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झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि चम्पई दा की भाजपा में शुरू हो गयी उपेक्षा,

झा. डेस्क

झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने बयान जारी कर कहा कि 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के BJP में शामिल होते ही उनके अपमान की शुरुआत हो चुकी है।

झामुमो प्रवक्ता पांडेय ने कहा कि 30 अगस्त को मिलन समारोह के दौरान प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने भाषण में एक बार भी चंपाई दा का नाम नहीं लिया।यह उनका अपमान नहीं है तो क्या है।

उन्होंने कहा कि पूरा कार्यक्रम चंपाई बाबू के लिए था। BJP के कई बड़े नेता आए थे। लेकिन बाबूलाल मरांडी ने अपने भाषण के दौरान एक बार भी उनका नाम नहीं लिया।

 इसके अलावा अर्जुन मुंडा जैसे वरिष्ठ नेता को बोलने तक नहीं दिया गया।

JMM का भाजपा पर तंज,क्या मधुकोड़ा अब भ्रष्ट्राचारी नही हैं,भाजपा के मंच पर मधुकोड़ा की उपस्थिति लेकर उठायी गयी सवाल

झा. डेस्क

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में लिए जाने को लेकर विवाद हो रहा है। सत्तारुढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने मधु कोड़ा के भाजपा में जाने पर सवाल उठाए हैं।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कोयला घोटाला मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी ठहराए गए हैं।

हालांकि भाजपा ने अधिकारिक तौर पर ये नहीं जानकारी दी है कि मधु कोड़ा ने पार्टी की सदस्यता ली है या नहीं। झामुमो से निष्कासित नेता लोबिन हेम्ब्रेम जब भाजपा में शामिल हो रहे थे तो उस मंच पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मधु कोड़ा का स्वागत किया था।

अब यहां सवाल ये उठता है कि क्या मधु कोड़ा को साथ लाकर भाजपा गलती कर रही है?

JMM ने कहा : क्या मधु कोड़ा अब भ्रष्ट्राचारी नहीं है?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से सवाल करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पूछ है कि 'बाबूलाल मरांडी जी मधु कोड़ा के साथ वाली फोटो क्यों साझा नहीं किया आपने? आपको किस बात की शर्म आ रही है? मधु कोड़ा जी के स्वागत में आपने फुल पेज ऐड भी नहीं छपवाया-आखिर क्यों? क्या उनके ''पूर्व'' होने में कोई कमी रह गई थी?

जेएमएम ने एक अन्य पोस्ट में कहा है कि अब मधु कोड़ा जी सामने के रास्ते से भाजपा मुख्यालय आयेंगे। अच्छी बात है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक अन्य पेज से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस भाषण का जिक्र किया गया है, जिसमें अमित शाह ने संसद में 'मधु कोड़ा कोयला घोटाले' का जिक्र किया था। जेएमएम ने कहा है,''मधु कोड़ा भ्रष्टाचारी है, मधु कोड़ा घोटाला, मधु कोड़ा झारखंड को को खा गया? क्या हुआ अमित शाह के इन सारे बयानों का''

जेएमएम ने कहा कि पहले भाजपा वाले कहते थे कि गीता कोड़ा बीजेपी में आई है, मधु कोड़ा नहीं आये हैं! अब क्या गीता के साथ मधु फ्री हैं?

सोशल मीडिया पर लोग बोले- भाजपा मधु कोड़ा को लाकर गलती कर रही है!

सोशल मीडिया पर भी लोग मधु कोड़ा और भाजपा के साथ पर सवाल उठा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, ''झारखंड में मधु कोड़ा को पार्टी में लाना बीजेपी का आत्मघाती कदम है। नहीं भूलना चाहिए कि वो झारखंड के लालू यादव हैं, जो भ्रष्टाचार के पर्यायी रहे हैं।''

एक अन्य यूजर ने लिखा, ''बिहार में सुनील पांडे, झारखंड में मधु कोड़ा, महाराष्ट्र में अशोक राव, नारायण राणे इत्यादि वो उदाहरण है जो भाजपा की राजनैतिक दिशा को पथभ्रष्ट होने का संकेत दे रहे हैं। ये वहीं दल है जिसने एक जमाने में अपराधियों, भ्रष्टाचारियों से दूरी बना रखी थी।''

मधु कोड़ा का झारखंड चुनाव लड़ना भी है मुश्किल

मधु कोड़ा कोयला घोटाले में दोषी हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को मधु कोड़ा को दोषी करार दिया था। पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु और विजय जोशी को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। कुछ महीने पहले ही मधु कोड़ा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में मधु कोड़ा ने ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी ठहराये जाने के फैसले को निलंबित करने की मांग की है।

मधु कोड़ा ने याचिका में कहा है कि वह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और वे झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं, जो साल के अंत में होने वाला है। अगर उनकी सजा को निलंबित नहीं किया जाता है तो वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

मधु कोड़ा का परिचय

मधु कोड़ा को झारखंड में बड़े नेताओं में गिना जाता है। मधु कोड़ा कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन के दौरान 2006 से 2008 के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री थे। कोयला घोटाले में नाम आने के बाद से मधु कोड़ा विवादों में हैं। मधु कोड़ा 2000 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर जगन्नाथपुर से विधायक बने थे। मधु कोड़ा भाजपा की अगुवाई वाली बाबूलाल मरांडी सरकार में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री भी रहे चुके हैं।

भाजपा के जिला उपाध्यक्ष बलदेव महतो ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर सिंदरी विधानसभा से टिकट के लिए की है दावेदारी


धनबाद। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष बलदेव महतो ने शुक्रवार को बोकारो में झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रभारी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और उन्हें सिंदरी विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक गतिविधियों से अवगत कराया ।

 श्री महतो ने सिंदरी विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी भी की है । उन्होंने कहा कि सिंदरी विधानसभा क्षेत्र के गांव गांव में भाजपा को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बोकारो के तत्कालीन विधायक समरेश सिंह के साथ लंबे समय तक उन्होंने काम किया है । 

वर्तमान में वह सिंदरी क्षेत्र के सबसे पुराने भाजपा नेता हैं।भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष व तैलिक साहू कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े हुए हैं । यदि पार्टी ने टिकट दिया तो उनकी जीत तय है।

बड़ी खबर : झारखंड में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट के दौरान 25 अभ्यर्थी बेहोश, तीन की मौत


रांची : झारखंड के पलामू में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से पहले फिजिकल टेस्ट चल रहा था. इसमें कई उम्मीदवारों ने भाग लिया लेकिन फिजिकल टेस्ट के दौरान 25 उम्मीदवार बेहोश हो गए.

इसके बाद उन्हें इलाज कराने के लिए अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान तीन उम्मीदवारों की मौत हो गई है.पलामू जिले के मेदिनीनगर स्थित मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किए गए उम्मीदवारों में से दो की मौत वहीं हुई, जबकि एक अन्य की मौत रांची के रिम्स में हुई. पुलिस अधिकारी मणिभूषण प्रसाद ने पुष्टि की है कि इनमें से 20 वर्षीय अमरेश कुमार, 25 वर्षीय अरुण कुमार 25 वर्षीय प्रदीप कुमार शामिल हैं.

कैसे हुई मौत?

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके रंजन ने बताया कि शुरुआती जांच में मौत होने की वजह सांस फूलने को बताया गया है. इसके अलावा, उन्हें संदेह है कि उम्मीदवारों को सहनशक्ति बढ़ाने के लिए बेहोश करने वाली दवा दी गई हो सकती है. फिलहाल मौत के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है. इस घटना के बाद, अधिकारियों ने फिजिकल टेस्ट के समय में बदलाव करने का फैसला किया गया है. पहले फिजिकल टेस्ट सुबह 9 बजे आयोजित होते थे, लेकिन अब इसे सुबह 4:30 बजे से कराने का फैसला किया गया है.

गिरिडीह के एक उम्मीदवारों को ICU में भर्ती कराया गया

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पुलिस के अनुसार, पलामू जिले में भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट के दौरान अब तक करीब 100 अभ्यर्थी बेहोश हो चुके हैं. यह भर्ती प्रक्रिया 9 सितंबर तक चलने वाली है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने प्रक्रिया को सुचारू सुरक्षित बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं.

इसके अलावा ऐसा ही मामला गिरिडीह जिले से भी आया था, हां एक युवक, जिसका नाम सुमित है, अचानक बेहोश हो गया उसे सदर अस्पताल गिरिडीह के ICU में भर्ती करवाया गया. उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है, इस मामले में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह के जिलाधिकारी को तुरंत संज्ञान लेने के निर्देश दिए हैं. इस प्रकार की घटनाएं न केवल भर्ती प्रक्रिया की सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं, बल्कि उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी बेहतर उपायों की जरूरत को भी उजागर करती हैं.

भाजपा जॉइन करते ही लोबिन हेम्ब्रम ने कहा- झारखंड का विकास भाजपा हीं कर सकती है


उन्होंने कहा शिबू सोरेन वाला झामुमो नही रहा,

झा. डेस्क

चंपाई सोरेन के बाद अब लोबिन हेम्ब्रम ने भी कहा कि झारखंड का विकास भाजपा ही कर सकती है. मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमारे राज्य का विकास करेंगे. इसलिए झारखंड के विकास के लिए मैंने भाजपा का दामन थामा है.

झामुमो से नहीं, नये नेता से है नाराजगी

लोबिन हेम्ब्रम ने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से उनकी कोई नाराजगी नहीं है. वह पार्टी की नई पीढ़ी के नेता से नाराज हैं. पुराने नेताओं की कोई इज्जत पार्टी में नहीं रह गई है. धीरे-धीरे पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता झामुमो से किनारा कर लेंगे. अभी और कई लोग पार्टी छोड़ेंगे. इसके पहले चंपाई सोरेन ने भी ऐसे ही संकेत दिए थे. हालांकि, उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन पत्रकारों ने जब उनसे लोबिन हेम्ब्रम के बारे में पूछा था, तो उन्होंने कहा- अभी देखते जाइए.

भाजपा के मंच पर मधु कोड़ा भी थे मौजूद

असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह-प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने लोबिन हेंब्रम को माला पहनाकर और अंगवस्त्र देकर भाजपा में शामिल करवाया. इस अवसर पर चंपाई सोरेन और मधु कोड़ा भी मौजूद थे. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने भी उन्हें भाजपा का पट्टा पहनाया. लोबिन हेम्ब्रम ने झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई. संताल परगना के लोकप्रिय नेता 5 बार विधायक रह चुके हैं.

शिबू सोरेन ने हाथ पकड़कर मुझे राजनीति सिखायी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता लेने के बाद लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि बचपन से 2024 तक झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए समर्पित रहा. मुझे दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने हाथ पकड़कर राजनीति सिखायी. उन्होंने ही सिखाया कि जहां भी गलत हो रहा हो, उसका विरोध करो.

शिबू सोरेन वाली पार्टी नहीं रही झामुमो

उन्होंने कहा कि आज का झामुमो शिबू सोरेन वाली पार्टी नहीं है. उनके बेटे हेमंत सोरेन ने पार्टी के मूल आदर्शों को विलुप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन की शराबबंदी के फैसले के बावजूद उनके बेटे ने झारखंड में छत्तीसगढ़ वाला मॉडल को लागू कर दिया.

संताल परगना की बदल रही है डेमोग्राफी

लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि संताल परगना क्षेत्र में डेमोग्राफी बदल रही है. महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं. आदिवासी महिलाओं से दूसरे समुदाय के लोग शादी कर रहे हैं. बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है. इतना सब होने के बाद भी हेमंत सोरेन वोट की राजनीति कर रहे हैं. कोई कार्रवाई नहीं कर रहे.

लोबिन हेम्ब्रम भाजपा में शामिल हो गए. इस अवसर पर सीता सोरेन और चंपाई सोरेन भी रहे मौजूद.

विधायक शिल्पी नेहा तिर्की के पहल पर इटकी में दो चिकित्सक पदस्थापित किए गए।

इटकी 31अगस्त, ज्ञात हो की ईटकी प्रखण्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) में दो चिकित्सकों के अविलम्ब पदस्थापन के सम्बन्ध मे मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने सचिव स्वास्थ्य विभाग एवं असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, रांची को पत्र लिखकर निर्देशित किया था।

माननीय विधायक ने अपने लिखित पत्र में कहा था

ईटकी प्रखण्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) में दो चिकित्सकों के पद स्वीकृत होने के बाद भी यहाँ वर्तमान में लम्बे समय से कोई चिकित्सक पदस्थापित नहीं है।

 ईटकी प्रखण्ड में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में चिकित्सकों के पद खाली होने के कारण वहाँ की लगभग 65 हज़ार की आबादी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. किसी को भी स्वास्थ्य समस्या के पश्चात तत्काल दूरदराज के प्रखण्डों या फिर रांची जाना पड़ता है जिसके कारण स्थिति विकट हो जाती है.इस संदर्भ में ईटकी के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) में अविलंब दो चिकित्सकों का प्रदस्थापन करे।

पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम हुए बीजेपी में शामिल

*चम्पाई सोरेन के बाढ़ आज संथाल के बड़े झारखंड नेता लोबीन हेब्रम भी आज भाजपा में शामिल हो गए.

इस दौरान , पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन , असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा , प्रदेश अध्यक्ष बाबुलाल मराण्डी , नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी और सीता सोरेन मौजूद रहे.......

अब भाजपा को संथाल परगना में सीता सोरेन और लोबीन हेमब्रम के जैसे दो मज़बूत नेता मिले तो वहीं कोल्हान में चम्पाई सोरेन जैसे नेता मिले.

जिससे समझा जाता है कि झारखंड में भाजपा कि स्थिति मज़बूत होगी और आने वाले चुनाव में झामुमो के लिए मुश्किल.

धनबाद में डेंगू के बढ़े मामले , दो नए मरीजों की पुष्टि

धनबाद : धनबाद में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ रही है. इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच आए दो नए मरीजों में शुक्रवार को डेंगू की पुष्टि हुई. नए मरीजों के नाम मो. आसिफ और नून रजक हैं.

अस्पताल में इससे पहले 16 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर सतर्क है. मरीजों के इलाज के साथ-साथ डेंगू की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. लोगों को भी डेंगू से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है.

आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार शुरू, प्रथम दिन 1566 आवेदनों का हुआ निष्पादन

अबुआ आवास के प्राप्त हुए 3815 आवेदन

धनबाद :आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के प्रथम दिन 9767 आवेदन प्राप्त हुए। इसमें 1566 आवेदनों का ऑन द स्पॉट निष्पादन किया गया। कार्यक्रम के प्रथम दिन फोकस एरिया के 6307 में 528, बेनिफिशियरी ओरिएंटेड स्कीम के 1286 में 102, 852 लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण तथा शिकायत निवारण के 84 आवेदनों का निष्पादन किया गया।

फोकस एरिया की झारखंड मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के 852, अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के 35, अबुआ आवास योजना के 3815 आवेदन प्राप्त हुए। वहीं मुख्यमंत्री पशुधन के 254, बिरसा हरित ग्राम योजना के 15, केसीसी 74, सर्वजन पेंशन 368, सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना 275, हरा राशन कार्ड 332, बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना 28, गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड 12, जाति 92, आवासीय 80 व आय प्रमाण पत्र के 75 आवेदन प्राप्त हुए। 

इसमें अबुआ आवास योजना के 421, केसीसी 2, सर्वजन पेंशन 28, सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना 13, हरा राशन कार्ड 5, जाति 25, आवासीय 16 व आय प्रमाण पत्र के 18 आवेदनों को निष्पादित किया गया।

वहीं बेनेफिशरी ओरिएंटेड योजना के तहत वृद्धा पेंशन के 382, विधवा पेंशन 41, सामाजिक सुरक्षा 20, दिव्यांगजन पेंशन 13, आयुष्यमान कार्ड 102, सामुदायिक वन पट्टा के लिए एक तथा 72 अन्य आवेदन प्राप्त हुए। 

इसमें वृद्धा पेंशन के 30, विधवा पेंशन 5, आयुष्यमान कार्ड के 67 lआवेदन निष्पादित किए गए।

शिकायत निवारण के तहत राजस्व अभिलेखों में संशोधन के 39, जन्म प्रमाणपत्र 80, मृत्यु प्रमाणपत्र में संशोधन 3, आधार कार्ड में संशोधन 122, राशन कार्ड में संशोधन के लिए 507 तथा बिजली सम्बन्धी समस्या के 39 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें जन्म प्रमाणपत्र 10, आधार कार्ड में संशोधन 50 तथा 24 राशन कार्ड में संशोधन किया गया।

शिविरों के दौरान 33 लैमिनेटेड जाति प्रमाण पत्रों का वितरण,26 छात्र/छात्राओं के बीच साईकिल ंक्रय हेतु प्रतीकात्मक चेक का वितरण तथा 793 एसएचजी / कलस्टर सदस्यों की बीच आइडेंटी कार्ड का वितरण किया गया।

झामुमो छोड़ कर अधिकतर नेता नहीं कर पाए खास चमत्कार,पर भाजपा को है चम्पाई से बहुत उम्मीद, पढ़िए क्यों...?

झारखंड डेस्क 

कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले चंपई सोरेन जेएमएम छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। पर सवाल उठ खड़ा हुआ है कि भाजपा में आने के बाद कोल्हान के आदिवासी उन्हें उतना ही प्यार और सम्मान देंगे जितना झारखंड मुक्तिमोर्चा में मिल रहा था.

क्या वे झारखंड में कुछ नया और करिश्मा कर पाएंगे ? यह सवाल इसलिए भी उठता है कि दल छोड़ कर भाजपा ज्वाइन करने वाली शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन या फिर मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भी कुछ कमाल नहीं कर सकीं। 

और भी कई नाम हैं जिसमें हेमंत मुर्मू, सूरज मंडल जैसी शख्सियत भी दल से अलग हो कर विशेष कुछ नहीं कर सके।

सीता सोरेन से भाजपा को थी उम्मीद

शिबू सोरेन के बड़ी बहू होने के नाते भाजपा के रणनीतिकारों को सीता सोरेन से झारखंड में प्रभाव की उम्मीद थी। पर हुआ उलट ऐसा कि वे स्वयं दुमका लोकसभा से चुनाव हार गईं। 

दुमका लोकसभा सीट से सीता सोरेन को एक कड़े मुकाबले में दुमका 22527 वोट से हार का सामना करना पड़ा। झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नलिन सोरेन ने दुमका में जीत का परचम लहराया। जेएमएम उम्मीदवार नलिन सोरेन को 547370 वोट मिले जबकि भाजपा के टिकट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहीं सीता सोरेन को 524843 वोट मिले। 

हालांकि सीता सोरेन ने काफी टक्कर दी। केवल एक विधान सभा क्षेत्र का परिणाम ने सीता सोरेन की जीत को हार में बदल डाला। और वह विधानसभा सीट थी जामताड़ा, जहां जेएमएम उम्मीदवार नलिन सोरेन को 44 हजार वोट मिला। यहां कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने नलिन के लिए इस कदर फील्डिंग सजाई कि विधान सभा में हासिल 39 हजार से भी आगे बढ़ गए। और यही से सीता सोरेन की हार की नींव पड़ी।

गीता कोड़ा भी कुछ खास नहीं कर पायी

कांग्रेस से भाजपा में आईं मधु कोड़ा ने भी झारखंड की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सिंहभूम लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। पर गीता कोड़ा को भी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की जोबा माझी ने बुरी तरह पराजित कर दिया। गीता कोड़ा को झारखंड की मंत्री जोबा ने 1,68,402 वोटों से हराया। गीता कोड़ा को इस बार 3,51,762 वोट मिले जबकि जोबा मांझी को 5,20,164 वोट मिले। कहा जाता है कि गीता कोड़ा को उनके पति और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भ्रष्टाचार ने हराया।

क्या चंपाई सोरेन कुछ अलग हैं?

राजनीतिक गलियारों में चंपई सोरेन का हश्र सीता सोरेन जैसा नहीं माना जा रहा है। इसकी कई वजहें हैं...

जमीन से जुड़े नेता हैं चंपई सोरेन

ये राजनीति में वंशवाद की उपज नहीं हैं. आदिवासी के कल्याण हेतु ये भी शिबू सोरेन के साथ आंदोलन की उपज है। यूं कह लें तो शिबू सोरेन के काफी विश्वसनीय और आंदोलन के दौरान वे इनके राइट हैंड रहे हैं

इनका साफ सुथरा छवि है

कुछ माह का ही सही पर इनका मुख्यमंत्री काल भ्रष्टाचार मुक्त और जनप्रिय था। सीएम रहते कई जनप्रिय योजनाओं को लेकर ख्यात हैं। सीएम रहते हुए इनके तय कार्यक्रमों का रद्द कर देने से जनता के बीच हेमंत सोरेन की छवि बिगड़ी । जिस तरीके से चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाया गया, उसे कोल्हान की जनता ने आदिवासियों का अपमान माना

कितना करिश्मा दिखाएंगे चंपई

राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तो है कि जो हेमंत सोरेन आदिवासियों के हक हकुक की बात करते हैं, वे एक बड़े आदिवासी चेहरा को संभाल नहीं पाए। इस नैरेटिव के साथ भाजपा चुनावी समर में जा सकती है। पर यह झारखंड की आदिवासी जनता पर निर्भर है कि वे इस नैरेटिव के साथ खड़ी होती है या नहीं। जाहिर है जेएमएम भी तो डिफेंस में भाजपा पर सामंती पार्टी होने का आरोप लगाते बताएगी कि कैसे धन बल से पार्टी को तोड़ने का काम करती है। इन दो धाराओं के बीच झारखंड की जनता की भी परीक्षा है कि वे किसके साथ खड़ी होती है। और यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा।