*श्री रामलीला कमेटी रामपुरी मुजफ्फरनगर का हुआ पुनर्गठन, चौधरी शक्ति सिंह चुने गए अध्यक्ष*
आशीष कुमार
मुजफ्फरनग- श्री रामलीला महोत्सव रामपुरी मुजफ्फरनगर के लिए कमेटी का पुनर्गठन हुआ। चौधरी शक्ति सिंह को फिर अध्यक्ष चुना गया। नीरज शर्मा महामंत्री, दिवाकर त्यागी कोषाध्यक्ष, और संयोजक प्रमोद पाल, साथ में उपाध्यक्ष के पद पर पीयूष पवार और आदित्य धीमान को नियुक्त किया गया। साथ ही गत वर्ष हुए आय व्यय का पर भी विचार किया गया।
बीते साल की भांति इस बार भी रामपुरी में भव्य श्री रामलीला मंचन का आयोजन किया जा रहा है। रामपुरी एकता शक्ति धर्म प्रचार समिति के तत्वाधान में कल दिनांक 29 अगस्त 2024 को निकाली जाएगी शहर के मुख्य मार्गों से ध्वजारोहण यात्रा और 30 सितंबर 2024 से श्री रामलीला मंचन का शुभारंभ किया जाएगा।
आपको बता दें 30 वर्षों से रामपुरी में श्री रामलीला मंचन किया जा रहा है और क्षेत्र के वासी समय-समय पर श्री राम की लीलाओं के मंचन का रसपान कर धर्म लाभ उठाते हैं रामपुरी में श्री रामलीला मंचन के मुख्य बात यह है कि इस क्षेत्र के बच्चे और कलाकार तैयारी करके श्री रामलीला मंचन को भव्य बनाते हैं। जिसकी तैयारियां लगभग डेढ़ महीने पहले शुरू हो जाती है। श्री रामलीला मंचन में शहर के बहुत से प्रमुख समाजसेवियों का बड़ा सहयोग रहता है और दशहरा मेला और रावण दहन के बाद पारितोषिक वितरण भी कलाकारों को किया जाता है।


 
						




 
 ब्रह्म प्रकाश शर्मा , जानसठ,मुजफ्फरनगर । सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के मामले में देश की पहली रोबोट असिस्टेड सर्जरी की गई है. ये सर्जरी 44 वर्षीय महिला की हुई जो पूरी तरह सफल रही. सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी की डायरेक्टर डॉक्टर अरुणा कालरा के नेतृत्व वाली टीम में रोबोट की मदद से ये सर्जरी की जिसके परिणामस्वरूप महिला एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे पाई। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के मामले जटिल होते हैं और इनमें मृत्यु दर 5-10 फीसदी होती है. अगर समय पर देखभाल न की जाए तो हेमोरैगिक शॉक सिंड्रोम के कारण मौत हो सकती है. इसके अलावा पूरी बॉडी में ब्लड वेसल्स में खून के थक्के जम जाने से मल्टी ऑर्गन फेल होने का खतरा रहता है।
ब्रह्म प्रकाश शर्मा , जानसठ,मुजफ्फरनगर । सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के मामले में देश की पहली रोबोट असिस्टेड सर्जरी की गई है. ये सर्जरी 44 वर्षीय महिला की हुई जो पूरी तरह सफल रही. सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी की डायरेक्टर डॉक्टर अरुणा कालरा के नेतृत्व वाली टीम में रोबोट की मदद से ये सर्जरी की जिसके परिणामस्वरूप महिला एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे पाई। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के मामले जटिल होते हैं और इनमें मृत्यु दर 5-10 फीसदी होती है. अगर समय पर देखभाल न की जाए तो हेमोरैगिक शॉक सिंड्रोम के कारण मौत हो सकती है. इसके अलावा पूरी बॉडी में ब्लड वेसल्स में खून के थक्के जम जाने से मल्टी ऑर्गन फेल होने का खतरा रहता है।
  


 

 
 
 

Aug 29 2024, 17:43
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