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केन-बेतवा लिंक परियोजना से होने वाली सिंचाई का रकबा बढ़ाने पर सैद्धांतिक स्वीकृति





मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से उनके कार्यालय में सौजन्य भेंट कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में नदी जोड़ो परियोजनाओं, विशेषकर केन-बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय पाटिल को बताया कि मध्यप्रदेश राज्य नदी-जोड़ो अभियान में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश संयुक्त रूप से महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना पर काम कर रहे हैं, जो विश्व में अपने प्रकार की अद्वितीय परियोजना है। मध्यप्रदेश में इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र के 10 जिलों को सिंचाई और पेयजल आपूर्ति की सुविधा प्राप्त होगी। बुंदेलखंड एक ऐसा क्षेत्र है जिसने कभी भी अपनी संप्रभुता दिल्ली सल्तनत अथवा मुगल शासकों के अधीन नहीं की परंतु पानी के अभाव में दुर्भाग्यवश यह क्षेत्र संसाधनहीन हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन-बेतवा परियोजना के माध्यम से इस क्षेत्र का चहुमुखी विकास होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आग्रह पर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने राज्य को दौधन बांध एवं लिंक नहर के भू-अर्जन एवं पुनर्विस्थापन के लिये केन्द्र से प्राप्त होने वाली शेष 1150 करोड़ रूपए की राशि शीघ्र जारी करवाने को आश्वस्त किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अनुरोध किया कि स्वीकृत केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत वर्तमान में प्रावधानित दमोह- पन्ना उद्वहन सिंचाई योजना से 90,100 हैक्टेयर सिंचाई के स्थान पर लगभग 2,50,000 हैक्टेयर की मध्यप्रदेश की पत्ने एवं ब्यरमा सिंचाई परियोजना को शामिल किया जाना उचित होगा। इस संबंध में संशोधित डीपीआर राज्य शासन द्वारा भेजी जा रही है, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजस्थान के साथ भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 70,000 करोड़ रुपए की पार्वती-कालीसिंध चंबल परियोजना के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है जो समीपवर्ती राज्यों के साथ नदियां जोड़ने के अलावा अन्तर्राज्यीय नदियों को जोड़ने पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि कान्ह और गंभीर नदियों को जोड़ने का प्रारंभिक तौर पर प्रस्ताव बनाया जा रहा है, जिसे केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है।

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 21 में से 17 योजनाएं सबसे पहले पूर्ण कर ली गई हैं। इसके लिए केंद्रीय मंत्री पाटिल ने प्रदेश सरकार की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ पर्व के संबंध में घाट निर्माण और नदी सफाई से संबंधित प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री पाटिल को दिए।

बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही सरकार - खाद्य मंत्री श्री राजपूत


खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गुरुवार को सागर स्थित कार्यालय पर आमजन से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी और अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए। मंत्री राजपूत ने कहा कि आमजन की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से करवाया जा रहा है। सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

मंत्री राजपूत ने कहा कि पूरे बुंदेलखंड में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए समयबद्ध योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के अधिकारियों को आमजन से जुड़े प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। जनसुनवाई के दौरान विभिन्न विभागों से जुड़े आवेदनों पर खाद्य और नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री राजपूत ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को बिना देरी के कार्य करने के निर्देश दिए। इस दौरान सागर और आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं खाद्य मंत्री राजपूत के समक्ष प्रस्तुत की।

आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को किया जायेगा निरंतर प्रोत्साहित -मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री ने उज्जैन में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंथेटिक केमिस्ट्री पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजन उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय में किया जा रहा है, जो हम सबके लिए अत्यंत गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी इस महाविद्यालय के छात्र रह चुके हैं। इस प्रकार के आयोजन से विज्ञान से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है। माधव विज्ञान महाविद्यालय प्रदेश का पहला ए प्लस ग्रेड का महाविद्यालय है। तत्वों व पॉलीमर को केमिस्ट्री लैब में संश्लेषित करने की प्रक्रिया पर यहां संगोष्ठी में विचार विमर्श किया जा रहा है। इस तरह के आयोजन से निश्चित रूप से विज्ञान से जुड़े शोध से आने वाले समय में बहुत महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पर आधारित दो दिवसीय (27 एवं 28 अगस्त) राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ के बाद संबोधित कर रहे थे।

दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन, म.प्र. विज्ञान एवं परिषद, भोपाल एवं जनभागीदारी समिति शा. माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन द्वारा "A Conventional Discussion on Synthetic Organic Chemistry and Beyond" विषय पर आयोजित की गई। रसायन शास्त्र विषय में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन की दिशा में संगोष्ठी का आयोजन किया है।

 मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में विभिन्न प्रकार के आधुनिक रिसर्च को प्रोत्साहित कर रहे है। जेनेरिक दवाइयां व पॉलिएस्टर के विभिन्न प्रयोग तथा अन्य प्रकार के निर्माण पर निरंतर जोर दिया जा रहा है। संगोष्ठी में जानकारी दी गई कि यह कॉन्फ्रेंस एक प्रयास है, जहां ऑर्गेनिक केमिस्ट्री और रसायन के विभिन्न सिंथेटिक स्वरुप के बारे में चर्चा की जाएगी । इस संगोष्ठी में विभिन्न शोध पत्र प्राप्त हुए हैं। कॉन्फ्रेंस में तकनीकी सेशन और अन्य महत्वपूर्ण सेशन होंगे। शोध पत्रों को बाद में जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा। हमारे विभिन्न शोधार्थी सेशन में अपना शोध प्रस्तुत करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग्स पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

संगोष्ठी में सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, विवेक जोशी, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय अखिलेश कुमार पांडे,अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के डॉ. अरविंद चौधरी, कुलगुरु महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय आचार्य विजय कुमार सी जी, प्राचार्य शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन, विज्ञानविद, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

राज्यपाल पटेल की कुशलक्षेम की जानकारी लेने मुख्यमंत्री डॉ. यादव एम्स भोपाल पहुँचे

मुख्यमंत्री ने ओपीडी में मौजूद मरीजों और उनके परिजन से की चर्चा

राज्यपाल मंगुभाई पटेल की कुशलक्षेम की जानकारी लेने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल पहुँचे। मुख्यमंत्री ने एम्स परिसर में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में बताया कि राज्यपाल पटेल वायरल फीवर के कारण 2 दिन पहले इलाज के लिए एम्स भोपाल आए थे। अब उनका स्वास्थ्य बेहतर है और वे शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ के बाद अपने निवास पहुँचेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर हो रहा है सुधार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल की ओपीडी में मौजूद मरीजों और उनके परिजन से भी कुशलक्षेम पूछी और संस्थान की व्यवस्थाओं तथा मिल रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल की व्यवस्थाओं के संबंध में संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान के संचालक और समस्त स्टॉफ सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि केंद्र सरकार द्वारा भोपाल को एम्स के रूप में दी गई सौगात के प्रति जन-सामान्य का विश्वास और भरोसा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। पात्र मरीजों को आयुष्मान कार्ड का भी यहां लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार हो रहा है, इसके लिए हम सब उनके आभारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल के कुशल संचालन के लिए वहां के समस्त डॉक्टर और स्टॉफ को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खजुराहो में योग संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से निरंतर सम्पर्क स्थापित कर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे। आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में प्राथमिकता से आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में आयुष, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री इंदर सिंह परमार, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉराजेश राजौरा तथा विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोविड के बाद आयुर्वेद का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। विभाग में पैरा मेडिकल के पाठ्यक्रम बढ़ाए जाएं। इसमें उपचार और रोजगार के अवसर अधिक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान प्रारंभ करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

बैठक में बताया गया कि विभाग में 332 पैरामेडिकल संवर्ग में कर्मचारियों की नियुक्ति प्रदान की गई है। 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारी एवं 36 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। लोक सेवा आयोग से चयनित 543 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पदों की पूर्ति की कार्यवाही जारी है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर आयुष में 533 संविदा सीएएमओ की पदस्थापना की गई है। आयुष शिक्षा के अंतर्गत सत्र 2023-24 में आयुर्वेद के दो नवीन विषय (स्त्री रोग प्रसूति तंत्र- उज्जैन एवं भोपाल महाविद्यालय तथा पंचकर्म -उज्जैन महाविद्यालय) में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। प्रदेश के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, भोपाल के सुदृढ़ीकरण के लिए 1999.86 लाख के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए। शासकीय स्वशासी यूनानी महाविद्यालय, भोपाल में 180 बिस्तरीय बालिका छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। पिछले वर्ष ओपीडी/आईपीडी में एक करोड़ 37 लाख रोगियों का इलाज, 2500 रोगियों की शल्य चिकित्सा की गई। योगा वैलनेस केंद्र में 9 हजार 600 सत्रों का आयोजन किया गया।

उद्योग रोजगार के अवसर, राजस्व और राज्य की साख को बढ़ाते हैं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई है और मध्य प्रदेश भी विकास के पथ पर कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। कृषि, औद्योगीकरण और रोजगार के क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है। हमारा यह मानना है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर औद्योगिकरण की आवश्यकता है और इस दिशा में सार्थक व परिणाममूलक प्रयास जारी हैं। आज का भूमिपूजन भी इसी दिशा में एक कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के अचारपुरा क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। अत: क्षेत्र में कर्मचारियों की सुरक्षा व पुलिस प्रबंधन की आवश्यकता को देखते हुए अचारपुरा क्षेत्र में पुलिस चौकी आरंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव टीडब्लूई-ओबीटी उद्योग समूह द्वारा स्थापित की जा रही विश्व स्तरीय हाइजीन नॉन वूवन यूनिट (बिना बुना फैब्रिक) के भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कोलकाता में 19 सितम्बर को होगी इंडस्ट्रियल समिट

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर इंडस्ट्री समिट का क्रम आरंभ किया गया। इसमें उज्जैन, जबलपुर में समिट आयोजित की जा चुकी हैं और ग्वालियर, रीवा, सागर आदि में इंडस्ट्रियल समिट का आयोजन शीघ्र ही होने जा रहा है। इससे प्रदेश के सभी भागों में निवेश आमंत्रित करने और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में मदद मिल रही है। औद्योगिक गतिविधियों से अब तक रोजगार के लगभग 75 हजार अवसर सृजित हुए हैं। देश के उन्नतिशील और औद्योगिक गतिविधियों की दृष्टि से सम्पन्न क्षेत्रों जैसे मुम्बई, कोयम्बटूर और बेंगलोर आदि में भी इंडस्ट्रियल समिट आयोजित की गई हैं। इस क्रम में कोलकाता में भी 19 सितम्बर को इंडस्ट्रियल समिट का आयोजन होगा। इंडस्ट्रियल समिट के माध्यम से देश के बड़े निवेशकों और औद्योगिक गतिविधियों को विस्तार देने के इच्छुक उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश आमंत्रित किया जा रहा है।

प्रदेश में कहीं भी श्रमिक हड़ताल की मानसिकता नहीं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश और उद्योग के लिए सभी प्रकार की अनुकूलता मध्यप्रदेश में उपलब्ध है। प्रदेश में विनम्र, लगनशील, परिश्रमी और समर्पित मानव संसाधन उपलब्ध है। प्रदेश में कहीं भी श्रमिक हड़ताल की मानसिकता नहीं है। राजनैतिक नेतृत्व के साथ-साथ प्रशासकीय व्यवस्था भी उद्योगों के लिए अनुकूल है और उद्योग-मित्र नीति भी विद्यमान है। हमारा यह मानना है कि उद्योग केवल उद्योगपति के लिए नहीं होता अपितु जहां भी उद्योग लगेगा, वहाँ रोजगार के अवसर सृजित होंगे, राज्य सरकार को राजस्व मिलेगा और देश-दुनिया में हमारे राज्य की साख बनेगी। सरकार प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रदेश में लगाएं रोजगार आधारित इकाईयां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टीडब्ल्यूई-ओबीटी उद्योग समूह द्वारा प्रदेश में नॉन वूवन फैब्रिक की यूनिट स्थापित करना सराहनीय पहल है। इसके देश में उत्पादन से अन्य देशों पर निर्भरता कम होगी और हमारी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह उद्योग समूह नॉन वूवन फैब्रिक की और भी यूनिट्स प्रदेश में स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टीडब्ल्यूई-ओबीटी को कालीन निर्माण जैसी रोजगार आधारित इकाई भी मध्यप्रदेश में लगाने के लिए आमंत्रित किया।

कृषि के साथ-साथ औद्योगिक केन्द्र के रूप में भी पहचाना जाने लगा है बैरसिया क्षेत्र

भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है। भोपाल का बैरसिया क्षेत्र जो अब तक केवल कृषि के लिए पहचाना जाता था, अब उसकी पहचान औद्योगिक केन्द्र के रूप में भी हो रही है। कार्यक्रम को बैरसिया विधायक विष्णु खत्री ने भी संबोधित किया। उद्योग समूह के योर्ग आर्टमियर और रूद्रा चेटर्जी ने समूह की गतिविधियों की जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि टीडब्ल्यूई-ओबीटी प्राइवेट लिमिटेड लगभग 100 वर्ष पुराना बहुराष्ट्रीय संयुक्त उद्यम है, इसका मुख्यालय एम्सडेटेन-जर्मनी में और ओबीटी ग्रुप भारत में है। जो हस्त-निर्मित कालीन, नान वूवन फैब्रिक, टेक्निकल टैक्सटाइल फैब्रिक, फर्नीचर और चाय के क्षेत्र में कार्यरत है। नॉन वूवन निर्माण में यह समूह विश्व की शीर्ष सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जिसके 12 संयंत्र विभिन्न देशों में संचालित हैं। ओबीटी 126 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से यह यूनिट स्थापित कर रहा है, जिसमें नॉन वोवन हाइजीन उत्पाद जैसे एडीएल, टॉप सीट और बैक सीट का उत्पादन होगा जो वर्तमान में चीन से आयात होते हैं। इस यूनिट के संचालन से इनका उत्पादन भारत में ही आरंभ होगा जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। औद्योगीकरण के लक्ष्य को समर्पित यह इकाई 250 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराएगी, साथ ही स्थानीय व्यक्तियों में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी कौशल के विकास का भी मार्ग प्रशस्त करेगी। यूनिट के लिए राज्य शासन ने भोपाल के अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 38 हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की है। यूनिट से वाणिज्य उत्पादन सितंबर 2025 तक आरंभ होना संभावित है।

सभी सामाजिक बोर्ड युवाओं के रोजगार सृजन में अपनी महती भूमिका निभायें: मंत्री टेटवाल

सामाजिक बोर्ड के अध्यक्षों के साथ की बैठक

कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड अन्तर्गत गठित विभिन्न बोर्डों के अध्यक्षों के साथ बैठक की एवं कौशल विकास तथा रोज़गार से संबंधित विभिन्न विषयों पर संवाद कर भविष्य की रूपरेखा तय की। मंत्री टेटवाल ने कहा कि सभी बोर्ड लघु अवधि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार एवं स्व-रोजगार से जोड़ने के लिये कारगर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सभी सामाजिक बोर्ड युवाओं के रोजगार सृजन में अपनी महती भूमिका सुनिश्चित करें।

बैठक में नारायण सिंह कुशवाहा अध्यक्ष मध्यप्रदेश कुशवाहा समाज कल्याण बोर्ड, रविकरण साहू अध्यक्ष मध्यप्रदेश तेलघानी बोर्ड, लालाराम मीना अध्यक्ष मध्यप्रदेश जय मीनेश कल्याण बोर्ड, दुर्गेश सोनी अध्यक्ष मध्यप्रदेश स्वर्णकला बोर्ड, गयाप्रसाद कीर अध्यक्ष मां पूरी बाई कीर कल्याण बोर्ड, प्रेमनारायण विश्वकर्मा अध्यक्ष मध्यप्रदेश विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड, लक्ष्मीनारायण गोरा अध्यक्ष मध्यप्रदेश वीर तेजाजी बोर्ड, महेश ढालिया अध्यक्ष मध्यप्रदेश रजक कल्याण बोर्ड, एवं कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के सचिव रघुराज राजेन्द्रन एवं सीईओ गौतम सिंह उपस्थित रहे।

नरेला रक्षाबंधन महोत्सव का चौथा दिन- 36 हज़ार 344 बहनों ने बांधी राखी


दिव्यांग बहनों ने भी बांधी राखी

क्रेन पर 151 फिट की माला के साथ हुआ मंत्री सारंग का स्वागत

सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 77, 71, एवं 37 में आयोजित विश्व के सबसे बड़े रक्षाबंधन महोत्सव में नरेला विधानसभा की बहनों से रक्षासूत्र बंधवाने पहुंचे। चतुर्थ दिवस की शुरुआत में मंत्री सारंग ने सबसे पहले दिव्यांग बहन से राखी बंधवाई। चौथे दिन 36 हज़ार 344 बहनों मंत्री सारंग ने रक्षा सूत्र बांधे। कार्यक्रम स्थल पर पहुँचने पर विशेष कर बहनों ने मंत्री सारंग का पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत किया। वार्ड 37 खुशीपुरा में आयोजित कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने क्रेन पर 151 फिट की माला से मंत्री सारंग का स्वागत किया। यहाँ सभी बहनों में भारी उत्साह देखने को मिला।

 सारंग ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2008 के बाद से नरेला विधानसभा में हर घर नर्मदा जल, सड़क, बिजली मूलभूत सुविधाओं सहित निरंतर हो रहे विभिन्न विकास कार्य से नरेलला को एक आदर्श विधानसभा विधानसभा के रूप में स्थापित करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि नरेला क्षेत्र को उन्होंने कभी भी राजनैतिक नजरिये से नहीं देखा बल्कि हमेशा अपना परिवार माना है।

नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 77 में आयोजित कार्यक्रम में हाउसिंग बोर्ड निवासी छवि वर्मा की माता मंत्री सारंग को रक्षासूत्र बांधने आयी थी। इस दौरान उन्होंने मंत्री सारंग को बेटी के दिल में छेद होने की समस्या से अवगत कराते हुए मदद की गुहार लगाई। इसपर मंत्री सारंग ने बेटी का इलाज करवाने का आश्वासन दिया।

वार्ड 71 अंतर्गत दशहरा में आयोजित रक्षाबंधन महोत्सव कार्यक्रम में मंत्री सारंग को राखी बांधने आयी शंकराचार्य नगर निवासी सुश्री गरिमा भार्गव ने कविता सुनाई। अपनी कविता में उन्होंने मंत्री सारंग द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न सेवा प्रकल्प एवं विकास कार्यों को इंगित किया। जिसपर उपस्थित सभी ने ज़ोरदार तालियां बजाई।

4 दिनों में रिकॉर्ड 1 लाख 13 हज़ार 022 बहनों ने बांधी राखी, इस बार डेढ़ लाख का आंकड़ा होगा पार

पिछले 15 वर्षों से नरेला विधानसभा में आयोजित हो रहे विश्व के सबसे बड़े रक्षाबंधन महोत्सव मंन पिछले 4 दिनों में ही 1 लाख 13 हज़ार 022 बहनों ने मंत्री सारंग को राखी बांधी है। वहीं इस बार माना जा रहा है कि पिछली बार का रिकॉर्ड तोड़ते हुए संख्या डेढ़ लाख के पार पहुँचने जा रही है।

बुधवार को वार्ड 44,39,40 व 75 होंगे कार्यक्रम

बुधवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 44 खेल मैदान में दोपहर 12 बजे, वार्ड 39-40 चाणक्यपुरी मैदान में दोपहर 2 बजे और वार्ड 75 कनक मैरिज गार्डन में शाम 4 बजे रक्षाबंधन महोत्सव के कार्यक्रम होंगे।

जन्माष्टमी का पावन पर्व है उत्साह का पर्व : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जन्माष्टमी का पावन पर्व उत्साह का पर्व है। सौभाग्य की बात है कि इस वर्ष धूमधाम से जन्माष्टमी पूरे प्रदेश में मनाई गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव करोंद में आयोजित मटकी फोड़ कार्यक्रम में शामिल हुए और "गोविंदा आला रे" भजन गाया। इस अवसर पर सांसद वी.डी. शर्मा, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, विधायक भगवानदास सबनानी तथा कृष्ण भक्त जन उपस्थित थे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव समिति, करोंद के अध्यक्ष सुमित पचौरी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया।

तीन साल में 1200 से अधिक किसान दीदियां लखपति बनीं


लखपति दीदी संगीता ने प्रधानमंत्री मोदी को सुनाई अपनी कंपनी के मुनाफे की कहानी 

जो कभी सोचा भी न हो, जीवन में कभी-कभी ऐसे अवसर भी आ जाते हैं। लखपति दीदी संगीता के साथ भी यही हुआ। संगीता को 25 अगस्त को जलगांव (महाराष्ट्र) में हुए लखपति दीदी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रू-ब-रू संवाद करने का अवसर मिला। यह उनके जीवन का वह अविस्मरणीय पल था, जिसे वह कभी नहीं भूलेंगी।

 प्रधानमंत्री मोदी से हुई प्रत्यक्ष चर्चा से सीहोर जिले के इछावर ब्लाक के बिछोली गांव की रहने वाली लखपति दीदी संगीता बेहद उत्साहित हैं। वे बताती है कि प्रधानमंत्री ने हमारे काम के बारे में जाना, समझा और शाबाशी दी। प्रधानमंत्री को संगीता ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2021 में 10 हजार किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) तैयार करने की योजना शुरू की थी। इसी योजना में हमने 2021 में ही आत्मनिर्भर महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया। पहले ही साल में हमारी कंपनी से एक हजार से अधिक किसान महिलाएं जुड़ गईं। सबकी मेहनत रंग लाई। कंपनी ने पहले ही साल 2 करोड़ 48 लाख रूपये का बिजनेस कर लिया। हमारी कंपनी से अब तक दो हजार से अधिक किसान दीदियां जुड़ चुकी हैं। इनमें से 1200 से अधिक दीदियां लखपति दीदी बन चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने संगीता और उनकी फार्मर कंपनी की सराहना कर शाबाशी दी। अपनी फार्मर कंपनी की सफलता से संगीता और अन्य सभी किसान दीदियां बेहद खुश हैं। उनकी कंपनी फसल बीज संग्रहण और आऊटपुट बिजनेस के रूप में गेहूं, सोयाबीन, मक्का व अन्य अनाजों की खरीदी पर काम कर रही है। कंपनी अब तक 5 करोड़ 43 लाख रूपये का बिजनेस (एन्युअल टर्नओवर वेल्यू) कर चुकी है। उनके किसान समूह की प्रगतिशीलता से ही कंपनी प्रतिनिधि के रूप में संगीता को लखपति दीदी सम्मेलन में जलगांव बुलाया गया था। एक साधारण गृहणी से फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का बिजनेस संभालने वाली संगीता अब पूरी तरह बिजनेस वुमन बन चुकी हैं। वे प्रधानमंत्री से संवाद का अवसर उन्हें देने के लिये महिला एवं किसान हितैषी मध्यप्रदेश सरकार और आजीविका मिशन का हृदय से आभार जताती है।