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सिंदरी BIT में परंपरागत कर्मा पूजा का हुआ आयोजन


धनबाद : 14 सितंबर को सिन्दरी बी आई टी , में छात्रों ने कर्मा पूजा बड़ी धूमधाम से मनाया इस अवसर पर बी आई टी के निदेशक पंकज राय मुख्य रूप से उपस्थित हुए।

रांगामाटी एवं ग्रामीणो ने बड़े धूमधाम से कर्मा पूजा मनाया वहीं रांगामटिया स्थित अमर शक्ति क्लब के पास महिलाओं ने बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ कर्मा पूजा का आयोजन किया।

इस आयोजन में मीना कुमारी, पिंकी कुमारी, बिंदु देवी, आरती देवी, बिंदु देवी, अंबिका देवी, मंजू देवी, मन्नु कुमारी, नंदनी कुमारी, गुनगुन कुमारी,और संजना कुमारी सहित कई महिलाओं ने भाग लिया। पूजा के दौरान कर्मा पूजा से जुड़ी एक रोचक कथा भी सुनाई गई, जिसमें सात भाई – उरांव, चेरो, हो, बिरहोर, मुंडा, असुर, और संथाल की कहानी का जिक्र हुआ।

ये सातों भाई व्यापार के लिए दूर जाते थे, और उनकी पत्नियां उनके लौटने का बेसब्री से इंतजार करती थीं। कर्मा पूजा के माध्यम से इस प्राचीन कथा को पीढ़ियों तक जीवित रखा जाता है।

गोविंदपुर के सामाजिक संस्था विकास फोरम का वार्षिक कार्यक्रम संपन्न,

इस अवसर पर बीबीएमकेयू के कुलपति डॉ राम कुमार सिंह ने कहा विकास फोरम जैसी संस्था से समाज को बहुत उम्मीद है


झा. डेस्क 

गोविंदपुर के सामाजिक संस्थात विकास फोरम के वार्षिक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राम कुमार सिंह ने कहा कि आज सामाजिक संस्थाओं के महत्व, और उसकी उपयोगिता बढ़ी है. कई संस्थाएं बेहतर काम कर रही है और बहुत उम्मीद भी है. उन्होंने विकास फोरम जैसी संस्थाओं के कार्यक्रम से प्रभावित होते हुए कहा कि विगत 29 वर्षों से बिना किसी सरकारी अनुदान के यह संस्था काम कर रही है और आज भी यहाँ इस कार्यक्रम में विद्वतजनो की उपस्थिति और उत्साह से जाहिर होता है कि यह संस्था समाज के लिए बहुत कुछ कर सकता है. मेरी अपेक्षा भी है.उन्होंने संस्था के सदस्यों और पदाधिकारियों की सराहना की.

 इस अवसर पर संस्था द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए एसएनएमएमसीएच धनबाद के प्राचार्य डॉ ज्योति रंजन प्रसाद, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतिभा राय व यूरोलॉजिस्ट डॉ गौरव प्रकाश तथा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्लस टू हाई स्कूल नगरकियारी की प्राचार्य डॉ मीरा सिंह व फोरम के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सदस्य सुरेश कुमार चौधरी को सम्मानित किया गया. 

मेधा प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया. अध्यक्षता फोरम अध्यक्ष वासुदेव गोस्वामी, संचालन कृष्ण प्रसाद गिरि व विकास कुमार सिन्हा,ने किया.

स्वागत भाषण व सचिवीय प्रतिवेदन एसएन लाल त्यागी, ने किया वार्षिक पत्रिका विकास पथ का लोकार्पण साहित्यकार संगीतानाथ व कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड प्रमुख निर्मला सिंह ने किया. 

मुख्य वक्ता पूर्व आइएएस व कवि श्री राम दुबे ने हिंदी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला. विशिष्ट अतिथि डॉ के विश्वास, संरक्षक डॉ संगीता कर्ण व पूर्व उप प्रमुख डीएन सिंह ने संस्था के कार्यों की सराहना की.इस अवसर पर विकास फोरम के कार्यों से प्रभावित होकर आप नेता एवं पूर्व पंचायत प्रमुख डी एन सिंह ने विकास फोरम को जमीन और अपना भवन दिलाने का वादा किया.

इस कार्यक्रम क्षेत्र के मौके पर , प्रो एसएस गिरि, शिक्षक नेता नीलकंठ मंडल, संजय कुमार, राजकुमार वर्मा, आदित्य प्रसाद मिर्धा, शंकर रविदास विनोद आनंद, जयप्रकाश मिश्रा, अशोक गिरी,अशोक मंडल, रति रंजन गिरि, उज्जवल मंडल, रामाकांत सिंह, नुसरत प्रवीण, बैजनाथ राम, निर्मल सिंह, विमल शर्मा, किसन महाराज आदि मौजूद थे. मौके पर क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल, जीनियस पब्लिक स्कूल व मवि सुगना शहरपुरा की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया.इस कार्यक्रम में पत्रकारों, संस्था में उत्कृष्ट कार्यक्रम करने वाले सदस्यों, और मेधा प्रतियोगिता आयोजन में सहयोग करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया.

प्याज के मूल्यों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की नज़र,सरकारी दुकान लगा कर बेची जा रही है सस्ती दरों पर प्याज


जानिए झारखंड की राजधानी रांची में कहां मिलती है 35 रुपये किलो प्याज..?

प्याज के दाम को नियंत्रित रखने के लिए केंद्र सरकार ने देश के कुछ शहरों में 35 रुपये किलो प्याज बेचने की व्यवस्था की है.

इस सम्बंध में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि बढ़ते हुए मूल्य पर नियंत्रण हो . इसके लिए बफर स्टॉक के प्याज को सस्ती दरों पर प्याज बेचने का निर्देश दिया गया है. 

इस क्रम में रांची सहित आधा दर्जन बड़े शहरों में 35 रुपये प्रतिकिलो प्याज की बिक्री शुरू की गयी है. झारखंड की राजधानी रांची में नेफेड और एनसीसीएफ की तरफ से आठ स्थल चिन्हित किए गए हैं. यहां मोबाइल वैन लगाकर रियायती दरों पर प्याज की बिक्री शुरू की गयी है.

रांची में कहाँ कहाँ हो रही है 35 रुपए प्रति किलो प्याज की बिक्री

आमलोगों के लिए रांची के कांके रोड (स्पीकर आवास के पास), पिस्का मोड़, मोरहाबादी, चांदनी चौक (कांके), लालपुर चौक, बिरला मैदान, बहु बाजार और बरियातू में मोबाइल वैन के माध्यम से बिक्री की जा रही है. उपभोक्ता यहां से 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीद रहे हैं. इससे उन्हें मंहगाई से राहत मिल रही है.

 कीमतों पर है सरकार की नजर

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि नेफेड और एनसीसीएफ की मोबाइल वैन के अलावा विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, सफल आउटलेट और केंद्रीय भंडार पर भी कम मूल्य पर प्याज खरीदा जा सकता है. देश में प्याज की कोई कमी नहीं है. बफर स्टॉक के तहत 4.7 लाख टन प्याज की खरीद की गयी थी. किसानों और व्यापारियों के पास भी पर्याप्त प्याज का भंडारण है. सरकार ने प्याज की कीमतों पर नजर रखने के लिए 550 केंद्रों पर निगरानी रखी है. रांची सहित अन्य जगहों पर केंद्र सरकार की इस पहल से लोग लाभान्वित होंगे. नेफेड और एनसीसीएफ से कहा गया है कि सस्ते प्याज की खरीदारी में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए हर संभव कोशिश की जाए.

देश में यहां भी सस्ती दर पर खरीद सकते हैं प्याज

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि रांची के अलावा दिल्ली-एनसीआर में 50 और मुंबई में 50, चेन्नई में 19, गुवाहटी में 11 और भुवनेश्वर में 10 जगहों पर मोबाइल वैन के माध्यम से रियायती दर पर प्याज बेचे जा रहे हैं. अगले कुछ दिनों में देश के अन्य शहरों में भी इसकी शुरुआत की जाएगी.

 खाद्य मुद्रास्फीति और खुदरा मुद्रास्फीति को कम करने हर संभव कोशिश की जा रही है. आम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी.

प्याज के मूल्यों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की नज़र,सरकारी दुकान लगा कर बेची जा रही है सस्ती दरों पर प्याज

जानिए झारखंड की राजधानी रांची में कहां मिलती है 35 रुपये किलो प्याज..?

झा. डेस्क

प्याज के दाम को नियंत्रित रखने के लिए केंद्र सरकार ने देश के कुछ शहरों में 35 रुपये किलो प्याज बेचने की व्यवस्था की है.

इस सम्बंध में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि बढ़ते हुए मूल्य पर नियंत्रण हो . इसके लिए बफर स्टॉक के प्याज को सस्ती दरों पर प्याज बेचने का निर्देश दिया गया है. 

इस क्रम में रांची सहित आधा दर्जन बड़े शहरों में 35 रुपये प्रतिकिलो प्याज की बिक्री शुरू की गयी है. झारखंड की राजधानी रांची में नेफेड और एनसीसीएफ की तरफ से आठ स्थल चिन्हित किए गए हैं. यहां मोबाइल वैन लगाकर रियायती दरों पर प्याज की बिक्री शुरू की गयी है.

रांची में कहाँ कहाँ हो रही है 35 रुपए प्रति किलो प्याज की बिक्री

आमलोगों के लिए रांची के कांके रोड (स्पीकर आवास के पास), पिस्का मोड़, मोरहाबादी, चांदनी चौक (कांके), लालपुर चौक, बिरला मैदान, बहु बाजार और बरियातू में मोबाइल वैन के माध्यम से बिक्री की जा रही है. उपभोक्ता यहां से 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीद रहे हैं. इससे उन्हें मंहगाई से राहत मिल रही है.

 कीमतों पर है सरकार की नजर

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि नेफेड और एनसीसीएफ की मोबाइल वैन के अलावा विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, सफल आउटलेट और केंद्रीय भंडार पर भी कम मूल्य पर प्याज खरीदा जा सकता है. देश में प्याज की कोई कमी नहीं है. बफर स्टॉक के तहत 4.7 लाख टन प्याज की खरीद की गयी थी. किसानों और व्यापारियों के पास भी पर्याप्त प्याज का भंडारण है. सरकार ने प्याज की कीमतों पर नजर रखने के लिए 550 केंद्रों पर निगरानी रखी है. रांची सहित अन्य जगहों पर केंद्र सरकार की इस पहल से लोग लाभान्वित होंगे. नेफेड और एनसीसीएफ से कहा गया है कि सस्ते प्याज की खरीदारी में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए हर संभव कोशिश की जाए.

देश में यहां भी सस्ती दर पर खरीद सकते हैं प्याज

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि रांची के अलावा दिल्ली-एनसीआर में 50 और मुंबई में 50, चेन्नई में 19, गुवाहटी में 11 और भुवनेश्वर में 10 जगहों पर मोबाइल वैन के माध्यम से रियायती दर पर प्याज बेचे जा रहे हैं. अगले कुछ दिनों में देश के अन्य शहरों में भी इसकी शुरुआत की जाएगी.

 खाद्य मुद्रास्फीति और खुदरा मुद्रास्फीति को कम करने हर संभव कोशिश की जा रही है. आम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी.

कांग्रेस के स्क्रीनिग कमेटी हर जिला पहुँच कर झारखण्ड में विधानसभा टिकट के दावेदारों से कर रही मुलाक़ात

इस बार मज़बूत प्रत्याशी उतारने कि हैं तैयारी, स्थानीय नेताओं को मिलेगु टिकट में प्रथमिकता


झा. डेस्क 

 इस बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव को लेकर हर प्रदेश में बहुत हीं गंभीरता और जाँच परख कर उम्मीदवार उतारने जा रही हैं. इसके लिए एक स्क्रीनिग कमेटी के गठन किया गया हैं जो ऑन द स्पॉट जाकर स्थिति के ज्याजा लेगा तब जाकर उम्मीदवारों के चयन करेगा.

स्क्रीनिंग कमेटी ने यह स्पष्ट कर दिया हैं कि इस बार स्थानीय कार्यकर्ताओं को पार्टी टिकट देगी.पार्टी ने तय किया हैं कि जो सालों से मेहनत कर पार्टी को मज़बूत किया हो एवं क्षेत्र में जिसका जनाधार मजबूत हैं ऐसे प्रत्याशी को ही पार्टी टिकट देगी

इसी के तहत कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी धनबाद में विधानसभा चुनाव के दावेदारों से मुलाकात शुरू कर दिया हैं.

प्रत्याशियों के लिए सर्वे भी कराया जा रहा है. कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में बाहरी लोगों को टिकट नहीं मिलेगा, इससे कार्यकर्ताओं पर काफी असर पड़ता है.

हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़ और चतरा के बाद अब कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी धनबाद सर्किट हाउस पहुंची हैं . जहां कमेटी के समक्ष कई दावेदारों ने अपनी दावेदारी पेश की. 

स्क्रीनिंग कमेटी ने विधानसभा क्षेत्र के दावेदारों से मिलकर उनसे जानकारी ली. इस दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन गिरीश चोडनकर, सदस्य प्रकाश जोशी और पूनम पासवान शामिल रहे. 

स्क्रीनिंग कमेटी 14 सितंबर को जामताड़ा, गिरिडीह और बोकारो जिला कांग्रेस के विधानसभा चुनाव के दावेदारों से बातचीत करेगी. इससे पहले कमेटी 12 सितंबर को पलामू, गढ़वा और लातेहार में दावेदारों से मुलाकात कर चुकी है.

स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य पूनम पासवान ने कहा कि पूर्व में कार्यकर्ता हेडक्वार्टर में नाम देकर चले जाते थे. 

कई जगहों पर ऐसी शिकायतें मिलती थी कि पुराने कार्यकर्ताओं को पूछा नहीं गया. बाहर से आकर लोगों को टिकट दे दिया जाता था. हार जाने के बाद दूसरी पार्टी में चले जाते थे, जिसका असर कार्यकर्ताओं पर पड़ता था. जिसे लेकर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के द्वारा निर्देश दिया गया कि हर सीट के दावेदारों से बातचीत करें. इसी निर्देश के तहत हर सीट के दावेदारों से बातचीत कर उनकी राय जानने की कोशिश की जा रही है.

पूनम पासवान ने बताया कि एक सीट पर बीस से पच्चीस दावेदार हैं. स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य सभी से मिलकर उनसे चर्चा कर रही है. इसके साथ ही पार्टी के द्वारा दावेदारों की सर्वे भी करायी जा रही है. उसके बाद प्रत्याशी का चयन किया जाएगा. पार्टी की ओर से साफ निर्देश है कि बाहर के प्रत्याशी को इस बार मौका नहीं मिलेगा. पार्टी में सालों से मेहनत कर रहें हैं और जो मजबूत प्रत्याशी हैं, पार्टी उन्हें ही टिकट देगी. उन्होंने कहा कि हमारी कई सीटें गठबंधन में हैं, लेकिन पार्टी की 81 सीटों पर तैयारी है.

धनबाद के तेतुलमारी में एक बहू पर पिटाई कर अपने ससुर की हत्या का आरोप, पुलिस कर रही मामले की जाँच

धनबाद : ईस्ट बसुरिया ओपी क्षेत्र के निछनी गांव में कलयुगी बहू की मारपीट से ससुर अलाउद्दीन अंसारी (60 वर्ष) की मौत हो गई. घटना के संबंध में अलाउद्दीन की पत्नी नूरजहां खातून ने ईस्ट बसुरिया ओपी में लिखित शिकायत दी है. 

ओपी प्रभारी रूपेश कुमार दुबे ने बताया कि मृतक की पत्नी नूरजहां खातून ने अपनी बहू नजमा खातून व अन्य लोगों पर उसके पति की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया है, जिससे अलाउद्दीन की मौत हो गई. ओपी प्रभारी ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पुलिस मामले की जाँच कर रही है.

 दोषी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इधर, शुक्रवार को अलाउद्दीन अंसारी के शव को मिट्टी दी गई. आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.

कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो के फैसले ने चढ़ाया सियासी पारा, उन्होंने कहा खुद नहीं लड़ेंगे चुनाव, लेकिन अधिक सीटों पर होगी हमारी भागीदारी

झा. डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों तेज़ हैं. आज टिकट के लिए मारा मारी चल रहा हैं हर नेता चाहता हैं कि उसे टिकट मिले ताकि विधायक सांसद बनकर वे सुख सुविधा का भोग करे ऐसे दौर में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने घोषणा किया हैं कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे. बल्कि अपने पार्टी के लोगों को लड़ाएंगे. वे खुद पार्टी के सघठन को मज़बूत करेंगे.

इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में एक तरह से कांग्रेस के सभी पदाधिकारी के लिये यह सन्देश हैं कि किसी भी कोंग्रेसी पदाधिकारी का यह उद्देश्य कतई नहीं होना चाहिए कि पार्टी टिकट दे तभी पार्टी के लिए काम करना हैं या पार्टी में बने रहना हैं.

 उन्होंने यह भी कहा हैं कि वे पार्टी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाएंगे. इस क्रम में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस के जिला अध्यक्षों और कार्यकारी अध्यक्षों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया हैं.उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा मिले निर्देशों के आलोक में यह बैठक बुलाई जा रही हैं ताकि सभी जिलाध्यक्ष समर्पित और निष्ठा के साथ अपने अपने जिला में काम करे.

इस बैठक को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा ''यह एक सतत प्रक्रिया है. इस बैठक में जिला अध्यक्षों से सभी बिंदुओं पर फीडबैक लिया गया. जिलाध्यक्षों का संवाद कार्यक्रम जारी है, जिसमें अब तक 9 जिलों में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है. 

गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे के फार्मूले पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कांग्रेस इस बार ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि गठबंधन के तहत विनिंग फॉर्मूला लागू किया जाएगा, यानी जहां जो पार्टी या संगठन ज्यादा मजबूत है, वहां उसकी दावेदारी होगी.

एक तरह प्रदेश अध्यक्ष ने यह संकेत दे दिया हैं कि वे इस बार ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. वहीं अपने सीटों को लेकर राजद और काम्युनिष्ट का भी अलग अलग दाबें हैं. ऐसे स्थिति में गठबंधन दलों के अंदर सियासी हलचल तेज़ हैं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा अपने जीते हुए सीटों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं,वहीं कांग्रेस सहित अन्य घटक दल अपने सीटों में इज़ाफ़ा चाहते हैं ऐसे हालात में यहां सियासी हलचल तेज़ हो गयी हैं.

केशव महतो के इस बयान से कि पदाधिकारी यह सोच कर नहीं चले कि उन्हें टिकट मिलेगा तभी वे कांग्रेस के साथ हैं यह मिथक तोड़े,इसके लिए वे अपने भी चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया हैं. वहीं अधिक सीटों पर लड़ने कि घोषणा कर झामुमो के लिए टेंशन बढ़ा दी हैं.

अब देखना हैं कि इस हाल में गठबंधन कि बॉउंडिंग कितनी मज़बूती के साथ विधानसभा चुनाव में एकजूट रह पाते हैं. पिलहाल गठबंधन दल के बयानों से सियासी हलचल तेज़ हैं.

हजारीबाग के एसडीएम शैलेश कुमार और पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी अंचल के सीओ मनोज कुमार के यहां 10 ठिकानों पर एसीबी ने की छापेमारी


रांची। जमीन घोटाले में अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी खत्म हो गयी है। हालांकि जांच के दौरान कुछ ऐसे खुलासे हुए हैं, जो आने वाले दिनों कई अफसरों और नेताओं की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

 हजारीबाग के एसडीएम शैलेश कुमार और पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी अंचल के सीओ मनोज कुमार के 10 ठिकानों पर एसीबी ने कार्रवाई की है। 

छापेमारी के दौरान हजारीबाग एसडीओ शैलेश कुमार के ठिकानों से 22 लाख नकद, 11 जमीन के डीड, 11 मोबाइल, दो लैपटॉप और एक टैब जब्त किया गया है। 

 इसी तरह नोवामुंडी अंचलाधिकारी मनोज कुमार के ठिकाने से धनबाद जिले में 4 डिसमिल और 6 डिसमिल जमीन के दो दस्तावेज, रांची में करीब 1.02 करोड़ का एक डुप्लेक्स संबंधी दस्तावेज और दो मोबाइल जब्त किए गए हैं। दोनों अफसरों के बैंक खातों के ब्योरे और पासबुक भी मिले हैं। दोनों झारखंड प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं और पूर्व में रांची के बड़गाईं अंचल में बतौर सीओ पोस्टेड रहे हैं। खास बात यह है कि दोनों अफसर बड़गाईं अंचल के बहुचर्चित जमीन घोटाले में ईडी के गवाह रहे हैं।

महीनों से वेतन के लिए भटक रही एक शिक्षिका की नहीं हो रही सुनबाई, कल्पना सोरेन तक लगाईं गुहार फिर भी नहीं बना काम


झा. डेस्क 

झारखण्ड की एक शिक्षिका वेतन के लिए महीनों से भटक रही है, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां तक की शिक्षिका ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन से भी गुहार लगायी है, लेकिन कहीं कोई फरियाद नहीं सुनी जा रही है। अब मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को घेरा है। उन्होंने शिक्षिका का आवेदन भी सोशल मीडिया हैंडल में पोस्ट किया है।

दरअसल ज्योति मुर्मू नाम की शिक्षिका उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशलुंडी गिरिडीह में पदस्थ है। उनकी पोस्टिंग स्कूलम 15 मार्च 2024 से हैं। ज्योति मुर्मू का वेतन फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई माह का अटका हुआ है। इस मामले में शिक्षिका ने डीसी और डीईओ दोनों के पास आवेदन किया, लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद शिक्षिका ने विधायक कल्पना सोरेन को भी आवेदन दिया, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली है।

इस मामले में बाबूलाल मरांडी ने करारा कटाक्ष किया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झामुमो-कांग्रेस सरकार को आदिवासी बेटियों से इतनी दुश्मनी क्यों है? तथाकथित अबुआ सरकार ने एक आदिवासी शिक्षिका का वेतन हेमंत सरकार ने पिछले 4 महीनों से रोक रखा है।

 गिरिडीह जिले के महेशलुण्डी में उत्क्रमित मध्य विद्यालय की शिक्षिका ज्योति मुर्मू के चार महीनों (फरवरी से मई) का वेतन हेमंत सरकार ने किसी कारणवश रोक रखा है, जिससे परिवार का भरन-पोषण दूभर हो गया है। 

पीड़ित शिक्षिका द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवेदन देने के बावजूद कोई कारवाई नहीं हुई है। हेमंत जी, आदिवासी बेटियां आपके शासन में लव जिहाद, दुष्कर्म, हत्या और मतांतरण जैसे जघन्य अपराध से लगातार पीड़ित हो रही हैं।

 आपसे अपराध नियंत्रण नहीं हो रहा, इसलिए कम से कम अपने कुशासन से तो उन्हें तंग मत करिए। एक आदिवासी शिक्षिका का वेतन रोककर सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। ये स्थिति शर्मनाक है। मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल ज्योति मुर्मू के लंबित वेतन का भुगतान सुनिश्चित करें।

जयराम की पार्टी जेकेएलएम पार्टी में टूट फुट शुरू,जानिए जयराम महतो का साथ छोड़ने वाले उनके साथियों का क्या है शिकायत...?

झारखंड डेस्क

विंधानसभा चुनाव नजदीक है।इस बार कई नई पार्टी भी चुनावी समर मन कूदने की तैयारी कर रही है।जिसमे जयराम महतो की पार्टी झारखंड क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा (जेकेएलएम) भी है।

 झारखंड भाषा और ख़ातियानी आंदोलन तथा सोशल मीडिया के प्रचारतंत्र से उपजे जयराम महतो ने लोकसभा में भी कुछ जगहों पर अपने कैंडिडेट खड़े किए।और अब विंधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी है।लोकसभा चुनावमें कुछ सीटों पर बेहतर प्रदर्शन ने जयराम के हौसले को बुलंद कर दिया और वे बड़े बड़े सपने देखने लगे।उनके सपने साकार हो या नही लेकिन मीडिया कवरेज खूब मिल रहा है।जयराम महतो ने दावा किया है कि वे नए तरह की राजनीति करेंगे।झारखंड के तकदीर और तदबीर भी बदलेंगे।गाड़ी के बोनट पर खड़े होकर भीड़ को सम्बोधित करने वाले जयराम महतो का क्रेज भी बहुत है,लेकिन अभी मैच्युरिटी का अभाव है।इसी लिए थोड़ी उपलब्धि भी उसे थोड़ा अभिमानी बना दिये और यही अभिमान उसे अपनो से अलग कर रहा है।

 अभी ताजा सूचना है कि जयराम महतो के पार्टी के दो बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की स्थिति कमजोर दिख रही है। पिछले दो दिनों में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष रिजवान अंसारी और केंद्रीय उपाध्यक्ष संजय मेहता ने जेकेएलएम छोड़ दिया है। रिजवान अंसारी पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे, जबकि संजय मेहता ने जयराम महतो पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।

संजय मेहता ने कहा कि जयराम महतो उन्हें ‘अपमानित’ कर रहे थे और उनके लोकसभा क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी नहीं देते थे। संजय ने कहा कि लगातार हो रही उपेक्षा के बाद उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया।

संजय मेहता का पार्टी छोड़ना जेकेएलएम के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में हजारीबाग से उन्होंने लगभग डेढ़ लाख वोट हासिल किए थे।

विधानसभा चुनाव महज दो महीने दूर हैं, ऐसे में पार्टी के भीतर मची उथल-पुथल जेकेएलएम के चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा जयराम महतो पार्टी को एकजुट करने और चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए क्या कदम उठाते हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जयराम महतो की पार्टी के कई बड़े नेता अगले कुछ दिनों में पार्टी छोड़ सकते है। ऐसी चर्चा है कि रांची लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले देवेंद्र नाथ महतो भी जयराम महतो से नाराज चल रहे हैं।

अब सवाल उठता है कि पार्टी के सभी उनके सहभागी ने इस आंदोलन में भीड़ जुटाने और जयराम महतो को नेता बनाने में भूमिका निभाई और मुकाम मिलने से पहले यह टूट फुट इस नई पार्टी को कहां टकले जाएगा यह तो समय बताएगा ,लेकिन जयराम के व्यवहार से पार्टी के कई लोग असंतुष्ट चल रहे हैं।