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देश की अखण्डता और एकता का प्रकल्प है तीर्थ-यात्राएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

उज्जैन में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालनालय की स्थापना के बाद प्रथम तीर्थ-यात्रा का हुआ शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने इन्दौर से वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर तीर्थ-यात्रा का किया शुभारम्भ उज्जैन से प्रभारी मंत्री टेटवाल सहित जन-प्रतिनिधियों ने तीर्थ-यात्रियों का स्वागत-सम्मान कर रवाना किया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सनातन धर्म में तीर्थ-यात्राओं का अत्यधिक महत्व है। हमारे देश की एकता और अखण्डता का प्रकल्प है तीर्थ यात्राएं। तीर्थ-दर्शन यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तीर्थ-यात्रा योजना ने चारों धाम और बारह ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का काम किया है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचालनालय उज्जैन में स्थानांतरित होने के बाद पहली मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा का शुभारम्भ उज्जैन से किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत की चारों दिशाओं को जोड़ने के लिये 1400 वर्ष पहले आदिगुरु शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना कर धार्मिक यात्राएं प्रारम्भ की थी। हमारे जीवन में जितना महत्व माता-पिता के आशीर्वाद, पुत्री के कन्यादान और पुत्र से प्राप्त मुखाग्नि का है, उतना ही महत्व तीर्थ दर्शन का भी है। तीर्थ हमारे पापों का नाश कर मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। हर गृहस्थ का सपना होता है कि वह अपनी आंखों से तीर्थों के दर्शन कर परमेश्वर से मोक्ष की कामना करे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव शनिवार को धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अन्तर्गत उज्जैन में आयोजित तीर्थ-यात्रा के शुभारम्भ कार्यक्रम को इन्दौर से वर्चुअली सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने हरी झंडी दिखाकर उज्जैन से काशी विश्वनाथ और अयोध्या के लिये तीर्थ-यात्रियों को रवाना किया। उन्होंने कहा कि हमारे चार धाम और बारह तीर्थ हमारी सनातन परम्परा के संवाहक और संस्कृति के अजर-अमर प्रमाण हैं। हमारी सरकार हमारे वृद्धजनों की आस्था को पूरा करने के लिये मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से उन्हें तीर्थ स्थलों की नि:शुल्क यात्रा करवा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन जिले के 300 तीर्थ-यात्रियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि देश की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये हम सदैव तत्पर हैं। व्यक्ति का आना-जाना लगा रहता है, परन्तु गृहस्थ जीवन में से कुछ समय निकाल कर तीर्थ-यात्रा करना सबसे बड़ा कार्य है। मध्यप्रदेश में तीर्थ करने के लिये ‘पीएमश्री हेलीकॉप्टर सेवा’ भी प्रारम्भ की गई है। इसी तरह गंभीर बीमार व्यक्ति की जान बचाने के लिये एयर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ का निर्माण इन्दौर की लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने करवाया था। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने उज्जैन जिले के चार तीर्थ-यात्रियों ग्राम अजलाना के प्रभुलाल, बड़नगर की गीताबाई राठौर, नागदा निवासी शंभुलाल एवं कमल सिंह राठौर से वर्चुअली मालवी बोली में आत्मीय संवाद किया और तीर्थ-यात्रा के लिये शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रियों की सभी व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जायेंगी। उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री टेटवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश के वृद्धजनों को तीर्थ-यात्राएं करा रहे हैं, जो वृद्धजन किसी कारणवश धार्मिक तीर्थ-यात्रा पर नहीं जा पाये हैं, उनके लिये राज्य सरकार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अन्तर्गत ट्रेन से नि:शुल्क यात्रा करवा रही है। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां हवाई सेवा और ट्रेन सेवा के माध्यम से वरिष्ठजनों को नि:शुल्क तीर्थ-यात्रा कराई जा रही है। सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव श्रवण कुमार की भूमिका में हैं। सनातन धर्म में तीर्थ-दर्शन महत्वपूर्ण है। सरकार वृद्धजनों को नि:शुल्क तीर्थ कराने के साथ बेटियों के कन्यादान, आयुष्मान योजना के माध्यम से 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, रहने के लिये आवास, ऐसी अनेक योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही आयुष्मान कार्ड बनाने का अभियान भी चलाया जायेगा, जिससे पात्र पीड़ित व्यक्ति को 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में सरकार द्वारा कराया जा सकेगा। विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने कहा कि राज्य सरकार की तीर्थ-दर्शन योजना का निर्णय प्रशंसनीय है, जो वृद्धजनों को तीर्थ-यात्रा करा रहे हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना में देश के विभिन्न राज्यों में स्थित धार्मिक एवं तीर्थ स्थलों पर 60 वर्ष से अधिक के वृद्धजनों को नि:शुल्क यात्रा एवं दर्शन करवाने की व्यवस्था की जाती है। उज्जैन से काशी विश्वनाथ की यात्रा की वापसी 26 सितम्बर को होगी। उज्जैन जिले के 300 यात्री काशी की यात्रा पर रवाना हुए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बडिया कीमा गाँव पहुँचे और स्व. छत्रपाल सिंह को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज बडिया कीमा गाँव पहुँचकर स्व. छत्रपाल सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विधायक मधु वर्मा और भानु प्रताप सिंह तथा अन्य परिजन से भेंट कर शोक संवेदना व्यक्त की।
प्रदेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के लिए किए जाएंगे विशेष प्रयास - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

दुग्ध उत्पादों का विकास कर प्रदेश को नंबर वन बनाएंगे सांची ब्रान्ड को और सशक्त बनाया जाएगा मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर में सांची दुग्ध प्लांट में आयोजित कर्मचारी संवाद कार्यक्रम में हुए शामिल सांची दुग्ध संघ प्लांट का किया निरीक्षण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सांची दुग्ध संघ एवं कर्मचारियों को समितियों के माध्यम से सशक्त करते हुए प्रदेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। सांची दुग्ध संघ के किसी भी कर्मचारी अथवा आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। प्रदेश में वर्तमान दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने के लिये विशेष प्रयास किये जाएंगे। सांची ब्रान्ड को और सशक्त बनाया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर में मांगलिया स्थित सांची दुग्ध प्लांट में आयोजित कर्मचारी संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सांची दुग्ध संघ के प्लांट का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण प्रेम से गोपाल कहलाए। उन्होंने गौमाता के प्रति प्रेम के कारण जीवन भर गोपाल कहलाने में आनंद महसूस किया। उन्होंने अपने मुकुट पर मोर पंख को स्थान दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने गौमाता को सदैव महत्व दिया। उन्होंने पशुपालन से जुड़कर आय के साधन के साथ-साथ जीवन अमृत (दुग्ध) से जुड़ने का संकेत दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार हर वर्ग के विकास के लिए विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 51 हजार से अधिक गांव हैं। बावजूद इसके दुग्ध उत्पादन में हम अन्य प्रदेशों के मुकाबले पीछे हैं। मध्यप्रदेश को दूध उत्पादन एवं उससे निर्मित होने वाले उत्पादों का विकास कर दुग्ध उत्पादन में नंबर वन बनाएंगे। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन और इनसे जुड़ी सहकारी समितियों को सशक्त किया जाएगा। सांची दुग्ध संघ के किसी भी कर्मचारी को वीआरएस नहीं लेना पड़ेगा तथा आउटसोर्स के किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाला जायेगा। दुग्ध संघ को सशक्त बनाने के लिए इन कर्मचारियों को इसका सहभागी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाते हुए इसके टर्न ओवर में बढ़ोत्तरी के ‍‍लिये भी विशेष प्रयास किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में दूध खरीदी पर पशुपालकों को बोनस दिया जाएगा। दुग्ध संघ की वर्तमान समितियों की क्षमता का विकास करेंगे तथा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के साथ साँची दुग्ध और उसके उत्पादों की खपत को बढ़ाने के लिये विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नेशनल डेयरी डेवलपमेंट से एमओयू किया गया है। सहकारिता के माध्यम से सांची ब्रान्ड को और सशक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में कृषि विकास दर 25 प्रतिशत हुई है। पशुपालन को और अधिक बढ़ावा देने के लिये नई योजना में 10 से ज्यादा गायों का पालन करने वाले पशुपालकों को पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन पर अनुदान का लाभ देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा प्रदेश में बूढ़े पशुधन के संरक्षण के लिये उन्हें गौ-शालाओं में रखा जा रहा है। गौ-शालाओं का अनुदान भी बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों के दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हेतु विशेष सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दुग्ध संघ के कर्मचारियों से संवाद किया तथा उन्हें हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को साँची दुग्ध संघ की ओर से प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, सांसद शंकर लालवानी, विधायकगण मालिनी गौड़, मधु वर्मा, मनोज पटेल तथा गोलू शुक्ला, गौरव रणदिवे, दुग्ध संघ अध्यक्ष मोती सिंह पटेल, दुग्ध संघ कर्मचारी एवं गणमान्य जन उपस्थित थे। सांची दुग्ध संघ के एम.डी. डॉ. सतीश कुमार एस. ने दुग्ध संघ के कार्यों की जानकारी दी
भगवान विश्वकर्मा के जयकारों से गुंजायमान होगी राजधानी, घरों से कारखानों तक में पूजे जाएंगे निर्माण के देवता हवन, पूजन, चल समारोह,

कलश यात्रा समेत होंगे वैदिक अनुष्ठान भारत भूषण। 7400794801 भोपाल। 17 सितंबर को पूरे भारत में निर्माण और शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा के पूजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन निर्माण, शिल्प कला और अभियांत्रिकी सेवाओं से जुड़े हर वर्ग के लोग अपने घरों और कारखानों में आदिदेव भगवान विश्वकर्मा का प्रतिरूप मानकर मशीनों तथा औजारों की पूजा करते हैं।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी विश्वकर्मा पूजन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है, शहर के भेल और गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित कारखानों व फैक्ट्रियों में धूमधाम से भगवान विश्वकर्मा की सामूहिक पूजन का आयोजन किया जाता है। विश्वकर्मा पूजन के इस क्रम में राजधानी में निवासरत विश्वकर्मा समाज भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती है और बड़े उत्साह और उमंग से अपने आराध्य देव का पूजन दिवस मनाती है। भोपाल में भगवान विश्वकर्मा को समर्पित कुछ मंदिरों में पूजन दिवस की पूर्व संध्या से ही भजन संध्या रात्रि जागरण से कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं, तो कई मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देवदर्शन को उमड़ पड़ती है। इस वर्ष भी राजधानी में विश्वकर्मा पूजन के उपलक्ष्य में जगह-जगह विभिन्न आयोजन किये जा रहे हैं।

भोपाल के प्राचीन विश्वकर्मा मंदिरों में से एक भगवान श्री विश्वकर्मा म॑दिर बटट्लाल सूरज बाई न्यास में विश्वकर्मा पूजन की पूर्व संध्या को भजन कीर्तन शाम 6 बजे से आरंभ होगा। भगवान विश्वकर्मा का अभीषेक एवं पूजन रात्रि 8 बजे तथा महा आरती 17 सितंबर को सुबह 11 बजे सम्पन्न होगी। दोपहर में हवन पूजन एवं आरती महा प्रसादी हलवा का भोग अर्पित किया जाएगा। न्यास के पदाधिकारियों ने मीडिया के माध्यम से समाजजनों से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।

श्री विश्वकर्मा समाज सेवा समिति के संस्थापक तथा मध्यप्रदेश के वरिष्ठ समाजसेवी अवध नारायण विश्वकर्मा ने बताया कि, समिति द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आराध्य देव भगवान विश्वकर्मा का पूजन दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। समिति के अध्यक्ष महेंद्र विश्वकर्मा "रामू भैया" के अनुसार करोंद चौराहा स्थित हनुमान मंदिर के हाल में सुबह 8 बजे भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर विशेष अभिषेक किया जाएगा। वैदिक अनुष्ठान संपन्न होने के उपरांत 11 बजे से हवन पूजन के बाद महा आरती और प्रसादी वितरण किया जाएगा। इसके बाद बड़ी संख्या में समाज बंधुओ की उपस्थिति में भगवान विश्वकर्मा की शोभायात्रा निकाली जाएगी, शोभायात्रा में मातृशक्ति और युवाओं की खासी संख्या शामिल होगी।

विश्वकर्मा पूजन दिवस को अयोध्या बायपास रोड स्थित विश्वकर्मा मंदिर में भी धूमधाम से मनाया जाएगा, जानकारी साझा करते हुए विश्वकर्मा विकास उत्सव समिति के सुरेश विश्वकर्मा ने बताया कि गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में सम्मिलित रहेंगीं और अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम अवध विश्वकर्मा की अध्यक्षता में आयोजन सम्पन्न होगा। उन्होंने बताया कि प्रातः 09 बजे से भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर हवन आरती की जाएगी, चल समारोह दोपहर 1 बजे मंदिर से प्रारंभ होगा। चल समारोह क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से होते हुए मंदिर पर वापस आकर सम्पन्न होगा, तत्पश्चात महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा।

भगवान विश्वकर्मा मंदिर बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) में भी विश्वकर्मा समाज के युवाओं द्वारा भव्य आयोजन की तैयारी की जा रही है। अध्यक्ष राजेश विश्वकर्मा एवं संयोजक सुनील विश्वकर्मा के अनुसार सोमवार की शाम भजन संध्या एवं जागरण के माध्यम से देवशिल्पी विश्वकर्मा की आराधना की जाएगी। पूजन दिवस मंगलवार को सुबह 10 बजे से मंदिर में हवन पूजन कार्यक्रम एवं 12 से 1 बजे तक अतिथि स्वागत किया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संत श्री 1008 महामंडलेश्वर उज्जैन स्वामी भागवतानंद महाराज (भगवान बापू) क्रांतिकारी सन्त तरुण मुरारी बापू सारंगपुर एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा होंगे। दोपहर 1 बजे बैरागढ़ मंदिर से चल समारोह एवं कलश यात्रा प्रारंभ होगी जो बैरागढ़ थाने से होते हुए विश्वकर्मा मंदिर पर सम्पन्न होगी। अध्यक्ष राजेश विश्वकर्मा एवं कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सुनील विश्वकर्म ने बताया कि कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति रहेगी।

माँ कंकाली धाम गुदावल प्रांगण में निर्मित भव्य विश्वकर्मा मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी पारंपरिक तरीके से भगवान विश्वकर्मा को पूजा जाएगा। संयोजक संतोष विश्वकर्मा ने बताया कि सुबह से ही दूर दूर के श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं, उनकी सुविधा को देखते हुए सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू कर दिए जाएंगे। विद्वान ब्राह्मणों द्वारा सम्पन्न होने वाले वैदिक अनुष्ठान में कई गणमान्य नागरिक सम्मिलित रहेंगे। संतोष विश्वकर्मा के अनुसार हवन पूजन आदि के बाद महाप्रसादी वितरण किया जाएगा।

श्री विश्वकर्मा एकता समिति एकता पुरी सेमरा का पूजन अभिषेक कार्यक्रम सुबह 8 बजे आरंभ होगा, हवन के बाद महाआरती एवं प्रसाद वितरण सम्पन्न होगा। इसके बाद मंदिर प्रांगण से भव्य झांकी चल समारोह के रूप में निकाली जाएगी, जो सेमरा चौराहा, रेल्वे स्टेशन विश्वकर्म चौराहा से होकर इमामी गेट स्थित विश्वकर्मा मंदिर के भव्य आयोजन में शामिल होगा।

विश्वकर्मा युवा संगठन सेमरा द्वारा भव्य शोभायात्रा भगवान विश्वकर्मा मंदिर एकता पुरी से सुबह 10 बजे प्रारंभ होगी। संस्थापक महेश विश्वकर्मा तथा अध्यक्ष हरिसिंह विश्वकर्मा ने बताया कि शोभायात्रा को समाज के वरिष्ठ नेता, क्षेत्रीय पार्षद पूजा अर्चना कर प्रांरभ करायेंगे जिसमें ढोल नगाड़ों धर्म ध्वजा और डीजे के साथ रायसेन से बुलाई गई लगेंगी पार्टी भी चल समारोह में अपनी कला का प्रर्दशन करेगी।

आयोजन में सामाजिक महिलाओं द्वारा गरबा नृत्य प्रस्तुति के माध्यम से आराध्य देव की उपासना की जाएगी। शोभायात्रा एकता पुरी से सेमरा, दुर्गा नगर, बाबू कालोनी, विजय नगर, चाँदबड़ होते हुए स्टेशन पर महाआरती के बाद भगवान विश्वकर्मा मंदिर भवानी चोक पीरगेट पर मुख्य आयोजन में शामिल होगी ।

भगवान विश्वकर्मा की आराधना के क्रम में कोलार रोड के कजली खेड़ा में हरिओम विश्वकर्मा के नेतृत्व में सुबह 7 बजे से भगवान विश्वकर्मा का अभिषेक होगा 8 बजे महा आरती एवं हवन पूजन के पश्चात 11 से प्रसाद वितरण किया जाएगा। इसके बाद बड़ी संख्या में समाज बंधु 12 बजे बाइक रैली के रूप में विश्वकर्मा मंदिर पीरगेट जे लिए प्रस्थान करेंगे। यहाँ पहुंचकर सभी समाजजन चल समारोह में सम्मिलित होंगे।

राज्यपाल को ध्वज दिवस पर लगाए गए ध्वज


राज्यपाल मंगुभाई पटेल को ध्वज दिवस पर समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी ने राजभवन पहुंचकर ध्वज लगाये। राज्यपाल पटेल ने संस्थाओं को दिव्यांगजन पुनर्वास कार्य के लिये सहयोग राशि के चेक भेंट किये।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल से ध्वज दिवस पर नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड भोपाल और द ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन भोपाल के पदाधिकारियों ने राजभवन पहुंच कर भेंट की। राज्यपाल को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया और ध्वज लगाया।

इस अवसर पर नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड भोपाल के अध्यक्ष एम.एस. खान और द ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन भोपाल के अध्यक्ष नासिर हुसैन और संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

इंदौर में एयरपोर्ट की तर्ज पर बन रहे सर्वसुविधायुक्त एवं वातानुकूलित अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल दिसम्बर माह में होगा शुरू - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर के कुमेड़ी में एयरपोर्ट की तर्ज पर बन रहे सर्वसुविधायुक्त, वातानुकूलित तथा मध्यप्रदेश के सबसे बड़े अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) की सुविधा दिसम्बर माह से मिलना शुरू हो जयेगी। इस बस टर्मिनल से इंदौर और मध्यप्रदेश का देश में गौरव बढ़ेगा। उन्होंने यह बात शनिवार को यहां बस टर्मिनल के निरीक्षण के दौरान कही। उन्होंने बताया कि इंदौर के कुमेड़ी क्षेत्र में 15 एकड़ क्षेत्रफल में 101 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) बनाया जा रहा है। यह बस टर्मिनल आगामी दिसंबर माह में बनकर तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार प्रदेश में तेजी से विकास कर रही है। प्रदेश के चहुंमुखी विकास की ओर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बस टर्मिनल सिंहस्थ के लिये भी बड़ी सौगात होगा। इससे यात्रियों को बेहतर आवागमन सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने टर्मिनल से जुड़े जन-प्रतिनिधियों, जिला प्रशासन तथा इंदौर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के कार्यों की सराहना कर बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टर्मिनल के सामने ही बन रहे मेट्रो रेल स्टेशन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मेट्रो का कार्य भी तेज गति से करते हुए पूरा करने के निर्देश दिये। 

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, मधु वर्मा, मनोज पटेल और गोलू शुक्ला, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, अनुसूचित जाति वित्त ‍विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, गौरव रणदिवे, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.पी. अहिरवार सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि गण मौजूद थे।

बस टर्मिनल की विशेषताएँ

इंदौर के नवनिर्मित अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) पर लगभग 1440 बसें 24 घंटे में आयेंगी। बस टर्मिनल पूर्णतः वातानुकूलित व सर्वसुविधायुक्त बनेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए 14 टिकट काउन्टर रहेंगे। लगभग 1000 वाहनों की पार्किंग सुविधा भी रहेगी। यहाँ से गुजरात, राजस्थान, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सागर आदि स्थानों के लिए बसें जाएंगी। कुल 43 बस प्लेटफार्म निर्मित किये गये हैं, जिसमें 28 प्लेटफार्म जाने वाली बसों के लिए एवं 15 प्लेटफार्म आने वाली बसों के लिए निर्धारित हैं। टर्मिनल बिल्डिंग में प्रतिदिन 80 हजार यात्रियों का आवागमन प्रस्तावित है, जिसमें व्यस्ततम समय में भी लगभग 8 हजार व्यक्ति एक साथ आवागमन कर सकेंगें। यात्री बसों के आगमन एवं निर्गमन के लिये पृथक-पृथक द्वार बनाये गये हैं।

आईएसबीटी परिसर में लगभग 600 दो पहिया वाहन, 160 टैक्सी कार, 150 आटो-रिक्शा एवं लगभग 50 प्रायवेट कारों के लिए पृथक से पार्किंग की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त लगभग 315 चार पहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था तल घर में भी है। पार्किंग स्थल पर दो सुलभ शौचालय का निर्माण भी किया गया है।

यात्रियों की सुविधाओं का रखा गया विशेष ध्यान

टर्मिनल बिल्डिंग में 500 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है एवं एयरपोर्ट के समान वीआईपी लाउंज का भी निर्माण किया गया है। टर्मिनल ब्लॉक में टिकिट काउंटर, पूछताछ कार्यालय, पुलिस चौकी, मेडिकल रूम एवं क्लॉक रूम की व्यवस्था गई है। संपूर्ण टर्मिनल बिल्डिंग में एयरपोर्ट की तरह एयर कुलिंग सिस्टम रहेगा जो कि प्रदेश के किसी भी आईएसबीटी में नहीं है। यात्रियों की सुविधा के लिये 16 रेस्टोरेन्ट, 37 दुकानें, 33 कार्यालय भवन एवं 2 एटीएम का भी निर्माण किया गया है। आईएसबीटी को मेट्रो स्टेशन से भी सीधे जोड़ा गया है, जिससे मेट्रो के यात्री सीधे बस स्टैण्ड परिसर में एवं बस के यात्री सीधे मेट्रो स्टेशन पहुंच सकेंगें। आवागमन की सुविधा के लिये आईएसबीटी के सामने 75 मीटर चौड़ा एमआर-10 एवं तीन तरफ 30 मीटर चौड़े रोड बनाये गये हैं। परिसर में वर्षा जल के रिचार्जिंग की व्यवस्था भी की गई है।

अनुशासित और संयमित रहकर आदर्श नागरिक बने विद्यार्थी : मंगुभाई पटेल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विद्यार्थी अनुशासित और संयमित रह कर आदर्श नागरिक बने। अपने जीवन और शिक्षा की यात्रा में उपयोगी चीजों को ही महत्व दे। नैतिकता, अनुशासन और एकाग्रता को भंग करने वाली गतिविधियों से दूर रहे। राज्यपाल पटेल मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल में आयोजित तूर्यनाद- 24 महोत्सव के शुभारम्भ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि भारत की इतिहास और संस्कृति में सेवा और संस्कारों की महान सीख विद्यमान है। विद्यार्थी अपने माता-पिता और गुरुजनों का हमेशा आदर करे। उनकी सीख और एहसानों के प्रति जीवन भर आभारी रहे। हमेशा परिवार, समाज और राष्ट्र के सम्मान को बढ़ाने वाले काम करे। 

भारतीय परम्पराओं से जुड़े रहे युवा

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि युवा, तकनीकी ज्ञान के साथ भारत की ऐतिहासिक और गौरवशाली परम्पराओं से जुड़े रहें, क्योंकि विकास के लिए तकनीकी प्रगति जितनी महत्वपूर्ण है, उतनी ही सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और भाषायी प्रगति भी जरूरी है। सांस्कृतिक और भाषायी प्रगति के बिना तकनीकी प्रगति अधूरी है। उन्होंने कहा कि जीवन में वैज्ञानिक और व्यावसायिक उपलब्धियों और चुनौतियों के बीच व्यावहारिक ताल-मेल स्थापित करना होगा। यही समन्वय हमें वास्तविक आनन्द प्रदान करता है। समर्पण, संवेदनशीलता और सेवा के गुण, मानवता के विकास के हमेशा आधार रहे हैं।

शिक्षक, भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कारों से दीक्षित करे

 राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने संस्थान के शिक्षकों से कहा कि छात्रों को भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कारों से दीक्षित करे। विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र विकास की जरूरतों और चुनौतियों के समाधान खोजने और वंचित वर्गों की क्षमता विकास में सहयोग की प्रेरणा दे। उन्हें हमारें भौगोलिक, पारिस्थितिक, आर्थिक, सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश तथा समसामयिक चुनौतियों के समाधान में योगदान के लिए प्रोत्साहित करे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों के संस्कारों में जड़ से जग तक, मनुज से मानवता तक और अतीत से आधुनिकता तक, सभी पहलुओं का समावेश होना आवश्यक है। शिक्षक नई शिक्षा नीति के आलोक में तकनीकी दक्षता राष्ट्रीय, सामाजिक चुनौतियों के समाधान खोजने के प्रयासों करे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल का कार्यक्रम में पौधा भेंट कर स्वागत और शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। तूर्यनाद-24 महोत्सव की संयोजक सविता दीक्षित ने स्वागत उद्बोधन दिया। मेनिट के निदेशक डॉ. के.के. शुक्ल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप संस्थान की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। अधिष्ठाता छात्र कल्याण शैलेन्द्र जैन ने महोत्सव की रूपरेखा प्रस्तुत की। आभार छात्र संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र जाट ने व्यक्त किया। शुभारम्भ कार्यक्रम में संस्थान के अधिष्ठातागण और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे थे।

महेश्वर में होगी मंत्रि-परिषद की बैठक - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म शताब्दी वर्ष में उनके प्रति सम्मान के प्रकटीकरण के लिए मंत्रि-परिषद की बैठक महेश्वर में आयोजित की जाएगी। देवी अहिल्या की न्यायप्रियता, शासन-प्रशासन में नवाचार, लोक कल्याण सहित उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व व कृतित्व पर शोध केलिए देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर में शोध पीठ स्थापित की जाएगी। देवी अहिल्या से जुड़ी ऐतिहासिक सामग्री के संकलन के लिए अभियान चलाया जाएगा। मध्यप्रदेश पुलिस की बटालियन का नाम भी देवी अहिल्याबाई पर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बटालियनों के नाम महापुरूषों के नाम पर रखने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्मशताब्दी के आयोजन के लिए गठित समारोह समिति की सुशासन भवन में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।

बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, परिवहन तथा स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में समिति के सदस्यगण ने आयोजन के संबंध में सुझाव रखे।

विधवा विवाह को प्रोत्साहन, खासगी प्रथा तथा माहेश्वरी साड़ी निर्माण में महिलाओं को जोड़ना महिला सशक्तिकरण का प्रतीक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर प्रसिद्ध तीर्थों और धार्मिक स्थानों में मंदिर, घाट, कुंए और बावड़ियों का निर्माण कराया तथा अन्न क्षेत्र का भी संचालन किया। उनका शासनकाल न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही महिला सशक्तिकरण के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी प्रासंगिक हैं। भारतीय जनमानस में उनके श्रेष्ठ, उत्तम और धर्म प्रधान गुणों की छाप विद्यमान है।

विधवा विवाह को प्रोत्साहन व खासगी प्रथा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य के उदाहरण हैं। माहेश्वरी साड़ियां बनाने से स्थानीय महिलाओं को जोड़कर उन्होंने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वें जन्मशताब्दी वर्ष पर उत्सवों के आयोजन के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों का प्रकटीकरण किया जाए। इसके लिए शाला, महाविद्यालय, सार्वजनिक स्थलों पर गतिविधियों के साथ-साथ मीडिया के विभिन्न माध्यमों से देवी अहिल्याबाई होलकर से संबंधित जानकारियों का प्रसार किया जाए। लोकमाता देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व व कृतित्व को समग्र रूप से नई पीढ़ी के सामने लाया जाए।

जन्म शताब्दी वर्ष के लिए प्राप्त हुए समिति सदस्यों के सुझाव

बैठक में आगामी गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम लोकमाता देवी अहिल्याबाई को समर्पित करने, ग्रामीण स्तर पर महिला नेतृत्व को चिन्हित कर पंचायत स्तर पर देवी अहिल्याबाई के नाम पर उन्हें सम्मानित करने, देवी अहिल्या की मोढ़ी लिपि में विद्यमान प्रशासनिक व साहित्यिक सामग्री का हिंदी व अंग्रेजी में अनुवाद करवाने, उन पर केन्द्रित स्मारिका प्रकाशित करवाने, शाला और महाविद्यालय स्तर पर देवी अहिल्याबाई पर केन्द्रित अकादमिक गतिविधियां संचालित करने, पाठ्यक्रम में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर पाठ का समावेश करने, शालाओं में छात्राओं के लिए आत्मरक्षा का पीरियड आरंभ करने, देवी अहिल्याबाई पर जाणता राजा के समान भव्य नाट्य प्रस्तुति तैयार कराने संबंधी सुझाव प्राप्त हुए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नगरीय निकाय उप चुनाव में मिली विजय के लिए मतदाताओं का आभार माना


भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नगरीय‍ निकाय उप चुनाव में मिली विजय के‍ लिए मतदाताओं का आभार माना है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और मध्यप्रदेश तेज गति से विकास की ओर अग्रसर हैं। इस विकास गति को तेजी देने की जो ऊर्जा राज्य सरकार को मिल रही है, वह हमारी जनता जनार्दन और उसका विश्वास है। जनता का आशीर्वाद, प्यार और स्नेह लगातार मिल रहा है, जो दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। उसी आशीर्वाद और विश्वास का ही परिणाम है कि आज फिर नगरीय निकायों के उप चुनावों हमें भारी बहुमत से विजय प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों में कुल 19 पार्षदों के उप चुनाव हुए थे, जिनमें से हमारी पार्टी के 13 पार्षद विजयी हुए हैं। मैं अपनी ओर से जीते हुए सभी प्रत्याशियों को बहुत बधाई एवं मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं। सरकार आपके हितों पर कभी आंच नहीं आने देगी, आपके विश्वास पर हर कदम खरा उतरने का हम प्रयास करेंगे। राज्य सरकार के लिए सत्ता साध्य नहीं, साधन है, हमारे लिए जनसेवा ही सर्वोपरि है।

राजा भोज की स्मृति में होगा भोज महोत्सव - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

राजा भोज के कृतित्व और व्यक्तित्व को जनसामान्य के सम्मुख लाने के लिए होंगे विविध कार्यक्रम भोपाल नगर सीमा पर करें राजा भोज द्वार का निर्माण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोक कल्याण, अभियांत्रिकी, लेखन और शौर्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले राजा भोज के कृतित्व और व्यक्तित्व से जनसामान्य को परिचित करवाया जाएगा। राजा भोज की स्मृति में भोपाल में तीन दिवसीय भोज देव महोत्सव भी होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज इस महोत्सव की रूपरेखा के संबंध में मंत्रीगण की उपस्थिति में संस्कृति और अन्य संबंधित विभागों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदर्शनी, फिल्म प्रदर्शन, नाट्य मंचन, संगीत कार्यक्रमों और पुस्तकों के प्रदर्शन के माध्यम से राजा भोज का योगदान प्रदर्शित किया जाए। धार से लेकर भोपाल और अन्य क्षेत्रों में राजा भोज द्वारा सरोवर निर्माण एवं बांध निर्माण के लोकोपयोगी कार्य किए गए। उन्होंने लगभग सवा सौ कृतियां भी लिखी हैं। राजा भोज के हस्तलिखित पत्र और अन्य संग्रहित वस्तुओं को भी जनसामान्य के सामने लाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजा भोज के कार्यों पर फैलोशिप प्रदान करने और अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजा भोज की पहचान भोपाल से जुड़ी है। उनके नाम से भोपाल नगर सीमा पर एक या एकाधिक राजा भोज द्वार भी निर्मित किए जाएं। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।