सुल्तानपुर एनकाउंटर पर डीजीपी ने दी सफाई, बोले- पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर ही की है निष्पक्ष कार्रवाई
लखनऊ । पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार ने कहा कि सुलतानपुर ज्वैलरी शॉप डकैती मामले में पुलिस ने साक्ष्यों की गहन जांच के बाद ही कार्रवाई को अंजाम दिया है। पूरी कार्रवाई निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की गई है। इसे लेकर फैलायी जा रही भ्रांतियां गलत हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस प्रदेशवासियों की सुरक्षा और औद्योगिक समूहों को भयमुक्त माहौल प्रदान करने के लिए पूरी तत्परता से काम कर रही है। इस दौरान यूपी पुलिस ने अपने जाबांज पुलिसकर्मियों को भी खोया है। वहीं कार्रवाई के दौरान कई घायल भी हुए हैं।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि यूपी पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही है। उनके साथ इस दौरान एडीजी एलओ अभिताभ यश और एडीजी जोन लखनऊ
एसबी शिरोडकर भी मौजूद रहे। इसी के साथ पुलिस ने घटना की सीसीटीवी फुटेज, फोटो और मंगेश यादव की मां के साथ बहन की बाइट भी जारी की है।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि 28 अगस्त को सुलतानपुर के कोतवाली नगर क्षेत्र में दिन में 12:45 बजे भरत ज्वैलर्स के यहां दिनदहाड़े डकैती हुई थी। इसे लेकर पुलिस द्वारा अब तक जो भी कार्रवाई की गई है, वह पूरी तरह निष्पक्ष है। इस पूरे घटनाक्रम को आपके सामने प्रस्तुत करने के लिए हमारी टीम एकत्र हुई है। डीजीपी ने बताया कि घटना में कुल 12 आरोपी शामिल थे। इसमें विपिन सिंह गैंग लीडर था। विपिन, फुरकान और उसके तीन साथियों ने घटना को अंजाम देने के लिए 13 और 15 अगस्त को दुकान की रेकी की थी। इसके वीडियो के रूप में हमारे पास साक्ष्य भी उपलब्ध हैं।
वीडियो में रेकी करते हुए विपिन और उसके साथियों को दिखाया गया है। वहीं घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गई थी, जिसे मंगेश यादव ने चोरी किया था। इसमें उसके साथ कई और लोग भी शामिल थे। घटना को अंजाम देने के लिए आरोपित दो समूह में घटना स्थल पर पहुंचे थे। घटना के बाद भागने के लिए बोलेरो का प्रयोग किया गया था। एडीजी एलओ अमिताभ यश ने बताया कि घटना स्थल पर पुष्पेंद्र, डब्लू और सचिन बोलेरो से पहुंचे थे । जबकि फुरकान, अनुज, अरबाज, मंगेश यादव और अंकित यादव दुकान के अंदर घुसे थे। यह लोग सीधे डकैती में शामिल थे। इसके अलावा विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद, विवेक और दुर्गेश दुकान के आस-पास घेराबंदी में तैनात थे ताकि कोई समस्या होने व पुलिस से बचने के लिए अपने साथियों का बैकअप कर सकें। यह सभी चीजें सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल विश्लेषण में स्पष्ट भी हुईं हैं।
पूरे मामले का खुलासा एसटीएफ और सुल्तानपुर पुलिस ने मिलकर किया है। एडीजी जोन लखनऊ एसबी शिरोडकर ने बताया कि घटना में इस्तेमाल दोनों मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गयी थीं। यह लोकेशन से स्पष्ट हुआ है। इसका फुटेज भी सामने आया है, उसके आधार पर ही अभियुक्त की पहचान की गई। वहीं जिस आरोपित की बोलेरो थी, उसे 2 सितंबर की मुठभेड़ में सुलतानपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसमें सचिन, पुष्पेंद्र और डब्लू को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से 15 किलो चांदी, मोटरसाइकिल और 38,500 रुपये बरामद किये गये थे। इससे पहले जब बदमाश भाग रहे थे तब भी कुछ सामान बरामद किया गया था। इसमें एसटीएफ और टेक्निकल साक्ष्य की मदद ली गई थी। इसके बाद पूरा सीक्वल मैप तैयार किया गया। वहीं गुजरात के सूरत में लूटपाट के मामले में पहले से आरोपित रहे विपिन सिंह ने रायबरेली में सरेंडर किया था। इसमें अनुज, अरबाज और फुरकान भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के तहत मुख्य आरोपित विपिन सिंह की पांच दिन की रिमांड ली गयी थी। इस दौरान उसने बताया कि घटना में वह और दुर्गेश महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। इसके साथ ही विपिन सिंह की निशानदेही पर 1.2 केजी गोल्ड बरामद किया गया।
Sep 12 2024, 19:40