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हजारीबाग के एसडीएम शैलेश कुमार और पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी अंचल के सीओ मनोज कुमार के यहां 10 ठिकानों पर एसीबी ने की छापेमारी


रांची। जमीन घोटाले में अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी खत्म हो गयी है। हालांकि जांच के दौरान कुछ ऐसे खुलासे हुए हैं, जो आने वाले दिनों कई अफसरों और नेताओं की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

 हजारीबाग के एसडीएम शैलेश कुमार और पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी अंचल के सीओ मनोज कुमार के 10 ठिकानों पर एसीबी ने कार्रवाई की है। 

छापेमारी के दौरान हजारीबाग एसडीओ शैलेश कुमार के ठिकानों से 22 लाख नकद, 11 जमीन के डीड, 11 मोबाइल, दो लैपटॉप और एक टैब जब्त किया गया है। 

 इसी तरह नोवामुंडी अंचलाधिकारी मनोज कुमार के ठिकाने से धनबाद जिले में 4 डिसमिल और 6 डिसमिल जमीन के दो दस्तावेज, रांची में करीब 1.02 करोड़ का एक डुप्लेक्स संबंधी दस्तावेज और दो मोबाइल जब्त किए गए हैं। दोनों अफसरों के बैंक खातों के ब्योरे और पासबुक भी मिले हैं। दोनों झारखंड प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं और पूर्व में रांची के बड़गाईं अंचल में बतौर सीओ पोस्टेड रहे हैं। खास बात यह है कि दोनों अफसर बड़गाईं अंचल के बहुचर्चित जमीन घोटाले में ईडी के गवाह रहे हैं।

महीनों से वेतन के लिए भटक रही एक शिक्षिका की नहीं हो रही सुनबाई, कल्पना सोरेन तक लगाईं गुहार फिर भी नहीं बना काम


झा. डेस्क 

झारखण्ड की एक शिक्षिका वेतन के लिए महीनों से भटक रही है, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां तक की शिक्षिका ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन से भी गुहार लगायी है, लेकिन कहीं कोई फरियाद नहीं सुनी जा रही है। अब मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को घेरा है। उन्होंने शिक्षिका का आवेदन भी सोशल मीडिया हैंडल में पोस्ट किया है।

दरअसल ज्योति मुर्मू नाम की शिक्षिका उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशलुंडी गिरिडीह में पदस्थ है। उनकी पोस्टिंग स्कूलम 15 मार्च 2024 से हैं। ज्योति मुर्मू का वेतन फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई माह का अटका हुआ है। इस मामले में शिक्षिका ने डीसी और डीईओ दोनों के पास आवेदन किया, लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद शिक्षिका ने विधायक कल्पना सोरेन को भी आवेदन दिया, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली है।

इस मामले में बाबूलाल मरांडी ने करारा कटाक्ष किया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झामुमो-कांग्रेस सरकार को आदिवासी बेटियों से इतनी दुश्मनी क्यों है? तथाकथित अबुआ सरकार ने एक आदिवासी शिक्षिका का वेतन हेमंत सरकार ने पिछले 4 महीनों से रोक रखा है।

 गिरिडीह जिले के महेशलुण्डी में उत्क्रमित मध्य विद्यालय की शिक्षिका ज्योति मुर्मू के चार महीनों (फरवरी से मई) का वेतन हेमंत सरकार ने किसी कारणवश रोक रखा है, जिससे परिवार का भरन-पोषण दूभर हो गया है। 

पीड़ित शिक्षिका द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवेदन देने के बावजूद कोई कारवाई नहीं हुई है। हेमंत जी, आदिवासी बेटियां आपके शासन में लव जिहाद, दुष्कर्म, हत्या और मतांतरण जैसे जघन्य अपराध से लगातार पीड़ित हो रही हैं।

 आपसे अपराध नियंत्रण नहीं हो रहा, इसलिए कम से कम अपने कुशासन से तो उन्हें तंग मत करिए। एक आदिवासी शिक्षिका का वेतन रोककर सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। ये स्थिति शर्मनाक है। मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल ज्योति मुर्मू के लंबित वेतन का भुगतान सुनिश्चित करें।

जयराम की पार्टी जेकेएलएम पार्टी में टूट फुट शुरू,जानिए जयराम महतो का साथ छोड़ने वाले उनके साथियों का क्या है शिकायत...?

झारखंड डेस्क

विंधानसभा चुनाव नजदीक है।इस बार कई नई पार्टी भी चुनावी समर मन कूदने की तैयारी कर रही है।जिसमे जयराम महतो की पार्टी झारखंड क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा (जेकेएलएम) भी है।

 झारखंड भाषा और ख़ातियानी आंदोलन तथा सोशल मीडिया के प्रचारतंत्र से उपजे जयराम महतो ने लोकसभा में भी कुछ जगहों पर अपने कैंडिडेट खड़े किए।और अब विंधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी है।लोकसभा चुनावमें कुछ सीटों पर बेहतर प्रदर्शन ने जयराम के हौसले को बुलंद कर दिया और वे बड़े बड़े सपने देखने लगे।उनके सपने साकार हो या नही लेकिन मीडिया कवरेज खूब मिल रहा है।जयराम महतो ने दावा किया है कि वे नए तरह की राजनीति करेंगे।झारखंड के तकदीर और तदबीर भी बदलेंगे।गाड़ी के बोनट पर खड़े होकर भीड़ को सम्बोधित करने वाले जयराम महतो का क्रेज भी बहुत है,लेकिन अभी मैच्युरिटी का अभाव है।इसी लिए थोड़ी उपलब्धि भी उसे थोड़ा अभिमानी बना दिये और यही अभिमान उसे अपनो से अलग कर रहा है।

 अभी ताजा सूचना है कि जयराम महतो के पार्टी के दो बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की स्थिति कमजोर दिख रही है। पिछले दो दिनों में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष रिजवान अंसारी और केंद्रीय उपाध्यक्ष संजय मेहता ने जेकेएलएम छोड़ दिया है। रिजवान अंसारी पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे, जबकि संजय मेहता ने जयराम महतो पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।

संजय मेहता ने कहा कि जयराम महतो उन्हें ‘अपमानित’ कर रहे थे और उनके लोकसभा क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी नहीं देते थे। संजय ने कहा कि लगातार हो रही उपेक्षा के बाद उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया।

संजय मेहता का पार्टी छोड़ना जेकेएलएम के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में हजारीबाग से उन्होंने लगभग डेढ़ लाख वोट हासिल किए थे।

विधानसभा चुनाव महज दो महीने दूर हैं, ऐसे में पार्टी के भीतर मची उथल-पुथल जेकेएलएम के चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा जयराम महतो पार्टी को एकजुट करने और चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए क्या कदम उठाते हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जयराम महतो की पार्टी के कई बड़े नेता अगले कुछ दिनों में पार्टी छोड़ सकते है। ऐसी चर्चा है कि रांची लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले देवेंद्र नाथ महतो भी जयराम महतो से नाराज चल रहे हैं।

अब सवाल उठता है कि पार्टी के सभी उनके सहभागी ने इस आंदोलन में भीड़ जुटाने और जयराम महतो को नेता बनाने में भूमिका निभाई और मुकाम मिलने से पहले यह टूट फुट इस नई पार्टी को कहां टकले जाएगा यह तो समय बताएगा ,लेकिन जयराम के व्यवहार से पार्टी के कई लोग असंतुष्ट चल रहे हैं।

झारखंड में घिसकता जा रहा है बामपंथियों का जनाधार,जो क्षेत्र कल तक था उनका गढ़ आज वहां है दक्षिणपंथियों का कब्जा

झा. डेस्क
झारखंड में  वामपंथियों का  जमीन घिसकता जा रहा है।अभी हाल में मासस लगातार खोती अपनी जनाधार से घबराकर माले में विलय कर दिया लेकिन वावजूद माले के जनाधार में कोई व्यापक बृद्धि की उम्मीद नही की जा सकती है। कई क्षेत्र ऐसा है झारखंड में जहाँ वामपंथियों का दबदबा था।धनबाद जिला का निरसा और सिंदरी ऐसा क्षेत्र था जहां वामपंथियों का दबदबा था।लेकिन लगातार घिसकती जनाधार के कारण अभी निरसा और सिंदरी में भाजपा का कब्ज़ा है। इसी तरह हज़ारीबाग में भी पिछले कई टर्म से ब्याजप का दबदबा कायम हो गया है।

इसी तरह  विधानसभा अध्यक्ष रबिंद्रनाथ महतो का विधानसभा क्षेत्र नाला सीट पर भले ही दो टर्म से झामुमो का कब्जा है। लेकिन नाला विधानसभा कभी वामपंथियों का गढ़ हुआ करता था। दिवंगत विधायक सह तत्कालीन प्रोटोम स्पीकर विशेश्वर खा नौ बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सीपीआई के बैनर तले उन्होंने यहां से नौ बार जीत दर्ज की। जानकारों की माने तो कालांतर में पश्चिम बंगाल की सीमा से सेट रहने के कारण यहां वामपंथियों की अच्छी पकड़ थी। यही कारण है कि विशेश्वर खा 1962 से लगातार 1989 तक और 1994 से 2004 तक नाला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। लेकिन बाद किसी भी वामपंथी पार्टी के नेताओं ने यहां से जीत दर्ज नहीं की है। हालांकि हर बार सीपीआई के नेता यहां से चुनाव अवश्य लड़ते रहे हैं। लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख पाते हैं। वहीं विशेश्वर खा के बाद एक बार इस सीट पर बीजेपी के सत्यानंद झा बाटुल और तीन बार झामुमो के रविंद्र नाथ महतो ने जीत दर्ज की है।

इसी तरह नाला विधानसभा क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सीपीआई लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन इसके बावजूद भी वामपंथियों का जमीन खिसक रहा है। 2009 की चुनाव की बात करें तो भाजपा के सत्यानंद झा बाटुल को 31.38 प्रतिशत मत मिले, जीएमएमके रबिंद्रनाथ महतो को 28.13प्रतिशत मत मिले तथा सीपीआई के कन्हाई मल पहाड़िया को 15.65 प्रतिशत मत मिले।

2014 के चुनाव की बात करें तो झामुमो के रबिंद्रनाथ महतो को 33.71 प्रतिशत मत मिले, भाजपा के सत्यानंद झा बाटुल को 29.49 प्रतिशत मत मिले, जेवीएम के माधव चंद्र महतो को 12.59 प्रतिशत मत मिले। वहीं सीपीआई के कन्हाई मल पहाड़िया को 11.66 प्रतिशत मत मिले। 2019 के चुनाव की बात करें तो झामुमो के रबिन्द्रनाथ महतो को 34.97 प्रतिशत मत मिले। भाजपा के सत्यानंद झा बाटुल को 32.96 प्रतिशत मत मिले। सीपीआई के कन्हाई मल पहाड़िया को 12.19 प्रतिशत मत मिले। आंकड़े को देख तो 2009 में सीपीआई तीसरे नंबर पर थी। जबकि 2014 में वह चौथे नंबर पर चली गई। वहीं 2019 में एक बार फिर वह तीसरे नंबर पर ही काबिज हो सकी। जो की पहले और दूसरे स्थान पर वाले प्रत्याशियों के वोटिंग प्रतिशत से काफी कम है।
टुंडी विधायक मथुरा महतो ने छाताबाद निवासी कैंसर पीड़ित रोगी के परिजन को सौंपा 50 हजार के चेक

धनबाद (झा.डेस्क): आर्थिक रूप से कमजोर गंभीर रोग मुंह कैंसर से ग्रसित छाताबाद निवासीमो चांद पिता मो. सलीम ने इलाज केलिए टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो से मिलकर सहयोग की अपील की थी।पीड़ित मो. चांद ने गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी मेरी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है।

इलाज कराने में असमर्थ है. फिलहांल कोलकाता के द डैनी नर्सिंग होम में चल रहा है। जिसके उपरांत विधायक श्री महतो झारखंड से सहयोग राशि उपलब्ध कराने के लिए अनुसंशा किया. जिसके बाद विधायक श्री महतो छाताबाद अटल क्लिनिक छाताबाद के हॉल में पीड़ित मो. चांद की माता के हाथों में 50 हजार रुपये का चेक सौपे।

मौके पर श्री महतो के साथ वार्ड संख्या 2 के पार्षद प्रतिनिधि मासूम खान, डा. सुनील कुमार, मनोज महतो, बाबू नाथ महतो, बसंत महतो, आनंद महतो, रिंकू अंसारी, मो. शमीम, विकास कुमार लाला, गुलरैज अंसारी, रहमान अंसारी, मो. जॉनी, मो. नदीम, पिंकू अंसारी, बबलू खान, कमाल सिद्दीकी, मो. परवेज इकबाल, लाल कुमार, सागर कुमार आदि मौजूद थे।
भाजपा के आंतरिक सर्वे ने इस बार बढ़ाया भाजपा का आत्मविश्वास,झारखंड में इस बार सरकार बनाने की जगी उम्मीद

झा. डेस्क
झारखंड  विधानसभा चुनाव को लेकर पक्ष विपक्ष दोनों अपने अपने पासे फेंक रहें है । इस शह और मात के खेल में कौन कितना पानी में है यह तो बक्त बताएगा। लेकिन अभी जो भाजपा ने अपनी स्थिति पर आंतरिक सर्वे कराया है वह भाजपा के आत्म विश्वास को और बढ़ा दिया है।

वैसे  इस बार भाजपा 52 से अधिक विधानसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के शामिल होने के बाद प्रदेश भाजपा ने आंतरिक सर्वे कराया। इसके नतीजे ने भाजपा नेताओं को चौंकाने के साथ खुश कर दिया। सरकार बनने की संभावना दिखने पर पार्टी का उत्साह बढ़ा है।

2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 52 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने 60 से अधिक विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की थी। हालांकि, इसके वावजूद विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई थी।

लेकिन भाजपा को करीब 52 लाख मत मिले थे। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि इस बार वो विपक्ष में हैं। ऐसे में किसी सत्ता विरोधी लहर से उसे नहीं जूझना है। भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्र के हिसाब से चुनाव अभियान चलाने की रणनीति तय की है। इस साल लोकसभा चुनाव में मिले 82 लाख मतों को विधानसभा चुनाव में पार्टी बढ़ाने का प्रयास करेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के शामिल होने के बाद प्रदेश भाजपा ने आंतरिक सर्वे कराया। इसके नतीजे ने भाजपा नेताओं को चौंकाने के साथ खुश कर दिया। सरकार बनने की संभावना दिखने पर पार्टी का उत्साह बढ़ा है।

लेकिन भाजपा को करीब 52 लाख मत मिले थे। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि इस बार वो विपक्ष में हैं। ऐसे में किसी सत्ता विरोधी लहर से उसे नहीं जूझना है। भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्र के हिसाब से चुनाव अभियान चलाने की रणनीति तय की है। इस साल लोकसभा चुनाव में मिले 82 लाख मतों को विधानसभा चुनाव में पार्टी बढ़ाने का प्रयास करेगी।
चार साल की सोनाली की गंगा में डूबने से हुई मौत, दादी के साथ गयी थी गंगा में नहाने पैर स्लिप करने से गिरी नदी में

झा. डेस्क
झारखंड के संथाल स्थित राजमहल थाना क्षेत्र के कन्हैयास्थान में गंगा नदी में एक बच्ची की डूबने से मौत हो गई. इस घटना की सूचना मिलने के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है. मृतक की पहचान कन्हैयास्थान गांव निवासी ब्रह्मदेव साह के चौथे पुत्री सोनाली कुमारी के रूप में हुई है.

4 साल की सोनाली रोजाना की तरह अपनी दादी मां के साथ गुरुवार की सुबह घर से कुछ दूरी पर गंगा  स्नान करने गई थी. गंगा में अन्य बच्चों के साथ स्नान करने के दौरान गहरे पानी में पैर फिसल जाने से डूब गई. गंगा में स्नान कर रहे लोग ने सोनाली कुमारी को डूबता देख हल्ला मचाने लगे. इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गई और खोजबीन शुरु कर दी.

काफी खोजबीन के बाद वह मिली तो  परिजनों एवं ग्रामीणों के सहयोग से इलाज के लिए राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल में ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने सोनाली कुमारी को जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.

मृतका की पिता ब्रह्मदेव साहा ने राजमहल थाना पुलिस को आवेदन देकर किसी पर कोई आरोप प्रत्यारोप ना लगाते हुए. कहा की अनजाने में गंगा के गहरे पानी में चल जाने से गंगा में डूबने से उनकी मौत हुई है.

इस संबंध में राजमहल थाना प्रभारी गुलाम सरवर ने बताया कि गंगा नदी में डूबने से बच्चे की मौत हुई है. थाना पुलिस ने मृत बच्ची का पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों को सौंप दिया है. उधर गांव में मौत की खबर सुनकर क्षेत्र मातम सनाटा पसरा हुआ है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. मृतक सोनाली कुमारी चार भाई बहनों में से सबसे छोटी थी.
राजधानी राँची में विधुत व्यवस्था जर्जर,बिजली वाधित होने पर हाईकोर्ट हुआ ब्लैक आउट, हाईकोर्ट की कार्यवाही वाधित


झा. डेस्क
झारखंड में बिजली व्यवस्था बदहाल है. ताजा उदाहरण हाईकोर्ट का है जहां गुरुवार को अदालत की कार्यवाही के दौरान बिजली चली गयी. जिसके कारण पूरे परिसर में अंधेरा छा गया. नतीजा कार्यवाही को थोड़ी देर के लिए रोकना पड़ा.

इस वजह से सभी लोग परेशान हो गये. ये स्थिति तब है जब हाईकोर्ट के नये भवन में बिजली आपूर्ति के लिए एक अलग सबस्टेशन बनाया गया है.

विदित हो कि हाईकोर्ट भवन में 33 केवी विधानसभा और 33 केवी हाईकोर्ट फीडर से लाइट दी जाती है. दोनों ही फीडर से लाइट चालू है. इसके बावजूद लाइट चली गयी. हालांकि, थोड़ी देर बाद जनरेटर के जरिये बिजली की सेवा बहाल की गयी. तब जाकर न्यायलय की दोबारा कार्यवाही शुरू हो सकी.

क्या है वजह

मामले की जानकारी मिलने के बाद बिजली विभाग और वर्क्स डिपार्टमेंट की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी है. अब तक जो वजह सामने निकलकर आयी है इसके अनुसार वर्क्स डिपार्टमेंट के सिस्टम में कुछ खराबी आ गयी जिसके कारण बिजली की समस्या उत्पन्न हुई.

बीते साल हुआ था उद्घाटन, बिजली आपूर्ति के लिए बनाया गया है अलग सबस्टेशन
उल्लेखनीय है कि झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन का उद्घाटन बीते साल 24 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था. इसका परिसर 72 एकड़ में फैला हुआ है. जो कि सुप्रीम कोर्ट के परिसर से लगभग तीन गुणा बड़ा है. बिजली व्यवस्था बाधित न हो इसके लिए सोलर पैनल भी लगाया गया है. इससे दो मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. वहीं बिजली आपूर्ति के लिए एक अलग सबस्टेशन बनाया गया है.
डायन बिसाही के आरोप में एक बृद्धा की हत्या,एक दम्पति को घर-बार छोड़कर रिश्तेदार के यहाँ लेनी पड़ी शरण

झा.डेस्क 

झारखण्ड में डायन बिसाही की घटना को लेकर हत्या और प्रताड़ना की घटना आये दिन सुनने को मिलती हैं. ताज़ा घटना में एक बृद्ध की इस आरोप में हत्या कर दी गयी जबकि एक दम्पति को घर छोड़ कर भागना पड़ा.

जानकारी के अनुसार गुमला के मुरकुंडा पंचायत की कोलांबी निवासी 80 वर्षीय वृद्धा फूलो देवी की गला दबा कर हत्या कर दी गई। घटना बुधवार दोपहर की है। हत्या के आरोपी संदीप खड़िया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।यह मामला डायन बिसाही से जुड़ा है।

घटना के सम्बन्ध में बताया जाता हैं कि बुधवार को सुबह में संदीप कहीं जा रहा था। अचानक अपने घर के पास गिर गया। उसके पैर में चोट आई। इसके बाद उसने दोपहर में फूलो देवी पर डायन बिसाही का आरोप लगाते हुए उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देकर संदीप अपने घर में जाकर छिप गया। उधर, सूचना मिलने पर गुमला पुलिस ने शव को बरामद कर आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

दूसरी घटना लातेहार की है jaha दंपती को डायन बिसाही का आरोप लगा पीटा

बारियातू के जावाबार गांव निवासी एक बुजुर्ग दंपती को डायन बिसाही और ओझा गुनी का आरोप लगाकर प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। प्रताड़ना से तंग आकर बुजुर्ग दंपती जान बचाने के लिए गांव से भाग कर अपने एक रिश्तेदार के घर शरण लिए हुए हैं। पीड़ित दंपती लातेहार पुलिस कार्यालय पहुंचे और मदद की गुहार लगाई।

बीआईटी कैंपस के पीछे स्वर्णरेखा नदी के समीप चार युवकों की मौत, पुलिस ने मौत का कारण बताया बज्रपात*

झारखण्ड डेस्क 

रांची के बीआईटी कैंपस के पीछे स्वर्णरेखा नदी के समीप चार युवकों की मौत के मामले में बुधवार को पुलिस की टीम घटनास्थल की जांच की। पुलिस की टीम ने चारों शवों का रिम्स में पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में चारों के शरीर पर चोट के निशान नहीं होने की बात सामने आयी है। पुलिस का दावा है कि वज्रपात से ही चारों युवकों की मौत हुई है।

पुलिस मामले की जांच में जुटी है। रिम्स में पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने चारों के परिजनों को शव सौंप दिया है। जांच में पता चला कि नदी के समीप स्थित सखुआ का पेड़ एक साइड पूरी तरह से छिला हुआ है। घटनास्थल के पास से एक कोल्ड ड्रिंक के बोतल के अलावा चप्पल समेत अन्य चीजें मिलीं हैं। बता दें कि नेवरी के शोएब, चुट्टूआ के साहेब नुरूल्लाह, मो आसिफ और मो मकसूद का स्वर्णरेखा नदी के पास से मंगलवार की रात शव मिला था। 

पुलिस को आशंका है कि बारिश से बचने के लिए चारों युवक पेड़ के नीचे जाकर छिपे होंगे। ठनका जब पेड़ पर गिरा तो चारों युवक जिस तरफ खड़े थे, उनके शरीर का वह हिस्सा जल गया।

चारों मछली मारने के लिए स्वर्णरेखा नदी मंगलवार की सुबह दस बजे गए थे। देर शाम तक जब वह नहीं पहुंचे तो परिजन खोजते हुए स्वर्णरेखा नदी के पास पहुंचे। देखा कि सभी मृत पड़े हैं। सूचना मिलने के बाद बीआईटी मेसरा ओपी की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया था।

पेड़ पर गिरा था ठनका, इसलिए वज्रपात से मौत की आशंका

पुलिस को आशंका है कि बारिश से बचने के लिए चारों युवक पेड़ के नीचे जाकर छिपे होंगे। ठनका जब पेड़ पर गिरा तो चारों युवक जिस तरफ खड़े थे, उनके शरीर का वह हिस्सा जल गया। तीन युवक पास की झाड़ी में और एक युवक कुछ दूर जाकर गिरा। वहीं, चारों युवकों के शरीर पर जलने के निशान भी मिले हैं। पुलिस का दावा है कि वज्रपात से ही चारों युवकों की मौत हुई है। हालांकि, पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है। रिम्स में पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने चारों के परिजनों को शव सौंप दिया है।

रिम्स में हुआ पोस्टमार्टम, 

परिजनों को सौंपा गया शव

रिम्स में बुधवार को चारों के शव कर पोस्टमार्टम कराया गया। इससे पहले चुट्टू और नेवरी के लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए थे। ग्रामीणों ने शव को देखा और पता किया कि आखिर मौत कैसे हुई। ग्रामीणों ने बताया कि चारों के शरीर पर जलने के निशान थे। पास्टमार्टम हाउस में सदर, बरियातू और मेसरा ओपी की पुलिस मौजूद थी।

एक साथ निकले तीन जनाजे, सभी की आंखें नम

रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद शाहीद, आसिफ और मकसूद का शव बुधवार दोपहर जब चुट्टू गांव पहुंचा, तो मातम पसर गया। हर किसी की आंखें नम थी। एंबुलेंस से जब मकसूद का शव उसके घर के सामने रखा गया तो उसकी पुत्री बिलखते हुए कह रही थी कि अब्बा अब हमलोगों का क्या होगा। वहीं, पत्नी और दोनों बेटे पिता के शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। दिन के तीन बजे तीनों का जनाजा उनके घर से निकला। शाम पांच बजे नेवरी के रहने वाले शोएब को कब्रिस्तान में सुपूर्देखाक किया गया। जनाजा में शामिल होने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। गांव में ही बने कब्रिस्तान में तीनों को सुपूर्देखाक किया गया। इसके बाद शाम पांच बजे नेवरी के रहने वाले शोएब को कब्रिस्तान में सुपूर्देखाक किया गया। शोएब के भी दो बच्चे हैं।