पीएम मोदी के “जेम्स बॉन्ड” अजीत डोभाल जा रहे हैं रूस, दुनियाभर में इस दौरे की चर्चा क्यों?
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करीब दो साल से अधिक समय से चली आ रही रूस-यूक्रन जंग को लेकर दुनियाभर के देश भारत की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे हैं। इन देशों में सबसे ताकतवर श अमेरिका भी शामिल है। जो कई ये जाहिर कर चुका है कि भारत ही रूस को रोक सकता है। अभी हाल ही में खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी कह चुके हैं कि रूस-यूक्रेन जंग सुलझाने में भारत और चीन अहम भूमिका निभा सकते हैं। पुतिन के बाद इटली की पीएम का भी मानना है कि शांति वार्ता को लेकर भारत और चीन ही मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते। इस बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस सप्ताह मास्को की यात्रा करेंगे। शांतिदूत वाला रोल निभाने को तैयार भारत के इस “दूत” के मॉस्को दौरे पर सबकी निगाहें जमी हैं।
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी जुलाई में रूस की यात्रा की थी। इसके अगले महीने ही अगस्त में पीएम मोदी यूक्रेन पहुंचे। इसके बाद आए पुतिन के बयान ने साफ कर दिया है कि संघर्ष को रोकने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है।यूक्रेन की यात्रा और राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 27 अगस्त को राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की थी। रूस की तरफ से कहा गया कि फोन काल के दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को अपनी हाल की कीव यात्रा के बारे में बताया। इस दौरान पीएम मोदी ने राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से यूक्रेन समझौता करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। सूत्रों के अनुसार, इस फोन काल के दौरान ही यह तय किया गया कि एनएसए डोभाल मॉस्को जाएंगे। खास बात यह है कि जेलेंस्की से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी बात की थी, जो यूक्रेन का महत्वपूर्ण सहयोगी है।
एनएसए अजीत डोभाल 10-11 सितंबर को मॉस्को की यात्रा करेंगे। इस दौरान उनका फोकस यूक्रेन जंग में शांति समझौते कराने पर रहेगी। अजीत डोभाल मॉस्को में होने वाले ब्रिक्स एनएसए के सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। भारत से जहां मध्यस्थ के रूप में अजीत डोभाल रहेंगे, वहीं चीन की ओर से वांग यी। चीन के एनएसए वांग यी भी उस सम्मेलन में मौजूद रहेंगे, जिसमें यूक्रेन जंग सबसे अहम मुद्दा होगा।
यहां खास बात है कि अजित डोभाल और वांग यी ही भारत-चीन सीमा समाधान पर बातचीत के लिए विशेष प्रतिनिधि हैं। यह बैठक रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच शांति वार्ता को लेकर नये सिरे से जारी प्रयासों के बीच हो रही है।एनएसए अजीत डोभाल रूस यात्रा के दौरान चीन और ब्राजील समेत अपने ब्रिक्स समकक्षों से मिलेंगे और इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे यह समूह संघर्ष को समाप्त करने में पहल कर सता है।






बांग्लादेश में अब राष्ट्रगीत 'आमार सोनार बांग्ला' को लेकर विवाद शुरू हो गया है। शेख हसीना के शासन के पतन के बाद कट्टरपंथी राष्ट्रगीत बदलने की मांग कर रहे हैं।बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने ये मांग उठाई है। जमात-ए-इस्लामी पार्टी के पूर्व प्रमुख के बेटे अब्दुल्लाह अमान आजमी ने देश के राष्ट्रगीत को बदलने की मांग की है। आजमी ने रवींद्रनाथ टैगोर रचित 'आमार सोनार बांग्ला' को बदलने की मांग करते हुए कहा कि भारत ने इसे 1971 में हम पर थोपा था।

Sep 09 2024, 15:17
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