घूंगावली रोड पर कुत्तों ने मचाया आतंक
सम्भल । संभल उप नगरी सराय तरीन के मुहल्ला दरबार हौज कटोरा नवाब खेल पीला खदाना तकिया भूड़ा कच्चा इलाका और घूंगावली रोड पर कुत्तों ने आतंक मचाया हुआ है। लोगों के दरवाजे पर हर समय कुत्ते बैठे रहते है। मुहल्ले वासियों का सड़क पर निकलना मुश्किल हो रहा है। कुछ दिनों पूर्व भी मुहल्ला नवाब खेल में इन खूंखार कुत्तों ने एक बच्चे की जान ले ली थी ।जबकि सैकड़ो बकरियां बकरी के बच्चे भैंस और अन्य जानवरों को यह खूंखार कुत्ते निशाना बना चुके हैं। पूर्व में नगर पालिका की ओर से एक गाड़ी भेज कर कुत्तों को पकड़ने का प्रयास किया गया ।लेकिन एक भी कुत्ता उनके हाथ न लगने पर उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।
क्योंकि वह अपर्याप्त संसाधनों के साथ कुत्ते पकड़ने के लिए आए थे न तो उनके पास कुत्ते पकड़ने के जाल थे न कुत्ता पकड़ने की माहिर टीम थी बस खाना पूर्ति के लिए एक गाड़ी के साथ दो-तीन लोग भेजे गए। लेकिन कुत्ते सामने बैठे रहे और वह एक कुत्ते को भी नहीं पकड़ सके। जबकि इन क्षेत्र में कुत्ते लगातार खूंखार बने हुए हैं। और आए दिन किसी न किसी घटना को अंजाम देते हैं ।लेकिन संभल प्रशासन एवं नगर पालिका परिषद का इस और कोई ध्यान नहीं है। शायद यह लोग किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं।
सराय तरीन में खूंखार कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। मार्च महीने में सरायतरीन में 12 साल के बच्चे को खूंखार कुत्तों के जानलेवा हमले ने पूरे शहर को झंकझोर दिया था। बच्चे की मौत के बाद लोगों को उम्मीद थी कि नगर पालिका और जिम्मेदार अधिकारी कुछ ठोस कदम उठाएंगे, लेकिन काफी महीने बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। सरायतरीन के नबावखेल मोहल्ला निवासी आलम के 12 वर्षीय बेटे अहमद रजा को मार्च महीने में खूंखार कुत्तों ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। जिससे लोगों में दहशत फैल गई थी। शहर के विभिन्न इलाकों में कुत्तों के झुंड बेखौफ घूमते रहते हैं। हर महीने सेंकड़ों लोग इन खूंखार कुत्तों के हमलों का शिकार हो रहे हैं। खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये कुत्ते बड़ा खतरा बन चुके हैं। बावजूद जिÞम्मेदार अधिकारी और नगर पालिका इस गंभीर समस्या को नजर अंदाज कर रहे हैं।
कुत्तों के आतंक को देखते हुए कई बार नगर पालिका और प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत की गई। शहरवासियों ने मांग की कि कुत्तों को पकड़कर नियंत्रित किया जाए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है न तो कुत्तों को पकड़ने की कोई योजना बनाई गई और न ही उन्हें नियंत्रित करने के लिए किसी अभियान की शुरूआत हुई जिला अस्पताल के वैक्सीनेटर ने बताया कि जिला अस्पताल में रोजाना 15,20 लोग एंटी रैबीज लगवाने पहुंच रहे हैं इनमें 3,5 लोग शहर के होते हैं।

Sep 10 2024, 13:41
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