चंपई सोरेन के साथ लॉबिन हेब्रम ने भी तीर कमान छोड़ कमल थामने की बात कही, साझा किया JMM छोड़ने की वजह
रिपोर्टर : जयंत कुमार
रांची : झारखंड की राजनीति में इन दिनों सबसे अधिक चर्चा है तो वह है झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और कोल्हान क्षेत्र की राजनीति की। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के दो सबसे करीबी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक चंपई सोरेन और लोबिन हेंब्रम झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ भाजपा में जाने का मन बना लिया है और इस पर अपनी सहमति भी दे दी है। एक को कोल्हान का टाइगर कहा जाता है तो वही दूसरा संथाल परगना का कद्दावर आदिवासी नेता।
यह दोनों संभवत 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक रूप से मिलन समारोह के दौरान भाजपा में शामिल होंगे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के रहे कद्दावर आदिवासी नेता लोबिन हेंब्रम ने स्ट्रीट बज के खास बातचीत में कई ऐसे चौंकाने वाले बातें कही। लोबिन हेंब्रम इस बात को स्वीकार किया है कि वह भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ने का जो सबसे बड़ा वजह है वो है वहां पार्टी को सिचने व बनाने वाले बड़े बुजुर्ग की इज्जत नहीं हो रही।
उन्होंने सीधे तौर पर हेमंत सोरेन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इर्द-गिर्द तीन चार लोग हैं वो पार्टी का माहौल खराब कर रहे हैं। यही वजह रही है कि लोग धीरे-धीरे झामुमो छोड़ दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे।
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से पार्टी को चुनावी वादों को याद दिलाता रहा जिसको लेकर पार्टी से मुझे निष्कासित कर दिया गया। लोकसभा चुनाव के वक्त में पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ा हमारे साथ चमरा लिंडा भी अलग होकर चुनाव लड़े लेकिन मेरी सदस्यता रद्द कर दी गई। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि ऐसी दोहरी नीति क्यों।
वहीं चंपाई सोरेन को लेकर लॉबिन हेंब्रम ने कहा जब हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा तो उस वक्त 2 फरवरी को चंपाई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। गत 3 जुलाई 2024 तक उन्होंने इस पद पर कार्य किया। हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद चंपाई सोरेन को पद छोड़ना पड़ा था। आखिर हेमंत सोरेन को इतनी जल्दी क्या थी। विधानसभा चुनाव काफी नजदीक था उन्हें अपना कार्यकाल पूरा करने देते। इससे चंपई सोरेन को घोर अपमानित हुआ है। यही वजह रही है कि उनको अलग रास्ता चुनने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
Aug 29 2024, 17:09