दिल्ली में दुश्मनी, हरियाणा में गहरा प्रेम ! AAP -कांग्रेस का गजब पॉलिटिक्स गेम, पढ़िए, पूरी खबर
हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना तलाशी जा रही है, लेकिन दिल्ली में दोनों पार्टियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वहां कोई गठबंधन नहीं होगा। लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद, दिल्ली में कांग्रेस और AAP ने ऐलान किया था कि वे दिल्ली विधानसभा चुनावों में अलग-अलग लड़ेगी। इसके बाद, दिल्ली कांग्रेस ने AAP को सिविक मुद्दों, खासकर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है, जबकि आम आदमी पार्टी इस पर चुप्पी साधे हुए है।
दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना फिलहाल बहुत कम नजर आती है। दोनों पार्टियां पहले ही सार्वजनिक रूप से घोषणा कर चुकी हैं कि वे विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ेगी। 2024 के आम चुनावों में दिल्ली में AAP-कांग्रेस गठबंधन से नाराज होकर दिल्ली कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन की थी। हालांकि, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन नहीं होगा। लेकिन, हरियाणा में उन्हें भाजपा को सत्ता से हटाना है, इसलिए दोनों पार्टियां एक दूसरे के राज़ छुपाकर एक साथ भाजपा पर हमला बोलने की तैयारी में है।
हालांकि, इंडिया गठबंधन के तहत AAP और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा, लेकिन दिल्ली में भाजपा ने सभी सात सीटों पर जीत हासिल की। वर्तमान में, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने फिर से दोहराया है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। कांग्रेस पार्टी दिल्ली में जलभराव, करंट लगने से मौतें, और बिजली दरों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, और केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठा रही है। 2025 के विधानसभा चुनाव में अब कम समय बचा है, और कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रही है।
दिल्ली में जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं, वहीं हरियाणा में ये दोनों पार्टियां एक-दूसरे का सहयोग करेंगी। यह सवाल उठता है कि जब दिल्ली में दोनों पार्टियां एक-दूसरे की पोल खोल रही हैं, तो हरियाणा में जाकर कैसे ये दोनों एक-दूसरे की दोस्त बन जाएंगी और एक-दूसरे के राज छुपाने लगेंगी ? क्या जनता इन पार्टियों पर भरोसा कर सकती है, जो केवल अपने सियासी लाभ के लिए समर्थन या विरोध करती हैं? अगर आम आदमी पार्टी गलत है, तो वह दिल्ली और हरियाणा दोनों जगह गलत ही होगी। और अगर वह सही है, तो दोनों राज्यों में सही होगी। राजनीति में यह देखने को मिलता है कि पार्टियां सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं, और यह सच्चाई कई बार जनता के सामने आती है।
Sep 03 2024, 19:30