चार महीनों से कोटेदारों को नहीं मिला उनका मेहनताना
अमृतपुर फरुर्खाबाद । अक्सर समाज में कोटेदार और ठेकेदार बदनाम किए जाते हैं। फिर वह चाहे कितनी भी इमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें लेकिन समाज अधिकारियों और विभाग की एक उंगली हमेशा उनकी तरफ उठी ही रहती है। अब उनकी समस्याओं को देखने वाला भी कोई नहीं। यह लोग मेहनत के साथ धन अर्जित करते हैं और इस प्रक्रिया में कमीशन खोरी के चलते बदनामी भी झेलते हैं। उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए ना तो सरकार ध्यान देती है और ना ही विभाग के उच्च अधिकारी। राशन वितरण को लेकर कोटेदारों का दर्द भी सामने आया है।
निशुल्क खाद्यान्न वितरण के बाद चार महीने से कमीशन भुगतान न होने पर राशन कोटेदारों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर आॅल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर एसोसिएशन ने विरोध जताया है। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनिल तिवारी ने कोटेदारों की राय लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।राशन कोटेदार हर महीने राशन कार्ड धारकों को निशुल्क खाद्यान्न वितरित करते हैं। जिसके बदले उन्हें कमीशन का भुगतान किया जाता है। हालांकि पिछले चार महीने से कमीशन का भुगतान न होने के कारण कोटेदारों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है।
आर्थिक संकट से जूझ रहे कई कोटेदार कर्ज लेकर अपने परिवार का गुजारा करने को मजबूर हैं जिससे उनका धैर्य अब टूटने लगा है।जिलाध्यक्ष ने कमीशन भुगतान में हो रही इस लेटलतीफी को लेकर एक अहम बैठक आयोजित करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति विभाग को हर महीने कोटेदारों का कमीशन भुगतान करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अधिकारियों से वार्ता चल रही है और अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो कोटेदार ई-पॉस मशीनें सितंबर महीने में आपूर्ति विभाग कार्यालय में जमा करेंगे।
कोटेदारों की ओर से आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है और अब वे अपने अधिकारों के लिए मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। ऐसे में विभाग के उच्च अधिकारियों को चाहिए कि वह कोटेदारों की इस समस्याओं पर ध्यान दें और जल्द से जल्द इसका निराकरण भी करें। अगर यह लोग आंदोलन पर उतारू हो गए तो इसका असर ग्रामीण क्षेत्र के उन गरीब परिवारों पर जाएगा जो कि सरकार द्वारा मिलने वाले निशुल्क खाद्दान्न के सहारे अपना परिवार चलाते हैं।
Sep 08 2024, 20:00