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मुख्यमंत्री योगी बोले- आज भी जीवित हैं बाबा कीनाराम के चमत्कार


चंदौली / जिले के रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम के मठ मंदिर परिसर में बाबा कीनाराम के 425वें जन्मोत्सव समारोह में शिरकत करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दर्शन पूजन के बाद वहां पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों को भी संबोधित किया।

इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि एक बार फिर से परम पूज्य बाबा कीनाराम के 425वें जन्मोत्सव के अवसर में उनकी जन्मभूमि पर आने का मौका मिला है। लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह बाबा की कृपा ही है कि उनको सोनभद्र के कार्यक्रम को रद्द करके उनकी जन्मस्थली पर आना पड़ा है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा कीनाराम आज के लगभग 425 साल पहले इसी पावन धरती पर जन्म लिया था। उनके माता-पिता मां गंगा और बाबा विश्वनाथ के अनन्य भक्त थे। उसी परिवार में पल बढ़कर उन्होंने अपने साधन की और सिद्धि प्राप्त करने के बाद अपने पूरे जीवन को लोक कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

बाबा कीनाराम ने तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए तमाम कार्यक्रम आयोजित किये, जिससे सभी वर्गों का लोक कल्याण हो सके।उन्होंने बाबा कीनाराम जी महाराज एवं रामगढ़ मठ के महंत सिद्धार्थ राम गौतम जी महाराज को एक अद्भुत संत बताया कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व सांसद व कैबिनेट मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय, साधना सिंह राज्य सभा सांसद, दर्शना सिंह, विधायक सुशील सिंह, रमेश जायसवाल, अजित सिंह, प्रभुनारायण सिंह धनंजय सिंह सहित हजारों लोग उपस्थित रहे।

हमारी सत्ता तो राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण का साधन : सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ/वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। बड़ालालपुर स्थित टीएफसी में आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने कहा कि आपका उत्साह ही एक नई ऊर्जा का कारण है। यह ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा है। इसी के बल पर तो हम इस राज्य को सुशासन दे पा रहे हैं। युवा ऊर्जा जिसके पास हो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल्य और सिद्धांत विहीन राजनीति फांसी का फंदा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सत्ता तो राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण का साधन है । साध्य नहीं है। कार्य करने के बाद हम कभी नहीं कहते हमने कर दिया। बल्कि हम तो बस निमित्त मात्र हैं। मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल का जिक्र कर कहा कि जिनकी उम्र 25 से 30 साल है या इससे कम है उन्हें अहसास तक नहीं होगा कि उनके सामने यह प्रदेश पहचान को मोहताज था। यहां कोई निवेश नहीं करना चाहता था।

हर चीज में भेदभाव रही, नौजवान के लिए रोजगार नहीं था। किसान आत्महत्या कर रहे थे। प्रदेश से उद्योग पलायन कर रहे थे। इन परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर जनता ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई। इन साढ़े सात वर्षों में एक नया उत्तर प्रदेश बना है। उन्होंने कहा कि आज बेटी भी सुरक्षित है और व्यापारी भी। हमने हर व्यापारी को दस लाख रुपया का बीमा कवर दिया है, उन्हें भरोसा दिया है कि हम सुरक्षा देंगे आप व्यापार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले दो वर्षों में यूपी पुलिस में एक लाख की भर्ती करेंगे।

आज देश और दुनिया का हर बड़ा निवेशक यहां आ रहे हैं। 40 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आया है। डेढ़ करोड़ नौजवान को सीधे- सीधे नौकरी मिलेगी । पहले नौजवान मुंबई-हैदराबाद और विदेश में जाता था। आज उस नौजवान को प्रदेश में उसके जिले, उसके घर में नौकरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को प्रदेश में आगे बढ़ाया गया। कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने विरोधी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नकाब पहनकर गुमराह करने वाले आ गए हैं। कोई जाति या धर्म से देश से बड़ा नहीं है। लेकिन, आप देख रहे हैं कि कैसे-कैसे षड्यंत्र हो रहे हैं। जो लोग सामाजिक न्याय के लिए समर्पित महापुरुषों का अपमान करते थे, वे आज वोट के लिए उनकी आरती उतार रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी, जब भी इन्हें सरकार बनाने का मौका मिला, उन्होंने देश की कीमत पर राजनीति की। इन दलों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सामाजिक अपमान किया। सरदार वल्लभ भाई पटेल का अपमान किया। इन महापुरुषों को भारत रत्न न मिल पाए, इसके लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। इसके पहले कार्यक्रम में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, भाजयुमो के राष्ट्रीय महामंत्री सांसद राजू विष्ट,प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी,प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

कार्यशाला का शुभारंभ सांसद राजू विष्ट ने दीप जलाकर किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हाजिरी लगाई। एक दिवसीय दौरे पर शहर में आए मुख्यमंत्री ने मंदिर के गर्भगृह में विधि विधान से दर्शन पूजन के बाद बाबा का अभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने देश—प्रदेश में सुख शांति की कामना की। इस दौरान मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालु मुख्यमंत्री को देखकर हर—हर महादेव का उद्घोष करते रहे। मुख्यमंत्री ने भी शिवभक्तों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। मंदिर में दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के मंदिर में भी कड़ी सुरक्षा के बीच हाजिरी लगाई। मंदिर में विधि विधान से दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री बड़ालालपुर स्थित टीएफसी में आयोजित भाजयुमो के कार्यशाला में भाग लेने के लिए रवाना हो गए।

मुख्यमंत्री ने संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डॉ संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने परिसर में हो रहे विकास कार्य सहित अन्य गतिविधियों को भी बारीकी से देखा। विश्वविद्यालय के पठन-पाठन सहित अन्य गतिविधियों को कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों सहित लाइब्रेरी एवं छात्रावासों को भी देखा। लाइब्रेरी में पुरातन काल की संग्रहित पौराणिक पांडुलिपियों का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। एक दिवसीय दौरे पर शहर में आए मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय परिसर में देख विद्यार्थी भी खुश दिखे।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि भारतीय ज्ञान परम्परा के अति प्राचीन केंद्र सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुख्य भवन में वैदिक वांग्मय के क्रमिक विकास पर 3-डी म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा। जिसमें 16 संस्कारों, 64 कलाओं, 18 विद्या स्थान को विस्तृत रूप दिया जाएगा । इस दौरान राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, चौकाघाट को पुन: इस संस्था के संकाय के रूप में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया।

मथुरा की शाही ईदगाह को बम से उड़ाने की धमकी,कार में बैठ खुद पर डाला पेट्रोल, सुरक्षा जवानों ने दबोचा

लखनऊ/मथुरा। मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के पसीने उस समय छूट गए, जब एक युवक ने मस्जिद को बम से उड़ाने की धमकी दी। इसके बाद युवक दौड़कर एक कार में बैठ गया और खुद पर पेट्रोल डाल लिया। ये देख सुरक्षा जवानों के पसीने छूट गए। कार अंदर से लॉक कर ली। पुलिस ने कार के शीशे तोड़कर उसे बाहर निकाला और गिरफ्तार कर थाने ले गई। 

घटना करीब एक बजे की बताई जा रही है, जब शाही ईदगाह के गेट पर सुरक्षा जवान मुस्तैदी के साथ खड़े थे, तभी एक युवक वहां आ पहुंचा। उसने शादी ईदगाह को बम से उड़ाने की धमकी दी। इसके बाद वो तेजी से कार में बैठ गया और दरवाजे अंदर से बंद कर लिए। इसके बाद उसने खुद पर पेट्रोल डाल लिया। ये देख सुरक्षाकर्मी हैरान रह गए।सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत ही कार के शीशे तोड़ दिए और युवक को बाहर निकाल लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम पुष्पेन्द्र बताया। पुष्पेन्द्र थाना जमुनापार क्षेत्र की मीरा विहार कॉलोनी का रहने वाले है।

 सूचना पर उसके परिवार के लोग भी थाने पहुंच गए। उन लोगों ने बताया कि पुष्पेन्द्र के बच्चों की मौत हो चुकी है, तभी से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वो ऐसी ही बातें करता रहता है। पुलिस के सामने बैठकर भी पुष्पेन्द्र ये कहता रहा कि वो मस्जिद तोड़ने के लिए आया है। आज नहीं तो कल मस्जिद को तोड़ ह ही देगा।

शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष बनीं प्रो. कीर्ति पांडेय, जोर पकड़ेगी 20 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया

लखनऊ । गोरखपुर यूनिवर्सिटी की समाजशास्त्र विभाग की प्रो. कीर्ति पांडेय को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बीते वर्ष शासन ने प्रदेश में बेसिक शिक्षा से माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती के लिए इस आयोग का गठन किया था।इसके साथ ही आयोग के अध्यक्ष व 12 सदस्य पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे किंतु सभी 12 सदस्यों की नियुक्ति 14 मार्च को कर दी गई पर सही अभ्यर्थी न मिलने के कारण दोबारा अध्यक्ष पद के लिए आवेदन मांगे गए थे।

इसके साथ ही प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को 20 मार्च को आयोग का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। इस आयोग ने प्रयगागराज में कामकाज शुरू कर दिया था साथ ही पिछले दिनों सचिव पद पर भी तैनाती की जा चुकी है। हालांकि, नियमित अध्यक्ष की तैनाती न होने से नियुक्ति प्रक्रिया नहीं शुरू हो रही थी। अब पहले से माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग में लंबित लगभग 20 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया गति पकड़ेगी।बता दें कि प्रदेश में एकीकृत शिक्षक भर्ती के लिए इस आयोग का गठन किया गया है। अभी तक शिक्षक भर्तियां माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्च शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से अलग-अलग हो रही थीं। अब भर्ती प्रक्रिया इस आयोग के माध्यम से होंगी।

बाबा कीनाराम जी का जीवन परिचय व चमत्कार* *श्रीप्रकाश यादव*

अघोराचार्य बाबा श्री कीनाराम अघोर सम्प्रदाय के अनन्य आचार्य थे। इनका जन्म सन् 1601 भाद्रपद शुक्ल को चंदौली के रामगढ़ गाँव में अकबर सिंह के घर हुआ। बारह वर्ष की अवस्था में विवाह अवश्य हुआ पर वैराग्य हो जाने के कारण गौना नहीं कराया। ये देश के विभिन्न भागों का भ्रमण करते हुए गिरनार पर्वत पर बस गये। कीनाराम सिद्ध महात्मा थे और इनके जीवन की अनेक चमत्कारी घटनाएं प्रसिद्ध हैं। सन् 1769 को काशी में अघोराचार्य बाबा श्री कीनाराम जी के 170 वर्ष की आयु में समाधिस्थ हो गए। *जीवन परिचय* बाबा किनाराम उत्तर भारतीय संत परंपरा के एक प्रसिद्ध संत थे, जिनकी यश-सुरभि परवर्ती काल में संपूर्ण भारत में फैल गई। वाराणसी के पास चंदौली जिले के ग्राम रामगढ़ में एक कुलीन रघुवंशी क्षत्रिय परिवार में सन् 1601 ई. में इनका जन्म हुआ था। बचपन से ही इनमें आध्यात्मिक संस्कार अत्यंत प्रबल थे। तत्कालीन रीति के अनुसार बारह वर्षों के अल्प आयु में, इनकी घोर अनिच्छा रहते हुए भी, विवाह कर दिया गया किंतु दो तीन वर्षों बाद द्विरागमन की पूर्व संध्या को इन्होंने हठपूर्वक माँ से माँगकर दूध-भात खाया। ध्यातव्य है कि सनातन धर्म में मृतक संस्कार के बाद दूध-भात एक कर्मकांड है। बाबा के दूध-भात खाने के अगले दिन सबेरे ही वधू के देहांत का समाचार आ गया। सबको आश्चर्य हुआ कि इन्हें पत्नी की मृत्यु का पूर्वाभास कैसे हो गया। अघोर पंथ के ज्वलंत संत के बारे में ऐक कथानक प्रसिद्ध है,कि ऐक बार काशी नरेश अपने हाथी पर सवार होकर शिवाला स्थित आश्रम से जा रहे थे,उन्होनें बाबा किनाराम के तरफ तल्खी नजरों से देखा,तत्काल बाबा किनाराम ने आदेश दिया दिवाल चल आगे,इतना कहना कि दिवाल चल दिया और काशी नरेश की हाथी के आगे - आगे चलने लगा। तब काशी नरेश को अपने अभिमान का बोध हो गया और तत्काल बाबा किनाराम जी के चरणों में गिर गये। *वैराग* यह विरक्त तो रहते ही थे, घर से भी निकल पड़े और घूमते-फिरते गाजीपुर (अब बलिया) जिले के कारों ग्राम के पास कामेश्वर धाम में रामानुजी संप्रदाय के संत शिवाराम की सेवा में पहुँचे। कुछ समय बाद दीक्षा देने के पूर्व महात्मा जी ने परीक्षार्थ इनसे स्नान ध्यान के सामान लेकर गंगातट पर चलने को कहा। यह शिवाराम जी की पूजनादि की सामग्री लेकर गंगातट से कुछ दूर पहुँच कर रुक गए तथा गंगाजी को झुककर प्रणाम करने लगे। जब सिर उठाया तब देखा कि भागीरथी का जल बढ़कर इनके चरणों तक पहुँच गया है। इन्होंने इस घटना को गुरु की महिमा मानी। शिवाराम जी दूर से यह सब देख रहे थे। उन्होंने किशोर किनाराम को असामान्य सिद्ध माना तथा मंत्र दीक्षा दी। जनश्रुतियों के अनुसार कारों के कामेश्वर धाम में साधना के दौरान बाबा किनाराम प्रतिदिन मध्यरात्रि में कारो से पैदल चलकर करीमुद्दीनपुर के कष्टहरणी भवानी मंदिर पहुंचकर दर्शन करते थे और भोर होने से पहले कारो पहुंच जाते थे। बाबा किनाराम को माता कष्टहरणी ने अपने हाथों से प्रसाद देकर सिद्धि प्रदान की थी।पत्नी की मृत्यु के बाद शिवाराम जी ने जब पुनर्विवाह किया तब कीनाराम जी ने उन्हें छोड़ दिया। घूमते-घामते नईडीह गाँव पहुँचे। वहाँ एक वृद्धा बहुत रो कलप रही थी। पूछने पर उसने बताया कि उसके एकमात्र पुत्र को बकाया लगान के बदले जमींदार के सिपाही पकड़ ले गए हैं। कीनाराम ने वृद्धा के साथ जमींदार के द्वार पर जाकर देखा कि वह लड़का धूप में बैठा रखा है। जमींदार से उसे मुक्त करने का आग्रह व्यर्थ गया तब कीनाराम ने जमींदार से कहा-जहाँ लड़का बैठा है वहाँ की धरती खुदवा ले और जितना तेरा रुपया हो, वहाँ से ले ले। हाथ दो हाथ गहराई तक खुदवाने पर वहाँ अशेष रु पए पड़े देखकर सब स्तंभित रह गए। लड़का तो तुरंत बंधनमुक्त कर ही दिया गया, जमींदार ने बहुत बहुत क्षमा मांगी। बुढ़िया ने वह लड़का कानाराम जी को ही सौंप दिया। बीजाराम उसका नाम था और संभवत: कीनाराम जी के शरीर त्याग पश्चात्‌ वाराणसी के उनके मठ की गद्दी पर वही अधिष्ठित हुआ। *गिरनार की यात्रा* औघड़ों के मान्य स्थल गिरनार पर कीनाराम जी को दत्तात्रेय के स्वयं दर्शन हुए थे जो रुद्र के बाद औघड़पन के द्वितीय प्रतिष्ठापक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि परम सिद्ध औघड़ों को भगवान दत्तात्रेय के दर्शन गिरनार पर आज भी होते है वर्तमान काल में, किनारामी औघड़पंथी परमसिद्धों की बारहवीं पीढ़ी में, वाराणसीस्थ अघोरेश्वर भगवान राम को भी गिरनार पर्वत पर ही दत्तात्रेय जी का प्रत्यक्ष दर्शन हुआ था। गिरनार के बाद किनाराम जी बीजाराम के साथ जूनागढ़ पहुँचे। वहाँ भिक्षा माँगने के अपराध में उस समय के नवाब के आदमियों ने बीजाराम को जेल में बंद कर दिया तथा वहाँ रखी 981 चक्कियों में से, जिनमें से अधिकतर पहले से ही बंदी साधु संत चला रहे थे, एक चक्की इनको भी चलाने को दे दिया। कीनाराम जी ने सिद्धिबल से यह जान लिया तथा दूसरे दिन स्वयं नगर में जाकर भिक्षा माँगने लगे। वह भी कारागार पहुँचाए गए और उन्हें भी चलाने के लिए चक्की दी गई। बाबा ने बिना हाथ लगाए चक्की से चलने को कहा किंतु यह तो उनकी लीला थी, चक्की नहीं चली। तब उन्होंने पास ही पड़ी एक लकड़ी उठाकर चक्की पर मारी। आश्चर्य कि सब 981 चक्कियाँ अपने आप चलने लगीं। समाचार पाकर नवाब ने बहुत क्षमा माँगी और बाबा के आदेशानुसार यह वचन दिया कि उस दिन से जो भी साधु महात्मा जूनागढ़ आएँगे उन्हें बाबा के नाम पर ढाई पाव आटा रोज दिया जाएगा। नवाब की वंशपरंपरा भी बाबा के आशीर्वाद से ही चली। *अघोरपंथ के साधक* उत्तराखंड हिमालय में बहुत वर्षों तक कठोर तपस्या करने के बाद कीनाराम जी वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट के श्मशान पर रहनेवाले औघड़ बाबा कालूराम (कहते हैं, यह स्वयं भगवान दत्तात्रेय थे) के पास पहुँचे। कालूराम जी बड़े प्रेम से दाह किए हुए शवों की बिखरी पड़ी खोपड़ियों को अपने पास बुला-बुलाकर चने खिलाते थे। कीनाराम को यह व्यर्थ का खिलवाड़ लगा और उन्होंने अपनी सिद्धि शक्ति से खोपड़ियों का चलना बंद कर दिया। कालूराम ने ध्यान लगाकर समझ लिया कि यह शक्ति केवल कीनाराम में है। इन्हें देखकर कालूराम ने कहा-भूख लगी है। मछली खिलाओ। कीनाराम ने गंगा तट की ओर मुख कर कहा-गंगिया, ला एक मछली दे जा। एक बड़ी मछली स्वत: पानी से बाहर आ गई। थोड़ी देर बाद कालूराम ने गंगा में बहे जा रहे एक शव को कीनाराम को दिखाया। कीनाराम ने वहीं से मुर्दे को पुकारा, वह बहता हुआ किनारे आ लगा और उठकर खड़ा हो गया। बाबा कीनाराम ने उसे घर वापिस भेज दिया पर उसकी माँ ने उसे बाबा की चरणसेवा के लिए ही छोड़ दिया। इन सब के बाद, कहते हैं, कालूराम जी ने अपने स्वरूप को दर्शन दिया और कीनाराम को साथ, क्रींकुण्ड (भदैनी, वाराणसी) ले गए जहाँ उन्हें बताया कि इस स्थल को ही गिरनार समझो। समस्त तीर्थों का फल यहाँ मिल जाएगा। कीनाराम तबसे मुख्यश: उसी स्थान पर रहने लगे। अपने प्रथम गुरु वैष्णव शिवाराम जी के नाप पर उन्होंने चार मठ स्थापित किए तथा दूसरे गुरु, औघड़ बाबा कालूराम की स्मृति में क्रींकुंड (वाराणसी), रामगढ़ (चंदौली), देवल (गाजीपुर) तथा हरिहरपुर (जौनपुर) में चार औघड़ गद्दियाँ कायम कीं। इन प्रमुख स्थानों के अतिरिक्त तकिया भी कितनी ही हैं। सहज ही प्रश्न उठता है कि औघड़ कौन हैं ? औघड़ (संस्कृत रूप अघोर) शक्ति का साधक होता है। चंडी, तारा, काली यह सब शक्ति के ही रूप हैं, नाम हैं। यजुर्वेद के रुद्राध्याय में रुद्र की कल्याण्कारी मूर्ति को शिवी की संज्ञा दी गई है, शिवा को ही अघोरा कहा गया है। शिव और शक्ति संबंधी तंत्र ग्रंथ यह प्रतिपादित करते हैं कि वस्तुत: यह दोनों भिन्न नहीं, एक अभिन्न तत्व हैं। रुद्र अघोरा शक्ति से संयुक्त होने के कारण ही शिव हैं। संक्षेप में इतना जान लेना ही हमारे लिए यहाँ पर्याप्त है। बाबा किनाराम ने इसी अघोरा शक्ति की साधना की थी। ऐसी साधना के अनिवार्य परिणामस्वरूप चमत्कारिक दिव्य सिद्धियाँ अनायास प्राप्त हो जाती हैं, ऐसे साधक के लिए असंभव कुछ नहीं रह जाता। वह परमहंस पद प्राप्त होता है। कोई भी ऐसा सिद्ध प्रदर्शन के लिए चमत्कार नहीं दिखाता, उसका ध्येय लोक कल्याण होना चाहिए। औघड़ साधक की भेद बुद्धि का नाश हो जाता है। वह प्रचलित सांसारिक मान्यताओं से बँधकर नहीं रहता। सब कुछ का अवधूनन कर, उपेक्षा कर ऊपर उठ जाना ही अवधूत पद प्राप्त करना है।
बाबा कीनाराम जन्मोत्सव को लेकर चंदौली में रूट डायवर्जन, इन मार्गों पर आवागमन रहेगा प्रभावित, जानिये पुलिस का प्लान*


*श्रीप्रकाश यादव* चंदौली- बाबा कीनाराम के जन्मोत्सव के दृष्टिगत रामगढ मठ में आयोजित मेला में शान्ति व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था बनाये रखने के लिए चंदौली पुलिस की ओर से रूट डायवर्जन प्लान लागू किया गया है। रूट डायवर्जन शनिवार की सुबह आठ बजे से लागू होगा। *ये है रूट डायवर्जन प्लान* चहनियां चौराहा की तरफ से एवं धानापुर की तरफ से आने वाले समस्त प्रकार के वाहन जो सराय रसुलपुर तिराहे से बाबा कीनाराम मठ जाना चाहते हैं। वे सभी वाहन नवोदय विद्यालय बैराठ की पार्किंग में (खड़े/पार्क) होंगे। नवोदय विद्यालय से बाबा कीनाराम मठ की तरफ किसी प्रकार का वाहन(ट्रैक्टर, बस, चार पहिया वाहन, तीन पहिया वाहन, दो पहिया वाहन) नहीं जाएंगे। सभी प्रकार के वाहनों की पार्किंग नवोदय विद्यालय बैराठ में होगी। सड़क संकरी होने के कारण सराय रसूल पुर चौराहा से बाबा कीनाराम मठ तक जाने वाली सड़क के किनारे किसी भी प्रकार के वाहन खडे नहीं होंगे। चहनिया चौराहा की तरफ से एवं सैदपुर की तरफ से आने वाले वाहन चार पहिया ,तीन पहिया, दो पहिया, जो गुरेरा एवं पलिया की तरफ से बाबा कीनाराम मठ को जाना चाहते हैं, वे सभी वाहन टैम्पू स्टैण्ड तिराहा/यूनियन बैंक रामगढ़ तक ही जा पायेंगे। टैम्पू स्टैण्ड तिराहा/यूनियन बैक के आस-पास बनी प्राइवेट पार्किंग में ही अपना वाहन खड़ा करेंगे, तथा टैम्पू स्टैण्ड तिराहा/यूनियन बैक से बाबा कीनाराम मठ की तरफ किसी भी दशा में नहीं जा पायेंगे। पलिया के तरफ से आने वाले टै्रक्टर लोकनाथमहाविद्यालय, (आईटीआई कालेज के पास) खड़े/पार्क करेंगे। लक्ष्मणगढ से रंइया चौराहा होकर बाबा कीनाराम मठ की तरफ जाने वाली सड़क को इमरजेन्सी/कन्टीजेन्सी रूट बनाया गया है। इस मार्ग से किसी भी प्रकार के वाहनों का आवागमन पूर्णतः प्रतिबन्धित है। बाबा कीनाराम जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित मेले में आने वाले समस्त श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि अपने बड़े वाहनों को सराय रसूलपुर तिराहे से ले जाकर नवोदय विद्यालय बैराठ में खड़ा करें।
यूपी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चौथे दिन की पुलिस भर्ती परीक्षा शुरू, फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए एआई का हो रहा प्रयोग

लखनऊ । यूपी में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का आज चौथा दिन है। परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा के लिए केंद्रों पर अभ्यर्थियों का प्रवेश प्रारंभ हो गया है। इसमें करीब 19.20 लाख अभ्यर्थी हिस्सा ले सकते हैं। हालांकि 23, 24 व 25 अगस्त को आयोजित परीक्षा में करीब 30 फीसदी अभ्यर्थी अनुपस्थित थे। अगले दो दिन तक लाखों अभ्यर्थियों के साथ उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को भी कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। पेपर लीक को रोकने में अब तक सफल रहे भर्ती बोर्ड ने शुक्रवार और शनिवार को दो पालियों में सुबह 10 से 12 बजे तक और दोपहर तीन से पांच बजे तक परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किया है।

अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वालों रहेगी कड़ी नजर

भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि बोर्ड द्वारा तकनीक की मदद से प्रश्न पत्रों की सुरक्षा से लेकर ओएमआर शीट को वापस सुरक्षित जमा कराने तक की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी का प्रबंध किया गया है। एसटीएफ और जिलों की पुलिस द्वारा सॉल्वर्स और परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने का प्रयास करने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने का प्रयास करने वालों को केंद्रों के मुख्य द्वार पर ही पकड़ने का इंतजाम किया गया है।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का किया जा रहा प्रयोग

जानकारी के लिए बता दें कि 30 व 31 अगस्त को होने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए अब तक 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए हैं। जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज उनके आधार कार्ड से मिलान नहीं कर रहे, उन्हें परीक्षा शुरू होने के करीब ढाई घंटे पूर्व केंद्र में जाकर ई केवाईसी कराना होगा। परीक्षा का सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रदेश के सभी केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किये गये है। शुक्रवार को होने वाली परीक्षा से पहले  फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। इस दौरान कड़ी जांच के बाद उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। एसटीएफ और जिलों की पुलिस द्वारा सॉल्वर्स और परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने का प्रयास करने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
बहराइच के बाद सीतापुर में भेड़िये का आतंक, हमले में एक वृद्धा की मौत, पांच लोग घायल
लखनऊ । सीतापुर जिले के सदरपुर थाना इलाके में तीन दिन के अंतराल पर भेड़िए ने कई लोगों पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। भेड़िए के हमले में एक वृद्धा की मौत हो गई जबकि चार बच्चों समेत पांच लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। एक बकरे को भी भेड़िए ने निवाला बनाया है। आदमखोर भेड़िया इलाके में आतंक का पर्याय बना हुआ है। दहशतजदा लोग झुंड बनाकर लाठी-डंडों से लैस होकर बाहर निकल रहे हैं। बच्चों व जानवरों को घरों में कैद कर रखा है। वहीं, वन विभाग घटनाओं से अनभिज्ञता जता रहा है।

बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का पिछले काफी दिनों से आतंक है। भेड़ियों के हमलों की गूंज सीएम के दरबार तक पहुंच चुकी है। बहराइच से सटे सीतापुर जनपद में भी अब आदमखोर भेड़िए की आमद हो गई है। सदरपुर थाना इलाके में पिछले तीन दिनों से भेड़िए की दहशत है। दरअसल, भेड़िए ने यहां मासूमों समेत कई लोगों पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। सबसे पहले सोमवार की शाम भेड़िए ने एक वृद्धा को शिकार बनाया। भरथरी गांव की रहने वाली सैफुल्ला (80) पर भेड़िए ने उस समय हमला किया जब वह शौच के लिए अकेली खेतों की ओर गई थी। भेड़िए के हमले में वृद्धा की मौके पर ही मौत हो गई।

मृतका के दामाद शरीफ ने बताया कि एक ही बेटी होने के कारण वह अकेली ही रहती थी। काफी देर तक जब वह नित्यक्रिया से वापस नहीं लौटी तो पड़ोसियों को चिंता हुई। तलाश करने पर गांव के बाहर वृद्धा का शव पड़ा मिला। मृतका के गले पर पंजे के निशान थे। शरीफ ने बताया कि वन विभाग व पुलिस को सूचना दिए बगैर अंतिम संस्कार कर दिया था। अगले दिन इसी गांव के वसीम का लड़का बकरा चराने खेत गया था। वसीम ने बताया कि अचानक भेड़िए ने बकरे पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। भेड़िया देख सभी भाग खड़े हुए।

धरमपुर के अतीक ने बताया कि दोपहर के समय आम की बाग में उसे भेड़िया दिखाई दिया। इस पर शोर मचाते हुए वह गांव की तरफ भागा। गांव से लोगों को आते देख भेड़िया खेतों में घुस गया। शौच गई कैसरजहां (50), पीपा पुल पर जा रहे मो. शफी (35), नदी के किनारे खेल रहे सरफराज (6), नाहिद (3), बाजार के पास मंजीत (10) व कन्हैया (8) पर एक के बाद एक सिलसिलेवार हमले भेड़िए ने किए। यह सभी भेड़िए के हमले में घायल हुए हैं।वन क्षेत्राधिकारी विक्रम जीत सिंह का कहना है कि ग्रामीणों ने इन घटनाओं की कोई सूचना नहीं दी। अगर सूचना देते तो विभाग कार्यवाही जरूर करता। इन सभी मामलों की जांच करवाएंगे। एक टीम भेजकर पूरे मामले की विस्तृत जांच कराई जाएगी।
सदस्यता अभियान के जरिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव के परिणाम को पलटने की रणनीति पर काम किया शुरू

लखनऊ । उत्तर प्रदेश भर में दो सितंबर से शुरू हो रहे सदस्यता अभियान के जरिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव के परिणाम को पलटने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने हर बूथ पर लोकसभा चुनाव में मिले मतों का कम से कम 75 प्रतिशत नए सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है। वैसे तो पार्टी ने पहले से ही हर बूथ पर कम से कम 200-200 सदस्य बनाने का रखा ही है। इस संबंध में बृहस्पतिवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में सदस्यता अभियान को लेकर पदाधिकारियों और जिला प्रभारियों की बैठक हुई, जिसमें सभी जिला प्रभारियों को 2 से 4 सितंबर तक मंडल और जिला मुख्यालय पर रात्रि निवास करने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में पूरे प्रदेश में 31 अगस्त को बूथ स्तर पर सदस्यता अभियान को लेकर कार्यशालाएं आयोजित करने पर भी बैठक में चर्चा हुई। इस मौके पर पदाधिकारियों व प्रभारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि सदस्यता अभियान को एक महा जनसम्पर्क अभियान के रूप में लेते हुए जन-जन तक पहुंचने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि फील्ड में उतरकर सदस्य बनाएं। उन्होंने सदस्यता अभियान की झूठी रिपोर्टिंग न करने की सलाह देते हुए कहा कि जितने वास्तविक सदस्य बनाएं, उतने ही बताएं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल लगातार झूठ और भ्रम फैलाकर समाज को भ्रमित कर रहे हैं। इसलिए अभियान के दौरान विपक्षी साजिशों को भी बेनकाब करें। प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल ने कहा कि पार्टी की विचारधारा और नीति के आधार पर समाज के सभी वर्गों के लोगों को सदस्य बनाया जाना चाहिए। उन्होंने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके नए मतदाताओं सहित प्रबुद्ध वर्ग और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को विशेष रूप से सदस्य बनाने को कहा।

बैठक में तय किया गया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले 3.62 करोड़ से अधिक वोट का 75 प्रतिशत नए सदस्य बनाने हैं। इस लिहाज से 2.72 करोड़ से अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में कहा गया है कि यदि हम इस लक्ष्य को साध लेंगे तो इन सदस्यों के जरिए विधानसभा के उप चुनाव के साथ ही आगामी दिनों में होने वाले पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव में लोकसभा में मिली हार का बदला लिया जा सकता है।
डॉक्टर से 48 लाख की ठगी, कहा-मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बोल रहा हूं
लखनऊ।राजधानी में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से ठगी करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक बार फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया है। अलीगंज निवासी एक डॉक्टर को जालसाजों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर 48 लाख की ठगी को अंजाम दिया है। इस मामले में पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

जानकारी के मुताबिक अलीगंज में रहने वाले अशोक सोलंकी फिजिशियन डॉक्टर है। उनके पास फेडेक्स कोरियर कंपनी का कर्मचारी बनकर 20 अगस्त को एक साइबर ठग ने फोन किया। ठग ने उनसे कहा कि ईरान से आपके नाम पर एक पार्सल आया है। पार्सल में जाली पासपोर्ट, लैपटॉप, पेन ड्राइव और कुछ मादक पदार्थ हैं। इस मामले में आपके खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज किया गया है। बकौल डॉक्टर अशोक, इसके बाद ठग ने डॉक्टर की मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बने दूसरे ठग से बात कराकर मामला सुलझाने की बात कही। इस पर डॉक्टर उसकी बातों में आ गए।

थोड़ी देर बाद डॉक्टर के पास दूसरे ठग ने स्काइप कॉल किया और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। उसने कहा कि आपके खाते से करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन हुए हैं। इसकी जांच की बात कह कर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट किया। डॉक्टर के खातों की रकम चेक करने के लिए आरबीआई का खाता बताकर एक खाते में रकम ट्रांसफर कराई। चेकिंग के बाद एक घंटे में रकम वापस ट्रांसफर करने का झांसा दिया। आरबीआई का खाता जानकर डॉक्टर सोलंकी ने 48 लाख रुपये उस खाते में ट्रांसफर कर दिए।