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हेल्थ:विटामिन डी की कमी से शरीर में हो सकते है,कई जाने इसके लक्षण और बचाव।

विटामिन-डी एक ऐसा महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह न केवल हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखता है, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी सक्रिय रखता है। यदि शरीर में विटामिन-डी की कमी हो जाए, तो यह कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए जानें कैसे विटामिन-डी की कमी शरीर में हड़कंप मचा सकती है:

1. हड्डियों की कमजोरी और दर्द

विटामिन-डी का मुख्य काम शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण को बढ़ावा देना है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यदि शरीर में विटामिन-डी की कमी हो जाए, तो हड्डियों में दर्द, थकान, और कमजोरी महसूस हो सकती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट्स जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

2. मांसपेशियों में अकड़न और कमजोरी

विटामिन-डी मांसपेशियों के कामकाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में अकड़न, कमजोरी, और दर्द महसूस हो सकता है। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे तो व्यक्ति का चलना-फिरना भी कठिन हो सकता है।

3. इम्यून सिस्टम की कमजोरी

विटामिन-डी शरीर के इम्यून सिस्टम को सही ढंग से काम करने में मदद करता है। इसकी कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे व्यक्ति बार-बार बीमारियों का शिकार हो सकता है, जैसे सर्दी, फ्लू, और अन्य संक्रमण।

4. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

शोध से पता चला है कि विटामिन-डी की कमी का मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। यह अवसाद (डिप्रेशन), चिंता (एंग्जायटी), और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।

5. दिल की बीमारियों का खतरा

विटामिन-डी की कमी से हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन-डी का निम्न स्तर दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।

6. थकान और नींद की समस्या

विटामिन-डी की कमी से शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है, जिससे व्यक्ति को लगातार थकान महसूस होती है। इसके अलावा, नींद न आना या बार-बार नींद टूटने की समस्या भी हो सकती है।

विटामिन-डी की कमी से बचाव के उपाय

धूप में समय बिताएं: विटामिन-डी का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत सूरज की रोशनी है। प्रतिदिन सुबह या शाम के समय कम से कम 20-30 मिनट धूप में रहना चाहिए।

संतुलित आहार: विटामिन-डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि अंडे, मशरूम, फोर्टिफाइड दूध, और फैटी फिश (सामन, टूना)।

सप्लिमेंट्स: यदि शरीर में विटामिन-डी की कमी है, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन-डी सप्लिमेंट्स लेना चाहिए।

व्यायाम: नियमित शारीरिक व्यायाम से मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती बनी रहती है और विटामिन-डी के लाभ अधिक मिलते हैं।

निष्कर्ष

विटामिन-डी की कमी शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है और इसके दीर्घकालिक प्रभाव गंभीर हो सकते हैं। उचित धूप, संतुलित आहार और समय-समय पर हेल्थ चेकअप से आप इस कमी को दूर कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकते हैं।

हेल्थ टिप्स: क्या आप भी आटा गूंथ कर फ्रिज में रखती है तो हो जाइए सावधान हो सकती है 3 गंभीर समस्याएं! जानें कितनी देर रखा आटा हो जाता है जहरीला

दिल्ली:आज कल के इस भागदौड़ वाली जिंदगी में हर कोई कुछ भी काम एक ही बार में निपटा कर रखना चाहता है। सुबह के वक्त की सब्जी बनाने के लिए रात को ही सब्जी काट कर रख लेते हैं या फिर सुबह देर न हो जाए उसके लिए आटा गूंथ कर फ्रिज में रख लेते हैं? अगर ऐसा है तो आप निश्चित ही अपने स्वास्थ्य के लिए एक खतरा पैदा कर रहे हैं। कहीं न कहीं हमारी व्यस्त जीवनशैली ही इसका एक सबसे बड़ा कारण है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहा है।

क्या आपने कभी सोचा है कि रात को ही आटा गूंथ कर रख लेने से और सुबह में उस आटे की रोटियां खाना आपके स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। नहीं तो आपको बता दें कि रात का गूंथा हुआ आटा आपकी सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है और कितनी देर का रखा आटा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

कितनी देर का रखा आटा न खाएं

ज्यादातर न्यूट्रिशिनिस्ट लोगों को हमेशा ताजे आटे से बनी रोटी ही खाने की सलाह देते हैं क्योंकि आप तभी इसके पौष्टिक गुणों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जब तक आटा ताजा है। लेकिन जब आप आटा गूंथ कर फ्रिज में करीब 6-7 घंटे तक रखकर छोड़ देते हैं तो आटे में रासायनिक पदार्थ बनने लगते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए गूंथे हुए आटेको भूलकर भी इतने घंटे तक फ्रिज में नहीं रखना चाहिए।

क्यों हानिकारक है फ्रिज में आटा रखना

आटे को गूंथ कर फ्रिज में रखने से उसमें फ्रिज के भीतर बनने वाली गैस और हानिकारक किरणें आटे में घुस जाती है, जिससे आटे में विषाक्त गुण पैदा हो जाते हैं। अगर आप आटे को ठीक से स्टोर नहीं करते हैं तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी परेशानी पैदा कर सकता है। इतना ही नहीं ज्यादा देर तक रखे आटे की रोटी भी खराब बनती है। इसलिए इन सभी जोखिम कारकों से बचने के लिए और आटे के प्राकृतिक स्वाद को बनाए रखने के लिए ताजा गूंथे हुए आटे का ही प्रयोग करें।

आटे में बनने लगते हैं बैक्टीरिया

अगर आपकी ये आदत बन चुकी है कि आप रात को ही आटा गूंथ कर फ्रिज में रख लेते हैं या फिर बाहर ही छोड़ देते हैं तो ऐसी गलती बिल्कुल न करें क्योंकि गर्मियों में ज्यादा देर तक रखे आटे में बैक्टीरिया बनना शुरू हो जाते हैं, जिसकी वजह से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है।

पेट संबंधी समस्याएं

गूंथे हुए आटे को फ्रिज में रखने से उसमें हानिकारक रसायनिक रिएक्शन होने लगते हैं, जिसकी वजह से आटे में मायकोटॉक्सिन बढ़ सकते हैं। ये टॉक्सिन्स आपकी आंतों के स्वास्थ्य को बिगाड़ते हैं, जिसकी वजह से आप एसिडिटी, अपच और पेट दर्द की परेशानीका शिकार हो सकते हैं। इतना ही नहीं आटे में लगी फफूंद की वजह से आप फंगल इंफेक्शन का भी शिकार हो सकते हैं।

पोषक तत्वों की कमी

जब भी आप ताजे आटे की रोटी खाएंगे और बासी आटे की रोटी खाएंगे तो आपको स्वाद में फर्क के साथ-साथ पोषक तत्वों में भी अंतर रहेगा। फ्रिज में रखे हुए आटे की रोटी खाने से आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और ये कमी आगे चलकर आपको बीमार बनाने के लिए काफी है। इसलिए ताजे आटे की रोटी ही खाना फायदेमंद होता है।

शंखपुष्पी: माइग्रेन से राहत, मेमोरी बूस्ट और मानसिक शांति देने वाला करामाती पौधा


प्रकृति में कई ऐसे अद्भुत पौधे पाए जाते हैं जिनमें छिपी होती हैं औषधीय गुणों की भरमार। ऐसा ही एक चमत्कारी पौधा है 'नीले फूल' वाला शंखपुष्पी (Clitoria Ternatea)। यह पौधा सिर्फ अपनी सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जा रहा है। शंखपुष्पी न सिर्फ माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है, बल्कि यह आपकी याददाश्त को भी तेज करने में सक्षम है। आइए, इस नीले फूल वाले पौधे के गुणों और इसके उपयोग के बारे में विस्तार से जानें।

1. माइग्रेन में राहत देने वाला

माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जो सिर में असहनीय दर्द का कारण बनती है। इस दर्द से राहत पाने के लिए कई दवाइयाँ तो हैं, लेकिन प्राकृतिक उपाय भी कारगर होते हैं। शंखपुष्पी में एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) गुण होते हैं, जो सिरदर्द, खासकर माइग्रेन में राहत देते हैं। यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और रक्त प्रवाह को संतुलित करता है, जिससे सिरदर्द कम होता है।

2. याददाश्त और मस्तिष्क के लिए फायदेमंद

शंखपुष्पी का उपयोग मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह पौधा 'न्यूरोप्रोटेक्टिव' गुणों से भरपूर होता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं की रक्षा करता है और उन्हें पुनर्जीवित करता है। यह मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और आपकी स्मरण शक्ति को तेज करने में मदद करता है। जिन लोगों को भूलने की समस्या होती है, उनके लिए यह पौधा विशेष रूप से लाभकारी है।

3. तनाव और चिंता में आराम

तनाव और चिंता का शरीर पर बुरा असर पड़ता है, और यह मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। शंखपुष्पी एक प्राकृतिक तनाव निवारक है, जो मानसिक शांति प्रदान करता है और चिंता से निजात दिलाने में मदद करता है। इसे नियमित रूप से सेवन करने से आप मानसिक रूप से अधिक स्थिर और शांत महसूस कर सकते हैं।

4. नींद की गुणवत्ता में सुधार

शंखपुष्पी का एक और महत्वपूर्ण गुण यह है कि यह नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या होती है, वे इस पौधे का उपयोग कर सकते हैं। यह तंत्रिका तंत्र को शांत कर नींद को प्रोत्साहित करता है, जिससे आप गहरी और आरामदायक नींद का आनंद ले सकते हैं।

5. शंखपुष्पी का उपयोग और सेवन

शंखपुष्पी का उपयोग चाय, पाउडर या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है। चाय बनाने के लिए इसके सूखे पत्तों का उपयोग करें। नियमित सेवन के लिए किसी विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है, ताकि इसे सही मात्रा में और सही तरीके से लिया जा सके।

निष्कर्ष

नीले फूल वाला शंखपुष्पी पौधा न केवल माइग्रेन और सिरदर्द में राहत देता है, बल्कि याददाश्त को तेज करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। इसके नियमित उपयोग से आप न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत महसूस कर सकते हैं

हेल्थ टिप्स: स्टार फ्रूट्स के सेवन से इम्युनिटी होगी बूस्ट साथ हृदय रोगों से भी बचाता है ये फल


दिल्ली:- खट्टा रसीला कमरख यानी स्टार फ्रूट विटामिन बी विटामिन और फाइबर का खजाना है, जिसके कारण यह इम्यूनिटी बढ़ाने और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में सहायक होता है।अक्सर लोग खांसी-सर्दी, जुकाम, सिर दर्द, गले में खराश, ठंड लगने से उल्टी, पेट दर्द, दस्त आदि समस्याओं से परेशान रहते हैं। इन समस्याओं को आप कुछ मौसमी फलों को खाकर भी दूर कर सकते हैं। 

सर्दी के मौसम में खट्टे फल खूब मिलते हैं। इन्हीं में से एक फल है कमरख या स्‍टार फ्रूट (Kamrakh Benefits)। इसका सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि कमरख (Star fruit) में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो छोटी-मोटी सर्दी में होने वाली समस्याओं को दूर करते हैं। कमरख में विटामिन सी, ई और बी 6 की प्रचुर मात्रा में मौजूद होती है। इसके अलावा पोटैशियम, कैल्शियम, फाइबर और जिंक का भी खजाना है यह फल। 

इसे खाने से आप कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर कर सकते हैं। जानें, कमरख या स्टार फ्रूट (Star Fruit Benefits) खाने से आपके शरीर को क्या फायदे होंगे।

कमरख या स्टार फ्रूट (Star Fruit Benefits) खाने के फायदे

1. दिल रहे स्वस्थ

कमरख यानी स्टार फ्रूट (Carambola Fruit) में फॉलिक एसिड, विटामिन बी 9 और एंटीऑक्सीडेंट काफी होता है, जो हार्ट की समस्याओं से आपको बचाए रखता है। इसे खाने से आप हार्ट अटैक के खतरे से भी बचे रहते हैं।

2. डैंड्रफ का सफाया

कुछ लोगों को ठंड के दिनों में रूसी (Dandruff in winter) की समस्या हो जाती है। ऐसे में कमरख (Kamrakh Benefits) या स्टार फ्रूट को बादाम के तेल में पकाकर सप्ताह में दो-तीन बार लगाएं। इससे रूसी या ड्रैंडफ की समस्या दूर हो जाएगी। बालों में गजब का शाइन नजर आएगा।

3. आंख रहेंगे हेल्दी

मैग्नीशियम और विटामिन बी 6 के गुणों के कारण यह आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। इससे आंखों में सूजन, दर्द, पानी निकलना और कम दिखाई देने की समस्या दूर होती है।

4. बूस्ट होगी इम्यूनिटी

पोषक तत्‍व और विटामिन सी के गुणों से भरपूर स्टार फ्रूट के सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, जिससे शरीर में ताजगी और एनर्जी बनी रहती है।

5. भूख बढ़ाए

कुछ लोग सर्दी के दिनों में बहुत कम पानी पीते हैं। खाने से भी बचते हैं। इससे आपका शरीर कमजोर हो सकता है। पानी की कमी से शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है। सुबह के समय स्टार फ्रूट का जूस पिएं। दो-तीन दिनों में ही आपको भूख-प्यास लगने लग जाएगी।

सुबह-सुबह बासी मूंह इन पत्तों को चबाए दांतों के पीलेपन से लेकर मुंह की बदबू तक मिलेगा छुटकारा


चेहरे की खूबसूरती में दांतों का भी अहम रोल होता है। मुंह से बदबू (हैलिटोसिस) एक आम समस्या है, लेकिन असहज समस्या है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि खराब मौखिक स्वच्छता, कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन, धूम्रपान, ड्राई माउथ और स्वास्थ्य समस्याएं। 

वहीं दांतों और जीभ की अच्छी तरह सफाई न करने से भोजन के कण और बैक्टीरिया मुंह में रह जाते हैं, जिससे बदबू उत्पन्न होती है। प्याज, लहसुन, मसालेदार भोजन, और कुछ डेयरी उत्पाद मुंह में बदबू पैदा कर सकते हैं। वहीं लार की कमी से मुंह सूखा रहता है, जिससे बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं और बदबू उत्पन्न होती है। धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से मुंह की बदबू बढ़ सकती है, साथ ही दांतों और मसूड़ों की समस्याएं भी हो सकती हैं, लेकिन इसे प्राकृतिक तरीकों से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

सुबह-सुबह खाली पेट कुछ विशेष पत्तियों का सेवन करने से न केवल मुंह की बदबू को दूर किया जा सकता है, बल्कि ये पत्तियां आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। यहां पांच ऐसी पत्तियों के बारे में बताया गया है, जिनका सेवन करने से मुंह से बदबू की समस्या दूर हो सकती है और आप उनके आयुर्वेदिक लाभों से भी चमत्कृत हो जाएंगे।

पुदीने की पत्तियां

मुंह की बदबू को भगाने में पुदीने की पत्तियां आपके काम आ सकते हैं। पुदीने की पत्तियों में प्राकृतिक ताजगी होती है, जो मुंह से दुर्गंध को दूर करती है और ताजगी का एहसास देती है। यह आपके पाचन को बढ़ावा देता है और पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है। साथ ही इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं।

तुलसी की पत्तियां

तुलसी की पत्तियां भी मुंह की बदबू को भगाने में कारगर साबित होते हैं और खाने में भी स्वादिष्ट होते हैं। तुलसी की पत्तियां अपने एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण मुंह की बदबू को दूर करने में सहायक होती हैं। तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और संक्रमण से बचाती है। साथ ही यह पाचन में सुधार करती है और गैस्ट्रिक समस्याओं को कम करती है।

पान के पत्ते

जी हां, पान के पत्ते भी मुंह की बदबू को भगाने में मददगार साबित होते हैं। पान के पत्तों का सेवन मुंह की दुर्गंध को नियंत्रित करता है और ताजगी प्रदान करता है। यह पान के पत्ते पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और अपच की समस्याओं से राहत दिलाते हैं। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो मुंह के संक्रमण को रोकते हैं।

करी पत्ते

करी पत्ते भी मुंह की बदबू से राहत दिलाते हैं। करी पत्तों का सेवन मुंह की दुर्गंध को दूर करने में मदद करता है और ताजगी बनाए रखता है। यह करी पत्ते लिवर को डिटॉक्स करते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। साथ ही ये पत्ते एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं।

नीम की पत्तियां

प्राचीन कल से ही नीम की पत्तियों का इस्तेमाल मुंह की बदबू को भगाने के लिए किया जाता रहा है। नीम की पत्तियां अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जानी जाती हैं और ये मुंह की सफाई में मदद करती हैं। नीम के पत्ते मसूड़ों की समस्याओं को दूर करते हैं और ओरल हेल्थ को बेहतर बनाते हैं। नीम शरीर को डिटॉक्स करता है और खून को साफ करने में मदद करता है।

सेवन का तरीका

- सुबह-सुबह बासी मुंह इनमें से किसी भी पत्ती को चबाएं। यह मुंह की बदबू को तुरंत कम करेगा और मुंह की स्वच्छता को बेहतर बनाएगा।

- ये पत्तियां आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर हैं और आपको समग्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं।

इन पत्तियों का नियमित सेवन न केवल मुंह की बदबू को दूर करेगा, बल्कि यह आपकी समग्र स्वास्थ्य स्थिति में भी सुधार करेगा।

रोज सुबह खाली पेट खाएं 1 सेब, सेहत को मिलेंगे ये 6 जबरदस्त लाभ

सेब को एक सर्वश्रेष्ठ फल माना जाता है, जिसका सेवन हमारे शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है। रोज सुबह खाली पेट सेब खाने से आप कई सेहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यहां हम आपको सेब के 6 प्रमुख लाभों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी सेहत को निखार सकते हैं:

1. वजन घटाने में सहायक

अगर आप अपने वजन को नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो रोज सुबह खाली पेट सेब खाना एक बेहतरीन विकल्प है। सेब में कैलोरी बहुत कम होती है और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे आप ज्यादा खाने से बचते हैं। फाइबर पाचन को भी सुधारता है, जिससे आपके शरीर को वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

2. पाचन तंत्र को बनाए स्वस्थ

सेब में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं। इससे कब्ज, एसिडिटी, और पेट की अन्य समस्याओं से राहत मिलती है। इसके नियमित सेवन से आपका पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता रहता है, जिससे खाना आसानी से पचता है और आप हल्का महसूस करते हैं।

3. दिल की सेहत के लिए लाभकारी

सेब में मौजूद पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स दिल को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सेब का नियमित सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। सेब में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉयड्स भी धमनियों में रक्त प्रवाह को सुचारू रखते हैं, जिससे हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

4. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है

सेब विटामिन C का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। एक मजबूत इम्यून सिस्टम शरीर को विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इसके अलावा, सेब में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।

5. त्वचा को बनाता है स्वस्थ और चमकदार

अगर आप स्वस्थ और चमकदार त्वचा पाना चाहते हैं, तो रोज सुबह खाली पेट सेब खाना शुरू करें। सेब में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को निखारते हैं और उसे स्वस्थ बनाए रखते हैं। यह त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाता है, जिससे झुर्रियां और अन्य बुढ़ापे के लक्षण कम होते हैं।

6. मस्तिष्क के लिए लाभकारी

सेब में क्वेरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। इसके सेवन से मस्तिष्क की गतिविधि में सुधार होता है और स्मरण शक्ति बेहतर होती है। यह अल्जाइमर और अन्य न्यूरोडिजेनरेटिव बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है।

निष्कर्ष:

रोज सुबह खाली पेट सेब खाना आपके शरीर को कई जबरदस्त लाभ पहुंचा सकता है। यह न केवल आपके वजन को नियंत्रित करता है, बल्कि पाचन, दिल, त्वचा और मस्तिष्क को भी बेहतर बनाता है। स्वस्थ जीवन के लिए इस आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और खुद बदलाव महसूस करें।

प्रशासन को अवैध कोयला परिवहन की मिली गुप्त सूचना, खनन विभाग ने टोल प्लाजा पर चलाया सघन जांच अभियान


हज़ारीबाग : उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय के निर्देशानुसार 6 सितंबर को कोयले के अवैध परिवहन के सन्दर्भ में प्राप्त गुप्त सूचना के आलोक में कोयला लदे वाहनों की सघन जांच के लिए खनन विभाग को आदेश दिया गया। 

उपायुक्त के निर्देश पर खनन विभाग के द्वारा पूरी रात राँची-पटना मार्ग पर स्थित नगवां टोल प्लाजा सहित अन्य जगहों पर पुलिस लाइन के पुलिस बल के साथ सघन जाँच किया गया। जांच क्रम में 30 कोयले से लदे वाहनों की जाँच की गई जिसका ई-परिवहन चालान सही पाया गया। 

जाँच दल को देखते हुए NH पर कोयले लदे गाड़ियां संख्या आम दिनों की तुलना मे काफी कम देखी गई। उपायुक्त के आदेश के आलोक में जाँच अभियान जारी रहेगा एवं पूरी सक्रियता से बग़ैर इ-परिवहन चालान के पकड़े जाने पर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।

धनिया के बीज का पानी स्वास्थ्य के लिए वरदान, जानें इसके फायदे

क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आपकी रसोई में धनिया नहीं होगा, तो आपकी सभी सब्जियां कैसे बनेंगी? वाकई हम अपनी रसोई की धनिये के बिना कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इसकी ज़रूरत हर सब्जी में होती है। हर भारतीय डिश धनिये के बिना अधूरी है। स्वाद बढ़ाने के साथ ही धनिया के ढेर सारे फायदे भी होते हैं, लेकिन क्या अपने कभी धनिया के पानी (coriander seeds water) के बारे में सुना है। अगर नहीं, तो आइए आज जानते हैं इसके कुछ फायदों के बारे में-

पाचन प्रक्रिया दुरुस्त करे

सुबह खाली पेट धनिया पानी पीने से दिन भर पाचन दुरुस्त रहता है। ये गैस, ब्लोटिंग, अपच की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

मेटाबोलिज्म बूस्ट करे

धनिया पानी मेटाबोलिज्म बूस्ट करता है जिससे शरीर की अन्य कार्यशैली सुचारू रूप से संचालित होती है।

एंटी-ऑक्सीडेंट रिच

धनिया पानी में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कि फ्री रेडिकल के हानिकारक प्रभाव को न्यूट्रल करता है, इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है और क्रॉनिक बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

ब्लड शुगर कंट्रोल

धनिया का पानी ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी मदद करता है।

कोलेस्ट्रोल मैनेजमेंट

कुछ शोध में यह पाया गया है कि धनिया के पानी से कोलेस्ट्रोल कम होता है, जिसमें अमूमन ये LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

थायरॉइड कंट्रोल

धनिया पानी थायरॉइड हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे वेट लॉस शुरू होता है। ये वेट लॉस हाइपोथाइरॉयडिज्म के साथ सम्पूर्ण सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।

इनते फायदे जानने के बाद अगर आप भी इसे पीने का मन बना रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि कैसे तैयार करें धनिया पानी-

सबसे पहले एक टेबलस्पून खड़ी सबूत धनिया के बीज लें।

अब इसे अच्छे से धुल लें।

फिर एक गिलास या कटोरी में धुले हुए धनिया बीज को डालें।

इसके ऊपर दो कटोरी पानी डालें।

इस बीज को रात भर इसी पानी में भीगे रहने दें। 

सुबह छलनी से धनिया का पानी छान लें।

धनिया पानी तैयार है।

* जिन्हें तुरंत धनिया पानी का सेवन करना है, वे पानी में सूखे धनिया के बीज उबाल कर इसे छान कर भी पी सकते हैं।

अत्यधिक फोन चलाने से आपके शरीर को हो सकते हैं ये नुकसान,बचाव के लिए अपनाएं कुछ टिप्स

आज के समय में मोबाइल एक ऐसा हथियार है जो लगभग सभी लोगों के पास है।हम इसका इस्तेमाल बातचीत करने, मनोरंजन, जानकारी हासिल करने और भी कई कामों के लिए करते हैं। 

हालांकि, फोन का ज्यादा इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए अगर आप भी घंटों फोन पर स्क्रॉल करते हैं, तो आपको ये लेख आपको जरूर पढ़ना चाहिए। इसमें हम जानेंगे इसके नुकसान और किन तरीकों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। 

ज्यादा फोन चलाने के शारीरिक दुष्प्रभाव

आंखों की समस्याएं- फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों में तनाव और सूजन का कारण बन सकती है। इससे आंखों की थकान, जलन, और दृष्टि समस्याएं हो सकती हैं।

सिरदर्द और गर्दन दर्द

फोन को देखने के लिए हम अक्सर अपनी गर्दन को अस्वाभाविक स्थिति में रखते हैं, जिससे सिरदर्द और गर्दन दर्द हो सकता है।

नींद की समस्याएं-

फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी हमारे शरीर की नींद के पैटर्न को प्रभावित करती है। इससे नींद न आना, नींद की गुणवत्ता में कमी और दिन के समय थकान महसूस हो सकती है।

हैंड-फोन सिंड्रोम-

फोन का ज्यादा उपयोग करने से हाथों और कलाई में दर्द और सूजन हो सकती है, जिसे हैंड-फोन सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है।

वजन बढ़ना-

फोन के साथ बिताया गया ज्यादा समय शारीरिक गतिविधि को कम कर सकता है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।

ज्यादा फोन चलाने के मानसिक दुष्प्रभाव

तनाव और चिंता- फोन का ज्यादा इस्तेमाल तनाव और चिंता को बढ़ा सकता है। सोशल मीडिया पर तुलना और गैर-जरूरी जानकारी से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

अकेलापन- फोन का ज्यादा इस्तेमाल असल जीवन में लोगों से जुड़ने के समय को कम कर सकता है, जिससे अकेलापन महसूस हो सकता है।

फोमो (Fear of Missing Out)- सोशल मीडिया पर हमेशा कुछ नया हो रहा होता है, जिससे फोमो की भावना पैदा हो सकती है। इससे व्यक्ति को लगता है कि वह कुछ जरूरी चीजें मिस कर रहा है।

डिप्रेशन- फोन का ज्यादा उपयोग डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ा सकता है, खासकर यदि व्यक्ति सोशल मीडिया पर नकारात्मक कंटेंट देखता है।

कैसे करें फोन का इस्तेमाल कम?

फोन का समय सीमित करें- प्रति दिन फोन का इस्तेमाल करने का समय निर्धारित करें और उससे ज्यादा फोन न चलाएं।

फोन को दूर रखें- सोने से पहले फोन को कमरे से बाहर या बिस्तर से दूर रखें, ताकि नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं- फोन के उपयोग के समय को कम करके शारीरिक गतिविधि में समय बढ़ाएं।

डिजिटल डिटॉक्स करें- समय-समय पर फोन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करें, ताकि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने का मौका मिल सके।

सोच-समझकर इस्तेमाल करें- फोन का उपयोग करते समय सचेत रहें और उस पर बिताए जाने वाले समय को नियंत्रित करें।

सेहत: औषधीय गुण का भंडार है सदाबहार का फूल इस फूल को खाना किसी दवा से कम नहीं है आइए जानते है इसके फायदे


नयी दिल्ली :-सदाबहार के फूलों को आयुर्वेद में संजीवनी के नाम से जाना जाता है। सदाबहार फूलों वाले पौधे घर या बगीचे की सजावट के अलावा उसके खाने के अनेक फायदे हैं ,इस फूल को खाना किसी दवा से कम नहीं आइए जानते इसके फायदे सदाबहार, जिसे वैज्ञानिक रूप में "Vinca" या "Periwinkle" कहा जाता है, यह एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पौधा है. इसका पौधा आमतौर पर गहरे हरे पत्तों के साथ एक छोटा और सुंदर पौधा होता है, जिसमें छाले और फूलों में उपयोगी और औषधीय घटक होते हैं. सदाबहार के पत्तों में विभिन्न औषधीय गुण होते हैं, जिनमें आक्सीन, विनक्रिस्टीन, और विनब्लास्टीन शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के कई पहलुओं में मदद कर सकते हैं. इसका सेवन कैंसर, मधुमेह, मसूड़ों के रोग, और श्वसन संबंधित रोगों के इलाज में भी किया जा सकता है।

 

सदाबहार के फूल के अर्क का उपयोग ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने में और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी किया जाता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है और सामान्य स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है. 

डायबिटीज करे कंट्रोल

सदाबहार के फूल में मौजूद विंकामाइन के कारण डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. यह विंकामाइन रक्त शुगर को संतुलित रखने में सहायक हो सकता है, शरीर में ब्लड शुगर का स्तर सदाबहार पौधे की फूल और पत्तियां दोनों ही डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. इसका सेवन आप चाय या फिर पाउडर के रूप में कर सकते हैं. 

इम्यूनिटी करे बूस्ट

सदाबहार का फूल इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह गुणकारी अंश जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी का स्रोत होता है. यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है. 

नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं करे दूर

तंत्रिक तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सदाबहार के फूल बहुत ही लाभदायक होता है . इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लेमट्री गुण, और विटामिन सी, जो न्यूरोन्स की सुरक्षा में मदद करते हैं. 

ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल सदाबहार

 ;(Catharanthus) फूल का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C, जो रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद करता है. सदाबहार के तत्व खून की धड़कन को संतुलित रखकर हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है.