राजस्थान का अद्वितीय मंदिर जिसे बनाने में पानी नहीं घी का किया गया इस्तेमाल,इसे बनाने में कई अरब हुए थे खर्च
भारतीय मंदिरों के निर्माण में हमेशा से ही अनोखे और अद्भुत तरीकों का उपयोग किया जाता रहा है. लेकिन एक मंदिर ऐसा है जिसकी निर्माण प्रक्रिया को जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के भांडासर मंदिर की, जिसे बनाने के लिए पानी की जगह घी का इस्तेमाल किया गया है.
घी से बना है ये मंदिर
राजस्थान में स्थित भांडासर मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी के आसपास बंदा शाह ओसवाल नामक एक धनी व्यापारी द्वारा करवाया गया है. यह मंदिर जैन धर्म के पांचवें तीर्थंकर सुमतिनाथ को समर्पित है.
तीन मंजिला है मंदिर
यह मंदिर सिर्फ घी से बनाए जाने से ही नहीं बल्कि अंदरूनी हिस्से और वास्तुकला के लिए भी जानी जाती है. कई जैन मंदिरों की तरह, इसमें भी नक्काशी, रंगीन चित्र बने हुए हैं. यह मंदिर तीन मंजिलों में बना है, जिसमें हर मंजिल पर जैन संस्कृति का एक अलग पहलू दिखाई देता है।
घी से क्यों बनाया गया मंदिर
इस मंदिर का निर्माण पानी की जगह घी से क्यों किया गया, इस बारे में सबसे प्रचलित कहानियों में से एक यह है कि एक बार जब बंदा शाह ने गांव वालों से जमीन पर मंदिर बनाने के लिए कहा तो उन्होंने इसका विरोध किया. जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो गांव वालों ने कहा कि इलाके में पहले से ही पानी की बहुत कमी है, जो उनके जीने के लिए मुश्किल से ही पर्याप्त है. और अब अगर मंदिर बनाया गया तो पानी खत्म हो जाएगा और लोग भूखे मर जाएंगे. लेकिन बंदा शाह ने दृढ़ निश्चय किया और पानी की जगह घी से मंदिर का निर्माण करने का फैसला किया।
क्या सच में मंदिर घी से बना है
हालांकि यह पता लगाने के लिए खुदाई नहीं की जा सकती कि नींव वास्तव में पानी की बजाय घी की है या नहीं. लेकिन ऐसा कहा जाता है कि चूंकि निर्माण में घी का उपयोग किया गया था, इसलिए बहुत गर्मी के दिनों में मंदिर के फर्श फिसलन भरे हो जाते हैं और स्तंभों और फर्श से घी रिसता हुआ देखा जा सकता है।
Sep 18 2024, 12:43