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69 हजार शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का आवास घेरा

लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सोमवार को प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर घेराव किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो पुलिस से उनकी झड़प हो गयी है। उन्हें वहां से हटाकर दूसरे स्थान पर भेजने की तैयारी की जा रही है।

जल्द से जल्द लागू हो हाईकोर्ट का फैसला

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी हाईकोर्ट लखनऊ के डबल बेंच से दिए गए फैसले का पालन किए जाने मांग को लेकर केशव प्रसाद के घर के सामने धरने पर बैठे हैं। बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यार्थी यहां जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई कोर्ट का जो फैसला आया है सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करें और आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देते हुए उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें। उससे पहले दागी अधिकारियों को तत्काल हटाकर नए अधिकारी नियुक्त करें। जिससे भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरा किया जा सके।

सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही

धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है हम चाहते हैं की सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है।

पटेल ने कहा कि, कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है। हमारी मांग है कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे।

आदमखोर भेड़िए और तेंदुओं के हमले से बचाने के लिए सरकार मुस्तैद, सीएम योगी ने दिए निर्देश

लखनऊ। हाल के दिनों में प्रदेश में घटित मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय मंत्री तथा संबंधित अधिकारियों को पेट्रोलिंग बढ़ाने के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। आदमखोर भेड़िए और तेंदुओं के हमले से बचाने के लिए सरकार मुस्तैद है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आदमखोर भेड़िये या तेंदुए द्वारा हमले किए जा रहे हैं। उन्हें हर हाल में नियंत्रित करने, पकड़ने का प्रयास किया जाए और आवश्यकता के अनुरूप कदम उठाए जाएं।इसकाे लेकर पहले ही निर्देश दिए गए हैं कि प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत, राजस्व विभाग क्षेत्र में व्यापक जन जागरूकता पैदा करें। लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में भी बताएं।

उन्होंने कहा कि वन मंत्री द्वारा वन विभाग के अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती करते हुए उन्हें बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बिजनौर सहित अन्य जिलों में लगाया जाए। ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाएं।वरिष्ठ अधिकारी जिलों में कैंप करें। जनप्रतिनिधियों के सहयोग लें। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लाइट की समस्या हो, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था भी करें।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने मानव-वन्य जीव संघर्ष को आपदा घोषित किया है। इस क्रम में, वन्य जीवों के हमले में घायल लोगों अथवा असमय काल-कवलित हुए लोगों के परिवारीजनों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाए।

बहराइच में आदमखोर भेड़ियों ने फिर मचाया आतंक, बच्ची को बनाया निवाला, बुजुर्ग गंभीर

लखनऊ/बहराइच। उत्तर प्रदेश का बहराइच जनपद इन दिनों आदमखोर भेड़ियों की दहशत के साये में है। इंसानों पर हमला कर उन्हें अपना निवाला और शिकार बनाने में आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के तमाम इंतजाम और प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। हालांकि वृहद स्तर पर चलाए गए वन विभाग, पुलिस व प्रशासन के सर्च ऑपरेशन के जरिए चार भेड़ियें पकड़े गए हैं लेकिन अभी भी कई नरभक्षी भेड़िये इलाके में घूम रहे हैं और लोगों को निशाना बना रहे हैं। एक ​बार फिर भूखे आदमखोर भेड़ियों ने अलग-अलग जगहों पर बच्ची को निवाला बनाया है। वहीं बुजुर्ग महिला को भेड़िये खींच ले गए, जिसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

जानकारी के मुताबिक, इन दिनों बहराइच के 35 गांवों में आदमखोर भेड़ियों का खौफ खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शासन स्तर पर आदमखोर भेड़ियों के आंतक का संज्ञान लेते हुए विशेषज्ञ टीमों के सर्च ऑपरेशन चलाए जाने के बाद चार भेड़ियों को पकड़ लिया गया था। माना जा रहा था कि अब भेड़ियों का आतंक खत्म हो जाएगा, लेकिन एक फिर से आदमखोर भेड़ियों ने अलग-अलग गांवों में ज्ञात लगाकर हमला किया।

बुजुर्ग महिला की हालत नाजुक

जिले के महसी इलाके में रविवार की रात तीसरी बार आदमखोर भेड़ियों ने हमला किया। इस दौरान महसी के बारह निगाह मौजा कुटिया में सो रही 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला अंचाला पर आदमखोर भेड़िये ने पहला हमला रविवार की देर रात 12 बजे किया। भेड़िया बुजुर्ग का गला दबाकर घर से बाहर खींच कर ले आया। इस बीच चीख सुनकर परिजन जाग गए और लाठी-डंडे लेकर हाका लगाने लगे। इस पर भेड़िया बुजुर्ग को छोड़कर भाग निकला। वृद्धा को इलाज के लिए महसी सीएचसी ले जाया गया, जहां गंभीर हालत के चलते उन्हें बहराइच मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया।

ढाई साल की बच्ची को बनाया निवाला

भूखे भेड़ियों ने दूसरा हमला गरेठी गुरुदत्त सिंह पुरवा में मां के साथ सो रही ढाई साल की बच्ची को अपना शिकार बनाया और उसे सोमवार की भोर करीब चार बजे उठा ले गए। मां ने बच्ची को ना पाकर शोर मचाया और परिजनों का माथा ठनका। बच्ची की खोजबीन में परिजन व ग्रामीण जुट गए। इस बीच शुरू हुई। घर से करीब एक किलोमीटर दूर बच्ची का शव क्षत-विक्षत अवस्था में पाया गया। इसको लेकर पूरे गांव में भेड़ियों के हमले के बाद दहशत बढ़ गई है। वहीं जानकारी पर वन विभाग व पुलिस पहुंची और कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

बीती रात हुए हमलों की जानकारी पर जिलाधिकारी मोनिका रानी व एसपी वृन्दा शुक्ल ने मौके पर पहुंचे और परिजनों से हालचाल लिया है। जिलाधिकारी का कहना है कि टीमे सर्च आपरेशन चला रही हैं, जल्द ही सभी आदमखोर भेड़ियों को पकड़ते हुए जनपद को उनके आतंक से मुक्त करा लिया जाएगा।

वहीं मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने बहराइच में भेड़ियाें के आतंक का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्हाेंने इलाके में काम्बिंग बढ़ाते हुए प्रभावी कदम उठाने निर्देश दिए हैं। उन्हाेंने अधिाकारियाें काे निर्देशित किया है कि वन्य जीवाें के हमले से लाेगाें काे बचाने के बेहतर उपाय किए जाए। लाेगाें की सुरक्षा के साथ वन्य प्राणियाें का रेस्क्यू कर उन्हें उनके स्थानाें पर पहुंचाए। ग्रामीणाें काे आवश्यक चीजाें काे उपलब्ध कराते हुए पूरी जनहानि काे लेकर बने मानव-वन्य जीव संघर्ष को आपदा के अंतर्गत प्रभावित लोगों के परिवारीजनों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराए।

आदमखोर भेड़ियों के हमले में 10 की गई जान, मृतकों में नौ बच्चे शामिल

जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक मार्च माह की शुरूआत से जारी हुआ। इस दौरान घूम-घूमकर भूखे भेड़ियों ने राह चलते, खेत में काम कर रहे ग्रामीणों पर हमला किया। वहीं रात के अंधेरे में तो खूूंखार भेड़ियों ने बच्चों को अपना शिकार बनाया। पूरे माहीने भेड़ियों ने ऐसा आतंक मचाया कि इनके सैकड़ों हमलों में 41 लोग घायल हो गए। वहीं 10 लोगों की नरभक्षी भेड़ियों का निवाला बन गये। इनमें सबसे ज्यादा नौ बच्चों को शिकार बनाकर भेड़िये अपनी भूख मिटा चुके हैं। चार भेड़ियों के पकड़े जाने के बावजूद ​एक बार फिर रविवार रात से फिर भेड़ियों की आमद से लोगों में दहशत का माहौल है।

भेड़ियों के आतंक का शासन के संज्ञान में सर्च ऑपरेशन जारी

बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के आतंक का संज्ञान शासन स्तर पर लिया गया है। बीते दिनों वृहद सर्च ऑपरेशन के जरिए चार भेड़ियें पकड़े गए थे। इसके बावजूद अभी भी कई नरभक्षी भेड़िये इलाके में घूमने और हमलों को लेकर उन्हें पकड़ने के लिए टीमों को लगा दिया गया है। भेड़ियों को पकड़ने के लिए गांवों में छह कैमरें और कई पिंजरें लगाए गए हैं। वन विभाग की 25 टीमों के साथ ड्रोन से दिन में निगरानी की जा रही है। पुलिस व जिला प्रशासन के साथ पीएसी के जवानों के द्वारा इलाके में कांबिंग की जा रही है। बच्चों को घरों से ना निकलने और रात में लोगों को अकेले ना घूमने की हिदायत के साथ सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

यूपी के 34 जनपदों में मेघ गर्जन के साथ बारिश की संभावना

लखनऊ/कानपुर। बंगाल में बना निम्न दबाव का क्षेत्र डिप्रेशन (अवदाब) में तब्दील हो रहा है। इससे मौसम की गतिविधियों में आगामी दिनों बदलाव होगा और तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार हैं। अगर सोमवार यानी आज की बात करें तो उत्तर प्रदेश का मौसम रविवार की भांति ही रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर प्रदेश के 34 जनपदों में मेघ गर्जन के साथ बारिश की संभावना है और अन्य जनपदों में भी बौछारें पड़ सकती हैं।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने बताया कि मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर प्रदेश से बाहर जा चुकी है, जिससे सोमवार को तेज बारिश के आसार कम हैं। हालांकि स्थानीय स्तर पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, साथ ही बादलों की गड़गड़ाहट भी होगी। कुछ जनपदों में आसमान बादलों से घिरा रहेगा तो कुछ जनपदों में आसमान साफ रहेगा। जहां पर आसमान साफ रहेगा वहां पर उमस भरी गर्मी बढ़ेगी और बाकी जगहों पर तापमान सामान्य रहेगा। मौसम की जो गतिविधियां बनी हुई हैं उसके मुताबिक प्रतापगढ़, महोबा, बांदा, कौशाम्बी, हमीरपुर, फ​तेहपुर, जालौन, राय बरेली, अमेठी, कानपुर नगर, ललितपुर, झांसी, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, कासगंज, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, अयोध्या, संत कबीर नगर, बस्ती, उन्नाव, औरैया, लखनऊ, बाराबंकी, कन्नौज, हरदोई, फर्रुखाबाद, बहराइच, गोण्डा, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बरेली, बदायूं में मेघगर्जन व आकाशीय बिजली के साथ बारिश की संभावना है। इसके साथ ही इस दौरान तेज हवाएं भी चलेंगी।

लोहिया यूनिवर्सिटी में छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, अस्पताल पहुंचने से पहले ही थम चुकी थीं सांसें

लखनऊ । डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार रात संदिग्ध हालात में एक छात्रा की मौत हो गई। जानकारी मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। छात्रा के पिता नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईआए) दिल्ली में आईजी हैं। रविवार सुबह पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन शव लेकर दिल्ली चले गए।

नोएडा निवासी आईपीएस संतोष रस्तोगी की 21 वर्षीय बेटी अनिका रस्तोगी लोहिया विवि से बीए एलएलबी(आॅनर्स) थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। वह विवि के गर्ल्स हॉस्टल के रूम नंबर 124 में रहती थी। उसकी एक रूममेट भी है। पुलिस ने बताया कि जांच में सामने आया कि शनिवार शाम को क्लाइंट काउंसलिंग कार्यक्रम में छात्रा शामिल हुई। फिर रात करीब 9:30 बजे छात्रा खाना खाने के बाद कमरे में गई थी। रूममेट बाहर गई थी। करीब सवा दस बजे जब रूममेट पहुंची तो दरवाजा नहीं खुला। विवि प्रशासन को सूचना दी गई। दो तीन लोगों ने दरवाजे पर जोर से धक्का मारा तब वह खुला। भीतर अनिका फर्श पर बेजान सी पड़ी थीं।

तुरंत उनको पास के निजी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। देर रात पुलिस कमिश्नर समेत अन्य आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने भी छानबीन की। अस्पताल के रिकॉर्ड में ब्रॉड डेड दर्ज है। अस्पताल पहुंचने से पहले ही अनिका की मौत हो चुकी थी। अंदेशा है कि उसकी सांसें हॉस्टल के कमरे में ही थम चुकी हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह पता नहीं चल सकी विसरा और हार्ट सुरक्षित किया गया है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि छात्रा की मौत को कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। हालांकि पुलिस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी बोले- आज भी जीवित हैं बाबा कीनाराम के चमत्कार


चंदौली / जिले के रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम के मठ मंदिर परिसर में बाबा कीनाराम के 425वें जन्मोत्सव समारोह में शिरकत करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दर्शन पूजन के बाद वहां पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों को भी संबोधित किया।

इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि एक बार फिर से परम पूज्य बाबा कीनाराम के 425वें जन्मोत्सव के अवसर में उनकी जन्मभूमि पर आने का मौका मिला है। लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह बाबा की कृपा ही है कि उनको सोनभद्र के कार्यक्रम को रद्द करके उनकी जन्मस्थली पर आना पड़ा है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा कीनाराम आज के लगभग 425 साल पहले इसी पावन धरती पर जन्म लिया था। उनके माता-पिता मां गंगा और बाबा विश्वनाथ के अनन्य भक्त थे। उसी परिवार में पल बढ़कर उन्होंने अपने साधन की और सिद्धि प्राप्त करने के बाद अपने पूरे जीवन को लोक कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

बाबा कीनाराम ने तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए तमाम कार्यक्रम आयोजित किये, जिससे सभी वर्गों का लोक कल्याण हो सके।उन्होंने बाबा कीनाराम जी महाराज एवं रामगढ़ मठ के महंत सिद्धार्थ राम गौतम जी महाराज को एक अद्भुत संत बताया कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व सांसद व कैबिनेट मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय, साधना सिंह राज्य सभा सांसद, दर्शना सिंह, विधायक सुशील सिंह, रमेश जायसवाल, अजित सिंह, प्रभुनारायण सिंह धनंजय सिंह सहित हजारों लोग उपस्थित रहे।

हमारी सत्ता तो राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण का साधन : सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ/वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। बड़ालालपुर स्थित टीएफसी में आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने कहा कि आपका उत्साह ही एक नई ऊर्जा का कारण है। यह ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा है। इसी के बल पर तो हम इस राज्य को सुशासन दे पा रहे हैं। युवा ऊर्जा जिसके पास हो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल्य और सिद्धांत विहीन राजनीति फांसी का फंदा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सत्ता तो राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण का साधन है । साध्य नहीं है। कार्य करने के बाद हम कभी नहीं कहते हमने कर दिया। बल्कि हम तो बस निमित्त मात्र हैं। मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल का जिक्र कर कहा कि जिनकी उम्र 25 से 30 साल है या इससे कम है उन्हें अहसास तक नहीं होगा कि उनके सामने यह प्रदेश पहचान को मोहताज था। यहां कोई निवेश नहीं करना चाहता था।

हर चीज में भेदभाव रही, नौजवान के लिए रोजगार नहीं था। किसान आत्महत्या कर रहे थे। प्रदेश से उद्योग पलायन कर रहे थे। इन परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर जनता ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई। इन साढ़े सात वर्षों में एक नया उत्तर प्रदेश बना है। उन्होंने कहा कि आज बेटी भी सुरक्षित है और व्यापारी भी। हमने हर व्यापारी को दस लाख रुपया का बीमा कवर दिया है, उन्हें भरोसा दिया है कि हम सुरक्षा देंगे आप व्यापार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले दो वर्षों में यूपी पुलिस में एक लाख की भर्ती करेंगे।

आज देश और दुनिया का हर बड़ा निवेशक यहां आ रहे हैं। 40 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आया है। डेढ़ करोड़ नौजवान को सीधे- सीधे नौकरी मिलेगी । पहले नौजवान मुंबई-हैदराबाद और विदेश में जाता था। आज उस नौजवान को प्रदेश में उसके जिले, उसके घर में नौकरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को प्रदेश में आगे बढ़ाया गया। कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने विरोधी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नकाब पहनकर गुमराह करने वाले आ गए हैं। कोई जाति या धर्म से देश से बड़ा नहीं है। लेकिन, आप देख रहे हैं कि कैसे-कैसे षड्यंत्र हो रहे हैं। जो लोग सामाजिक न्याय के लिए समर्पित महापुरुषों का अपमान करते थे, वे आज वोट के लिए उनकी आरती उतार रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी, जब भी इन्हें सरकार बनाने का मौका मिला, उन्होंने देश की कीमत पर राजनीति की। इन दलों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सामाजिक अपमान किया। सरदार वल्लभ भाई पटेल का अपमान किया। इन महापुरुषों को भारत रत्न न मिल पाए, इसके लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। इसके पहले कार्यक्रम में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, भाजयुमो के राष्ट्रीय महामंत्री सांसद राजू विष्ट,प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी,प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

कार्यशाला का शुभारंभ सांसद राजू विष्ट ने दीप जलाकर किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हाजिरी लगाई। एक दिवसीय दौरे पर शहर में आए मुख्यमंत्री ने मंदिर के गर्भगृह में विधि विधान से दर्शन पूजन के बाद बाबा का अभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने देश—प्रदेश में सुख शांति की कामना की। इस दौरान मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालु मुख्यमंत्री को देखकर हर—हर महादेव का उद्घोष करते रहे। मुख्यमंत्री ने भी शिवभक्तों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। मंदिर में दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के मंदिर में भी कड़ी सुरक्षा के बीच हाजिरी लगाई। मंदिर में विधि विधान से दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री बड़ालालपुर स्थित टीएफसी में आयोजित भाजयुमो के कार्यशाला में भाग लेने के लिए रवाना हो गए।

मुख्यमंत्री ने संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डॉ संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने परिसर में हो रहे विकास कार्य सहित अन्य गतिविधियों को भी बारीकी से देखा। विश्वविद्यालय के पठन-पाठन सहित अन्य गतिविधियों को कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों सहित लाइब्रेरी एवं छात्रावासों को भी देखा। लाइब्रेरी में पुरातन काल की संग्रहित पौराणिक पांडुलिपियों का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। एक दिवसीय दौरे पर शहर में आए मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय परिसर में देख विद्यार्थी भी खुश दिखे।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि भारतीय ज्ञान परम्परा के अति प्राचीन केंद्र सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुख्य भवन में वैदिक वांग्मय के क्रमिक विकास पर 3-डी म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा। जिसमें 16 संस्कारों, 64 कलाओं, 18 विद्या स्थान को विस्तृत रूप दिया जाएगा । इस दौरान राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, चौकाघाट को पुन: इस संस्था के संकाय के रूप में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया।

मथुरा की शाही ईदगाह को बम से उड़ाने की धमकी,कार में बैठ खुद पर डाला पेट्रोल, सुरक्षा जवानों ने दबोचा

लखनऊ/मथुरा। मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के पसीने उस समय छूट गए, जब एक युवक ने मस्जिद को बम से उड़ाने की धमकी दी। इसके बाद युवक दौड़कर एक कार में बैठ गया और खुद पर पेट्रोल डाल लिया। ये देख सुरक्षा जवानों के पसीने छूट गए। कार अंदर से लॉक कर ली। पुलिस ने कार के शीशे तोड़कर उसे बाहर निकाला और गिरफ्तार कर थाने ले गई। 

घटना करीब एक बजे की बताई जा रही है, जब शाही ईदगाह के गेट पर सुरक्षा जवान मुस्तैदी के साथ खड़े थे, तभी एक युवक वहां आ पहुंचा। उसने शादी ईदगाह को बम से उड़ाने की धमकी दी। इसके बाद वो तेजी से कार में बैठ गया और दरवाजे अंदर से बंद कर लिए। इसके बाद उसने खुद पर पेट्रोल डाल लिया। ये देख सुरक्षाकर्मी हैरान रह गए।सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत ही कार के शीशे तोड़ दिए और युवक को बाहर निकाल लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम पुष्पेन्द्र बताया। पुष्पेन्द्र थाना जमुनापार क्षेत्र की मीरा विहार कॉलोनी का रहने वाले है।

 सूचना पर उसके परिवार के लोग भी थाने पहुंच गए। उन लोगों ने बताया कि पुष्पेन्द्र के बच्चों की मौत हो चुकी है, तभी से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वो ऐसी ही बातें करता रहता है। पुलिस के सामने बैठकर भी पुष्पेन्द्र ये कहता रहा कि वो मस्जिद तोड़ने के लिए आया है। आज नहीं तो कल मस्जिद को तोड़ ह ही देगा।

शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष बनीं प्रो. कीर्ति पांडेय, जोर पकड़ेगी 20 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया

लखनऊ । गोरखपुर यूनिवर्सिटी की समाजशास्त्र विभाग की प्रो. कीर्ति पांडेय को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बीते वर्ष शासन ने प्रदेश में बेसिक शिक्षा से माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती के लिए इस आयोग का गठन किया था।इसके साथ ही आयोग के अध्यक्ष व 12 सदस्य पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे किंतु सभी 12 सदस्यों की नियुक्ति 14 मार्च को कर दी गई पर सही अभ्यर्थी न मिलने के कारण दोबारा अध्यक्ष पद के लिए आवेदन मांगे गए थे।

इसके साथ ही प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को 20 मार्च को आयोग का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। इस आयोग ने प्रयगागराज में कामकाज शुरू कर दिया था साथ ही पिछले दिनों सचिव पद पर भी तैनाती की जा चुकी है। हालांकि, नियमित अध्यक्ष की तैनाती न होने से नियुक्ति प्रक्रिया नहीं शुरू हो रही थी। अब पहले से माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में लंबित लगभग 20 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया गति पकड़ेगी।बता दें कि प्रदेश में एकीकृत शिक्षक भर्ती के लिए इस आयोग का गठन किया गया है। अभी तक शिक्षक भर्तियां माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्च शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से अलग-अलग हो रही थीं। अब भर्ती प्रक्रिया इस आयोग के माध्यम से होंगी।

बाबा कीनाराम जी का जीवन परिचय व चमत्कार* *श्रीप्रकाश यादव*

अघोराचार्य बाबा श्री कीनाराम अघोर सम्प्रदाय के अनन्य आचार्य थे। इनका जन्म सन् 1601 भाद्रपद शुक्ल को चंदौली के रामगढ़ गाँव में अकबर सिंह के घर हुआ। बारह वर्ष की अवस्था में विवाह अवश्य हुआ पर वैराग्य हो जाने के कारण गौना नहीं कराया। ये देश के विभिन्न भागों का भ्रमण करते हुए गिरनार पर्वत पर बस गये। कीनाराम सिद्ध महात्मा थे और इनके जीवन की अनेक चमत्कारी घटनाएं प्रसिद्ध हैं। सन् 1769 को काशी में अघोराचार्य बाबा श्री कीनाराम जी के 170 वर्ष की आयु में समाधिस्थ हो गए। *जीवन परिचय* बाबा किनाराम उत्तर भारतीय संत परंपरा के एक प्रसिद्ध संत थे, जिनकी यश-सुरभि परवर्ती काल में संपूर्ण भारत में फैल गई। वाराणसी के पास चंदौली जिले के ग्राम रामगढ़ में एक कुलीन रघुवंशी क्षत्रिय परिवार में सन् 1601 ई. में इनका जन्म हुआ था। बचपन से ही इनमें आध्यात्मिक संस्कार अत्यंत प्रबल थे। तत्कालीन रीति के अनुसार बारह वर्षों के अल्प आयु में, इनकी घोर अनिच्छा रहते हुए भी, विवाह कर दिया गया किंतु दो तीन वर्षों बाद द्विरागमन की पूर्व संध्या को इन्होंने हठपूर्वक माँ से माँगकर दूध-भात खाया। ध्यातव्य है कि सनातन धर्म में मृतक संस्कार के बाद दूध-भात एक कर्मकांड है। बाबा के दूध-भात खाने के अगले दिन सबेरे ही वधू के देहांत का समाचार आ गया। सबको आश्चर्य हुआ कि इन्हें पत्नी की मृत्यु का पूर्वाभास कैसे हो गया। अघोर पंथ के ज्वलंत संत के बारे में ऐक कथानक प्रसिद्ध है,कि ऐक बार काशी नरेश अपने हाथी पर सवार होकर शिवाला स्थित आश्रम से जा रहे थे,उन्होनें बाबा किनाराम के तरफ तल्खी नजरों से देखा,तत्काल बाबा किनाराम ने आदेश दिया दिवाल चल आगे,इतना कहना कि दिवाल चल दिया और काशी नरेश की हाथी के आगे - आगे चलने लगा। तब काशी नरेश को अपने अभिमान का बोध हो गया और तत्काल बाबा किनाराम जी के चरणों में गिर गये। *वैराग* यह विरक्त तो रहते ही थे, घर से भी निकल पड़े और घूमते-फिरते गाजीपुर (अब बलिया) जिले के कारों ग्राम के पास कामेश्वर धाम में रामानुजी संप्रदाय के संत शिवाराम की सेवा में पहुँचे। कुछ समय बाद दीक्षा देने के पूर्व महात्मा जी ने परीक्षार्थ इनसे स्नान ध्यान के सामान लेकर गंगातट पर चलने को कहा। यह शिवाराम जी की पूजनादि की सामग्री लेकर गंगातट से कुछ दूर पहुँच कर रुक गए तथा गंगाजी को झुककर प्रणाम करने लगे। जब सिर उठाया तब देखा कि भागीरथी का जल बढ़कर इनके चरणों तक पहुँच गया है। इन्होंने इस घटना को गुरु की महिमा मानी। शिवाराम जी दूर से यह सब देख रहे थे। उन्होंने किशोर किनाराम को असामान्य सिद्ध माना तथा मंत्र दीक्षा दी। जनश्रुतियों के अनुसार कारों के कामेश्वर धाम में साधना के दौरान बाबा किनाराम प्रतिदिन मध्यरात्रि में कारो से पैदल चलकर करीमुद्दीनपुर के कष्टहरणी भवानी मंदिर पहुंचकर दर्शन करते थे और भोर होने से पहले कारो पहुंच जाते थे। बाबा किनाराम को माता कष्टहरणी ने अपने हाथों से प्रसाद देकर सिद्धि प्रदान की थी।पत्नी की मृत्यु के बाद शिवाराम जी ने जब पुनर्विवाह किया तब कीनाराम जी ने उन्हें छोड़ दिया। घूमते-घामते नईडीह गाँव पहुँचे। वहाँ एक वृद्धा बहुत रो कलप रही थी। पूछने पर उसने बताया कि उसके एकमात्र पुत्र को बकाया लगान के बदले जमींदार के सिपाही पकड़ ले गए हैं। कीनाराम ने वृद्धा के साथ जमींदार के द्वार पर जाकर देखा कि वह लड़का धूप में बैठा रखा है। जमींदार से उसे मुक्त करने का आग्रह व्यर्थ गया तब कीनाराम ने जमींदार से कहा-जहाँ लड़का बैठा है वहाँ की धरती खुदवा ले और जितना तेरा रुपया हो, वहाँ से ले ले। हाथ दो हाथ गहराई तक खुदवाने पर वहाँ अशेष रु पए पड़े देखकर सब स्तंभित रह गए। लड़का तो तुरंत बंधनमुक्त कर ही दिया गया, जमींदार ने बहुत बहुत क्षमा मांगी। बुढ़िया ने वह लड़का कानाराम जी को ही सौंप दिया। बीजाराम उसका नाम था और संभवत: कीनाराम जी के शरीर त्याग पश्चात्‌ वाराणसी के उनके मठ की गद्दी पर वही अधिष्ठित हुआ। *गिरनार की यात्रा* औघड़ों के मान्य स्थल गिरनार पर कीनाराम जी को दत्तात्रेय के स्वयं दर्शन हुए थे जो रुद्र के बाद औघड़पन के द्वितीय प्रतिष्ठापक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि परम सिद्ध औघड़ों को भगवान दत्तात्रेय के दर्शन गिरनार पर आज भी होते है वर्तमान काल में, किनारामी औघड़पंथी परमसिद्धों की बारहवीं पीढ़ी में, वाराणसीस्थ अघोरेश्वर भगवान राम को भी गिरनार पर्वत पर ही दत्तात्रेय जी का प्रत्यक्ष दर्शन हुआ था। गिरनार के बाद किनाराम जी बीजाराम के साथ जूनागढ़ पहुँचे। वहाँ भिक्षा माँगने के अपराध में उस समय के नवाब के आदमियों ने बीजाराम को जेल में बंद कर दिया तथा वहाँ रखी 981 चक्कियों में से, जिनमें से अधिकतर पहले से ही बंदी साधु संत चला रहे थे, एक चक्की इनको भी चलाने को दे दिया। कीनाराम जी ने सिद्धिबल से यह जान लिया तथा दूसरे दिन स्वयं नगर में जाकर भिक्षा माँगने लगे। वह भी कारागार पहुँचाए गए और उन्हें भी चलाने के लिए चक्की दी गई। बाबा ने बिना हाथ लगाए चक्की से चलने को कहा किंतु यह तो उनकी लीला थी, चक्की नहीं चली। तब उन्होंने पास ही पड़ी एक लकड़ी उठाकर चक्की पर मारी। आश्चर्य कि सब 981 चक्कियाँ अपने आप चलने लगीं। समाचार पाकर नवाब ने बहुत क्षमा माँगी और बाबा के आदेशानुसार यह वचन दिया कि उस दिन से जो भी साधु महात्मा जूनागढ़ आएँगे उन्हें बाबा के नाम पर ढाई पाव आटा रोज दिया जाएगा। नवाब की वंशपरंपरा भी बाबा के आशीर्वाद से ही चली। *अघोरपंथ के साधक* उत्तराखंड हिमालय में बहुत वर्षों तक कठोर तपस्या करने के बाद कीनाराम जी वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट के श्मशान पर रहनेवाले औघड़ बाबा कालूराम (कहते हैं, यह स्वयं भगवान दत्तात्रेय थे) के पास पहुँचे। कालूराम जी बड़े प्रेम से दाह किए हुए शवों की बिखरी पड़ी खोपड़ियों को अपने पास बुला-बुलाकर चने खिलाते थे। कीनाराम को यह व्यर्थ का खिलवाड़ लगा और उन्होंने अपनी सिद्धि शक्ति से खोपड़ियों का चलना बंद कर दिया। कालूराम ने ध्यान लगाकर समझ लिया कि यह शक्ति केवल कीनाराम में है। इन्हें देखकर कालूराम ने कहा-भूख लगी है। मछली खिलाओ। कीनाराम ने गंगा तट की ओर मुख कर कहा-गंगिया, ला एक मछली दे जा। एक बड़ी मछली स्वत: पानी से बाहर आ गई। थोड़ी देर बाद कालूराम ने गंगा में बहे जा रहे एक शव को कीनाराम को दिखाया। कीनाराम ने वहीं से मुर्दे को पुकारा, वह बहता हुआ किनारे आ लगा और उठकर खड़ा हो गया। बाबा कीनाराम ने उसे घर वापिस भेज दिया पर उसकी माँ ने उसे बाबा की चरणसेवा के लिए ही छोड़ दिया। इन सब के बाद, कहते हैं, कालूराम जी ने अपने स्वरूप को दर्शन दिया और कीनाराम को साथ, क्रींकुण्ड (भदैनी, वाराणसी) ले गए जहाँ उन्हें बताया कि इस स्थल को ही गिरनार समझो। समस्त तीर्थों का फल यहाँ मिल जाएगा। कीनाराम तबसे मुख्यश: उसी स्थान पर रहने लगे। अपने प्रथम गुरु वैष्णव शिवाराम जी के नाप पर उन्होंने चार मठ स्थापित किए तथा दूसरे गुरु, औघड़ बाबा कालूराम की स्मृति में क्रींकुंड (वाराणसी), रामगढ़ (चंदौली), देवल (गाजीपुर) तथा हरिहरपुर (जौनपुर) में चार औघड़ गद्दियाँ कायम कीं। इन प्रमुख स्थानों के अतिरिक्त तकिया भी कितनी ही हैं। सहज ही प्रश्न उठता है कि औघड़ कौन हैं ? औघड़ (संस्कृत रूप अघोर) शक्ति का साधक होता है। चंडी, तारा, काली यह सब शक्ति के ही रूप हैं, नाम हैं। यजुर्वेद के रुद्राध्याय में रुद्र की कल्याण्कारी मूर्ति को शिवी की संज्ञा दी गई है, शिवा को ही अघोरा कहा गया है। शिव और शक्ति संबंधी तंत्र ग्रंथ यह प्रतिपादित करते हैं कि वस्तुत: यह दोनों भिन्न नहीं, एक अभिन्न तत्व हैं। रुद्र अघोरा शक्ति से संयुक्त होने के कारण ही शिव हैं। संक्षेप में इतना जान लेना ही हमारे लिए यहाँ पर्याप्त है। बाबा किनाराम ने इसी अघोरा शक्ति की साधना की थी। ऐसी साधना के अनिवार्य परिणामस्वरूप चमत्कारिक दिव्य सिद्धियाँ अनायास प्राप्त हो जाती हैं, ऐसे साधक के लिए असंभव कुछ नहीं रह जाता। वह परमहंस पद प्राप्त होता है। कोई भी ऐसा सिद्ध प्रदर्शन के लिए चमत्कार नहीं दिखाता, उसका ध्येय लोक कल्याण होना चाहिए। औघड़ साधक की भेद बुद्धि का नाश हो जाता है। वह प्रचलित सांसारिक मान्यताओं से बँधकर नहीं रहता। सब कुछ का अवधूनन कर, उपेक्षा कर ऊपर उठ जाना ही अवधूत पद प्राप्त करना है।