियों को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता और वर्तमान में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
पार्टी ने उन्हें पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी भी दी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में, उन्होंने पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के गौतम गंभीर से हार गईं।
स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए काम
जब मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री थे, तब आतिशी ने उनके सलाहकार के रूप में काम किया। उन्होंने 2015 से 2018 तक सिसोदिया के शिक्षा सलाहकार के रूप में कार्य किया।
'आप' ने राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए एक बड़ा दावा किया है और इस अभियान में आतिशी की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जाता है।
आतिशी का राजनीतिक ग्राफ
हाल के दिनों में, आम आदमी पार्टी के भीतर आतिशी की स्थिति तेजी से उन्नत हुई है। अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल 8 मार्च को अपनी कैबिनेट में फेरबदल किया और आतिशी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई।
यह उल्लेखनीय है कि वह दिल्ली कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री हैं और उनके पास सबसे अधिक मंत्रालय हैं। दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, आतिशी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद जेल में होने के कारण इस साल 15 अगस्त को आतिशी को झंडा फहराने की जिम्मेदारी दी थी, हालांकि उपराज्यपाल ने इसे खारिज कर दिया था। इससे स्पष्ट होता है कि केजरीवाल आतिशी को कितना महत्व देते हैं।
Sep 20 2024, 12:03