कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो के फैसले ने चढ़ाया सियासी पारा, उन्होंने कहा खुद नहीं लड़ेंगे चुनाव, लेकिन अधिक सीटों पर होगी हमारी भागीदारी
झा. डेस्क
झारखंड विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों तेज़ हैं. आज टिकट के लिए मारा मारी चल रहा हैं हर नेता चाहता हैं कि उसे टिकट मिले ताकि विधायक सांसद बनकर वे सुख सुविधा का भोग करे ऐसे दौर में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने घोषणा किया हैं कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे. बल्कि अपने पार्टी के लोगों को लड़ाएंगे. वे खुद पार्टी के सघठन को मज़बूत करेंगे.
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में एक तरह से कांग्रेस के सभी पदाधिकारी के लिये यह सन्देश हैं कि किसी भी कोंग्रेसी पदाधिकारी का यह उद्देश्य कतई नहीं होना चाहिए कि पार्टी टिकट दे तभी पार्टी के लिए काम करना हैं या पार्टी में बने रहना हैं.
उन्होंने यह भी कहा हैं कि वे पार्टी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाएंगे. इस क्रम में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस के जिला अध्यक्षों और कार्यकारी अध्यक्षों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया हैं.उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा मिले निर्देशों के आलोक में यह बैठक बुलाई जा रही हैं ताकि सभी जिलाध्यक्ष समर्पित और निष्ठा के साथ अपने अपने जिला में काम करे.
इस बैठक को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा ''यह एक सतत प्रक्रिया है. इस बैठक में जिला अध्यक्षों से सभी बिंदुओं पर फीडबैक लिया गया. जिलाध्यक्षों का संवाद कार्यक्रम जारी है, जिसमें अब तक 9 जिलों में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है.
गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे के फार्मूले पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कांग्रेस इस बार ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि गठबंधन के तहत विनिंग फॉर्मूला लागू किया जाएगा, यानी जहां जो पार्टी या संगठन ज्यादा मजबूत है, वहां उसकी दावेदारी होगी.
एक तरह प्रदेश अध्यक्ष ने यह संकेत दे दिया हैं कि वे इस बार ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. वहीं अपने सीटों को लेकर राजद और काम्युनिष्ट का भी अलग अलग दाबें हैं. ऐसे स्थिति में गठबंधन दलों के अंदर सियासी हलचल तेज़ हैं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा अपने जीते हुए सीटों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं,वहीं कांग्रेस सहित अन्य घटक दल अपने सीटों में इज़ाफ़ा चाहते हैं ऐसे हालात में यहां सियासी हलचल तेज़ हो गयी हैं.
केशव महतो के इस बयान से कि पदाधिकारी यह सोच कर नहीं चले कि उन्हें टिकट मिलेगा तभी वे कांग्रेस के साथ हैं यह मिथक तोड़े,इसके लिए वे अपने भी चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया हैं. वहीं अधिक सीटों पर लड़ने कि घोषणा कर झामुमो के लिए टेंशन बढ़ा दी हैं.
अब देखना हैं कि इस हाल में गठबंधन कि बॉउंडिंग कितनी मज़बूती के साथ विधानसभा चुनाव में एकजूट रह पाते हैं. पिलहाल गठबंधन दल के बयानों से सियासी हलचल तेज़ हैं.
Sep 13 2024, 17:21