दरभंगा में 90% अनुदान पर नलकूप लगाने की थी योजना, 3 हजार लोग योजना से वंचित
सरकार किसानों की सुविधा बहाली के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। कई योजना की घोषणा हुई है। लेकिन, जमीनी स्तर पर किसानों को इसका सही फायदा नही मिल पा रहा है।
दरभंगा में 34 साल से किसानों को बोरिंग नहीं मिली है। दरभंगा में 90% अनुदान पर नलकूप लगाने की योजना थी। 3 हजार लोग योजना से वंचित है। पूर्व मुख्यमंत्री डा
जगन्नाथ मिश्रा के तृतीय मुख्यमंत्रित्व काल में किसानों को नब्बे प्रतिशत सरकारी अनुदान पर लोहे के निजी नलकूप देने के लिए राशि जमा की थी। उनमें से इस जिला के लगभग तीन हजार सीमांत कृषकों को 34 साल बीतने के बाद भी राज्य सरकार ने बोरिंग नहीं दे पाई है।
तीन हजार किसान योजना से हुए
वंचित बता दें कि वित्तीय वर्ष 1990 - 91 में 90 प्रतिशत सरकारी अनुदान पर लोहे के नलकूप गड़वाने के लिए प्रति किसानों ने 1370 रुपए की दर से प्रखंड नजारत में राशि जमा की थी। 1370 रुपए की दर से राशि जमा करने वाले इस जिला के हजारों सीमांत किसानों को 150 फीट की गहराई वाला लोहे का नलकूप गड़वा भी दिया गया।
लेकिन, बाद में सरकार बदल जाने के बाद बोरिंग देने के काम में शिथिलता बरतनी शुरू हो गई। इसके कारण जिले में लगभग तीन हजार किसान इस योजना के फायदा पाने से वंचित रह गए। 34 साल की इस अवधि में किसानों को ना बोरिंग मिली न ही जमा की गई राशि मिल सकी है।
लोगों को नलकूप की उम्मीद
योजना लघु जल संसाधन विभाग संचालित कर रही थी। बघौल के योगेन्द्र ठाकुर, पधारी के चंद्रकांत चौधरी व सावित्री देवी नलकूप लिए बगैर इस दुनिया से चल बसे। बिठौली के करमचन्द्र राय, बन्डिहुली के लोटन यादव व महावीर मंडल, पघारी के बद्रीनारायण चौधरी व प्रफुल्ल चौधरी, शिवराम के शशिभूषण राय, कमलेश झा, योगेन्द्र झा सहित कई अन्य लोग जमा की गई राशि के बदले नलकूप की उम्मीद में बैठे हैं।
मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री, लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री, प्रधान सचिव व जिलाधिकारी को कई बार ज्ञापन देकर मांग कर चुके हैं फिर भी कोई पहल नहीं हो सकी है।
दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
Sep 03 2024, 20:15