गोमिया थाना क्षेत्र के करमटिया गांव में मुकेश की हत्या की गुत्थी सुलझी, हत्याकांड में शामिल दोस्त गिरफ्तार
बोकारो :गोमिया थाना क्षेत्र के करमटिया गांव में हुई हत्या की गुत्थी सुलझ गई है. बता दें कि 28 अगस्त को करमटिया गांव के युवक मुकेश कुमार 35 वर्ष की हत्या कर दी गई थी.
इस मामले में गोमिया के पुलिस उसी गांव के मोहन चौहान को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी. पांच दिन तक पुलिस को गुमराह कर आरोपी झूठ बोलता रहा. लेकिन पुलिस के सख्ती के बाद आरोपी ने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली. पुलिस रविवार को उसे जेल भेज दिया.
इस संबंध में गोमिया सर्किल के इंस्पेक्टर महेश प्रसाद सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर घटना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि घटना के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया, जिसमें उनके अलावा गोमिया थाना प्रभारी नित्यानंद भोक्ता, पुअनि मनोज कुमार, आईईएल थाना प्रभारी प्रफुल्ल कुमार महतो, ललपनिया थाना प्रभारी शशि शेखर और तेनुघाट ओपी प्रभारी अजित कुमार शामिल थे.
उन्होंने बताया कि आरोपी मोहन चौहान मुकेश कुमार की मां, फागुनी देवी को आशीर्वाद माइक्रोफाइनेंस से 65,000 रुपये का लोन दिला दिया था. इसके बाद उस राशि को आरोपी ने फागुनी देवी को झूठ बोलकर पैसा निकलवा लिया और अपनी पत्नी के खाते में जमा कर दिया. इस बात की जानकारी जब फागुनी देवी के पुत्र मुकेश कुमार को हुई तो वे लगातार मोहन से पैसा वापस करने की मांग करने लगा.
मुकेश द्वारा लगातार पैसे की मांग किये जाने के कारण मोहन उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई और 28 अगस्त को उसकी हत्या कर दी.
क्या है घटनाक्रम
पुलिस ने बताया कि मोहन चौहान 28 अगस्त की शाम को मुकेश को फोन किया और पैसा देने का बहाना बनाकर उसे बुलाया. उसे गांव के बगल के पहाड़ी पर ले गया. वहां इधर उधर की बात करने के बाद कहा कि उसके एक रिस्तेदार ट्रेन से पैसा लेकर आ रहा है. फोन के गूगल से पता करो कि ट्रेन कहाँ पहुंची है. जब मुकेश मोबाइल पर ट्रेन का लोकेशन चेक करने में व्यस्त हो गया तब वह चाकू निकाला और पीछे से गर्दन रेतकर कर हत्या कर दी. इसके बाद वह अपने घर के बगल में एक बर्थडे पार्टी में शामिल हो गया, ताकि किसी को शक नहीं हो.
खून से सना कपड़ा बरामद
पुलिस ने बताया कि आरोपी मोहन चौहान उसकी (मुकेश) हत्या करने की योजना पहले ही बना ली थी. 25 अगस्त को ही मारने का प्लान था लेकिन उस दिन मुकेश अकेले उसके पास नहीं गया, इसलिए प्लान बदल दिया. वह पहले ही आईईएल के एक दुकान से चाकू खरीद कर घर के सामने खेत में गाड़ कर रख लिया था. जब वह 28 अगस्त को मुकेश को पहाड़ी पर बुलाया तो खेत से चाकू लिया और छिपाकर ले गया था.
घटना के बाद बर्थड़े पार्टी में हुआ शामिल
घटना को अंजाम देने के बाद वह बर्थडे पार्टी में शामिल हो गया. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने उसकी हत्या करने के बाद चाकू को पुनः खेत में ही गाड़ दिया और अपना कपड़ा धोकर रख दिया और दूसरा कपड़ा पहनकर बर्थडे पार्टी में शामिल हो गया. वह घटना को करीब साढ़े सात बजे ही अंजाम दे दिया और आधे घंटे बाद आठ बजे बर्थडे पार्टी में शामिल हो गया ताकि किसी को शक नहीं हो.
कैसे हुआ खुलासा
28 अगस्त की सुबह जब घटना की जानकारी मृतक के परिजनों सहित गांव वालों को हुई तो वे पहाड़ी पर पहुंचे जहां मुकेश का शव पड़ा था. मोहन भी वहाँ पहुंचा. वह भी मृतक का फोटो खिंचा. गांव वाले इस घटना से आहत थे. वह भी गांव वालों के साथ शामिल हो गया. लेकिन गांव वाले जब पुलिस को खोजी कुत्ता बुलाने की मांग करने लगे तो मोहन भी इस बात को सुना. खोजी कुत्ता बुलाने की बात सुनकर वह डर गया. वह भागे भागे घर गया और सबसे पहले एक बोतल फिनाइल खरीदा और जहां खून से सना अपना कपड़ा धोया था वहाँ पूरा फिनाइल डाल दिया ताकि कुत्ता सूंघ नहीं सके. फिर खेत से चाकू निकाला और खदान में जाकर फेंक दिया.
पुलिस को फिनाइल का सेंट उसके घर तक ले गया. इसके बाद मोहन के द्वारा उसे फोन कर बुलाना ही जांच का केंद्र बिंदु था.
पुलिस ने बताया पूछताछ के दौरान मोहन ने अपराध स्वीकार किया और बताया कि उसने मानसिक तनाव में आकर मुकेश की हत्या करने का फैसला किया, ताकि लोन का मामला खत्म हो सके. पुलिस ने आरोपी से हत्या के समय पहने हुए कपड़े और मोबाइल भी बरामद कर लिया है.
Sep 03 2024, 09:34