अब IIT वालों को भी नहीं मिल रही है नौकरी, चार लाख सालाना पैकेज का मिल रहा ऑफर, जानें कैसे बिगड़ रहे हैं हालात
नयी दिल्ली : लाखों बच्चों के बीच कंप्टीशन फेस करने के बाद जेईई और उससे भी कठिन जेईई एडवांस्ड परीक्षा पास करने के बाद आईआईटी में एडमिशन मिलता है. यहां आने के बाद भी घनघोर मेहनत और संघर्ष के बाद बैचलर्स की डिग्री हाथ आती है.
ऐसे में जब सालों की चुनौतियों के बाद सैलरी पैकेज साल का 4 लाख ऑफर हो तो कैंडिडेट के दिल पर क्या बीतती होगी. ऐसा ही हुआ है आईआईटी बॉम्बे में. यहां के एक स्टूडेंट को चार लाख का सैलरी पैकेज ऑफर हुआ है.
क्या है मामला
जब से आईआईटी बॉम्बे के स्टूडेंट को चार लाख का एनुअल सैलरी पैकेज ऑफर हुआ है, तब से जॉब मार्केट में एक नयी बहस छिड़ गई है. अगर आईआईटी से पासआउट स्टूडेंट्स को इतने पैसे मिलेंगे तो बाकी इंडस्ट्री के कैंडिडेट्स का क्या होगा. यूएस डॉलर में बात करें तो ये राशि 4800 यूएस डॉलर हुई.
अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि किस कंपनी ने इतनी सैलरी ऑफर की है पर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये पैकेज किसी स्टार्टअप ने ऑफर किया है.
पिछले साल से भी कम हुई सैलरी
पिछले साल से तुलना करें तो ये लोएस्ट सैलरी पैकेज है. पिछले साल यानी साल 2023 में सबसे कम सैलरी पैकेज 6 से 8 लाख का था. इस बार पैकेज और कम हो गया है।
क्या हैं संभावित कारण
विगत सालों में आईआईटी के कैंडिडेट्स को कम सैलरी पैकेज क्यों ऑफर हो रहे हैं, इसके पीछ कई कारण हैं. विभिन्न रिपोर्ट्स की मानें तो इसकी मुख्य वजह इकोनॉमिक स्लोडाउन है.
पिछले सालों में जॉब मार्केट में गिरावट आयी है जिसके पीछे पेंडमिक भी एक बड़ी वजह रही. बाकी कुछ संभावित कारण ये हो सकते हैं.
सप्लाई और डिमांड का बिगड़ा बैलेंस :
जिस संख्या में कैंडिडेट्स आईआईटी से ग्रेजुएट हो रहे हैं, उस संख्या में नौकरियां नहीं हैं. खासकर वे जिस ब्रांच के हैं वहां नौकरी और सैलरी दोनों का टोटा है.
इंडस्ट्री की बदलती जरूरतें :
ऑटोमेशन और एआई के इस्तेमाल के बढ़ने से जॉब मार्केट की डिमांड में बदलाव आया है. इससे ट्रेडिशनल इंजीनियर के रोल में कमी आयी है और इनकी सैलरी पर भी असर पड़ा है.
स्टार्टअप भी है वजह :
आजकल बहुत से आईआईटी पासआउट नये स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं. कई नये बिजनेस डालते हैं और नौकरी में उतना यकीन नहीं करते. अपने बिजनेस की तरफ कैंडिडेट्स का रुझान बढ़ा है।
ग्लोबल कांपटीशन : ग्लोबल लेवल पर कांपटीशन बहुत बढ़ गया है. टैलेंट की कमी नहीं है और कंपनियां कम सैलरी में अच्छे कैंडिडेट पा रही हैं तो वे ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना चाहती.
यहां नहीं कम हुई डिमांड
मोटे तौर पर कहें तो आईआईटी के कैंडिडेट्स की सैलरी में कमी की चर्चा है पर जिन फील्ड्स में डिमांड है, वहां आज भी इन्हें हाथों-हाथ लिया जा रहा है.
अगर ऐसी ब्रांच चुनी है जो आज के समय में मांग में रहती है तो उतनी समस्या नहीं है और सैलरी पैकेज बढ़िया मिलता है. जैसे कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस और एआई जैसी फील्ड चुनने वाले कैंडिडेट्स को आज भी बढ़िया सैलरी की नौकरी मिल रही है.
कितनी घटी सैलरी
आईआईटी ग्रेजुएट्स की एवरेज एनुअल सैलरी में पिछले सालों में कुछ इस तरह की गिरावट आयी है. जैसे साल 2020 में ये साल के 18 से 20 लाख था जो साल 2024 में घटकर 15 से 18 लाख हो गया.
कुछ ब्रांच जैसे कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के कैंडिडेट्स को अभी भी 25 से 40 लाख तक सैलरी पैकेज ऑफर हो रहे हैं. इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के कैंडिडेट्स की सैलरी घटी है जो साल के 10 से 18 लाख के बीच पहुंच गई है.
सबसे ज्यादा ड्रॉप सिविल, केमिकल और मैटालर्जी के कैंडिडेट्स की सैलरी मे हुआ है जो साल के 8 से 15 लाख पर पहुंच गई है. ये जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है.
Sep 06 2024, 18:13