मानसून की बेरुखी : बिहार में लगातार तीसरे वर्ष मानसून की बारिश सामान्य से कम होने के आसार, कई जिलों में बनते दिख रहे सुखे के हालात*
डेस्क : बिहार में लगातार तीसरे वर्ष मानसून की बारिश सामान्य से कम होने के आसार हैं। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। मानसून की असक्रियता के कारण सामान्य से कम बारिश हो रही है। जिसकी वजह से प्रदेश के कई जिलों में सुखे जैसे हालात बनते दिख रहे है। मौसम विभाग ने जारी अपने पूर्वानुमान में यह आशंका प्रकट की है कि इस सितंबर में भी बिहार के अधिकतर जिलों में सामान्य से कम बारिश होगी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा। हालांकि, राज्य के दक्षिण-पश्चिम भाग के जिलों बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद और अरवल में सामान्य बारिश होने के आसार हैं। राज्य में अब तक मानसून के दौरान सामान्य से 25 कम बारिश हुई है। इसमें जून में 52, जुलाई में 29 और अगस्त में 4 सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। सितंबर में भी बारिश कम होने से प्रदेश में लगातार तीसरे वर्ष मानसून की बारिश सामान्य से कम होने के आसार हैं। बिहार में सामान्य तौर पर मानसून सीजन 12 जून से 8 अक्टूबर तक रहता है। इधर मानसून की बेरुखी के कारण भागलपुर समेत पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल के नौ जिलों में सूखे जैसी स्थिति बनती दिख रही है। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों पर ध्यान दें तो किशनगंज, बांका, जमुई व लखीसराय जिले में सामान्य बारिश की तुलना में 17 प्रतिशत या इससे कम बारिश हुई है। बाकी नौ जिलों में सामान्य से 21 से लेकर 48 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है। बिहार कृ़षि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक का कहना हैं कि सामान्य से अगर 17 प्रतिशत तक कम बारिश होती है तो इसे खेती के लिहाज से ठीक-ठाक बारिश माना जाता है। लेकिन सामान्य से अगर 18 प्रतिशत या इससे अधिक कम बारिश हो तो इसका असर खेती पर पड़ना तय है। धान जैसी फसलों को अतिरिक्त सिंचाई की जरूरत पड़ेगी तो वहीं उत्पादन पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। वहीं बिहार के नौ ग्रीन जिले हैं, जहां पर सामान्य से कम तो बारिश हुई है, लेकिन अधिकतम 17 प्रतिशत तक ही कम बारिश हुई है। ये जिले किशनगंज, बांका, जमुई, लखीसराय, नालंदा, गया, अरवल, औरंगाबाद, बक्सर, सीवान, पश्चिम चंपारण हैं। वहीं दूसरी ओर भागलपुर गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। मुंगेर में रविवार को 15 सेमी की बढोतरी दर्ज हुई है। जबकि भागलपुर में 2 सेमी की वृद्धि हुई है। मुंगेर और भागलपुर में बढ़ोतरी से खगड़िया में परबत्ता में गंगा फिर से बढ़ गई है। इस माह बारिश कम होने और तापमान बढ़ने के कारण लोगों को गर्मी सताने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश कम होने से आद्रता की मात्रा बढ़ जाएगी। इस कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास होगा। तापमान जितना रिकॉर्ड होगा, लोगों को कहीं उससे ज्यादा का अनुभव होगा। इसका प्रभाव कृषि और स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।
Sep 04 2024, 09:30