17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी-विश्वकर्मा पूजा एक ही दिन, बना दुर्लभ संयोग, जानें शुभ मुहूर्त, आज 3 राशियों की मौज!
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : आज 17 सितंबर मंगलवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा है। आज अनंत चतुर्दशी और विश्वकर्मा पूजा एक ही दिन पड़ रहा है ऐसे में 17 सितंबर को एक दुर्लभ और एक शुभ संयोग भी बन रहा है। आज पूर्णिमा, संक्रांति, अनंत चतुर्दशी, नक्षत्र, सुलयोग और अक्षय फल प्राप्ति के योग एक साथ बन रहे हैं, जिससे यह दिन अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जा रहा है। इस दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों को कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होगी।
इस वर्ष सूर्य 16 सितंबर को कन्या राशि में प्रवेश कर गए थे। जिसे कन्या संक्रांति कहा जाता है। सालों बाद अनंत चतुर्दशी का व्रत और विश्वकर्मा पूजा एक साथ हो रहा है। अनंत चतुर्दशी व्रत भगवान विष्णु के अनंत स्वरूपों को समर्पित है। हर साल यह व्रत भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी पर भगवान नारायण के अनंत रूप की पूजा की जाती है। साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत सूत्र बांधने की भी परंपरा है। मान्यता है कि अनंत सूत्र में भगवान विष्णु का वास होता है।
अनंत चतुर्दशी पर अनंत सूत्र को भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद बांह में बांधा जाता है।अनंत सूत्र में 14 गांठें होनी चाहिए, इन 14 गांठों को 14 लोकों से जोड़कर देखा जाता है। अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना गया है। अनंत चतुर्दशी की पूजा 17 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से सुबह 11 बजकर 44 मिनट के बीच किया जाएगा।
भगवान विष्णु और शिल्पकार विश्वकर्मा के एक साथ आने रवि योग का निर्माण हो रहा है और इस योग में पूजा करने से सभी कार्यों में तरक्की मिलेगी। भगवान विश्वकर्मा देव लोक के वास्तुकार और शिल्पकार हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने भगवान शिव का त्रिशूल और विष्णु जी का सुदर्शन चक्र बनाया था। इसलिए इस दिन शस्त्रों की पूजा-अर्चना की जाती है।
17 सितंबर के दिन भगवान विश्वकर्मा को कई प्रकार के अस्त्र-शस्त्र से सुशोभित किया जाता है और पूजा-अर्चना की जाती है। लोग अपने ऑफिस, कारखानों, मशीनों, औजारों और वाहनों की भी पूजा करते है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, व्यापार में उन्नति आदि का शुभ फल प्राप्त होगा।17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:07 बजे से दोपहर 2:39 बजे तक रहेगा। इस दौरान बाबा विश्वकर्मा और विष्णु जी की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
Sep 17 2024, 19:22