महीनों से वेतन के लिए भटक रही एक शिक्षिका की नहीं हो रही सुनबाई, कल्पना सोरेन तक लगाईं गुहार फिर भी नहीं बना काम
झा. डेस्क
झारखण्ड की एक शिक्षिका वेतन के लिए महीनों से भटक रही है, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां तक की शिक्षिका ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन से भी गुहार लगायी है, लेकिन कहीं कोई फरियाद नहीं सुनी जा रही है। अब मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को घेरा है। उन्होंने शिक्षिका का आवेदन भी सोशल मीडिया हैंडल में पोस्ट किया है।
दरअसल ज्योति मुर्मू नाम की शिक्षिका उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशलुंडी गिरिडीह में पदस्थ है। उनकी पोस्टिंग स्कूलम 15 मार्च 2024 से हैं। ज्योति मुर्मू का वेतन फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई माह का अटका हुआ है। इस मामले में शिक्षिका ने डीसी और डीईओ दोनों के पास आवेदन किया, लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद शिक्षिका ने विधायक कल्पना सोरेन को भी आवेदन दिया, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली है।
इस मामले में बाबूलाल मरांडी ने करारा कटाक्ष किया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झामुमो-कांग्रेस सरकार को आदिवासी बेटियों से इतनी दुश्मनी क्यों है? तथाकथित अबुआ सरकार ने एक आदिवासी शिक्षिका का वेतन हेमंत सरकार ने पिछले 4 महीनों से रोक रखा है।
गिरिडीह जिले के महेशलुण्डी में उत्क्रमित मध्य विद्यालय की शिक्षिका ज्योति मुर्मू के चार महीनों (फरवरी से मई) का वेतन हेमंत सरकार ने किसी कारणवश रोक रखा है, जिससे परिवार का भरन-पोषण दूभर हो गया है।
पीड़ित शिक्षिका द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवेदन देने के बावजूद कोई कारवाई नहीं हुई है। हेमंत जी, आदिवासी बेटियां आपके शासन में लव जिहाद, दुष्कर्म, हत्या और मतांतरण जैसे जघन्य अपराध से लगातार पीड़ित हो रही हैं।
आपसे अपराध नियंत्रण नहीं हो रहा, इसलिए कम से कम अपने कुशासन से तो उन्हें तंग मत करिए। एक आदिवासी शिक्षिका का वेतन रोककर सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। ये स्थिति शर्मनाक है। मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल ज्योति मुर्मू के लंबित वेतन का भुगतान सुनिश्चित करें।
Sep 13 2024, 10:52