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चंपाई को हेमन्त सोरेन का झटका, असम में चम्पई उठा रहे हैं लुत्फ, झारखंड में उनके कार्यकर्ता थाम रहे हैं हेमन्त सोरेन का हाथ*

*रांची :* झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को उनके ही गृह जिले सरायकेला-खरसावां में जोर का झटका धीरे से काम किया। शनिवार को सरायकेला-खरसावां जिले के कई सामाजिक कार्यकर्ता और जेएमएम नेता रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। सीएम हाउस पहुंचे अधिकांश नेता कभी चंपाई सोरेन के करीबी रहे थे, लेकिन अब चंपाई सोरेन के बीजेपी में जाने से वे सभी नाराज है। इस कारण सरायकेला-खरसावां जिले के झारखंड मुक्ति मोर्चा कार्यकर्ताओं ने रांची पहुंचकर हेमंत सोरेन के प्रति अपनी वफादारी दिखाई जा रही है। *हेमंत ने चंपाई सोरेन के समर्थकों में भरा जोश* पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन शनिवार को जब गुवाहाटी दौरे के क्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के आवास पर भोजन का आनंद ले रहे थे। उसी दौरान सरायकेला-खरसावां जिले के कई वरिष्ठ जेएमएम नेताओं-कार्यकर्ताओं ने हेमंत सोरेन के आवास पर अपनी वफादारी दिखाई। *चंपाई समर्थक जेएमएम कार्यकर्ताओं ने हेमंत के प्रति जताई वफादारी* इस दौरान हेमंत सोरेन ने जेएमएम कार्यकर्ताओं में जोश भरने का प्रयास किया। बताया गया है कि जो जेएमएम कार्यकर्ता हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे थे, उनमें से अधिकांश ने चंपाई सोरेन को सरायकेला में पांच-छह बार जीत दिलाने में बड़ी़ भूमिका निभाई। *हेमंत सोरेन ने गढ़़वा में भी बीजेपी को दिया झटका* मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में शनिवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने भी जेएमएम की सदस्यता ली। जेएमएम की सदस्यता लेने वाले सभी कार्यकर्ता गढ़़वा जिले से मंत्री मिथिलेश ठाकुर के साथ सीएम हाउस पहुंचे। इस मौके पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन की सोच से युवा जेएमएम की ओर आकर्षित हो रहे हैं और इसी के तहत कई युवाओं ने आज बीजेपी छोड़़ कर जेएमएम की सदस्यता ली। *हिमंता के आवास पर चंपाई के साथ रात्रि भोज का आनंद* इधर, झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन असम दौरे पर है। उन्होंने असम के मुख्यमत्री हिमंता बिस्वा सरमा के यहां शुक्रवार को रात्रि भोज का आनंद लिया। हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर इसकी तस्वीर भी शेयर की है। उन्होंने लिखा- ‘आज मुझे और मेरी पत्नी रिनकी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन और उनके परिवार की आवभगत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मां कामाख्या के दर्शन करने के लिए चंपाई सोरेन गुवाहाटी पधारे। उन्हें असमिया व्यंजनों से परिचित कराने का अवसर भी मिला। उनके अनुभवों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला।' *चंपाई सोरेन ने मां कामाख्या देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की* इसके बाद चंपाई सोरेन ने सोशनल मीडिया कहा कि शानदार आतिथ्य के लिए मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा और उनके परिवार को धन्यवाद! माँ कामाख्या देवी की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब झारखंड सरकार खनिज धारित भूमि पर वसूलेंगी सेस,राज्य को होगी मोटी आमदनी, बढ़ेगा कोयला का दाम


धनबाद: पिछले दिन सुप्रीम कोर्ट ने खनिज आधारित भूमि पर राज्य सरकार को सेस वसुलने के अधिकार से संबंधित एक फैसला दिया था । इस फैसला के बाद राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है। इस संदर्भ कोल इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी झारखंड सरकार की ओर से सेस को लेकर आधिकारिक डिमांड नहीं आया है। जब सरकार की ओर से पत्र मिलेगा तो खनिज धारित भूमि उपकर कॉस्ट टू कंज्यूमर के रूप में लिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद झारखंड मंत्रिपरिषद ने खनिज धारित भूमि उपकर अधिनियम 2024 को स्वीकृति दे दी है। इससे प्रति टन कोयला 100 रुपए महंगा हो जाएगा। इससे झारखंड को उपकर (सेस) से सालाना डेढ़ हजार करोड़ से अधिक का राजस्व मिलेगा। यानी झारखंड को कोयले से रॉयल्टी एवं डीएमएफटी के अतिरिक्त एक और मद यानी सेस से बड़ी आमदनी होगी।

कोल इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी झारखंड सरकार की ओर से सेस को लेकर आधिकारिक डिमांड नहीं आया है। जब सरकार की ओर से पत्र मिलेगा तो खनिज धारित भूमि उपकर कॉस्ट टू कंज्यूमर के रूप में लिया जाएगा। यानी कोयला खरीदने वालों को सेस मद में कोल कंपनियों को 100 रुपए प्रतिटन अतिरिक्त भुगतान करना होगा। सेस से झारखंड सरकार को कितना राजस्व मिलेगा, यह कोयला उत्पादन पर निर्भर करेगा।

 बीते वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 के उत्पादन स्टैटिक्स को देखें तो झारखंड में 156 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ था। इस आधार पर सालाना झारखंड को डेढ़ हजार करोड़ से अधिक का अतिरिक्त राजस्व कोयले पर सेस से मिलेगा। यदि कोयला उत्पादन में वृद्धि होती है तो सेस से होनेवाली आमदनी भी बढ़ेगी।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोयले की कमाई (सिर्फ कोल इंडिया से) में सबसे ज्यादा हिस्सा झारखंड को मिला। झारखंड को कुल 13268.55 करोड़ रुपए का भुगतान कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों ने किया। भुगताने पाने वाले राज्यों में ओडिशा दूसरे और छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर है।

यह भी जानिए : कोयला राज्यमंत्री आज धनबाद में

कोयला राज्यमंत्री सतीशचंद्र दुबे शनिवार देर रात बीसीसीएल दौरे पर धनबाद पहुंचे। धनबाद पहुंचने पर मंत्री का बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता एवं बीसीसीएल अधिकारियों ने स्वागत किया।

रविवार को कोयला राज्यमंत्री कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। बीसीसीएल की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कोयलानगर में मंत्री शहीद स्मारक पर माल्यापर्ण करेंगे। इसके बाद पंचवटी इको पार्क में पौधरोपण भी करेंगे। इसके बाद राजगंज स्थित आरआरबी हाईस्कूल जाएंगे, जहां बीसीसीएल सीएसआर योजना से स्थापित मिनी साइंस लैब का उद्घाटन करेंगे। भूमिगत आग एवं भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र सेंद्रा बांसजोड़ा, सिजुआ, एना का भी दौरा करेंगे। मुनीडीह भूमिगत माइंस को भी देखने जाएंगे। वहीं बेलगड़िया स्कील डेवलपमेंट सेंटर के नए एवं पुराने बैच के प्रशिक्षाणर्थियों के साथ कोयलानगर अन्नपूर्णा हॉल में संवाद का भी कार्यक्रम है। कोयला राज्यमंत्री कुछ गैर बीसीसीएल कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। दोपहर का भोजन धनबाद विधायक राज सिन्हा के आवास पर करेंगे। इसके लिए विधायक आवास में तैयारी भी की जा रही है।

केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे आज धनबाद दौरे पर,

झारखंड में बिजली की समस्या को लेकर राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार ,

धनबाद : केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे आज धनबाद पहुंचे हैं. मंत्री बनने के बाद वह पहली बार यहां आए हैं. उन्होंने झारखंड में बिजली की समस्या पर राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की समस्या के लिए झारखंड सरकार ही जिम्मेदार है.

केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने सरायढेला स्थित कोयला नगर बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन पहुंचकर शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया और शहीदों को नमन किया. इससे पहले बीसीसीएल की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान मंत्री ने कोयला नगर स्थित इको पार्क में पौधारोपण किया. 

इस मौके पर विधायक राज सिन्हा, कोल इंडिया के चेयरमैन, बीसीसीएल के सीएमडी समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे.

मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की जीडीपी में कोल इंडिया की 10 प्रतिशत की सहभागिता है. कोल इंडिया दिन प्रतिदिन विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि कोल इंडिया के कोयला से पूरा देश रोशन है, लेकिन झारखंड में बिजली की समस्या यथावत बनी हुई है. प्रदेश की सरकार बिजली खरीद ही नहीं पाती, जिस पावर सेक्टर से बिजली खरीदना है, उसे झारखंड सरकार पेमेंट ही नहीं कर पाती है.

ऐसे में बिजली का आना-जाना, बिजली कटना जैसी समस्याएं लगी रहती हैं. कोल इंडिया के पास इस प्रदेश के विकास के लिए भी फंडिंग है. बस प्रदेश की सरकार को मॉनिटरिंग करने की जरूरत है. कोयला भवन में कार्यक्रम संपन्न होने के बाद केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री राजगंज के लिए रवाना हो गए. जहां बीसीसीएल के सीएसआर योजना से स्थापित मिनी साइंस लैब का उद्घाटन करेंगे.

झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की बैठक, गैर असैनिक सेवा पदों को उप समाहर्ता की समकक्षता के सरकारी निर्णय का किया विरोध


राज्य कैबिनेट द्वारा दिनांक 6 सितंबर 2024 को पारित भारतीय प्रशासनिक सेवा (चयन द्वारा नियुक्ति) विनियम 1997 के अंतर्गत गैर राज्य असैनिक सेवा के पदों को उप समाहर्ता के पद की समकक्षता संबंधी अधिघोषणा से राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी आहत हैं।

राज्य सरकार के इस निर्णय से संघ के पदाधिकारी में काफी रोष है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद भी झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा का दर्जा देते हुए उसका पुनर्गठन कार्मिक विभाग द्वारा अब तक नहीं किया गया है। संघ सेवा का पुनर्गठन बिहार के मॉडल पर हू ब हू किए जाने का पुरजोर विरोध किया गया है। 

संघ ने बताया कि एक तरफ तो राज्य सरकार के द्वारा झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा का दर्जा देकर अपग्रेड करने की बात कही जा रही है एवं दूसरी तरफ सरकार द्वारा गैर राज्य असैनिक के पदों को उपसमाहर्ता पद के समकक्ष कर रही है ।

राज्य सरकार की सेवा अपने खून पसीने से करने वाले झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों में सरकार के इस रवैया से काफी आक्रोश है।

संघ यथाशीघ्र माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याओं को रखेगी एवं उनसे तत्काल समाधान का विश्वास रखती है। समस्याओं के तत्काल समाधान नहीं होने की स्थिति में संघ आगे की आंदोलनात्मक कार्य योजना तैयार करने हेतु बाध्य हो जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उत्पाद विभाग में बहाली के दौरान जान गंवाने वाले 12 अभ्यर्थियों के परिजन को एक एक लाख मुआबजा देने का किया एलान


झारखंड की हेमंत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने  कहा कि उत्पाद विभाग में कांस्टेबल नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान जान गंवाने वाले 12 अभ्यर्थियों के परिजनों को सरकार मुआवजा देगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक मंत्री एक अभ्यर्थी के परिजन को राशि देंगे। इस तरह 12 मृतक अभ्यर्थी के परिजनों को एक-एक लाख रुपये मिल जायेंगे। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से भी सहायता देने पर भी विचार किया जा रहा है।

अभ्यर्थियों की मौत की बताई ये वजह

बन्ना ने कहा कि अभ्यर्थियों की मौत की वजह कोरोना वैक्सीन है। यह तो लंदन में भी साबित हो गया है कि कोरोना वैक्सीन से हृदय में ब्लड क्लॉट हो जाता है, जो मौत का कारण बनता है।

यहां बताते दें कि झारखंड में उत्पाद विभाग में कांस्टेबल की भर्ती के लिए जारी शारीरिक परीक्षा के दौरान अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। अभ्यर्थियों की मौत के आंकड़े रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। एक और अभ्यर्थी की मौत हो गई है। 

सिपाही की बहाली में दौड़ लगाने के बाद बीमार हुई टांगर निवासी आरती केरकेट्टा (32) की बीते शुक्रवार को रांची स्थित मेदांता अस्पताल में इलाज के क्रम में मौत हो गई है।

अपने लोगों को फायदा पहुंचाने और बड़ी राशि का दुरुपयोग के आरोप में सरयू राय एवं अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज


सरयू राय ने कहा जो हश्र इसके पूर्व मुझ पर लादे गए केस का हुआ वही होगा

झारखंड डेस्क

रांची : झारखंड के रघुबर सरकार में मंत्री रहे पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय सहित अन्य पर अपने पद का दुरुपयोग कर आहार पत्रिका के मुद्रण, प्रकाशन और वितरण की आड़ में अवैध तरीके से 3.38 करोड़ का अनुचित लाभ उठाने के आरोप में अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसमें सरयू राय के निजी सहायक सह आहार पत्रिका के कार्यकारी संपादक आनंद कुमार व धनबाद के तत्कालीन प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सुनील शंकर, बाबा कंप्यूटर्स के मालिक रितेश गुप्ता और जेपीपीएल के निदेशक को नामजद आरोपी बनाया गया है. यह प्राथमिकी एम-3, अरगोड़ा हाउसिंग काॅलोनी निवासी मनोज सिंह ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 314, 316(2), 316(4), 316(5), 61(2) सहपाठित धारा 3(5) व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 7, 11, 12 एवं 13(2) के अंतर्गत दर्ज करायी है.

मामला क्या है ..?

प्राथमिकी में कहा गया है कि सरयू राय (Saryu Roy) ने आम जनता में अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के नाम पर हर माह खाद्य बुलेटिन आहार की आड़ में अक्तूबर 2017 से मार्च 2019 तक की अवधि में 3,38,26,473/- का भुगतान करवाया. तय मात्रा से काफी कम संख्या में आहार पत्रिका का मुद्रण, प्रकाशन व वितरण हुआ. साथ ही घोटाला कर मामले को दबाने की मंशा से अपने करीबी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सुनील शंकर को रिटायर होने से कुछ दिन पहले धनबाद में तैनात किया गया.

प्राथमिकी में कहा गया है कि विभाग के तत्कालीन विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने 22 सितंबर 2017 को फूड बुलेटिन आहार के मुद्रण, प्रकाशन व वितरण के लिए विशेषज्ञ की सेवाएं लेने की अनुशंसा विभागीय मंत्री सरयू राय से की थी. पर जान बूझकर स्वयं फायदा लेने की मंशा से मंत्री ने 26 सितंबर 2017 को अपने निजी सहायक आनंद कुमार को ही स्वतः बुलेटिन के लिए विशेषज्ञ घोषित कर उन्हें कार्यकारी संपादक के पद पर नियुक्त कर दिया. पुनः एक साजिश के तहत झारखंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड (जेपीपीएल) को बुलेटिन की छपाई का कार्य आदेश दे दिया गया. ताकि दोनों उसका लाभ उठाते रहे.

पूर्व मंत्री सरयू राय ने अरगोड़ा थाना में दर्ज एफआइआर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा : तीन साल में एक विषय पर मेरे खिलाफ छठा एफआइआर दर्ज कराया गया है. इस विषय को लेकर पहले जमशेदपुर के दो लोगों ने एफआइआर कराया था. फिर से एसीबी में मामला दर्ज कराया. हाइकोर्ट में याचिका दायर की. इसके बाद धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. अब अरगोड़ा थाना में एफआइआर दर्ज कराया है. इसका हाल भी वही होगा, जो पिछले पांच एफआइआर का हुआ है. श्री राय कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता ने फाइल पर सरकार से मेरे खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था. इस पर सचिव सहमत नहीं हुए. उन्होंने इस फाइल को कानूनी सलाह के लिए विधि विभाग के पास भेज दिया. इससे परेशान हो कर मंत्री ने मेरे खिलाफ एक और एफआइआर दर्ज कराया है. इसमें चिंता की कोई बात नहीं है.

मनोज सिंह ने आरोप लगाया है कि बाबा कम्प्यूटर्स से भी सरयू राय पहले से जुड़े हुए थे. वर्ष 2016 में खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा अनधिकृत रूप से टेलीफोन के माध्यम से लाभुकों तक विभागीय संवाद पहुंचाने के लिए बाबा कम्प्यूटर्स को काम दिया गया था. एक कॉल का रेट 10 पैसा है, लेकिन बाबा कम्प्यूटर्स के माध्यम से एक कॉल का दर 81 पैसा निर्धारित किया गया. इस प्रकार बाबा कम्प्यूटर्स को दिया गया कार्य बाजार मूल्य एवं सरकार द्वारा निर्धारित दर से आठ गुणा अधिक था. जो कि भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है. विभागीय निदेशक ने छह नवंबर 2018 को अवर सचिव को सूचित किया था कि टेलीफोन के आधार पर 298 डीलरों से की गयी पूछताछ के अनुसार 183 राशन डीलरों को नियमित आधार पर खाद्य बुलेटिन नहीं मिल रहा था.

राज्यसभा सांसद श्रीमती महुआ माजी के नेतृत्व में ईद मिलाद-उन-नबी के जुलुस-मुस्लिम समाज के प्रमुख लोग सीएम सोरेन से मिले


की समाज की समस्याओं पर चर्चा, किया ईद मिलाद-उन-नबी के जुलुस में शामिल होने का आग्रह

झा. डेस्क 

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में राज्यसभा सांसद श्रीमती महुआ माजी के नेतृत्व में काज़ी इमारत-ए-शरिया मुफ्ती अनवर कासमी , नाज़िम इदारा-ए-शरिया मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी , जमीअत उलेमा-ए-झारखण्ड के महासचिव मौलाना असगर मिसबाही , मजलिस उलेमा-ए- झारखण्ड के महासचिव मुफ़्ती मोहम्मद ताल्हा नदवी ने मुलाक़ात की। 

उन्होंने मुख्यमंत्री को अल्पसंख्यकों के सामाजिक विकास से सम्बंधित मुद्दों से अवगत कराया एवं आगामी 16 सितंबर को ईद मिलाद-उन-नबी के जुलुस-ए-उर्स में सम्मिलित होने हेतु सादर आमंत्रित किया। 

मौके पर हाजी फिरोज, मोहम्मद असलम, अय्यूब राज़ा खान, अनवर आलम, नदीम इक़बाल, अज़हर अहमद खान भी मौजूद रहें।

रांची :केंद्र सरकार ने तीन साल बाद झारखंड को किया पीएम आवास आवंटित, इसके तहत 113195 ग्रामीणों को मिलेगा आवास


झारखंड डेस्क 

रांची केंद्र सरकार ने तीन साल बाद झारखंड को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण को आवास का आवंटन कर दिया है.

केंद्रीय कैबिनेट में हुए फैसले में पूरे देशभर में तीन करोड़ पीएम आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया था, उसी आलोक में सभी राज्यों के साथ,साथ झारखंड को भी लक्ष्य आवंटित किया गया है.

इस बार भारत सरकार ने 113195 आवास बनाने का टारगेट राज्य सरकार को दिया है, इस सम्बंध में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से आवंटन आदेश झारखंड को मिला है सबसे अधिक पलामू, गढ़वा,गिरिडीह और रांची जिले को आवास आवंटन हुआ है वही सबसे कम आवास निर्माण का लक्ष्य कोडरमा व खूंटी जिला को मिला है.

सीएम हेमंत सोरेन ने वकीलों के लिए कैबिनेट की बैठक में दी कई, सुबिधाएँ, वकीलों में ख़ुशी की लहर

रांची: झारखंड मंत्रिमंडल ने राज्य के वकीलों के लिए पांच लाख रुपये के मेडिकल बीमा के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार के इस फैसले से झारखंड के लगभग 30,000 वकीलों को लाभ मिल सकता है। मंत्रिमंडल ने 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के अधिवक्ताओं की पेंशन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 14,000 रुपये प्रति माह करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसले किए गए हैं।

वकीलों को झारखंड सरकार का तोहफा

कैबिनेट ने नव नामांकित अधिवक्ताओं को हर महीने 5,000 रुपये का भत्ता (स्टाइपेंड) देने का भी निर्णय लिया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ‘झारखंड एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्टी कमेटी’ को वित्तीय वर्ष 2024-25 के वास्ते 5,000 रुपये की राशि देने के लिए 1.5 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

वकीलों के विभिन्न संगठनों ने इस निर्णय की सराहना की। वकीलों का कहना है कि राज्य सरकार के इस फैसले से उन्हें काफी राहत मिलेगी। कानून के प्रहरियों में वकीलों का नाम भी गिना जाता है। ऐसे में झारखंड सरकार का ये फैसला सराहनीय है।

झारखंड में वकीलों को बीमा और भत्ता दोनों मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए यह निर्णय ऐतिहासिक साबित होगा। सोरेन ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘देश में पहली बार....राज्य सरकार अब राज्य के सभी नए वकीलों को पांच साल तक मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी ताकि उन्हें शुरुआती दिनों में इस पेशे में बने रहने की ताकत मिल सके।’

चार साल की बच्ची से रेप के बाद मर्डर करने और उसके शव को खेत में फेंकने के आरोपी को हाईकोर्ट ने दी फांसी की सजा


झा. डेस्क 

गिरिडीह में एक चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के आरोपी को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने बरकार रखा है। जबकि, इस मामले के उम्रकैद के एक आरोपी को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया है। 

गिरिडीह की अदालत ने 22 सितंबर 2019 को रामचंद्र ठाकुर को फांसी और उसके पिता मधु ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनायी थी। दोनों दोषियों ने अपनी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जबकि सरकार ने फांसी की सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि एक चार वर्षीय मासूम का अपहरण कर दुष्कर्म करना और फिर उसकी हत्या कर शव खेत में फेंक देना यह बताता है कि हत्या पूरी तरह योजनाबद्ध थी। 

यह एक जघन्य हत्या है और इसके परिस्थिति जन्य साक्ष्य भी हैं। आरोपी के बयान के बाद ही बच्ची का शव मिला था। इस कारण इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मान कर दी गयी फांसी की सजा उचित है। इसलिए, प्रार्थी की अपील खारिज की जाती है। अदालत ने रामचंद्र के पिता के खिलाफ प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं पाए जाने के कारण उसे मामले से बरी कर दिया।

क्या है पूरा मामला-..?

गिरिडीह के परसन ओपी क्षेत्र में (धनवार) 26 मार्च 2018 को दो बड़ी बहनों के साथ चार वर्षीय बच्ची बलि का मीट लाने गांव के ही मंडप गई थी। एक घंटे के बाद उसकी दोनों बड़ी बहनें शाम 7 बजे घर वापस आ रही थी, तो रास्ते में पिता को दोनों बहनें मिलीं, जिसके बाद छोटी बेटी के बारे में उन्होंने पूछा तो दोनों ने कहा कि रामचंद्र ठाकुर उसे गोद में उठा लिया और बोला कि वह घर पहुंचा देगा। उसके बाद पिता ने घर से निकलकर गांव में काफी खोजबीन की, लेकिन वह नहीं मिली।

 यही नहीं उसके साथ गांव के काफी लोग रात में उनकी बेटी को खोजते रहे, बाद में पूछताछ करने पर पता चला कि रामचंद्र ठाकुर भी घर पर नहीं था। जांच में सामने आया कि लड़की के पिता और रामचंद्र ठाकुर के पिता मधु ठाकुर के बीच विवाद चल रहा है। इसी कारण से उसकी बेटी का अपहरण रामचंद्र ठाकुर और मधु ठाकुर पर लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी ।