बहराइच: घाघरा की कटान से गांव बचाने के लिए चंदा कर खुद जुटे ग्रामीण, पूजा-आरती से भी मनावन
महेश चंद्र गुप्ता
बहराइच में घाघरा नदी उफान पर है. नदी ने किनारे बसे गांवों का कटान करना शुरू कर दिया है. इससे ग्रामीण दहशत में हैं. गांव को बाढ़ की चपेट में आने से बचाने के लिए वे हर तरकीब अपना रहे हैं।
बहराइच जिले के चौधरी चरण सिंह गिरिजा बैराज से छोड़े जा रहे पानी और घाघरा नदी में उफान से किनारे पर बसे गांवों के लोगों की धड़कनें बढ़ गईं हैं. ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग की ओर से कटान रोकने के लिए किए गए उपायों को नाकाफी बताते हुए खुद से भी जतन करने शुरू कर दिए।
वे पूजा-पाठ का भी सहारा ले रहे हैं. ग्रामीणों ने नदी के तट पर पूजा-अर्चना की. लोगों ने भगवान से गांवों को बाढ़ से बचाए रखने की प्रार्थना की।
कई वर्षों है समस्या : जिले के तहसील मोतीपुर अंतर्गत चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज से बहने वाली घाघरा नदी पिछले 4 वर्षों से लगातार कटान कर रही है. इस समय भी नदी कटान कर रही है. ग्रामीणों ने कई बार सिंचाई विभाग से बांध और ठोकर के निर्माण की मांग की, जनवरी माह से मोहरवा गांव में ठोकर का निर्माण कार्य 1800 मीटर तक चालू हुआ. लेकिन जून माह से आ रहे लगातार बढ़ के चलते ठोकर को भी भारी नुकसान पहुंचा , जिसमें कई जिओ बैग भी घाघरा नदी के तेज बहाव में बह गए ।
मोहरवां गांव से कुछ दूरी पर स्थित दूधनाथ पुरवा, तुलसीपुरवा, गुप्तापुरवा ,कालिकापुरवा,नई बस्ती ,प्रेम नगर सहित कई गांव को अपने में समाहित कर चुकी है।
कटान होने से ग्रामीण परेशान
क्षेत्रीय ग्रामीण के मुताबिक घाघरा नदी की बाढ़ और कटान के चलते ग्राम पंचायत चहलवा, बड़खड़िया ,जंगल गुलरिहा, सुजौली क्षेत्र के ग्रामीण काफी परेशान हैं. ग्रामीणों को साल के 6 महीने में बरसात के चलते बाढ़ और कटान की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. इसके साथ-साथ जब नदी का जलस्तर कम होता है तो घाघरा नदी तेज कटान करने लगती है. कटान के चलते घाघरा नदी गुप्तापुरवा ,मोहरवा, संपतपुरवा , धनिया बेली,रामपुर रेतिया गांव के पास कटान कर रही है, जिसके चलते क्षेत्रीय ग्रामीण परेशान हैं ग्रामीण यहां पर भी बांध और ठोकर के निर्माण कार्य की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग पर नहीं हुई सुनवाई
ग्रामीणों के मुताबिक उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से गुप्तापुरवा गांव के समीप ठोकर और बांध के निर्माण की मांग की है लेकिन अभी तक नहीं हो पाया है. ऐसे में ग्रामीण घाघरा मैया को मनाने के लिए पूजा पाठ का सहारा लिया है. सुजौली,जंगल गुलरिहा और बड़खड़िया, कारीकोट क्षेत्र के गांव से आए ग्रामीणों ने गुप्तापुरवा में घाघरा नदी के किनारे सैकड़ो की संख्या में पहुंचकर पूजा पाठ की. सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने घाघरा नदी के किनारे खड़े होकर हाथ जोड़कर घाघरा मैया की पूजा कर कटान रोकने की गुहार लगाई. चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज से निकलने के बाद घाघरा नदी 100 मीटर के दूरी पर स्थित साइफन से कई किलोमीटर तक कटान कर रही है।
गुप्तापुरवा गांव के ही पास रहने वाले गंगादास बाबा कहते हैं कि वह पिछले 30 से 40 वर्षों से यही पर निवास करते हैं इससे पहले भी घाघरा नदी ने दो बार उनके घर को अपनी कटान की जद में लिया है गंगादास कहते हैं कि घाघरा नदी उनके घर के समीप आ चुकी है कुछ दिन पूर्व तहसीलदार और लेखपाल आए थे लेकिन उनके आने के बावजूद उन सभी को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला है गांव के कई लोग सरयू नहर के किनारे रहने चले गए हैं लेकिन उनके पास किसी भी तरीके की जमीन का प्रबंध नहीं है जिसके चलते वह और काफी संख्या में ग्रामीण शासन जिसके चलते वह शासन प्रशासन के ही सहारे हैं
इस दौरान गंगादास बाबा, सुबराती,बब्बन दास,राजेश,रमाशंकर,हरेंद्र, मीरा,गुलईती देवी,आशा,रीता,सुनीता,हीरा माझी,रूपलाल,शंभू,गोविंद के साथ काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
Sep 09 2024, 19:04