जयराम की पार्टी जेकेएलएम पार्टी में टूट फुट शुरू,जानिए जयराम महतो का साथ छोड़ने वाले उनके साथियों का क्या है शिकायत...?
झारखंड डेस्क
विंधानसभा चुनाव नजदीक है।इस बार कई नई पार्टी भी चुनावी समर मन कूदने की तैयारी कर रही है।जिसमे जयराम महतो की पार्टी झारखंड क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा (जेकेएलएम) भी है।
झारखंड भाषा और ख़ातियानी आंदोलन तथा सोशल मीडिया के प्रचारतंत्र से उपजे जयराम महतो ने लोकसभा में भी कुछ जगहों पर अपने कैंडिडेट खड़े किए।और अब विंधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी है।लोकसभा चुनावमें कुछ सीटों पर बेहतर प्रदर्शन ने जयराम के हौसले को बुलंद कर दिया और वे बड़े बड़े सपने देखने लगे।उनके सपने साकार हो या नही लेकिन मीडिया कवरेज खूब मिल रहा है।जयराम महतो ने दावा किया है कि वे नए तरह की राजनीति करेंगे।झारखंड के तकदीर और तदबीर भी बदलेंगे।गाड़ी के बोनट पर खड़े होकर भीड़ को सम्बोधित करने वाले जयराम महतो का क्रेज भी बहुत है,लेकिन अभी मैच्युरिटी का अभाव है।इसी लिए थोड़ी उपलब्धि भी उसे थोड़ा अभिमानी बना दिये और यही अभिमान उसे अपनो से अलग कर रहा है।
अभी ताजा सूचना है कि जयराम महतो के पार्टी के दो बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की स्थिति कमजोर दिख रही है। पिछले दो दिनों में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष रिजवान अंसारी और केंद्रीय उपाध्यक्ष संजय मेहता ने जेकेएलएम छोड़ दिया है। रिजवान अंसारी पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे, जबकि संजय मेहता ने जयराम महतो पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।
संजय मेहता ने कहा कि जयराम महतो उन्हें ‘अपमानित’ कर रहे थे और उनके लोकसभा क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी नहीं देते थे। संजय ने कहा कि लगातार हो रही उपेक्षा के बाद उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया।
संजय मेहता का पार्टी छोड़ना जेकेएलएम के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में हजारीबाग से उन्होंने लगभग डेढ़ लाख वोट हासिल किए थे।
विधानसभा चुनाव महज दो महीने दूर हैं, ऐसे में पार्टी के भीतर मची उथल-पुथल जेकेएलएम के चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा जयराम महतो पार्टी को एकजुट करने और चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए क्या कदम उठाते हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जयराम महतो की पार्टी के कई बड़े नेता अगले कुछ दिनों में पार्टी छोड़ सकते है। ऐसी चर्चा है कि रांची लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले देवेंद्र नाथ महतो भी जयराम महतो से नाराज चल रहे हैं।
अब सवाल उठता है कि पार्टी के सभी उनके सहभागी ने इस आंदोलन में भीड़ जुटाने और जयराम महतो को नेता बनाने में भूमिका निभाई और मुकाम मिलने से पहले यह टूट फुट इस नई पार्टी को कहां टकले जाएगा यह तो समय बताएगा ,लेकिन जयराम के व्यवहार से पार्टी के कई लोग असंतुष्ट चल रहे हैं।
Sep 13 2024, 10:50